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घर पर पपीते का पेड़ कैसे उगाएं – How to Grow Papaya Tree at Home in Hindi

पपीता अन्य पौधों की अपेक्षा तेजी से बढ़ने वाला हर्बेशियस पौधा (herbaceous plant) है, इसे पपाव (papaw) या पपीता कहा जाता है। पपीते का वैज्ञानिक नाम कैरिका पपाया (Carica papaya) है। इसका तना खोखला (hollow) और बिल्कुल सीधा होता है। इसमें बड़े लोब वाले पत्ते होते हैं जिससे पपीते का पेड़ छाते (umbrella) के आकार का दिखता है।  इसे धूप वाली किसी भी जगह पर उगाया जा सकता है। पपीते का इस्तेमाल अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाने, औद्योगिक और औषधि बनाने में किया जाता है। घर पर बने गार्डन में पपीता उगाना बहुत आसान है। होम गार्डन या टेरेस गार्डन के गमले या कंटेनर के लिए बौना पपीता अर्थात ड्वार्फ पपीता (dwarf Papaya) अच्छा माना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको गमले में पपीता उगाने से संबंधित पूरी जानकारी और इसके देखभाल के तरीके के बारे में बताएंगे।

पपीता  के बीज कब लगाएं?  – When to plant Papaya seeds in Hindi

घर पर पपीता उगाने के लिए अधिकतम 25-30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। आप अपने घर पर या गार्डन में पपीता को वसंत (फरवरी-मार्च), मानसून (जून-जुलाई) और शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) के दौरान लगा सकते हैं। कंटेनर या गमले में पपीता उगाने के लिए दोमट मिट्टी में पर्याप्त कार्बनिक पदार्थों को अच्छी तरह से मिलाएं। इससे बौने अर्थात  ड्वार्फ पपीते में हेल्दी फल आते हैं।

पपीता उगाने के लिए तापमान – Temperature for growing Papaya seeds in Hindi

घर में पपीते के बीज उगाने के लिए मिट्टी का तापमान 70-75 डिग्री फ़ारेनहाइट (21-23 डिग्री सेल्सियस) होना चाहिए। इसलिए पपीते के गमले या कंटेनर को गर्म तथा धूप वाली जगह पर रखें।

पपीते का बीज कितने दिन में उगता है – Papaya seed germination time in  Hindi

मिट्टी के तापमान की सीमा के आधार पर पपीते की बीज की बुआई से लगभग दो सप्ताह में अंकुरित हो जाते हैं।

पपीता उगाने के लिए गमले का साइज़ – Pot for Papaya plant in Hindi

यदि आप कंटेनर या गमले में पपीता उगाना चाहते हैं तो आपको बड़े कंटेनर या अधिक बड़े गमले का इस्तेमाल करना पड़ेगा। अगर आपका गमला बहुत छोटा होगा, तो पपीते के विकास में रुकावट आ सकती है। शुरूआत में आप पपीता के बीज से पौधे को ग्रो करने के लिए 8 से 9 इंच के पॉट या गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन बाद में पपीते के पेड़ को 18 x 18 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई), 24 x 24 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई) के गमले या ग्रो बैग में लगाया जाना चाहिए। इससे पौधे की वृद्धि बहुत अच्छी तरह से होती है और उसमें स्वस्थ फल एवं फूल लगते हैं।

बीज से पपीता उगाने के लिए मिट्टी – Soil for grow Papaya from seeds in Hindi

पपीते को उगाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पॉटिंग मिक्स (nutrient-rich potting mix) या बगीचे की मिट्टी (garden soil) में 25 से 50% जैविक खाद मिलाकर इस्तेमाल करें। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। पपीता का पेड़ बलुई (sandy), दोमट मिट्टी में तेजी से विकसित होता है। पपीता उगाने के लिए गमले या कंटेनर की मिट्टी का पीएच 6 से 6.5 के बीच होना चाहिए।

यदि आप पपीते के बीजों का अधिक संख्या में अंकुरण करना या बीज से अधिक पौधे तैयार करना चाहते हैं, तो स्टेराइल पॉटिंग सॉयल मिक्स (sterile potting soil mix) का इस्तेमाल करें। इसके लिए एक भाग वर्मीक्यूलाइट और एक भाग पॉटिंग मिक्स मिलाकर इस मिश्रण को ओवन में 93 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के लिए सेंककर (bake) अपनी खुद की मिट्टी तैयार कर सकते हैं।

बीज से पपीता उगाने की विधि – Papaya seeds growing method from seed in Hindi

बीज से पपीता उगाने की विधि - Papaya seeds growing method from seed in Hindi

  • बीज से पपीता उगाने के लिए किसी बीज भंडार या ऑनलाइन स्टोर organicbazar.net से बीज खरीदें।
  • पपीता के बीज बोने से पहले इसे धोकर इसके ऊपर लगे जिलेटिन की कोटिंग (gelatinous coating) को हटाएं।
  • आप पपीते के उच्च गुणवत्ता पूर्ण बीजों की बुआई करने के लिए बीजों को सादे पानी में डालें। कुछ समय जो बीज पानी की तरह पर तैर रहे हों, उन्हें अलग कर दें, और तली में बैठने वाले बीजों को बुआई के लिए उपयोग में लायें।
  • आप इन बीजों को बोने से पहले गीले सूती कपड़े में बांधकर 2-3 दिन तक रख सकते हैं।
  • बीज में जब सफेद अंकुरण दिखने लगे तब आपका बीज बोने के लिए तैयार है।
  • अब कंटेनर, गमले या सीडलिंग ट्रे ( seedling tray ) में बीज बोएं। मिट्टी में बीज से पौधा बनने में 2 से 3 हफ्ते का समय लगेगा। पौधा तैयार होने के बाद इसे किसी अन्य बड़े कंटेनर में लगाया जा सकता है।

