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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 – 300 शब्द)

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।

संघर्ष और सफलता

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।

भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।

वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।

निबंध 3 (400 शब्द)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

उनका व्यवसाय और योगदान

15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।

डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।

उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

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Hindi Essay and Paragraph Writing – Dr. APJ Abdul Kalam (डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम) for all classes from Class 1 to Class 12

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध –  इस लेख में हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे, एपीजे अब्दुल कलाम क्यों प्रसिद्ध थे, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का भारत में क्या योगदान है इन सबके बारे में जानेंगे|  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था| उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक के रूप में की जाती है। उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है| अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

  • डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है।
  • उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था ।
  • वे एक वैज्ञानिक तथा इंजीनियरिंग के तौर पर DRDO तथा ISRO में कार्य किया था।
  • अब्दुल कलाम को भारत का ‘मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अब्दुल कलाम के आर नारायणन के बाद भारत के 11वें राष्ट्रपति बने तथा उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा। 
  • अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया था।
  • अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, मिशन इंडिया, माय जर्नी  जैसी कई किताबें भी लिखी है।
  • अब्दुल कलाम को उनके सराहनीय कार्यों के लिए  पद्मभूषण, पद्मविभूषण, भारत रत्न आदि जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • अब्दुल कलाम देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे। 
  • दुर्भाग्य से, कलाम साहब की मृत्यु  27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में भाषण देते समय दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी।

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Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम  पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद – डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। बच्चे उन्हें अंकल कलाम और बड़े उन्हें कलाम साहब कहते थे। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक शक्तिशाली और आर्थिक रूप से समृद्ध देश होने का सपना देखा था। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 1931 में 15 अक्टूबर को तमिलनाडु राज्य के एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था। अब्दुल कलाम अपने परिवार में चार भाइयों और एक बहन से सबसे छोटे थे । बचपन से ही अब्दुल कलाम पढ़ने में बहुत होशियार थे तथा वे एक पायलट बनना चाहते थे। उन्होंने रामनाथपुरम से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद तिरुचिरापल्ली चले गए और वहां से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद एक वैज्ञानिक बनकर कई नए आविष्कार किए। वे जीवन भर पढाने में, रिसर्च में, लिखने में समाज सेवा जैसे कार्य करने में लगे रहे। 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। उन्हें भारत के ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता का राष्ट्रपति’ के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्गीय तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन मरकयार था तथा वे एक नाव के मालिक और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी मां अशिअम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम को बचपन से कुछ-ना-कुछ सीखने की तीव्र इच्छा थी। वे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। उन्होंने विज्ञान में स्नातक के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद वैज्ञानिक बनकर ISRO और DRDO में काम किया और कई नए आविष्कार किए। कलाम के सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि पुरस्कारों से नवाजा गया।

अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 5 वर्षों तक उस पद पर रहे। राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद वे अपने सामान्य जीवन में वापस लौट आए और उन्होंने बच्चों को पढ़ाने में, बुक लिखने में और सार्वजनिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपना योगदान दिया। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में विद्यार्थियों को भाषण देते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे ।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके माता का नाम आशियम्मा तथा पिता जी का नाम जैनुलब्दीन था जो पेशे से एक नाविक थे तथा माता गृहणी थी। कलाम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम के जन्म के समय उनका परिवार गरीबी से ग्रस्त था। उनके पिता नौका से हिंदू तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच आगे-पीछे ले जाते थे। जिससे उनका परिवार का गुजारा होता था। कलाम भी अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए  समाचार पत्र बेचना का काम करते थे। कलाम बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती थे उनमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम से ही हुई। रामनाथपुरम में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में पढ़ने चले गए जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कलाम बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे। इसलिए 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की । लेकिन पायलट बनने के अपने सपने को हासिल करने से चूक गए। सन 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से डिग्री प्राप्त करके सन 1958 में एक वैज्ञानिक के रूप में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हुए और अपने जीवन के करियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर डिजाईन करके की। 1962 में डॉ.कलाम जी ने DRDO से स्थानांतरित होकर ISRO में कार्य करने लगे। जहां भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह SLV-3(रोहिणी) के प्रोजेक्ट हेड बनकर कार्य किया और इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर उन्हें सन 1981 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद कलाम जी ने सन 1963-64 में अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की और अपने निर्देशन में देश को अग्नि तथा पृथ्वी जैसी कई मिसाइलें भी दी। जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा गया। इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से सन 2002 में सरकार द्वारा उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। राष्ट्रपति पद पर अपनी पांच वर्ष की सेवा करने के बाद डॉ.कलाम पढाने में, रिसर्च में, लिखने में तथा समाज सेवा जैसे कार्य करने लग गए। वे विभिन्न कॉलेजे में गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। 27 जुलाई 2015 को, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्या करते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। कलाम ने पूरी दुनिया में अपने कार्यों के वजह से पहचान बनाई और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बने। उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न ” सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम से विख्यात हमारे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। कलाम जी का बचपन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन में सबसे छोटे थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में सामान्य बच्चों की तरह ही थे लेकिन उनका मन नई चीजों को सीखनें में ज्यादा लगता था वे उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते थे। जब कलाम आकाश में उड़ते हुए पक्षियों को देखते थे तो वह अक्सर यह सोचते थे की यह पक्षी आकाश में इतनी ऊंचाई में कैसे उड़ लेते है। उन्हीं उड़ते हुए पक्षियों को देखकर उन्हें पायलट बनने की चाहत हुई थी। 

कलाम साहब ने शुरुआती शिक्षा अपने गॉंव (धनुषकोडी) के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उसके बाद तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। पायलट बनने के लिए मद्रास मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, वह पायलट नहीं बन सके और 1960 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, एक वैज्ञानिक के रूप में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। जहां उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम किया। इसके बाद वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में आ गए, इसरो में कलाम साहब ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। इसरो में अब्दुल कलाम ने परियोजना निदेशक के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 (रोहिणी) के निर्माण में बहुत मेहनत की और सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इसके बाद, कलाम साहब ने देश को कई सारे मिसाइल दिए। जिस वजह से उन्हें मिसाइल मैन कहा गया। 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बने। कलाम साहब के नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

सन 2002 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, देश के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को अपने राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त हो गये।

राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कलाम साहब अपने सामान्य जीवन में लौट आए और देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सहायक बन गए। मई 2012 में, कलाम ने भारत के युवाओं के लिए एक कार्यक्रम, भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ, “मैं आंदोलन को क्या दे सकता हूँ” का शुभारंभ किया। कलाम साहब ने कई पुस्तकें भी लिखी है, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुईं। उनके सराहनीय कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उन्हें दुनियाभर के देशों ने भी कई पुरस्कारों से नवाजा था। 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे तभी अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दो घंटे बाद ही उनका निधन हो गया।

Essay on  Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi  

वैज्ञानिक जीवन, राष्‍ट्रपति बनने का सफर, शिक्षक के रूप में, साहित्य में योगदान, विश्व छात्र दिवस.

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, आधुनिक भारत के उन महान वैज्ञानिकों में से एक है जिन्होंने भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए अथक प्रयास किये और अपने जीवन में आने वाले संघर्षो का डटकर सामना किया ।

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहा करते थे कि

             – “सपने वो नही है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही न आने दे |”  

डॉ कलाम ने अपने जीवन काल में इन कथनों को सार्थक करके दिखाया हैं | डॉ कलाम ने ना केवल वैज्ञानिक बनने का सपना देखा बल्कि उसे सार्थक करके भी दिखाया | उन्होंने दिन रात मेहनत करके अपने मिसाइल बनाने के सपने को साकार किया जिससे देश ने रक्षा क्षेत्र में उन्नति की |  

                                    

“इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते है “ |

पूरे भारतवर्ष को यह संदेश देने वाले महान वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम को “मिसाइलमैन” के नाम से भी जाना जाता है | देश के परमाणु क्षेत्र में डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम के विशेष योगदान को देखते हुए इन्‍हे मिसाइलमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिसाल हैं |     Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को रामेश्‍वरम के धनुषकोडी गॉंव में हुआ। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्‍दीन अब्‍दुल कलाम था। कलाम का जन्‍म एक तमिल मुस्लिम मछुआरे परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्‍दीन था | अब्‍दुल कलाम, पॉंच भाई-बहन थे। कलाम के पिता बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे | उन्होंने बचपन से ही कलाम को बहुत अच्‍छे संस्‍कार दिये थे।   Top  

कलाम की प्रारंभिक शिक्षा गॉंव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी और फिर अपनी आरंभिक शिक्षा के लिए मद्रास चले गये। B.Sc. पूरी करने के बाद इन्‍होंने मद्रास इंस्‍टीटयूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्‍नातक की डि़ग्री हासिल की क्योंकि बचपन से ही उनका सपना एक फाइटर पायलट बनना था। परन्‍तु वक्‍त के साथ उनका सपना बदल गया और डीटीडी एण्‍ड पी के तकनीकी केन्‍द्र में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का कार्याभार संभालने लगे और इंडियन आर्मी के लिए हेलिकॉप्‍टर का डिजाइन तैयार किया। इन्‍होने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास में प्रवेश लिया और कई उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं में सफलता प्राप्‍त की।    Top  

डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन में जुड़े ।  योजना महानिदेशक के रूप में भारत के पहले स्‍वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (रोहिनी) का निमार्ण करवाया और जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट स्‍थापित किया और इसी तरह से भारत भी एक अंतर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष क्‍लब का सदस्‍य बन गया। इस योगदान के लिए कलाम जी को 1981 और 1990 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से नवाजा गया। बाद में इन्‍होने देश का गाइडेड मिसाइल का डिजाइन तैयार किया और अग्नि व पृथ्‍वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण कराया। कलाम 1992 से लेकर 1999 तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व  विकास विभाग के सचिव रहे थे। बाद में उन्‍होने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। ऐसे में धीरे-धीरे देश के वैज्ञानिक सलाहकार बन गये। और गाइड़ेड मिसाइल को बनाया और परमाणु शक्तियो में सभी राष्‍ट्रों की सूची में भारत को शामिल कर दिया और इनका नाम वैज्ञानिकों की सर्वोच्‍च सूची में आ गया।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को सन 2002 में NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्‍मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम, देश के 11वें राष्‍ट्रपति निर्वाचित हुए। इन्‍होने कभी राजनीति में अपना समर्थन नहीं दिया, फिर भी भारत के सर्वोच्‍च पद पर विराजमान रहें और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्‍पूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति के पद से सेवानिवृत हो गये।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति पद छोड़ने के बाद तिरूवनंतपुरम में  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति बन गये और अन्‍ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बन गए । डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को देश के कई कॉलेजो व विद्यालयों में विसिटिंग प्रोफेसर के रूप में बुलाते थे ताकि वहा के सभी बच्‍चो को कलाम जी के द्वारा आगे की ओर बढ़ने का व अपने सपनो का पूरा करने का मार्गदर्शक मिल सके।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि यदि इंसान को मरने के बाद भी जिन्दा रहना है तो पढ़ने लायक लिखना चाहिए या फिर लिखने लायक काम करना चाहिए | डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम  ने अपने इन शब्दों को सार्थक करके बताया हैं उन्होंने ना सिर्फ  बहुत सी किताबे और अपनी आत्‍मकथा व कविताऐ लिखी है बल्कि अनेक सराहनीय कार्य किये जो आज भी हर वैज्ञानिक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं उनकी प्रमुख पुस्तके निम्‍नलिखित है –