पपीते के पौधे को पानी कैसे दें – How to provide water to papaya plant in Hindi

पपीते को ग्रो करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है। अंकुरण की प्रकिया में और पौधे को रोपने के शुरूआती कुछ महीनों तक पपीते को नियमित पानी देने की जरूरत पड़ती है। शुष्क मौसम में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए और कई बार पानी देना चाहिए।  मिट्टी को बहुत अधिक गीला नहीं बल्कि नम रखें और जब मिट्टी के ऊपर 1 इंच तक की सतह सूख जाए तभी पौधे में पानी डालें। 

(और पढ़ें: 5 टिप्स की मदद से रखें गर्मियों में पौधों को ठण्डा… )

पपीते के पौधे के लिए आवश्यक धूप – Light required for Papaya plant in Hindi

पपीते के पौधे को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है। पपीते के पौधे को जितनी अधिक सीधी धूप (direct sunlight) मिलेगी, वह उतना ही स्वस्थ होगा और अधिक फल लगने की संभावना भी बढ़ेगी। पपीते के पौधे को प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप की जरूरत होती है। इसलिए अपने गमले या कंटेनर को हमेशा ऐसी जगह पर रखें, जहां पपीते को पर्याप्त मात्रा में धूप मिल सके।

पपीता के पौधे के लिए उर्वरक – Fertilizer for Papaya plant in Hindi

घर पर लगे पपीते के पेड़ पर तेजी से फल आने के लिए इसमें समय पर खाद देने की जरूरत पड़ती है। हर दो हफ्ते बाद पपीते के पेड़ में खाद डालना चाहिए। अगर आप ड्वार्फ (बौना) पपीता लगा रहे हैं, तो प्लाटिंग होल (planting hole) में एक पाउंड (लगभग 450 ग्राम) ट्रिपल सुपरफॉस्फेट (triple superphosphate) डालें। इसके अलावा पपीते के पेड़ को सीधे नाइट्रोजन भी दिया जा सकता है।

पपीते पर लगने वाले कीट और रोग – Papaya plant Pests and diseases in Hindi

पपीते के पेड़ पर अधिक कीड़े नहीं लगते हैं। हालांकि स्पाइडर माइट्स (spider mites), थ्रिप्स (Thrips) और व्हाइटफ्लाई (whiteflies) इत्यादि कीट फल और पेड़ को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। नीम तेल (neem oil) का स्प्रे कीटों और फफूंदी से छुटकारा दिलाता है। हालांकि कीटनाशक या किसी रासायनिक स्प्रे का छिड़काव खाने वाले पपीते के फलों पर न करें।

(और पढ़ें: पौधों से एफिड्स कैसे निकालें?…. )

पपीता कब तोड़ने मिलेगा – Papayas Harvesting time in Hindi

पपीते के पेड़ पर 10 से 12 महीने में फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। पपीते का फल धूप के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए इसे दस्ताने ( gloves ) पहनकर तोड़ना चाहिए। पेड़ से फल तभी तोड़ना चाहिए जब फल का रंग पीला हो जाए। कई बार 6 से 9 महीने के बीच ही ड्वार्फ पपीते का फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है।

पपीते के पौधे   की देखभाल – Papaya plant care in Hindi

पपीते के पौधे की देखभाल - Papaya plant care in Hindi

  • आमतौर पर पपीते के पेड़ को हफ्ते में एक बार पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन कंटेनर या गमले में लगे पपीते के पेड़ को अधिक बार पानी देने की जरूरत पड़ती है। इसलिए नियमित या हफ्ते में तीन दिन पानी दें।
  • ग्रोइंड सीजन के दौरान पौधे को खाद दें। शुरूआत में पौधे में गोबर या जैविक खाद डालें। इसके बाद रासायनिक खाद डाला जा सकता है।
  • पपीते के पौधे को छांटने या प्रूनिंग ( pruning ) की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि जरूरत पड़े तो छंटाई की जा सकती है।
  • इसे धूप वाली किसी भी जगह पर उगाया जाना चाहिए।
  • पपीते के पेड़ को तेज हवाओं से बचाने की जरूरत होती है।
  • पपीते के पौधे पर ब्लैक लीफ स्पॉट रोग की अधिक समस्या होती है। इसके लिए नीम तेल का पौधे पर छिड़काव करें।

(और पढ़ें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी… )

निष्कर्ष – Conclusion

पपीता उगाने के लिए गार्डन या बड़ी जगह की जरूरत नहीं है। इसे कंटेनर या गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। इसके लिए आपको बौने पपीते (dwarf Papaya) की किस्म के बीज खरीदने पड़ेगे। कंटेनर में ड्वार्फ पपीते के पेड़ अच्छी वृद्धि करते हैं और समय पर फल लगते हैं। अगर आप भी पपीता उगाना चाहते हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण अपने शौक पूरे नहीं कर पा रहे हैं तो आप कंटेनर या गमले में बौना पपीता उगाकर अपने शौक पूरे कर सकते हैं।