इग्‍नाइटेड़ माइंड

ऑटोबायोग्राफी विग्‍स ऑफ फायर

मिशन इंडि़या, 

दी लुमीनस स्‍पार्क

एड़वांटेज इंडिया, रेइगनिटेड़

ए विशन फॉर दी न्‍यु मिलेनियम इंडि़या 2020

ए मेनिफेस्‍टो फॉर चेंज, इन्‍सपारिंग थोट

यु आर बोर्न टू ब्‍लॉसम   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को कई देशो के द्वारा पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त किया हुआ है | भारत सरकार द्वारा 1997 में विज्ञान व भारतीय रक्षा के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए इनको भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया तथा 1981 व 1990 में पद्यभूषण का सम्‍मान दिया गया है।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम, जुलाई 2015 में मेघालय राज्‍य में भारतीय प्रबंधन संस्‍थान को शिलोंग में स्‍थापित करने के लिए एक बैठक में भाषण दे रहे थे। उस समय उनकी आयु लगभग 84 साल की थी। भाषण देते समय उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा और वही पर बेहोश होकर गिर गये। चिकित्‍सा विभाग की सभी कोशिशे नाकाम रहीे और 2 घंटे बाद उनकी 27 जुलाई 2015 को मृत्‍यु हो गयी | वो हम सब को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गये थे। उनके निधन के दिन उनके सम्‍मान के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा कर गई थी ।   Top  

 हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता हैं |  दरअसल डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम  का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को हुआ | उन्हें छात्रों से बहुत लगाव था | साथ ही उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बहुत कुछ किया था | उन्हें अपने पूरे जीवन काल में पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न जैसे अनेकों पुरूस्कार प्राप्त हुए, साथ ही उन्होंने कई क़िताबें लिखी जिनमें अग्नि की उड़ान, मेरी यात्रा, इंडिया विज़न प्रमुख हैं | इसीलिए उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2010 से विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत हुई | और आज भी हम प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाते हैं |   Top  

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

apj abdul kalam essay in hindi 100 words

By विकास सिंह

essay on apj abdul kalam in hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।

वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को (रामेश्वरम, तमिलनाडु में) हुआ था, हालांकि उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को (शिलांग, मेघालय, भारत में) हुई थी। उनके पिता का नाम जैनुलबुदेने और माता का नाम आशियम्मा था।

उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्हें भारत रत्न (1997 में), पद्म विभूषण (1990 में), पद्म भूषण (1981 में), राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997 में), रामानुजन पुरस्कार (2000 में) जैसे पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। ), किंग चार्ल्स II मेडल (2007 में), अंतर्राष्ट्रीय वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड (2009 में), हूवर मेडल (2009 में), आदि से नवाजा गया।

ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on abdul kalam in hindi (150 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वास्तव में देश के युवाओं के लिए एक महान किंवदंती थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन, करियर, कामकाज और लेखन के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह अभी भी भारतीय लोगों के दिल में पीपल्स प्रेसिडेंट और मिसाइल मैन के रूप में रहते है।

वह एक वैज्ञानिक और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जो भारत के मिसाइल कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे। बाद में उन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई को 2015 में भारत के मेघालय के शिलांग में उनका निधन हो गया। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए।

उन्होंने विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तहत काम किया है। बाद में वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-III के 1969 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on dr apj abdul kalam in hindi (200 शब्द)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु) के तहत मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था।

वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वे लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में लौट आए। उन्होंने ISRO और DRDO में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।

उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली।

वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में, essay on apj abdul kalam in hindi (250 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक मिसाइल मैन थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलुबुदेने और आशियम्मा के यहां हुआ था।

उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से साथ देना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से अपना स्नातक पूरा किया।

वह DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर तैयार किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई के साथ INCOSPAR समिति के हिस्से के रूप में भी काम किया। बाद में, वह 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में शामिल हुए।

भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए उनके महान योगदान के कारण, उन्हें हमेशा “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 1998 के सफल पोखरण- II परमाणु परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत रत्न (प्रथम डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन 1954 और द्वितीय डॉ. जाकिर हुसैन 1963) से सम्मानित किया।

उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में ISRO और DRDO के साथ-साथ भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2011 में विंग्स ऑफ फायर, इग्नेटेड माइंड्स, टारगेट 3 बिलियन, टर्निंग पॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी, आदि कई किताबें लिखी हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on apj abdul kalam in hindi (300 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारतीय इतिहास में मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में चमकदार सितारे रहे हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं।

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने उद्धृत किया है कि “आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे”। उड़ान में उनकी भारी रुचि ने उन्हें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बना दिया।

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा कभी बंद नहीं की। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह 1958 में DRDO में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में शामिल हुए, जहाँ एक छोटी सी टीम, जिसने एक प्रोटोटाइप होवर-क्राफ्ट विकसित किया था, की अगुवाई कर रही थी।

होवरक्राफ्ट कार्यक्रम से रोमांचक प्रतिक्रिया की कमी के कारण, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वह व्यापक रूप से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट प्रौद्योगिकी को विकसित करने में बहुत योगदान दिया।

वह रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में देश के पीछे की ताकत थी। उनके महान योगदान ने हमारे देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में लाया है। वह एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। 1998 के पोखरण -2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी है।

वह दूरदृष्टि वाले और विचारों से भरे व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य रखा। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया-2020” के रूप में 2020 तक देश के विकास के बारे में कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, देश की वास्तविक संपत्ति इसके युवा हैं, इसलिए उन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित और प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्र को नेतृत्व में रोल मॉडल की आवश्यकता होती है जो युवाओं को प्रेरित कर सके”।

अब्दुल कलाम पर निबंध, 400 शब्द:

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे, जो बाद में भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वह देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए बहुत योगदान दिया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके नेतृत्व में कई परियोजनाएं थीं जैसे कि रोहिणी -1, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का प्रक्षेपण, मिसाइल (मिशन अग्नि और पृथ्वी के तहत), आदि। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में उनके महान योगदान के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” लोकप्रिय के रूप में जाना जाता है। उन्हें उनके समर्पित कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति के रूप में भारत सरकार के लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद, उन्होंने विभिन्न मूल्यवान संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में देश की सेवा की।

उनका कैरियर और योगदान:

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलदेबेन और आशियम्मा के घर हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए पैसा कमाना शुरू कर दिया लेकिन अपनी शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा।

उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए।

जल्द ही वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना निदेशक के रूप में स्थानांतरित हो गए। उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रूप में भी काम किया, जो मिसाइलों के एक साथ विकास में शामिल है।

वह 1992 से 1999 तक प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव भी बने। पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा गया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उन्होंने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं जैसे कि “इंडिया 2020”, “इग्नाइट्ड माइंड्स”, “मिशन इंडिया”, “द ल्युमिनस स्पार्क्स”, “प्रेरणादायक विचार”, आदि। देश में भ्रष्टाचार को मात देने के लिए उन्होंने युवाओं के नाम से एक मिशन शुरू किया।

उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों (भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इंदौर, आदि) में प्रोफेसर के रूप में काम किया, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, जेएसएस विश्वविद्यालय (मैसूर), अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चांसलर के रूप में कार्य किया। ), आदि उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, रामानुजन पुरस्कार और कई और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

[ratemypost]

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें

Updated On: September 29, 2023 12:17 pm IST

  • एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ …
  • एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) …

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) - 100 से 500 शब्दों में

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - देश के प्रति योगदान, are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

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Nibandh

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।

उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।

डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।

डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

In this Article

अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।

  • अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
  • इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
  • इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
  • इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
  • कलाम एक अच्छे लेखक थे।
  • कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
  • अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
  • इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
  • 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।

स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।

डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।

Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।

एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।

अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।

एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)

राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –

  • पद्म भूषण (1981)
  • पद्म विभूषण (1990)
  • भारत रत्न (1997)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
  • वीर सावरकर (1998)

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)

27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।

  • डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
  • कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
  • पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
  • मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
  • यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
  • इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
  • इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।

1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?

डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।

2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?

डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।

3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?

कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।

Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons

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प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)

भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।

आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।

डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।

जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।

मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।

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मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam

दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।

किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है। 

मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।

जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।

कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र  में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।

लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।

उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।

तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।

प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।

उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।

उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।

और पढ़े : उधम सिंह जयंती पर निबंध

शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi

मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।

  • डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।

पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।

प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।

उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।

उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।

वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist

इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।

उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।

डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।

उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।

निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi

अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।

उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।

इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।

डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही  शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।

उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।

राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।

उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

मृत्यु Death

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi

  • जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 
  • कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
  • उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
  • उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
  • इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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  • Jivan Parichay (जीवन परिचय) /

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय  

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 13, 2023

ए पी जे अब्दुल कलाम

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: भारत रत्न से सम्मानित और ‘भारत का मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले मशहूर वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपने बेहतरीन कार्यों के लिए आज भी जाने जाते हैं। डॉ कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति भी बने। डॉ कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। 

क्या आप जानते हैं  डॉक्टर कलाम ने ISRO में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल (SLV-III) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों और अपनी प्रेरणादायक बातों के लिए आज भी याद किए जाते है। वहीं उनके जन्म दिवस को हर वर्ष ‘ विश्व छात्र दिवस ’ के रूप में मनाया जाता हैं। आइए जानते हैं ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय। 

नामअवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम)
उपनाम मिसाइल मैन
व्यवसायइंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ
जन्म तिथि 15-अक्टूबर 1931
जन्म स्थानधनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु 
पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन
माता का नाम असीम्मा
डॉ. कलाम का निधन27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय
राष्ट्रपति11 वें (25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007)
सम्मान पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि 
आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी

This Blog Includes:

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन, इसरो में निभाई अहम भूमिका , क्यों कहा जाता है डॉ कलाम को मिसाइल मैन , द्वितीय पोखरण परमाणु परीक्षण में दिया अहम योगदान , डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मिसाइलों के नाम और उनकी विशेषताएं , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का राजनैतिक सफर , डॉ कलाम का निधन , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां , डॉ. कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी गई जीवनी , डॉ. कलाम के 10 अनमोल विचार , सम्बंधित ब्लॉग.