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Table of Contents

कैरिका पपाया एल. (पपीता) मेक्सिको और उतारी दक्षिणी अमेरिका में पाया जानेवाला एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय (tropical and subtropical) पौधा है जो विश्व के कई भागों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने लगा है। पपई, पावपाव, लपाया, तपायस और कपाया ये सब पपीता के कुछ अन्य नाम हैं। यह सीधा, बड़ा पेड़ जैसा दिखने वाला शाकीय पौधा है किन्तु इसमें लकड़ी नहीं होती है। इसकी पत्तियां बड़ी, हथेली के आकार की होती हैं जिनका व्यास 50-70 सेमी होता है। फूलों के प्रकार के अनुसार इसके फल विभिन्न आकार के होते हैं।  इसके फल 5-30 सेमी लम्बे तथा पीलापन लिए हुए नारंगी रंग के होते हैं। इसका गुदा मीठा होता है और इसमें ढेर सारे काले बीज होते हैं 1

essay on papaya tree in hindi language

पपीता एक अच्छी तरह से सूखी मिट्टी में होने वाला साधारण पौधा है, जहाँ पानी का ठहराव न हो क्योंकि इससे यह 24 घंटे में नष्ट हो सकता है। पौधे और इसके फल को गर्मी और वसंत ऋतु में बहुत कम मात्रा में पानी की ज़रूरत होती है। बहुत अधिक ठंड और गर्मी पौधे और इसके फल दोनों को नष्ट कर सकते हैं। पपीते का पौधा और इसके फल 21-32 डिग्री सेल्सियस तापमान में फलते-फूलते हैं। फल के पकने के दौरान सूखा मौसम इसके स्वाद को बेहतर बनाता है जबकि 10 0 से कम तापमान में इसके पकने की गति धीमी हो जाती है। इसके अतिरिक्त, पौधा रोपने के 8-10 महीनों के बाद इसमें फल लगने लगते हैं। मौसम की स्थिति के अनुसार पपीते का एक पौधा साल में 30-150 फल दे सकता है। 3

पपीता में पोषक तत्वों की मात्रा:

Papita Mai Poshak Tatvo Ki Matra:

पपीते के फल और बीज में पाई जानेवाली पोषक तत्वों की मात्रा निम्नवत है: 

तत्वसामग्री (मिलीग्राम/100 ग्राम)
कार्बोहाइड्रेट्स7.76–13.44
प्रोटीन0.36–0.45
लिपिड0.20–0.29
आहारीय ï¬bre0.37–0.60
β-कैरोटीन (μg/g)208.67–4534.26
एस्कॉर्बिक एसिड (मिलीग्राम/ग्राम)35.32–43.80
सोडियम6.79–9.53
पोटैशियम18.36–24.78
आयरन0.61–0.85
कैल्शियम27.88–32.48
जिंक (पपीते के बीज)5.00–6.17
फॉस्फोरस11.54–16.81
कॉपर (पपीते के बीज)0.50–1.09
मैंगनीज (पपीते के बीज)2.50–3.10
मैग्नीशियम9.45–13.63

टेबल1: पपीते में पाई जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा 2

  कच्चे फल में कैरोटेनॉयड्स, पपैन और काइमोपपैन एंजाइम पाए जाते हैं। पपीते के बीज में पपीते का तेल पाया जाता है जिसमें फ्लेवोन्वाएड्स होते हैं। 1 पपीते के बीज के तेल में उच्च मात्रा में लिपिड वाले फायटोकेमिकल्स तथा जरुरी फैटी अम्ल यथा ओलेइक अम्ल पाए जाते हैं। बीजों में पाए जाने वाले अन्य फैटी अम्लों में एराकिडिक, पामिटिक, लिनोलेनिक और स्टीयरिक अम्ल शामिल हैं। 2

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पपीते के गुण :

पपीते के विभिन्न अंगों में पाए जाने वाले गुण इस प्रकार हैं।

● यह एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है

● इसमें जीवाणुरोधक गुण हो सकते हैं

● इसमें कैंसररोधी शक्ति हो सकती हैं

● इसमें सूजनरोधी गुण हो सकते हैं

● यह अल्सर (अल्सररोधी) में फ़ायदेमंद हो सकता है

● यह ब्लड में शुगर की मात्रा कम करने में फ़ायदेमंद हो सकता है (डायबिटीज से लड़ने में सहायक)

● यह लीवर के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है (लीवर रक्षक)

● यह जख्म ठीक करने में मदद कर सकता है 1

● इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं (रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाला)

● इसमें कृमिनाशक एजेंट हो सकते हैं (परजीवी कृमियों के विरुद्ध कार्य करता है)

● इसमें एंटीस्पास्मोडिक क्षमता पाई जाती है (मांसपेशियों की ऐंठन में आराम पहुंचाता है)

● यह कवक (एंटीफंगल) पर प्रभावी हो सकता है

● यह मलेरिया परजीवी पर प्रभावी हो सकता है (मलेरियारोधी) 4

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पपीते के संभावित उपयोग :

संक्रमण में पपीते के संभावित उपयोग :.