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। लेकिन उन्हें डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम और मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम ‘ जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘ असीम्मा ‘ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई बहन थे। 

डॉ कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी। रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ कलाम वर्ष 1955 में वे मद्रास चले गए वहाँ उन्होंने ‘ मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ , चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। क्या आप जानते हैं डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके। 

यह भी पढ़ें – डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘ हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया। डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘ विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था। इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ ( ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल SLV-III के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में रोहिणी सैटेलाइट सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘ मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया। इसके बाद डॉ कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई। 

यह भी पढ़ें – जानिए सत्य, अहिंसा के पुजारी ‘महात्मा गांधी’ का संपूर्ण जीवन परिचय 

इसके बाद डॉ. कलाम ने वर्ष 1992 से 1999 तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे। वर्ष 1998 में दूसरे परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी। इस सफल परमाणु परिक्षण के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक पूर्ण विकसित परमाणु देश घोषित किया और भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभरा।  

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम उनकी कुछ प्रमुख मिसाइलों और उनकी विशेषताओं के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

पृथ्वी सतह से सतह तक, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल
रेंज-150–300 किमी
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 
अग्नि री-एंट्री टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर ,शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल
रेंज- 700–900 किमी
त्रिशूलशॉर्ट रेंज 
सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल 
रेंज- 12 किमी
नाग एन्टी टैंक मिसाइल
दागो और भूल जाओ प्रणाली पर आधारित
सभी प्रकार के मौसम में काम करने में सक्षम 
आकाश मीडियम रेंज सतह से हवा में वार करने में सक्षम 
रेंज – 18 किमी
ब्रह्मोस  लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, युद्धपोत के साथ-साथ जमीन पर मौजूद सिस्‍टम समेत कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म की मदद से लॉन्च किया जा सकता है।
स्पीड – 2,9000 किमी प्रति घंटा
ध्वनि की गति से भी तेज़ 
रेंज – 300 किलोमीटर से 800 किलोमीटर के बीच। 

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। क्या आप जानते हैं कि डॉ कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न’ प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। बता दें कि डॉ कलाम से पहले वर्ष 1954 में “ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ” और वर्ष 1963 में “ डॉ. जाकिर हुसैन ” को यह सम्मान प्रदान किया गया था। डॉ कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया। राष्ट्रपति के पद से मुक्त होने के बाद डॉ कलाम ने देश के विभिन्न कॉलेज-संस्थानों में अध्यापन कार्य किया और कई पुस्तकें लिखी 

यह भी पढ़ें – ‘फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन’ कहे जाने वाले एम.एस. स्वामीनाथन के बारे में कितना जानते हैं आप? 

डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे। 

देश का सर्वोच्‍च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे  उनका स्‍वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था। वे हमेशा खुद को एक वैज्ञानिक और शिक्षक की तरह ही देखा करते थे। लेकिन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से अचानक उनका निधन हो गया। 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने अपने जीवन में बहुत सी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया था। लेकिन जीवन में उन्होंने कभी भी कठिन परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। यही वजह रही है कि उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा हैं। डॉ. कलाम को उनके कार्यों के लिए बहुत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। जिन्हें नीचे दिए गए टेबल में बताया जा रहा हैं:-

2014डॉक्टर ऑफ़ साइंस 
2012डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि)
2011आई.ई.ई.ई. मानद सदस्यता
2010डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग 
2009मानद डॉक्टरेट
2009हूवर मेडल
2009वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड
2008डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि)
2008डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद उपाधि)
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी की मानद उपाधि
2007किंग चार्ल्स II मेडल
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि
2000रामानुजन पुरस्कार
1998वीर सावरकर पुरस्कार
1997इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
1997भारत रत्न
1994विशिष्ट शोधार्थी
1990पद्म विभूषण
1981पद्म भूषण

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का जीवन परिचय के साथ ही उनके द्वारा लिखित कुछ पुस्तकों के बारे में बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम वर्ष 1998
विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी वर्ष 1999
इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडियावर्ष 2002
द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्सवर्ष 2004
मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथवर्ष 2005
द लाइफ ट्री, पोयम्सवर्ष 2005
इनडोमिटेबल स्पिरिटवर्ष 2006
हम होंगे कामयाबवर्ष 2006
अदम्य साहसवर्ष 2006
इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिजवर्ष 2007
यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सहलेखन – अरुण तिवारी)वर्ष 2008
द फैमिली एंड द नेशन (सहलेखन – महाप्रज्ञ)वर्ष 2008
स्प्रिट ऑफ इंडियावर्ष 2010
फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंगवर्ष 2014
बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडियावर्ष 2014
गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडियावर्ष 2014
ट्रांसडेंस: माई स्प्रीचुअल एक्स्पीरिएंस विद प्रमुख स्वामीजी (सहलेखन – अरुण तिवारी)वर्ष 2015
लर्निंग हाउ टू फ्लाईवर्ष 2016
एनलाइटेंड माइंड्स वर्ष 2017
फेलियर इस द बेस्ट टीचरवर्ष 2018

यह भी पढ़ें – लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम डॉ. कलाम के जीवन पर लिखी गई कुछ प्रमुख जीवनी के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

इटरनल क्वेस्ट: जीवन और टाइम्स ऑफ डॉ कलाम एस चंद्र
द कलाम प्रभाव: राष्ट्रपति के साथ के मेरे वर्षपी.एम. नायर
डॉ. ए. पी.जे अब्दुल कलाम: भारत के विजनरीके. भूषण और जी कैट्याल
महात्मा अब्दुल कलाम के साथ मेरे दिनफ्रेट ए.के. जॉर्ज

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) के साथ ही उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में भी बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

  • शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा। 
  • महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
  • अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
  • सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
  • महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
  • मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
  • अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
  • किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
  • जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।
  • APJ Abdul Kalam Full Name in Hindi: जानिए क्या है ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम?
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  • जानिए क्या था एपीजे अब्दुल कलाम के माता-पिता का नाम? – Leverage Edu
  • पढ़िए एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 लाइन, जो कि आपको प्रेरित करेंगी – Leverage Edu
  • क्या आप जानते हैं कि अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई? – Leverage Edu
  • डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान | Leverage Edu
  • Dr. A.P.J. Abdul Kalam: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन
  • अब्दुल कलाम के शिक्षा पर विचार | Leverage Edu
  • क्या आप जानते हैं कि एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?
  • जानिए एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न कब मिला? – Leverage Edu
  • जानिए डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है? – Leverage Edu

आशा है आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।

उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।

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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।

एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी। 

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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न,  पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।

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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।

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Srikanth

Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation topic, which i am going to present in school.

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Apj abdul kalam essay in hindi.

Hello guys today we are going to discuss an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Who was APJ Abdul Kalam? We have written an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Now you can take an example to write APJ Abdul Kalam essay in Hindi in a better way. APJ Abdul Kalam essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में। Read Long and Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi.

hindiinhindi APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 300 Words

अब्दुल कलाम पर निबंध

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गाँव में 15 अक्टूबर सन् 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है। एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के 11वें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति हैं। भारतीय लोग के दिलों में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के “मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था जो एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माता का नाम अशीयामा जैनुल्लाब्दीन था जो एक गृहिणी थीं।

डॉ. कलाम रामनाथपुरम के स्क्वार्टज मिशनरी हाईस्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। डॉ. अब्दुल कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से एक वैमानिकी अभियंता के रूप में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने 1958 में डीआरडीओ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में अपना करियर शुरू किया।

सन् 1963 में वे भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए और उन्हें एसएलवी-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। उन्होंने स्वदेशी उपग्रह रॉकेट के डिजाइनिंग, विकास और प्रबंधन पर काम किया और कुछ समय बाद उपग्रह ‘रोहिणी’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण मिसाइल जैसे पृथ्वी, अग्नि, आकाश, आदि को विकसित एवं प्रक्षेपण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत का नाम तकनीकी के क्षेत्र में आगे किया। डॉ. कलाम को अपने काम के लिए पद्मा श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में उन्हें महानतम भारतीय पुरस्कार “भारत रत्न” प्रदान किया गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें जैसे ‘इंडिया 2020’ और ‘विंग्स ऑफ़ फायर’ लिखी हैं।

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और वे बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में उन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई। हमने भारत के महान बेटे को खो दिया है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपनी मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित की। उनका जीवन और काम दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा साबित हुआ। डॉ एपीजे अब्दुल का जीवन एक इतिहास है जो सभी युवाओं के लिए सदेव एक प्रेरणा की कहानी होगी।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 325 Words

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो जनसाधरण में जनता के राष्ट्रपति के रुप में मशहूर हैं। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था।

वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” भी कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में। एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। डॉ कलाम के निधन से समाज को जो अपूरणीय क्षति हुई है उसे भर पाना नामुमकिन है, परन्तु उनके आदशों पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अवश्य दे सकते हैं। ऐसे युगपुरूष, महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, कर्मयोगी और खुशहाल भारत के स्वप्नदृष्टा को हम शत शत नमन करते हैं।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 400 Words

डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 में रामेश्वरम् में हुआ था। इनका परिवार बहुत साधारण था। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी। इनके पिता रामेश्वरम् और धनुषकोटि के बीच नाव चलाकर अपनी जीविका चलाते थे। अब्दुल कलाम स्वयं अखबार बांटकर अपने पिता और परिवार की आर्थिक सहायता करते थे। परन्तु कलाम में अद्भुत लग्न, परिश्रम-क्षमता और दृढ़ता इच्छाशक्ति शुरू से ही रही है। आपने मद्रास (चेन्नई) के टेक्नॉलाजी इंस्टीट्यूट से इंजिनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया और फिर साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र में सेवारत हो गये। आगे चलकर वे इसरो और परमाणु शक्ति अनुसंधान केन्द्र से जुड़कर निरन्तर प्रगति करते गये और इनकी गणना भारत के उच्चतम वैज्ञानिकों में होने लगी।