पपीते के जड़ के अर्क का विभिन्न बैक्टीरिया और फंगी के विरुद्ध इसके जीवाणुरोधी गुण का पता लगाने के लिए परीक्षण किया गया था। शोधकर्ताओं के अनुसार पपीते के अर्क में स्यूडोमोनस एरुजिनोसा के विरुद्ध जीवाणुरोधी गुण पाया जाता है। पत्तियों के अर्क सभी ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया के विरुद्ध अधिक प्रभावशाली होते हैं। 1

एस्चेरिचिया कोलाई, स्टैफिलोकोकस ऑरियस और कैंडिडा अल्बिकन्स के विरुद्ध पपीते की पत्तियों के अर्क की प्रभावकारिता की जांच के लिए परीक्षण किया गया था। 1 एक अन्य अध्ययन से एस ऑरियस, बैसिलस सबटिलिस, पी एरुजिनोसा और ई कोलाई के विरुद्ध पपीते की पत्तियों के संभावित जीवाणुरोधी गुणों का पता चला। शोधकर्ताओं के अनुसार हरे कच्चे पपीते के फल के अर्क में पी एरुगिनोसा और ई कोलाई के विरुद्ध जीवाणुरोधी पाए जाते हैं। 1

माइक्रोस्पोरम फुलवम, कैंडिडा अल्बिकन्स और एस्परगिलस नाइजर के विरुद्ध पपीते के विभिन्न अंगों के अर्क के एंटीफंगल गुण के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त हुए हैं। 3 पपीते की मसली हुई पत्तियों में अधिकांश फंगी के विरुद्ध एंटीफंगल गुण होने की संभावना है। पपीते की पत्तियों का जूस डेंगू से होने वाले बुखार में प्राकृतिक औषधि का कार्य कर सकता है। पपीते में पाए जानेवाले एक जैवसक्रिय अवयव फ्लेवोन्वाएड के डेंगू वायरस के विरुद्ध एंटीवायरल गुण का पता चला है। 3

डायबिटीज में पपीते के संभावित उपयोग :

अफ्रीका के कई समाजों में पपीते का उपयोग लम्बे समय से डायबिटीज मिलिटस के उपचार में किया जाता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि पपीते के पौधे के कुछ भाग मनुष्यों और पशुओं दोनों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में सहायक हो सकते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि पपीते की पत्तियों के अर्क में हाइपोग्लाईकेमिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) प्रभाव होता है। 3

इसी तरह, पके हुए पपीते के बीज के अर्क में डायबिटीज से लड़ने वाले गुण होते हैं जो एनिमल मॉडल में खाली पेट में ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों को संभावित इलाज के लिए हरा पपीता के सेवन का भी परामर्श दिया गया है। 3 यद्यपि इसके सटीक क्षमता के बारे में पता लगाने के लिए अभी और शोध किये जाने की ज़रूरत है। डायबिटीज के सही निदान और उपचार के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।

लीवर के लिए पपी ते का सभावित उपयोग :

जानवरों पर किए गए विभिन्न शोधों में लीवर की सुरक्षा करने में पपीता के फल के अर्क के संभावित गुणों का पता चला है। जिन जानवरों को पपीते के अर्क दिए गये थे उनमें लिपिड पेरोक्सिडेशन, टोटल बिलीरुबिन, सीरम एंजाइम के निम्न स्तर पाए गये थे। 3

एनिमल मॉडल में पपीते के डंठल के अर्क के लीवर को सुरक्षित रखने की क्षमता का भी परीक्षण किया गया था। टैनिन, अल्कलॉइड और सैपोनिन जैसे जैव सक्रिय पदार्थों की उपस्थिति लीवर के रोग में पपीते के पारंपरिक रूप से उपयोग किये जाने को सही ठहराते हैं। 3 यद्यपि और शोध किये जाने की ज़रुरत है।

अल्सर में पपीते का संभावित उपयोग :

कई अध्ययनों से पता चला है कई पपीते की पत्तियां और बीज पेट और आंत के अल्सर में फ़ायदेमंद होते हैं। जानवर पर किये  गये अध्ययन से पता चला है कि पपीते के बीज के अर्क पेट की एसिडिटी और गैस्ट्रिक जूस की मात्रा तथा एसिडिटी को घटा सकते हैं जिससे अल्सर होने की संभावना नहीं रहती तथा ये पेट की रक्षा करने वाले एजेंट के रूप में काम करते हैं। 3 इन संभावित परिणामों की पुष्टि के लिए और शोध किये जाने की ज़रूरत है।

मलेरिया में पपीते के संभावित उपयोग :

पपीते की पत्तियों के अर्क ने पी. फाल्सीपेरम के विरुद्ध मलेरियारोधी क्षमता प्रदर्शित की है और पर्यावरण अनुकूल मच्छर विकर्षक (repellent) के रूप में इसका उपयोग में किया जा सकता है।

जानवर पर किए गए अध्ययन के अनुसार, पपीते की पत्तियों के अर्क में प्लाज्मोडियम बरघेई के विरुद्ध मलेरियारोधी गुण पाए जाते हैं। 3 पपीते की पत्तियों से तैयार की गयी चाय मलेरिया के विरुद्ध असरदार हो सकती है। 3 इसके सम्पूर्ण गुणों की वैज्ञानिक तौर पर पुष्टि हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।

डायरिया में पपीते का संभावित उपयोग :

एक शोध के अनुसार कच्चे पपीते के अर्क में डायरियारोधी गुण प्रदर्शित हुआ, जबकि पके पपीते के अर्क में प्लेसीओमोनास शिगेलोइड्स के विरुद्ध डायरियारोधी गुण पाए जाते हैं। जानवर पर किए गए एक अन्य शोध में पाया गया कि पपीते के पत्ते के अर्क में एक अच्छे डायरियारोधी के गुण पाए जाते हैं। 1 यद्यपि इन दावों को ठोस तथ्य के रूप में संपुष्ट करने हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।

जख्म ठीक करने में पपीते का संभावित उपयोग :

पपीते के बीज और जड़ के अर्क के जख्म को ठीक करने की क्षमता का जानवरों पर परीक्षण किया गया था। इसके परिणाम में पाया गया कि इसके अर्क में जख्म को ठीक करने की क्षमता होती है। पपीते के लेटेक्स से इलाज करने पर जख्म के आकार में बहुत कमी पाई गई। 1

कैंसर में पपीते का संभावित उपयोग :

पपीते में पपैन नामक एक एंजाइम पाया जाता है जो कैंसर में असरदार साबित हो सकता है। पपैन में लाइकोपीन वर्णक पाया जाता है जो फ्री रैडिकल्स और ऑक्सीजन से अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है। पपीते में पाया जानेवाला आइसोथियोसाइनेट स्तन, प्रोस्टेट, अग्नयाशय, फेफड़ा, ब्लड एवं पेट के कैंसर में फ़ायदेमंद हो सकता है। 1

एक अध्ययन से पता चला है कि पपीते की पत्तियों के अर्क कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को कम कर सकते हैं और कैंसर मार्कर्स को घटा सकते हैं। त्वचा कैंसर, किडनी कैंसर और स्तन कैंसर जैसी कैंसर की विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं पर पपीते के जमीन के ऊपर के हिस्सों के अर्क का परीक्षण किया गया था। 1 एक अध्ययन के अनुसार, पके हुए पपीते की काली बीजों का प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार पर भी असर पड़ता है। 1 यद्यपि गंभीर स्थिति के कैंसर का इलाज सही तरीके से पेशेवर द्वारा किया जाना चाहिए। कृपया सम्बंधित डॉक्टर (ऑन्कोलॉजिस्ट) से संपर्क करें।

सूजन में पपीते के संभावित उपयोग :

पपीता में अल्कलॉइड्स (जैसे कोलीन और निकोटीन), फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और सैपोनिन पाए जाते हैं जो पुराने (दीर्घकालिक) सूजन पर काफी असरदार होते हैं। पपीता में पाए जानेवाले पपैन और काइमोपपैन जैसे प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स में भी सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। 1

कई जानवर प्रतिदर्शों पर पपीते की पत्तियों के अर्क के सूजनरोधी गुण का अध्ययन किया गया था। ज्ञात हुआ कि पपीते की पत्तियों के अर्क में सूजनरोधी गुण होते हैं। जानवर पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार पपीते के बीज के जलीय अर्क में भी सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। 3

रोग प्रतिरोधक क्षमता हेतु पपी ते का संभावित उपयोग

पपीते में पाए जानेवाले पपैन और चाईमोपपाई जैसे प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स में भी संभवतः रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, पके हुए और कच्चे पपीते के फल में रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं।

जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार ट्रांसजेनिक पपीता फल इम्युनोग्लोबलिन आईजीएम (एंटीबॉडी) के स्तर को बढ़ाता है जिससे रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि होती है। 1

एनीमिया में पपीते का संभावित उपयोग :

कच्चे पपीते में टाइरोसिन, ग्लाइसिन और फेनिलएलनिन जैसे एंटी-सिकलिंग (एंटी-एनीमिक) रसायन पाए जाते हैं। कच्चे पपीते में पाए जानेवाले फेनोलिक एसिड, एरोमेटिक अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट रसायन के कारण इसमें एंटी-सिकलिंग (एंटी-एनीमिक) गुण होते हैं। 2 कई अध्ययनों के अनुसार, कच्चे पपीते के फल और सूखी हुई पत्तियों में एंटी-सिकलिंग गुण पाए गए हैं और इसलिए ब्लड में लाल कोशिकाओं की कमी (sickle cell anaemia) की स्थिति में ये मददगार हो सकते हैं। 3

यद्यपि कई अध्ययनों से यह ज्ञात हुआ है कि विभिन्न बीमारियों में पपीते का उपयोग किया जा सकता है, किन्तु ये पर्याप्त नहीं हैं और मानव स्वास्थ्य पर पपीते के फायदों की सही सीमा का निर्धारण करने के लिए और अध्ययन किये जाने की ज़रूरत है।

Read in English: Plums: Uses, Benefits, Side Effects and More!

पपीते का उपयोग कैसे करें?

पपीता निम्नांकित प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है:

●     पपीते की पत्तियों का सिरप

●     पपीते की पत्तियों का टेबलेट

●     पपीते की पत्तियों का मलहम

●     पपीते की पत्तियों का कैप्सूल 4

●     पपीते का फल

●     पपीते का जूस 3

कोई भी हर्बल दवा लेने के पहले योग्य डॉक्टर से परामर्श कर लें। वे आपको आपकी ज़रूरत के अनुसार पपीते के रूप और दवा के डोज के बारे में बताएंगे। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार चल रहे किसी प्रकार के इलाज को योग्य डॉक्टर के परामर्श के बिना बंद नहीं करें या आयुर्वेदिक/ हर्बल दवा से प्रतिस्थापित नहीं करें।

पपीते के साइड इफ़ेक्ट्स:

पपीते का अत्यधिक उपयोग करने के कारण होने वाले साइड इफ़ेक्ट्स:

●     त्वचा में जलन

●     एलर्जिक रिएक्शन

●     गर्भाशय संकुचन (गर्भपात)

●     कैरोटेनीमिया (त्वचा का रंग बिगड़ना, तलवों और हथेलियों का पीला पड़ना)

●     पेट में गड़बड़ी

●     सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट (सांस लेने के दौरान सीटी की आवाज) 5

●     नाक बंद होना 5

इस प्रकार का कोई भी साइड इफ़ेक्ट्स महसूस होने पर जिस डॉक्टर ने इसे लेने का परामर्श दिया था उससे तुरंत चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें। साइड इफ़ेक्ट्स पर काबू पाने हेतु उचित इलाज के संबंध में वे आपके सर्वोत्तम मार्गदर्शक साबित होंगे।