आज वे भारत के प्रथम नागरिक और ग्यारहवें राष्ट्रपति हैं। इस महान पद पर पहुंचने के लिए इन्होंने कठोर परिश्रम, तपस्या तथा त्याग किया। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन कलाम है। राष्ट्रपति बनने से पहले वे प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार थे। डॉ. कलाम भारतीय मिसाइलों के जनक कहे जाते। हैं। मिसाइल मैन के रूप में आपने ‘‘अग्नि” तथा ‘पृथ्वी” जैसे प्रक्षेपास्त्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारी सुरक्षा के लिए प्रक्षेपास्त्र बहुत आवश्यक हैं। इनके विकास ने भारत को एक विश्वशक्ति बना दिया है।

सन् 1998 में पोखरण में किए गये परमाणु परीक्षण की सफलता में डॉ. कलाम की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ कलाम अविवाहित हैं और इन पर कुरान के अतिरिक्त भगवद् गीता का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। ये सच्चे कर्मयोगी हैं। सादा जीवने और उच्च विचार में इनकी गहरी आस्था है। इन्हें कविता लिखने और वीणा बजाने का शौक है। कलाम चाहते हैं कि देश तेजी से विकास करे और आने वाले दशक में विश्व के विकसित देशों में गिना जाने लगे।

उन्हें भारत के युवावर्ग से बड़ी आशाएं हैं। सन् 1997 में इनकी बहुमूल्य राष्ट्रीय सेवाओं के लिए इनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया। धर्म से मुसलमान होते हुए भी वह पूर्ण शाकाहारी हैं और धूम्रपान तक भी नहीं करते। सादगी, सदाचरण व उत्कृष्ट राष्ट्र भक्ति के एक श्रेष्ठ उदाहरण डॉ. कलाम का जीवन सर्वथा अनुकरणीय है। उनकी दृष्टि में राष्ट्र सर्वोपरि है। एक सुदृढ़, समृद्ध, पूर्णत: शिक्षित, शक्तिसम्पन्न और विकसित भारत का सपना वे यथाशीघ्र साकार करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सारी शक्ति, चेतना और बुद्धि इसी कार्य के लिए लगा रखी है। आपको बच्चों से बहुत प्यार है क्योंकि ये ही भविष्य के कर्णधार हैं।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 500 Words

“मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध भारत के बारहवें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (ए. पी. जे अब्दुल कलाम) थे।

तामिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मस्थान रामेश्वर के धनुषकोटी गांव में माँ आशियम्मब, पिता जैनुलाबदीन के घर में इनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 ई. को एक मुस्लिम परिवार में हुआ। पिता नौका बनाने का काम करते थे, आमदनी अधिक नहीं थी। बचपन से ही वह तीव्र बुद्धि के बालक थे। वह तीन किलोमीटर की दूरी से अख़बार के बंडल लाकर शहर में अख़बार बाँटते। अपनी मेहनत एवं लगन से स्कूल एवं कॉलेज की शिक्षा शानदार ढंग से प्राप्त की। मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नालॉजी में एरोनोटिकल इंजीनिरिंग में दाखिला लेकर अपने सपनों को सच करने लगे। यहीं से उन्होंने एक रॉकेट इंजीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर व तकनीक वैज्ञानिक की कुशलता प्राप्त की। बाद में उन्हें विज्ञान में सर्वोच्च उपाधि ‘डाक्टरेट’ मिली। राष्ट्रपति बनने से पूर्व कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक रहे। बाद में वे कई उच्च सरकारी पदों पर कार्य करते रहे। उन्हें प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार का पद भी प्रदान किया गया।

सन् 1963 में भारत के पहले राकेट-उड़ान व अन्य उड़ानों में इनके योगदान को देखते हुए, सन् 1975 में आप डी. आर. डी. ओ. के रॉकेट विशेषज्ञ बन गए। एस. एल. वी. की सफलता के बाद आप प्रधानमंत्री के विज्ञान और तकनीकी सलाहकार बन गए। उनकी सफलताओं में प्रमुख है-अग्नि, नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि शामिल शक्तिशाली मिसाइलों की सफलता ने तो आपको “मिसाइल मैन” बना दिया। सन् 1990 में आपको “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया।

वह सादा जीवन, उच्च विचार की जीती-जागती मूर्ति थे। वे जब खाली होते थे तो कविताएँ लिखकर या वीणा बजाकर अपना मन बहलाते। “मेरा देश किसी भी देश से तकनीक न खरीदे, यही उनका उद्देश्य था।” उन्हीं के परिश्रम के कारण ही भारतीय सेना की गणना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में होती है। विभिन्न सफलताओं के कारण उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से 1997 में सम्मानित किया गया। नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमण के बाद सर्वोच्च सम्मान पाने वाले ये दूसरे वैज्ञानिक हैं। डॉ.कलाम के योगदान स्वरूप सन् 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो विश्व के विकसित राष्ट्रों की आँखें चुंधिया गई और भारत के गौरव के प्रति चकित हो गए।

“सपना वह नहीं है जो आपने नींद में देखा, सपना वह है जो आपको नींद ही न आने दे।”

मिसाइलों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख धातु कार्बन की खोज डॉ. कलाम ने की। उसी धातु का प्रयोग हैदराबाद के निज़ाम इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साइंस में अपंग बच्चों की छड़ी बनाने में हो रहा है जो अपंग बच्चों को तेज़ भागने में सहायक सिद्ध हुई है।

डॉ. अब्दुल कलाम ने अपनी मेहनत, लगन एवं इच्छा शक्ति से फर्श से अर्श तक जीवन की उड़ान भरी किन्तु अपनी सरलता, सादगी, संस्कार नहीं छोड़े। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद की तरह अपनी संस्कृति से सदैव जुड़े रहे इसलिए इनका जीवन अनुकरण के योग्य है।

एक वैज्ञानिक हृदय में अध्यात्म, कवि हृदय संगीत-प्रियता सचमुच उन्हें महान व्यक्तित्व की गरिमा देती है। उनको अपने काम से इतना लगाव था कि निजी जीवन के विषय में उन्हें सोचने तक का समय नहीं मिला। इनका अविवाहित जीवन इसका प्रमाण है किन्तु कोमल मानवीय गुणों से भरपूर ये बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। शिक्षक के तौर पर इनके ये वचन बहुत प्रेरणादायक हैं जो प्रत्येक छात्र को धारण करना चाहिए : “इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।”

27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में भारतीय प्रबन्ध संस्थान में भाषण दे रहे थे कि अचानक हृदयघात होने से देहान्त हो गया। इनका संस्कार 30 जुलाई 2015 को सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वरम् नगर में किया गया।

हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक “मिसाइल मैन” और डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम पर गर्व है, वे हमेशा छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। इसलिए वे भारत के “युवा प्रतिरूप” (Youth Icon) हैं। देश के युवा अगर उनके बताए गए मार्ग पर चलें, तो सन् 2025 तक भारत विकसित देश कहलाएगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।

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APJ Abdul Kalam Essay For Students: Samples 100 to 500 Words

In the heart of every Indian, there’s a special place reserved for Dr. APJ Abdul Kalam. Known fondly as the “Missile Man” and the “People’s President,” he left an indelible mark on the sands of time. Born into a humble family in Rameswaram, he rose to become one of India’s most beloved leaders, blending science with spirituality and compassion. With a vision to ignite young minds and steer India towards greatness, his life story serves as an inspiration to millions worldwide.

In this article, we will explore the life and legacy of this extraordinary soul, whose dreams continue to soar in India and the world even after his departure.

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10 Important Facts About APJ Abdul Kalam

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Here are some of the most important facts about APJ Abdul Kalam that can help you write an essay:

  • Early Life: Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, to a humble Tamil Muslim family.
  • Education: Kalam graduated in Physics from St. Joseph’s College, Tiruchirappalli, and later completed his Aeronautical Engineering from Madras Institute of Technology.
  • Career in DRDO and ISRO: He played a pivotal role in India’s space and missile development programs, working with organizations like the Defense Research and Development Organisation (DRDO) and the Indian Space Research Organisation (ISRO).
  • Father of India’s Missile Program: Dr. Kalam is often referred to as the “Missile Man of India” for his contributions to the development of ballistic missiles and launch vehicle technology.
  • Pokhran-II Nuclear Tests: He played a significant role as the Chief Project Coordinator for India’s Pokhran-II nuclear tests in 1998.
  • Presidency: Kalam served as the 11th President of India from 2002 to 2007, known for his people-centric approach and as the “People’s President.”
  • Writings: He authored several inspirational books, including “Wings of Fire,” an autobiography that traces his life from childhood to the presidency.
  • Educational Reformer: Kalam was a passionate advocate for education and often interacted with students, encouraging them to pursue their dreams and contribute to the nation’s development.
  • Awards and Honors: He received numerous awards and honors, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian award, in 1997.
  • Legacy: Even after his passing in 2015, Dr. Kalam’s legacy continues to inspire generations, especially youth, to strive for excellence, innovation, and service to the nation.

APJ Abdul Kalam was a great scientist and the 11th President of India. He was born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu. He played a crucial role in India’s missile development programs. Kalam was known as the “Missile Man of India” for his contributions to the field of aerospace engineering. He received many awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor. Kalam inspired millions of people, especially youth, with his wisdom and vision for a better India. He passed away on July 27, 2015, but his legacy continues to inspire generations.

APJ Abdul Kalam, India’s “Missile Man,” was a renowned scientist and the 11th President of India. Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, he had a humble beginning. Kalam rose to prominence with his work in aerospace engineering, contributing significantly to India’s missile development programs. His leadership and vision earned him the title of “People’s President.”

During his presidency from 2002 to 2007, Kalam focused on education and youth empowerment. He believed in the potential of young minds and often engaged with students to inspire them. Kalam received several awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor, for his exceptional contributions to science and education.

Despite his passing on July 27, 2015, Kalam’s legacy lives on through his inspirational words and deeds. He continues to motivate millions worldwide, urging them to dream big and work hard to achieve their aspirations.

The complete name of APJ Abdul Kalam was Dr. Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam. He shone as a bright star in Indian history, known as both the Missile Man and People’s President. He was born on 15th October 1931, in Tamil Nadu. His life was characterized by challenges but served as an inspiration to the emerging generation of India. 

He envisioned a developed India and famously said, “You have to dream before your dreams can come true.” His strong passion for flight allowed him to achieve his dream of becoming an Aeronautical Engineer. Despite coming from a humble background, he persevered in his education, completing his Science degree at St. Joseph’s College in Tiruchirappalli and  Aeronautical Engineering  from the Madras Institute of Technology in 1954.