पपीते के साथ बरती जानेवाली सावधानियां :

पपीते के दो प्राथमिक तत्व – पपैन और काइमोपपैन, गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर डालते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। 6

बच्चों और उम्रदराज व्यक्तियों पर पपीते के सुरक्षित उपयोग के संबंध में किसी प्रकार के शोध का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है। अतः इसके फायदों के लिए इसे किसी डॉक्टर की देखरेख में और उनके सलाह पर ही लिया जाना चाहिए।

अन्य दवाओं के साथ पारस्परिक क्रिया :

बहुत सारी दवाएं, जैसे मेटफॉर्मिन, ग्लाइमपेराइड (ब्लड शुगर कम करने वाली दवाएं), डाइजॉक्सिन (हृदय की स्थिति के लिए एक दवा), सिप्रोफ्लोक्सासिन (एंटीबायोटिक्स), और आर्टेमिसिनिन (एंटीमाइलेरियल) पपीते के पत्तों के साथ महत्वपूर्ण रूप से पारस्परिक क्रिया कर सकती हैं। 7

शुगर कम करने वाली दवाएं जैसे मेटफॉर्मिन और ग्लाइमपेराइड का पपीते की पत्तियों के साथ जटिल पारस्परिक क्रिया का पता चला। जब पपीते की पत्तियों के अर्क को मेटफॉर्मिन के साथ मिलाया गया तो पहले तो इसने दो घंटे बाद मेटफॉर्मिन के शुगर कम करने वाले प्रभाव को घटाया किन्तु 24 घंटे के बाद इसे बढ़ा दिया। 7

जब पपीते की पत्तियों के अर्क को आर्टीमिसिनिन के साथ मिलाया जाता है तो इसमें प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ योज्य मलेरियारोधी (मलेरिया परजीवी को मारता है) प्रभाव पैदा होता है। 7

Read in English: Coconut: Uses, Benefits, Side Effects and More!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

पपीता सामान्य तौर पर 5-30 सेमी लम्बा और पीलापन लिए हुए नारंगी रंग का एक फल होता है। फल का गूदा खाया जाता है और इसमें बहुत सारे काले बीज होते हैं। 1

एक अच्छी तरह से सूखी मिट्टी में होने वाला यह एक सामान्य पौधा है, जहां पानी का ठहराव न हो। यदि इसे अच्छी तरह से खाद डालकर उपजाऊ बनाया जाए, तो 6.5 से 7.0 पीएच मान वाली हल्की उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) मिट्टी में पपीता का पौधा बहुत तेजी से बढ़ता है। 3

पपीता में विटामिन A, C और E पाया जाता है। 1

पपीता डायबिटीज के रोगियों के लिए बढ़िया हो सकता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि पपीते के पौधे के कुछ भाग मनुष्य और जानवर दोनों में ब्लड में शुगर की मात्रा कम करने में मदद कर सकते हैं। 3 डायबिटीज के इलाज हेतु कृपया डॉक्टर से परामर्श करें तथा स्वयं चिकित्सा नहीं करें।

लीवर के लिए पपीता अच्छा हो सकता है। पपीता में उपस्थित टैनिन, अल्कलॉइड और सैपोनिन जैसे जैवसक्रिय पदार्थों के कारण लीवर की खराबी के इलाज हेतु पपीते का पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। 3 कृपया डॉक्टर से परामर्श करें। स्व-चिकित्सा न करें।

गर्भावस्था में पपीते का उपयोग सही नहीं है।  पपीते में पाए जाने वाले दो मुख्य तत्व – पपैन और काइमोपपैन का गर्भावस्था में बुरा असर हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं द्वारा पपीते का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। 5

नहीं, पपीता से ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती है। 3

बालों में पपीते की पत्तियों का अर्क लगाने से बालों में वृद्धि कर सकता है तथा यह बालों को गिरने से भी बचा सकता  है। 4

पपीते में एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणुरोधी, कैंसररोधी, गर्भनिरोधी, सूजनरोधी, अल्सररोधी, डायबिटिजरोधी, लीवर रक्षक, जख्म ठीक करने, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, एंथेलमिंथिक, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीफंगल, एनीमियारोधी, और मलेरियारोधी होते हैं। 1,2 यद्यपि इन गुणों की पुष्टि के लिए और शोध किये जाने की ज़रूरत है।

हाँ, पपीते की पत्तियां डेंगू के लिए ठीक हो सकती हैं। डेंगू से होने वाले बुखार में पपीते की पत्तियों के संभावित उपयोग का पता चला है। 3 यद्यपि इस प्रकार के दावों की पुष्टि हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।

पपीते की पत्तियों में क्वेरसेटिन, कैम्फेरोल, कैम्फेरोल 3-रूटिनोसाइड, क्वेरसेटिन 3-रुटिनोसाइड, कैम्फेरोल, माइरिकेटिन 3-रैमनोसाइड जैसे फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। 1

References:

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  • Papaya in Hindi: पपीते के 16 अद्भुत फायदे और नुकसान

Papaya Benefits and Papita Information in Hindi

Papaya Benefits and Papita Information in Hindi

Papaya Information in Hindi पपीते की जानकारी

पका पपीता ( Papaya in Hindi ) एक हल्के पीले-नारंगी रंग का मीठा और गूदेदार फल है। जो न केवल स्वादिष्ट और रसीला होता है, बल्कि बहुत ही स्वास्थ्यप्रद भी है। यह उष्णकटिबंधीय जलवायु (Tropical Climate) में पैदा होने वाला फल है। पपीते की उत्पत्ति के बारे में माना जाता है कि यह सबसे पहले दक्षिणी मैक्सिको और उसके निकटवर्ती मध्य अमेरिका में पैदा हुआ था।