In 1958, he joined  DRDO  as a senior scientific assistant, leading a small team focused on developing a prototype hovercraft. Later, he moved to the Indian Space Research Organization (ISRO) due to limited progress in the hovercraft program. Widely acclaimed as the “Missile Man of India,” he made substantial contributions to developing ballistic missiles and space rocket technology. He served as a driving force in advancing the nation’s defence technologies, ultimately elevating India to the status of nuclear power through his remarkable achievements.

He stood out as a distinguished scientist and engineer, assuming the role of the 11th President of the nation from 2002 to 2007. His dedicated contribution was evident in the Pokhran-II nuclear test of 1998. With a visionary outlook and a wealth of ideas, he consistently aimed for the advancement of the country. 

In his book “India-2020,” he outlined action plans for the nation’s development by 2020. However, he believed that the true treasure of the nation resided in its youth, and he consistently encouraged and motivated them. He emphasized the need for inspirational role models in leadership to guide the younger generation.

Dr. APJ Abdul Kalam is one of the greatest scientists and statesmen of the 21st century. His life journey is a testament to the power of perseverance, dedication, and service to humanity. From humble beginnings in Tamil Nadu to serving as the 11th President of India, Dr. Kalam’s legacy continues to inspire millions around the world. Born on October 15, 1931, in the town of Rameswaram, Tamil Nadu, Kalam hailed from a modest background. Despite facing financial hardships, he never wavered in his commitment to education. With a thirst for knowledge and a passion for science, he pursued his studies diligently, eventually earning degrees in Physics and Aeronautical Engineering.

Kalam’s professional career began with his involvement in India’s defense and space programs. He joined organizations like the Defense Research and Development Organisation (DRDO) and the Indian Space Research Organisation (ISRO), where he played a pivotal role in developing missile technology. His contributions to projects like the Agni and Prithvi missiles earned him the title of the “Missile Man of India.”

The year 1998 marked a significant milestone in Kalam’s career when he played a crucial role in India’s Pokhran-II nuclear tests, showcasing the country’s capabilities on the global stage. His leadership and scientific acumen were instrumental in solidifying India’s position as a nuclear power.

In 2002, Dr. Kalam was elected as the President of India, a role he embraced with humility and dedication. During his tenure, he endeared himself to the people with his simplicity, accessibility, and genuine concern for the welfare of the nation. He traveled extensively, engaging with citizens from all walks of life and inspiring them to dream big and contribute to the progress of the country.

As the “People’s President,” Kalam’s presidency was marked by a deep-rooted connection with the youth. He believed that they held the key to India’s future and urged them to harness their potential through education and innovation. His “Kalam Conversations” with students across the country became legendary, as he shared his wisdom and encouraged them to pursue excellence in their chosen fields.

Despite his illustrious career in politics and science, Dr. Kalam remained grounded in simplicity and integrity. He lived a modest life, devoid of any extravagance, and was known for his discipline and work ethic. His commitment to serving the nation above personal interests earned him the respect and admiration of people from all walks of life.

After completing his term as President, Dr. Kalam returned to his passion for teaching and mentoring young minds. He lectured at various prestigious institutions across India, sharing his knowledge and inspiring the next generation of leaders and innovators. He believed in the innate talent and potential of India’s youth and advocated for providing them with opportunities to excel.

Throughout his life, Dr. Kalam was honored with numerous awards and accolades, both in India and internationally. His contributions to science, education, and public service were recognized and celebrated by governments, institutions, and organizations worldwide.

Dr. APJ Abdul Kalam was not just a scientist or a statesman; he was a visionary leader who dedicated his life to the service of his country and humanity. His unwavering commitment to excellence, his humility, and his profound belief in the power of education continue to inspire millions around the world. Though he may have left us physically, his legacy lives on in the hearts and minds of those who continue to be inspired by his vision of a prosperous, inclusive, and peaceful world. As we commemorate his life and contributions, let us strive to emulate his values and work towards realizing his dream of a better tomorrow for all.

APJ Abdul Kalam, also known as the “Missile Man of India,” was a brilliant scientist and a beloved President. He was born in Rameswaram, Tamil Nadu, on October 15, 1931. From a young age, Kalam was curious about science and technology. He worked hard and became a renowned aerospace engineer, making significant contributions to India’s missile programs.

Kalam served as the President of India from 2002 to 2007. During his presidency, he focused on education and youth development, often interacting with students to share his knowledge and inspire them. He believed in the power of dreams and encouraged young minds to dream big and work hard to achieve their goals.

Even after his presidency, Kalam continued to inspire millions with his speeches and writings. He received numerous awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian award, for his exceptional contributions to science and education.

APJ Abdul Kalam passed away on July 27, 2015, but his teachings and ideals continue to motivate people worldwide. He remains a role model for students and aspiring scientists, reminding us that with determination and hard work, anything is possible.

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APJ Abdul Kalam Essay- FAQs

Who was apj abdul kalam, and why is he important.

APJ Abdul Kalam was a famous scientist and India’s 11th President. He’s important because he helped India develop missiles and nuclear technology and inspired many people, especially the youth.

What are some key achievements of APJ Abdul Kalam?

APJ Abdul Kalam helped India develop missiles like Agni and Prithvi. He also played a big role in India’s nuclear tests, making our country a nuclear power.

What was APJ Abdul Kalam’s role as President of India?

APJ Abdul Kalam was loved as President because he was friendly and cared about people. He talked a lot about education and youth development.

How did APJ Abdul Kalam inspire the youth?

APJ Abdul Kalambelieved young people could make a big difference. He encouraged them to work hard, dream big, and use their talents to help India grow.

What were Dr. APJ Abdul Kalam’s views on education?

APJ Abdul Kalam thought education was super important. He said everyone should have a chance to learn and get a good education, no matter where they came from.

What was APJ Abdul Kalam’s post-presidency life like?

After being President, APJ Abdul Kalamwent back to teaching and talking to students. He liked sharing his knowledge and inspiring young people to do great things.

What is Dr. APJ Abdul Kalam’s legacy?

APJ Abdul Kalam legacy is all about being honest, working hard, and helping others. He showed that anyone can achieve big things with determination and kindness. His ideas about education and development still inspire many today.

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ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 1000 Words | PDF

Essay on apj abdul kalam in hindi.

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi (Download PDF) | ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध – एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था, वह भारत के राष्ट्रपति थे। भारत के राष्ट्रपति के साथ एक व्यापक रूप से ज्ञात वैज्ञानिक थे। वह एक इंजीनियर थे और इसके अलावा इंजीनियरिंग के बाद वैज्ञानिक जीवन में आगे बढ़े।

एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक क्षेत्र कार्यक्रम में और सेना की मिसाइलों के विकास में एक आवश्यक कार्य किया। इन्हें आमतौर पर भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। वह 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने, 5 साल की सेवा के बाद, उन्होंने प्रशिक्षण लेखन और सार्वजनिक सहायता में अपना कार्य किया। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

बचपन और जन्म

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका जन्म एक तमिल मुस्लिम घराने में हुआ था। अब्दुल कलाम 5 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम ने कम उम्र से ही अपने परिवार की मदद की। वह बचपन से ही अनुसंधान के दायरे में थे, मुख्यतः अंकगणित में। स्कूल के दिनों से कलाम को एक उज्ज्वल और मेहनती छात्रों में से एक के रूप में वर्णित किया गया था।

अब्दुल के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था और वह पड़ोस की एक मस्जिद में नाव के मालिक थे। उनकी माँ का नाम आशियम्मा था और वह एक गृहिणी थी। अब्दुल के 4 अतिरिक्त भाई-बहन थे और वह उनमें से 5 में सबसे छोटे थे | उनके नाम हैं मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई मराइकयार, मुस्तफा कलाम, कासिम मोहम्मद और एक बहन जिसका नाम असीम ज़ोहरा है।

उनके पूर्वजों के पास सम्पूर्ण धन और सम्पूर्ण सम्पत्ति थी। उनका घर कभी पंबन द्वीप के सदृश विभिन्न द्वीपों में मुख्य रूप से श्रीलंका की मुख्य भूमि के बीच एक विशिष्ट व्यापारी में से था। इसलिए “मर कलाम इयाकिवर” और “मारकियर” शीर्षक उनके घराने को दिया गया था।

लेकिन 1920 के करीब उनका घरेलू उद्यम विफल हो गया था, जब अब्दुल कलाम का जन्म हुआ, तब तक उनका परिवार वास्तव में अस्वस्थ था।

कलाम अपने शोध जीवन में बहुत ही आलोचनात्मक और मेहनती थे, उन्होंने अपने संकाय शिक्षाविदों द्वारा बताई गई जरूरतों का अध्ययन किया था। उन्होंने अपने मैट्रिकुलेशन का अनुसरण एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामनाथपुरम में श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल से किया । 1955 में, वह तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी स्नातक के लिए बढ़े।

उसके बाद, वह अतिरिक्त शोध के लिए मद्रास चले गए, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। फाइटर पायलट बनने का उनका सपना पूरा नहीं हुआ क्योंकि भारतीय वायुसेना में कुल आठ रिक्त स्थान थे और वह नौवें स्थान पर थे,

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असफलता और सफलता

कलाम ने हमारे राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया राष्ट्रपति और वैज्ञानिक के रूप में। जब वह “INCOSPAR” समिति का हिस्सा थे, तो उन्होंने विक्रम साराभाई नाम के क्षेत्र वैज्ञानिक के नीचे काम किया। 1969 में कलाम को इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उपक्रम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) जो देश के कई आवश्यक उपक्रमों में से एक था, का नेतृत्व अब्दुल कलाम ने किया था, वह उपक्रम का शिखर था। पीसी के लिए “रोहिणी” सैटेलाइट को जुलाई 1980 में कलाम के प्रबंधन के नीचे पृथ्वी के निकट कक्षा में SLV-III द्वारा कुशलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

1970 में “प्रोजेक्ट वैलेंट” और “प्रोजेक्ट डेविल” लाभदायक नहीं थे, लेकिन “प्रोजेक्ट डेविल” ने एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। 1980 में “पृथ्वी मिसाइल” का आधार। वह “इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम” (IGMDP) के भीतर प्रमुख बनने के लिए बढ़े, जिसके लिए उन्हें 1983 में DRDO के प्रमुख बनने की आवश्यकता थी।

इस मिशन में पृथ्वी और अग्नि का विकास हो चुका था उनके द्वारा |उन्होंने मई 1998 में अपने जीवन में कई बड़ी सफलताओं में से एक हासिल की, भारत द्वारा “पोखरण -2” परमाणु परीक्षा में, उन्होंने एक आवश्यक कार्य किया और चालक दल का नेतृत्व किया। वह परीक्षा की सफलता के बाद एक राष्ट्रव्यापी नायक बन गए |

2002 में भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और बाद में वे राष्ट्रपति बने। उन्होंने पच्चीस जुलाई 2007 तक 5 साल राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, वह भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बने।

व्यक्ति के अनुसार, “ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बिल” पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य रूप से उनके कार्यकाल का सबसे कठिन काम था। उन्हें अपने द्वारा किए गए कुछ विकल्पों के लिए कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने पर वह विवादों में घिर गए। एक बार जब उन्होंने दया याचिकाओं पर कोई प्रस्ताव नहीं लिया, तब उन्होंने आलोचना का सामना किया, उन्होंने केवल 21 दया याचिकाओं में से 1 पर हस्ताक्षर किए।

अब्दुल कलाम अपने राष्ट्रपति काल की समाप्ति के बाद एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। वह “भारतीय प्रबंधन संस्थान” (IIM) अहमदाबाद, “भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर,” भारतीय प्रबंधन संस्थान “(IIM) शिलांग में एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।

उन्होंने बैंगलोर और तिरुवनंतपुरम के “भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान” (IISc) के भीतर कुछ साल सेवा की। इसके अलावा उन्होंने “अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान” (IIIT) हैदराबाद और केले हिंदू विश्वविद्यालय में सूचना विशेषज्ञता सिखाई।

उन्होंने अपनी जानकारी को पूरे भारत में कई अलग-अलग ट्यूटोरियल में साझा किया। कलाम द्वारा युवाओं के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसमें भ्रष्टाचार और प्रभाव को पराजित किया गया था जिसे 2012 में “व्हाट कैन आई मूव मूवमेंट” नाम दिया गया था।

भारत के लिए यो गदान

वैज्ञानिक योगदान से लेकर राष्ट्रपति के योगदान तक, उन्होंने भारत के लिए कई अच्छे मुद्दों पर काम किया | उनके नेतृत्व में भारत का पहला स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बनाया गया था। डॉ। कलाम उस समय निर्देशक थे जब प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का विकास किया गया था,

हालांकि यह लाभदायक नहीं था कि इससे हमें अग्नि और पृथ्वी ने कलाम की अगुवाई में विकसित मिसाइल का टो दिया। वह पोखरण II परमाणु पर एक नज़र रखने के पीछे दिमाग था, जिसके लिए भारत अब एक परमाणु हथियार राज्य है।

2012 में कलाम द्वारा चिकित्सा आपात स्थिति के लिए ग्रामीण अंतरिक्ष के भीतर कर्मचारियों के लिए बनाया गया था, जो बीहड़ गोली लैपटॉप है।

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उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें

उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं, अग्नि की उडन (1999), भारत 2020 (1998), इग्नाइट्ड माइंड्स (2002), ना जीवन गमनम (2013), टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी बाय वे (2012), इंडोमिनेट स्पिरिट (2006), यू आर बॉर्न टू बोर्न टू ब्लॉसम (2008)।

और एक अन्य लेखकों ने उनके ऊपर कुछ किताबें समर्पित कीं, जो श्री अरुण तिवारी द्वारा लिखित एपीजे अब्दुल कलाम, श्रीनिवास पाल सिंह द्वारा लिखित एडवांटेज ऑफ इंडिया के नाम से हैं।

पुरस्कार और उपलब्धियाँ

कलाम को उनके पूरे जीवनकाल में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 1981 के वर्ष में, उन्हें “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया, जो कि भारतीय गणराज्य में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। फिर 1990 में, उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत गणराज्य के भीतर दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।

वर्ष 1997 में भारत के अधिकारियों ने अब्दुल कलाम को “भारत रत्न” से सम्मानित किया, जो भारतीय गणतंत्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और इसके अतिरिक्त समान रूप से उन्हें “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस” द्वारा “राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। जो पूर्व राष्ट्रपति इंदिरा गांधी की उपाधि के बाद दिया गया।

1998 में निम्नलिखित वर्ष के बाद, उन्हें “वीर सावरकर पुरस्कार” मिला। फिर 2000 के वर्ष के भीतर, उन्हें SASTRA (शानमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी) द्वारा “रामानुजन पुरस्कार” पुरस्कार मिला। कंपनियों के साथ उत्कृष्ट व्यक्तियों को दिया गया है।

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FAQs. APJ Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था.

उत्तर – एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था जो रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है। उनके पिता का नाम ज़ैनुलाब्दीन था

कलाम की सफलता की कुंजी क्या थी?

उत्तर – एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्हें भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1998 में भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में 1974 में भारत के पहले परमाणु परीक्षण के बाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

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APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

500+ words apj abdul kalam essay.

Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. He was the most valued person of the country as his contribution as a scientist and as a president is beyond compare. Apart from that, his contribution to the ISRO (Indian Space Research Organization) is remarkable. He headed many projects that contributed to the society also he was the one who helped in the development of Agni and Prithvi missiles. For his involvement in the Nuclear power in India, he was known as “Missile Man of India”. And due to his contribution to the country, the government awarded him with the highest civilian award.

Career and Contribution of APJ Abdul Kalam

APJ Abdul Kalam was born in Tamil Nadu. At that time the financial condition of his family was poor so from an early age he started supporting his family financially. But he never gave up education. Along with supporting his family he continued his studies and completed graduation. Above all, he was a member of the Pokhran nuclear test conducted in 1998.

There is a countless contribution of Dr.APJ Abdul Kalam to the country but he was most famous for his greatest contribution that is the development of missiles that goes by the name Agni and Prithvi.

apj abdul kalam essay in hindi 100 words

Source: sivadigitalart

Presidency Period

The great missile man becomes the President of India in 2002. During his presidency period, the army and country achieved many milestones that contributed a lot to the nation. He served the nation with an open heart that’s why he was called ‘people’s president’. But at the end of his term period, he was not satisfied with his work that’s why he wanted to be the President a second time but later on forfeited his name.

Post-presidency Period

After leaving the presidential office at the end of his term Dr. APJ Abdul Kalam again turn to his old passion which is teaching students. He worked for many renowned and prestigious institute of India located across the country. Above all, according to his the youth of the country is very talented but need the opportunity to prove their worth that’s why he supported them in their every good deed.

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Awards and Honors

During his lifetime Dr. APJ Abdul Kalam was not only awarded and honored by Indian organization and committees but also by many international organizations and committees.

Writings and Character

During his lifetime, Dr. APJ Abdul Kalam wrote many books but his most notable work was ‘India 2020’ which have an action plan to make India a superpower.

apj abdul kalam essay in hindi 100 words

Dr. APJ Abdul Kalam was a man of simplicity and integrity. He was so busy at work that he rises up early in the morning and work till late hours after midnight.

Death of APJ Abdul Kalam

He died during delivering a lecture to students in Shillong by sudden cardiac arrest in 2015. He was an outstanding scientist and a pioneer engineer who served his entire life for the nation and died while serving it. The man had the vision to make India a great country. And according to his the youth are the real assets of the country that’s why we should inspire and motivate them.

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APJ Abdul Kalam Essay

The name APJ Abdul Kalam is well-known across the world. He is one of the best-known scientists of the 21st century. Kalam relentlessly served India and became its 11th president and oversaw several initiatives that benefited society. Read this article for essays on APJ Abdul Kalam and his contributions.

100 Words Essay On APJ Abdul Kalam

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APJ Abdul Kalam Essay

Kalam had a strong passion for Mathematics. He studied Physics and Aeronautical Engineering at the Madras Institute of Technology, where he graduated in 1955. APJ Abdul Kalam was elected India's 11th president in the year 2002. He put out a concept known as "Technology Vision 2020," which was created in the middle of the 1990s, in his book "India 2020: A vision of the new Millennium."

Kalam made a significant contribution to India's technical advancement. He put up the Technology Vision 2020 national strategy. He proposed expanding nuclear power, advancing technology, and boosting agricultural output in his strategy. He came to be popularly called as "People's President" owing to his efforts to improve the country as a whole.

APJ Abdul Kalam was born during a time of great adversity for his family, but he overcame it by striving hard to achieve his goals. He began supporting his family from an early age by selling newspapers. Kalam was praised by his professors for being a conscientious learner with a great interest in the world despite his average academic performance.

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Kalam’s Contributions To The Nation

APJ Abdul Kalam has made countless contributions to the country. One of his greatest givings to India was the development of missiles Agni and Prithvi. Because of his active role in the missile programme, APJ Abdul Kalam is referred to as the "Missile Man of India". APJ Abdul Kalam was one of the top researchers at both the Defense Research and Development Organisation (DRDO), and Indian Space Research Organisation (ISRO). Kalam published several publications throughout his lifetime, but his most famous work was "India 2020," which contained an action plan to turn India into a powerhouse.

He was a brilliant scientist and a trailblazing engineer who dedicated his entire life to the country. He had the ambition to transform India into a superpower. He asserted that the nation's kids are its greatest resource, and should therefore be encouraged and motivated.

APJ Abdul Kalam was a man of global repute and highly looked up to by the people of India because of his outstanding achievements both as a scientist and as president. He made a significant contribution to the Indian Space Research Organisation (ISRO).

Kalam was instrumental in the creation of the Agni and Prithvi missiles. He was referred to as "Missile Man of India" due to his role with nuclear power in India. The Govt. of India honoured him for his service to the nation with the Bharat Ratna, the highest civilian award.

Kalam’s Childhood

Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam, popularly known as APJ Abdul Kalam was born in a Tamil Muslim family on October 15’ 1931. Childhood for Kalam was quite difficult because his father’s business failed and they had no other means of support. He was born during a period of extreme hardship for his family, but he overcame it by working hard to realise his ambition. From a very young age, he sold newspapers to help support his family. Despite his middling academic performance, his professors spoke highly of him as a diligent learner with a keen interest in the world.

Kalam’s School And College

Kalam completed his schooling at Rameshwaram Elementary School and Schwartz Higher Secondary School. Kalam had a keen interest in Mathematics. He attended the Madras Institute of Technology where, after graduating in 1955, he studied physics and aeronautical engineering.

In his third year of graduation, APJ Abdul Kalam was assigned the task of building an aeroplane together with a few other chosen students. He finished the assignment on time and astounded everyone with his originality despite having been pressured to work under a strict deadline. Kalam was a guy of many talents. He later achieved success as a scientist, author, engineer, lecturer, and a politician.