पपीते का पेड़ शाखारहित होता है जिस पर बड़े-बड़े फल लगते हैं। इसके पेड़ की ऊंचाई, प्रजाति के अनुसार 2 मीटर से लेकर 7 मीटर तक हो सकती है। इसके फल के अन्दर काले रंग के गोल बीज पाये जाते हैं जो स्वाद में तीखे और कडवे होते हैं। एक परिपक्व पपीते का वजन 200 ग्राम से लेकर 5000 ग्राम तक हो सकता है।

आज Papaya लगभग हर ट्रोपिकल और सब-ट्रोपिकल कंट्री में उगाया जाता है। नमी के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील (Frost-sensitive) होने के कारण यह अधिक नमी वाले स्थानों पर पैदा नहीं हो सकता है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं, जो अकेले ही सम्पूर्ण विश्व के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत पपीता पैदा करता है। सन 2017 में भारत ने 55 लाख टन पपीता उत्पन्न किया था।

Papaya Fruit in Hindi अद्भुत फल है पपीता

Papaya, कैरिकासिये परिवार (Caricaceae Family) का सदस्य है। इसका वानस्पतिक नाम, कैरिका पपाया (Carica Papaya) है। आयुर्वेद के अनुसार पका पपीता, पित्तवर्धक, सुपाच्य, रेचक और वात-दोष का शमन करने वाला होता है। पपीता एक विशेष प्रकार के एंजाइम पेपेन (Papain) से भरपूर होता है जो कि Digestion में विशेष रूप से सहायक माना गया है।

पपीते के छिलके, गूदे और बीजों में कई तरह के फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) पाये जाते हैं जिनमे कैरोटिनोइडस (Carotenoids) और पोलीफिनोल्स (Polyphenols) भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें बेन्जिल आइसोथिओसायनेट्स (Benzyl Isothiocyanates) और बेन्जिल ग्लूकोसिनेटस (Benzyl Glucosinates) भी पाये जाते है, जिनका स्तर फल पकने के दौरान बढ़ जाता हैं।

कई वैज्ञानिक अध्ययनों में पपीते के वायरसरोधी (Antiviral), जीवाणुरोधी (Antibacterial), कृमिनाशक (Antiprotozoal), फफूंदनाशक (Antifungal), शोथरोधी (Anti-inflammatory), कैंसररोधी (Antitumor), तनावरोधी (Antihypertensive), घाव ठीक करने वाले (Wound Healing), नाडी संरक्षक (Neuroprotective), मूत्रल (Diuretic), गर्भनाशक (Abortifacient), उर्वरतारोधी (Antifertility), हाइपोग्लाईसेमिक (Hypoglycemic), और हाइपोलिपिड़ेमिक गुणों (Hypolipidemic Properties) के बारे में पता चला है।

Nutritional Facts about Papaya Fruit in Hindi

यह हैं पपीते में उपस्थित पोषक तत्व.

पपीते की इतनी अधिक जैविक क्रियाओं (Biological Activities) के पीछे इसके उन अनोखे फाइटोकेमिकल्स का हाथ है, जिनमे फ्लेवेनोइड (Flavonoids), और पोलीफिनोल्स (Polyphenols), एल्कालोइड्स (Alkaloids), ग्लाईको साइड्स (Glycosides), ट्रिटरपेनेस (Triterpenes), लेक्टिन्स (Lectins), सैपोनिंस (Saponins), पालीसैक्राइड्स (Polysaccharides) और अनेकों विटामिन, मिनरल, एंजाइम और प्रोटीन शामिल हैं।

100 ग्राम पपीते के गूदे में (छिलकेरहित) लगभग 88 प्रतिशत पानी और 43 किलो कैलोरी उर्जा होती है। इसमें पाये जाने वाले मुख्य विटामिन्स और मिनरल्स इस प्रकार हैं –

इन तत्वों के अलावा पपीते में 20 से ज्यादा और भी अनेकों तत्व बेहद सूक्ष्म मात्रा में पाये जाते हैं। जिनमे से मुख्य हैं – बीटा कैरोटिन (274 माइक्रोग्राम), बीटा क्रिप्टोजैन्थिन (11 माइक्रोग्राम), और लुटेन-जीक्सएन्थिन (89 माइक्रोग्राम)।

Benefits of Papaya Leaves and Seeds in Hindi

पपीते का सिर्फ फल ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते, जड़ और बीज तक मनुष्य शरीर के बेहतर स्वास्थ्य के लिये और रोगों को निर्मूल करने में लाभदायक है। इनके बारे में यहाँ संक्षिप्त रूप से दिया जा रहा है –

1. पपीता शरीर की सूजन को कम करता है

Papaya has Anti-inflammatory Effects in Hindi: पपीते में पाये जाने वाले दो सबसे लाभदायक तत्व हैं – काईमोपपेन (Chymopapain) और पेपेन (Papain)। काईमोपपेन एक प्रोटियोलायटिक एंजाइम है जो कि पपीते के लेटेक्स से निकाला जाता है। इसका मुख्य उपयोग रीढ़ की हड्डी (Spine Disks) के दर्द से आराम दिलाने में होता है। इसके अलावा Papaya में एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व कॉलिन (Choline) भी पाया जाता है।