Kalam’s Work At DRDO

After completing his higher education, Kalam joined the DRDO (Aeronautical Development Establishment of the Defence Research and Development Organisation) as a scientist and in the early 1960s, worked with the Indian National Committee for Space Research (INCOSPAR ) under Vikram Sarabhai, who was a renowned space scientist. APJ Abdul Kalam had a significant part in the "Pokhran II" nuclear test, which was conducted in 1998 and is regarded as India's second original nuclear test.

Kalam As President

In 2002, APJ Abdul Kalam was elected as the 11th president of India. The army and the nation achieved significant milestones under his administration, which greatly benefited the country. In the early 90’s, Kalam collaborated with cardiologist B. Soma Raju to develop Kalam-Raju-Stent for coronary heart diseases. Kalam was the first Indian head of state to fly a fighter plane and designed India;s first Indegenious hovercraft ‘Nandi’ He served the country with a sincere heart, and was led to be called "people's president." Kalam wrote several books including "India 2020," "Ignited Minds," "Mission India," "The Luminous Sparks," "Inspiring Thoughts," and others.

Kalam was honoured with the Ramanujan Award, the Indira Gandhi Award, the Veer Savarkar Award, the Padma Vibhushan, and many more.

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APJ Abdul Kalam Essay For Students and Children in 1000 Words

In this article you will read an essay on APJ Abdul Kalam essay for students and children in 1000 words. This includes introduction, birth and early life, education, career, awards, popular books, 10 lines, death.

Table of Contents

APJ Abdul Kalam Essay (1000 Words)

Dr. APJ Abdul Kalam- is the name that needs no further introduction. He was the great personality of all time, and even was the 11th president of India and an Aero Space Scientist. 

APJ Abdul Kalam headed most essential projects contributing to society and helped develop Agni and Prithvi missiles. 

Birth and Early Life of APJ Abdul Kalam

He was earnest and hard-working in his student life. His school teacher described him as a good learner, and he pursued his matriculation at Schwartz Higher Secondary school.

Career and Contribution of APJ Abdul Kalam

He supported his family financially, continued his education, and completed his graduation. The nuclear test was conducted in 1998 at Pokhran; he was a member of that nuclear test. 

Working As President of India

But at the end of his first term period, he was not satisfied with his job, that’s why he wanted to become president of India for the second time but later on fortified his name.   

Post-presidency Period

Awards and honours.

He was awarded and honoured by many Indian Organizations and committees during his lifetime, and many International Organizations and Committees also awarded him.

He had a famous quote –

let us sacrifice today so that our children can have better tomorrow.  

APJ Abdul Kalam Popular Books

10 lines on apj abdul kalam                         , death of apj abdul kalam.

Due to a sudden Cardiac arrest in 2015, he died at Shillong. During his last time, he was with his students in Shillong. His contribution and curiosity in the science and engineering field have no boundaries. 

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English Aspirants

Paragraph on APJ Abdul Kalam [100, 150, 200, 250 Words]

Paragraph on APJ Abdul Kalam in English: Dr. APJ Abdul Kalam was a great scientist and politician. He devoted his life to the service of the motherland. In this article, you are going to 4 paragraphs on APJ Abdul Kalam in English (100, 150, 200, and 250 words). All the paragraphs will be helpful for students of class 1 to class 12. So, Let’s get started.

Table of Contents

Paragraph on APJ Abdul Kalam: 100 Words

APJ Abdul Kalam was born on 15 October, 1931 in a middle-class Tamil family in Rameswaram, Tamil Nadu. He completed his graduation in Physics from St. Joseph’s College . He went to Madras to study aerospace engineering from MIT .

Then he joined DRDO as a scientist. In 1969, he Joined ISRO and became project director of SLV-III . As the Missile man of India , he developed Trisul, Agni, Prithvi, etc. He was appointed as the Chief Scientific Adviser to the Prime Minister and Secretary of DRDO.

Dr. Kalam served as the 11th President of India from 2002 to 2007. He wrote many famous books like Wings of Fire, Mission India, Target 3 Billion , etc. He was awarded Bharat Ratna in 1997. The great man died on 27 July 2015.

paragraph on apj abdul kalam in english

APJ Abdul Kalam Paragraph: 150 Words

Dr. APJ Abdul Kalam, also known as the  People’s President , was born into a Muslim family on October 15, 1931 in Rameshwaram, Tamil Nadu. He attended St. Joseph’s College and went to earn a degree in aeronautical engineering from the Madras Institute of Technology. He joined the Defence Research and Development Organization (DRDO) as a Senior Scientific Assistant in 1958.

Dr. Kalam was nominated as the project director of SLV-III , the first satellite launch vehicle designed and produced on Indian soil. He became the senior scientific adviser of India’s Defence Ministry in 1992, a position through which he used to campaign for the development of nuclear tests. Kalam was a key figure in the May 1998 Pokhran ll tests.  He is known as the  Missile man of India due to his contribution towards India’s Missile Programme.

In 2002, he became the president of India. On July 27, 2015, Kalam suffered a massive heart attack and breathed his last at the age of 83.

apj abdul kalam paragraph

Also Read: Essay on APJ Abdul Kalam

Paragraph on APJ Abdul Kalam: 200 Words

Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam popularly known as ‘Missile man’ was born on October 15, 1931 into a middle-class Tamil family in Rameswaram, Tamil Nadu. Kalam completed his school education from Schwartz Higher Secondary School . Then he graduated in Physics from St. Joseph’s College. In 1960, he completed his course on aeronautical engineering from the Madras Institute of Technology .

Then, he joined the Defence Research and Development Organization as a scientist. In 1969, he joined ISRO and worked as the project director of SLV-III , India’s first indigenous Satellite Launch Vehicle. Kalam became the senior scientific adviser of India’s Defence Ministry in 1992, a position through which he used to campaign for the development of nuclear tests. Dr. Kalam played a pivotal role in India’s Pokhran-II nuclear test in 1988.

He won the prestigious award Bharat Ratna in 1997. He was also conferred with Padma Bhushan in 1981 and Padma Vibhushan in 1990. In 2002, he became India’s President. Dr. Abdul Kalam wrote many books. Some of them are The Luminous Sparks, Mission India, Wings of Fire, Inspiring Thoughts, etc. On July 27, 2015, Kalam suffered a massive heart attack and breathed his last at the age of 83.

APJ Abdul Kalam Paragraph: 250 Words

Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam, better known as A.P.J. Abdul Kalam was born on October 15, 1931 in Rameswaram, India. After completing his school education from Schwartz Higher Secondary School he got admitted to St. Joseph’s College. In 1954 he graduated in Physics. In 1960, He completed his course on aerospace engineering from MIT.

He was an Indian scientist and politician who played a key role in the development of India’s missile and nuclear weapons programs. As a scientist by profession, he worked with the Indian Space Research Organisation (ISRO) and Defense Research and development organization (DRDO) as an aerospace engineer before assuming his role as the president of India.

Appointed as the eleventh president of India , Kalam served his term in office from 2002 to 2007. Kalam authored numerous famous books including Wings of fire, Mission India, Indomitable Spirit, Inspiring Thoughts, and many more.

He was one of the few presidents who touched the hearts of millions of people and left an indelible imprint on their minds. It is owing to this popularity he enjoyed among the masses that he came to be called the People’s President . 

Dr. Abdul Kalam was awarded the country’s highest honor, the Bharat Ratna , in 1997. He also received Padma Bhushan in 1981 and Padma Vibhushan in 1990. His work on the development of launch vehicle and ballistic missile technology earned him the name ‘Missile Man of India’ . A.P.J. Abdul Kalam died on 27 July 2015 from a sudden cardiac arrest.

Frequently Asked Questions (FAQs) on APJ Abdul Kalam

Dr. Abdul Kalam is known as the  ‘Missile Man of India’ . He wrote many famous books. Some of them are  Inspiring Thoughts, Wings of Fire (Autobiography), Mission of India: A Vision of Indian Youth, Ignited Minds: Unleashing the Power within India, My Journey, Mission India, The life tree,  etc.

He was awarded Padma Bhushan in 1981, Padma Vibhushan in 1990 and Bharat Ratna in 1997. He was also a recipient of Honorary doctorates from many universities across the world.

Wheeler Island, located in Odisha, is known as Dr. Abdul Kalam Island.

APJ Abdul Kalam died on 27 July 2015, at the age of 83 while delivering a lecture at the Indian Institute of Management Shillong. Kalam collapsed and died from an apparent cardiac arrest.

Read More Paragraphs: 1. Paragraph on Rabindranath Tagore 2. Paragraph on Swami Vivekananda 3. Paragraph on Mother Teresa  4. Paragraph on Ishwar Chandra Vidyasagar

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Essay on A.P.J. Abdul Kalam

A.P.J. Abdul Kalam is the short form of Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam, who was the 11 th President of India and also a great scientist associated with missile and satellite technology. He is fondly remembered today as the ‘ missile man of India ’ and the ‘people’s President’.

Short and Long Essay on A.P.J. Abdul Kalam in English

Here I’m presenting short and long essays on A.P.J. Abdul Kalam in different word limits of 120 words, 250 words, 400 words and 600 words that is useful for students of classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, and class 12. The language is kept simple so that every student can understand these essays properly.

A.P.J. Abdul Kalam Essay 10 Lines (100 – 150 Words)

1) Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam or A.P.J. Abdul Kalam served India as the 11 th President .

2) He was a highly respected scientist, working on missiles and satellites.

3) Due to his contribution to making missiles, he was entitled as the “Missile man of India”.

4) He was a simple and down-to-earth man.

5) His selfless attitude and innocence made him “People’s President”.

6) He also helped in the launch of the Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) and Satellite Launch Vehicle (SLV-III).

7) In many famous institutions, he was appointed as visiting professor.

8) Dr. Kalam was also a good writer who wrote many books based on his experiences.

9) Kalam took his last breath while addressing students at IIM Shillong.

10) It was 27 July 2015, Monday when we lost this great scientist due to a heart attack.

A.P.J. Abdul Kalam: The People’s President – Essay 1 (250 Words)

Introduction

A.P.J. Abdul Kalam was the 11th President of India. Before becoming the President of India, Mr. Kalam held key scientific positions in the Government of India and also organizations like DRDO and ISRO. For his commendable contribution to India’s missile development programs, he was called the ‘Missile Man of India’.

The People’s President

Ironically, Mr. Kalam was more famous for his other achievements than he was for the Presidentship. He was a great scientist with over four decades of commendable career; moreover, he had a unique simplicity and innocence that lets him to instantly connect to the people, students, and the youth.

Although a Muslim by birth; Kalam’s popularity transcended beyond religious perceptions. He was loved and respected by people from all religious backgrounds. Throughout his life, he remained pure vegetarian, despite being a Muslim. He had memorized completely the Hindu epic ‘Bhagwad Gita’ and his favorite musical instrument was ‘Veena’, which he was really good at playing.

It was perhaps this selfless attitude and an impartial view towards other religions that have made him popular among all the factions of the society. He was a people’s President and remained such till his last breath. Mr. Kalam breathed his last on 27th July 2015, interacting with the students of the Indian Institute of Management, Shillong.

Mr. Kalam was the most popular President India ever had. He was called the People’s President for the people were able to connect to his simplicity and sober conduct. Throughout his scientific and political career, Mr. Kalam worked tirelessly for the upliftment of the Indian technology as well as to inspire the youth.

A.P.J. Abdul Kalam: The Missile Man of India – Essay 2 (400 Words)

A.P.J. Abdul Kalam was the 11th President of India, who had previously served in several strategically significant positions in scientific organizations. He played a vital in many missile programs in India.

The Missile Man of India

During his four decades career in DRDO (Defence Research and Development Organization) and ISRO (Indian Space Research Organization), Mr. Kalam was deeply involved in the missile development efforts of the Indian Military.

He was instrumental in the development of ballistic missiles during the Project Devil and Project Valiant. He was also very closely associated with the launch vehicle technology of the Indian military. He made commendable efforts for the successful launch of Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) and Satellite Launch Vehicle (SLV-III). His contribution to India’s missile development programs earned him the sobriquet of the ‘Missile Man of India’.

The Youth Icon

Mr. Kalam remained a bachelor throughout his life. His simplicity, scientific acumen, and inspirational talks have made him a popular figure among the youths. Despite all his abilities and senior scientific positions that he held, at heart he was still a child and a student. Perhaps, this unique trait of his personality made him immensely popular with the youth, who looked up to him as their icon.

After serving as the President of India, Mr. Kalam went back to youths and started spending more time visiting schools and colleges. He became the visiting professor at many prestigious institutes including the Indian Institute of Management Shillong, Indian Institute of Management Ahmadabad and Indian Institute of Management Indore among others.

He was also in the role of a teacher and taught information technology at the International Institute of Information Technology, Hyderabad; Banaras Hindu University (BHU) and Anna University.

Mr. Kalam also wrote several books based on his experiences with school and college students. In his books, he has described to the youth, how to pursue the dreams and to believe in one’s own abilities under the adverse of situations. ‘Wings of Fire’, ‘Ignited Minds’, ‘Mission India’, ‘Inspiring Thoughts’ are some of his popular books. Children as well as college students had a great deal of respect for Mr. Kalam and looked upon him as their ideal.

A.P.J. Abdul Kalam was the most popular President of India till date. His innocent smile and simplistic attitude made him immensely popular among the youth of the nation. Even till date, he is fondly remembered for his interactive sessions at schools and colleges in which he spoke to inspire the students and youths.

Essay on A.P.J. Abdul Kalam

A.P.J. Abdul Kalam: Career as a Scientist and Politician – Essay 3 (500 – 600 Words)

A.P.J. Abdul Kalam is an abbreviation for Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam, who was the 11 th President of India. By far, A.P.J. Abdul Kalam had been the most popular President of India, mostly among the youth. His contribution to the scientific and strategic development of India is unprecedented.

Childhood and Education

Mr. Kalam was born on 15 th October 1931 in Rameswaram in Tamil Nadu. He was born to Jainulabdeen a boat owner and an Imam at a local mosque and his wife Ashiamma. Kalam was the youngest among four brothers and one sister. He had a tough and poverty-ridden childhood and he also worked as a newspaper hawker to sustain his family’s expenses as well as his own studies.

Mr. Kalam was average in studies during childhood but was known among teachers for having a strong desire to learn. He spent lots of time in studying, especially mathematics, the subject he loved.

His initial schooling was done at Schwartz Higher Secondary School at Ramanathapuram after which he attended Saint Joseph’s college at Tiruchirappalli. From there he obtained a graduate degree in physics in 1954.

Thereafter, Mr. Kalam got enrolled in the Madras Institute of Technology to study aerospace engineering.

Career as a Scientist

Mr. Kalam wanted to become a fighter pilot in the Indian Air Force. After obtaining a degree in aerospace engineering from Madras Institute of Technology in 1960, he applied for becoming a fighter pilot in Air Force but missed the chance by just a whisker. He appeared ninth in the qualifier while there were only eight positions; perhaps destiny had something else in store for him.

Even after so closely missing his life dream, Mr. Kalam didn’t lose faith in his abilities and became a scientist in DRDO (Defence Research and Development Organisation). It turned out that Mr. Kalam wasn’t very satisfied with his job at DRDO.

In 1969 he was transferred to ISRO (Indian Space Research Organization). Thereon he became the project director of India’s first satellite launch vehicle (SLV-III), deploying successfully the Rohini satellite in 1980.

Apart from that, Kalam had also worked on several ballistic missile projects during 1970s to 1990s. Supported and funded by the union government, aerospace projects under the directorship of Mr. Kalam were highly successful bringing him name and fame during 1980s.

Mr. Kalam had also served as the Chief Scientific Advisor to the Prime Minister of India from July 1992 to December 1999. During this period he also served as the Director of the Defence Research and Development organization. He was also the Chief Project Coordinator of the Pokhran-II nuclear power test conducted in May 1998.

Political Career

Kalam’s name was first proposed for the President of India by the ruling NDA (National Democratic Alliance) government in June 2002. His candidature was backed by the other parties like the Indian National Congress and the Samajwadi Party.

Former President, K.R. Narayanan also chose not to re-contest the Presidential election, making the field clear for Kalam. The only sole opponent of Kalam was a freedom fighter and Azad Hind Fauz veteran, Lakshmi Sehgal. Mrs. Sehgal; was backed by four leftist parties – the Communist Party of India (CPI), the Communist Party of India (Marxist)(CPI(M)), the Revolutionary Socialist Party and the All India Forward Bloc.

However, the election was a one-sided affair due to the popularity and skills of Kalam. He won the 2002 Presidential election, obtaining and an electoral vote of 922,884 against his opponent Lakshmi Sehgal’s 107,366 votes.

Kalam was sworn in as the 11th President of India on 25th July 2002 and his term ended on 25th July 2007.

Mr. A.P.J. Abdul Kalam was a highly talented scientist, an administrative and political visionary. His contribution to the scientific development of India is unprecedented.

FAQs: Frequently Asked Questions on A.P.J. Abdul Kalam

Ans . Wheeler Island in Odhisa was renamed Abdul Kalam Island.

Ans . Dr. Abdul Kalam received the Bharat Ratna award in 1997.

Ans . The lecture delivered by Dr. Abdul Kalam on the day of his death was ‘Creating a liveable planet earth’.

Ans . The name of the autobiography of Dr. Abdul Kalam is ‘Wings of Fire’.

Ans . The name of the e-paper started by Dr. Abdul Kalam was Billion Beats.

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  1. Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 100 शब्दों में

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  3. Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

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  5. मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in

    एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay in Hindi) - उनके जीवन, उपलब्धियों और प्रेरणा के बारे में जानें। इस वेबपेज पर आपको उनके व्यक्तित्व और कार्यों का संक्षिप्त ...

  6. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

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  7. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

    डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए ...

  8. ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

    ↑ "President APJ Abdul Kalam Dies at 83" [राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का ८३ वर्ष की आयु में निधन] (अंग्रेज़ी में). एन॰ डी॰ टीवी. 28 जुलाई 2015. मूल से 29 जुलाई 2015 को ...

  9. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

    एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 200-300 Words) स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है, हमारे लिए प्रेरणा है और देश ...

  10. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

    प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi. कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही ...

  11. मिसाइल मैन डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय

    डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन. APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ ...

  12. हिंदी निबंध : एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रेरक व्यक्तित्व

    लाइफ स्‍टाइल नन्ही दुनिया निबंध Essay on Dr. APJ Abdul Kalam Written By आज है एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि डॉक्टर अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि : जानिए 7 बड़ी ...

  13. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

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  14. APJ Abdul Kalam essay in Hindi 500 Words अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में

    APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 400 Words. डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 में रामेश्वरम् में हुआ था। इनका परिवार बहुत साधारण था। इनकी आर्थिक ...

  15. APJ Abdul Kalam Essay For Students: Samples 100 to 500 Words

    Essay on APJ Abdul Kalam in 150 Words. APJ Abdul Kalam, India's "Missile Man," was a renowned scientist and the 11th President of India. Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, he had a humble beginning. Kalam rose to prominence with his work in aerospace engineering, contributing significantly to India's missile ...

  16. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध

    Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi (Download PDF) | ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध - एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था,

  17. Easy hindi 100 words essay on apj abdul kalam

    Dr. APJ Abdul Kalam was a man of simplicity and integrity. He was so busy at work that he rises up early in the morning and work till late hours after midnight. Death of APJ Abdul Kalam. He died during delivering a lecture to students in Shillong by sudden cardiac arrest in 2015.

  18. APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

    Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. In this APJ Abdul Kalam Essay, we have discusses his life in brief and simple words.

  19. APJ Abdul Kalam Essay

    100 Words Essay On APJ Abdul Kalam. Kalam had a strong passion for Mathematics. He studied Physics and Aeronautical Engineering at the Madras Institute of Technology, where he graduated in 1955. APJ Abdul Kalam was elected India's 11th president in the year 2002. He put out a concept known as "Technology Vision 2020," which was created in the ...

  20. Short essay on APJ Abdul Kalam of Hindi in 100 words

    New questions in Hindi 3. 'दुख का अधिकार' कहानी का अंत बदलकर अपनी कहानी तैयार कीजिए जिसका अंतसुखद हो madhukiran ndi class 4 solutions

  21. APJ Abdul Kalam Essay For Students and Children in 1000 Words

    Read an essay on APJ Abdul Kalam essay for students, 1000 words. Birth, early life, education, career, awards, popular books, 10 lines, death.

  22. Paragraph on APJ Abdul Kalam [100, 150, 200, 250 Words]

    Paragraph on APJ Abdul Kalam in English: Dr. APJ Abdul Kalam was a great scientist and politician. He devoted his life to the service of the motherland. In this article, you are going to 4 paragraphs on APJ Abdul Kalam in English (100, 150, 200, and 250 words). All the paragraphs will be helpful for students of class 1 to class 12. So, Let's get started.

  23. Essay on A.P.J. Abdul Kalam for all Class in 100 to 500 Words in English

    A.P.J. Abdul Kalam Essay 10 Lines (100 - 150 Words) 1) Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam or A.P.J. Abdul Kalam served India as the 11 th President. 2) He was a highly respected scientist, working on missiles and satellites. 3) Due to his contribution to making missiles, he was entitled as the "Missile man of India".