जो स्मृति, नींद और माँसपेशियों के संचालन में हमारे शरीर की सहायता करता है। यह शरीर के अंगों में आयी सूजन (Inflammaton) को कम करता है और कोशिका झिल्ली (Cellular Membrane) की संरचना को सही रखकर Nerve Impulse के संचरण में मदद करता है।

2. पपीता कई तरह के बुखार दूर करता है

Papaya Aids in Treatment of Multiple Fevers in Hindi: नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ श्रीलंका के तत्वाधान में, श्रीलंका के पेराडेनिया विश्वविद्यालय (University of Peradeniya), द्वारा किये गये एक शोध ‘Papaya Leaves and Platelets Count’ में यह सिद्ध हो गया है कि पपीते की पत्तियाँ, प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या को बढ़ाने में बेहद असरदार है।

भारतीय आयुर्वेद, पुरातन समय से ही कई प्रकार के जटिल और खतरनाक बुखारों के निवारण के लिये नीमगिलोय और पपीते की पत्तिर्यों के आसव का परामर्श देता रहा है और आज यह बात आधुनिक तरीके से भी प्रमाणित हो रही है।

पपीते की पत्तियाँ डेंगू, मलेरिया सहित कई अन्य प्रकार के बुखार के उपचार में प्रयोग की जाती हैं, क्योंकि यह प्रभावी मलेरियारोधी (Antimalarial) और प्लास्मोडीरोधी (Antiplasmodial) Activity प्रदर्शित करती हैं। यह रोगाणुओं का नाश करती हैं और इम्युनिटी को बढाती हैं। इन्हें पानी में उबालकर चाय की तरह पिया जा सकता है।

3. पपीता कैंसर ट्यूमर को फैलने से रोकता है

Papaya Prevents Cancer in Hindi: फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (University of Florida) के शोधकर्ता, डाo नाम डंग और उनके सहयोगियों ने पपीते के उन कैंसररोधी गुणों (Anticancer Properties) का पता लगाया है, जो इस जानलेवा रोग को फैलने से रोकते हैं। पपीते में लाइकोपिन जैसे कई शानदार कैंसर रोधी तत्व (Anticarcinogenic Agents) होते हैं जो कैंसर से बचाते हैं।

यह अन्य महत्वपूर्ण Carotenoids जैसे बीटा कैरोटिन (Beta-carotene) और जेंथोफिलीस (Xanthophylls) के जैव विश्लेषण (Biosynthesis) का मुख्य घटक है। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स गर्भाशय, स्तन, यकृत, फेफड़े और पैंक्रियास के कैंसर से बचाने में मदद करते हैं।

लाइकोपिन आँतों और प्रोस्टेट के कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा उन्होंने पाया है कि पपीते की पत्तियों का अर्क, इस रोग की सूचना देने वाले मुख्य Signaling Molecules, Th1-type Cytokines का उत्पादन भी काफी बढ़ा देते हैं।

4. पपीता पेट के कीड़ों को मारता है

Papaya Kills Intestinal Worms in Hindi: पपीते में उपस्थित कार्पेन (Carpaine), एल्कालॉईड शरीर के भीतर रहने वाले शत्रु परजीवियों को समाप्त करने में भी सहायक है। इसके लिये पके पपीते के बीजों को निकालकर, उन्हें सुखाकर कूट लें। इनका एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ देने से, यह आँतों में रहने वाले कीड़ों को मारकर बाहर निकाल देते हैं, ऐसा आयुर्वेद विशेषज्ञों का मत है।

Amazing Health Benefits of Papaya Fruit in Hindi

5. पपीता पाचन संस्थान के लिये सर्वश्रेष्ठ फल है.

Papaya Improves Digestive System in Hindi: पपीते का सर्वाधिक सकारात्मक प्रभाव पाचन तंत्र पर देखने को मिलता है। क्योंकि इसमें पेपेन की उच्च मात्रा पाई जाती है जो कि एक शक्तिशाली पाचक एंजाइम (Potent Digestive Enzyme) है। यह कठोर, रेशेदार प्रोटीन को तोड़कर पचाने के लिये आवश्यक है, जिसकी जरुरत माँस जैसे भारी भोजन में पड़ती है।

पपीता एक कुदरती रेचक (Natural Laxative) है, क्योंकि इसमें आसानी से पचने वाले रेशे (Easily Digestible Fiber) की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें पाया जाने वाला रेशा, पानी की उच्च मात्रा और महत्वपूर्ण एंजाइम्स न केवल आँतों की दीवारों को चिकना बनाकर उनकी चाल को बढ़ाते हैं, बल्कि मल को मुलायम बनाकर पेट को साफ़ रखने में भी प्रभावी भूमिका निभाते हैं।

Constipation यानि कब्ज, गैस, अजीर्ण, मंदाग्नि, पेट की जलन आदि अनेक समस्याओं के लिये चिकित्सक पपीते का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसके अतिरिक्त पपीते में पाये जाने वाले फोलेट, विटामिन C और विटामिन E भी आमाशय, आँतों और यकृत की अशुद्धियों को दूर करके उन्हें बल प्रदान करते हैं।

6. पपीता आँखों की ज्योति को सुरक्षित रखता है

Papaya Protects Eyes in Hindi: पपीता मैकुलर डिजनरेशन नामक आँखों की एक खतरनाक बीमारी से बचाव करने में भी कारगर है। यह रोग उम्रदराज लोगों में देखने को मिलता है। इसमें लेंस की कोशिकाएँ धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं जिससे नजर धुंधली हो जाती है तथा कुछ घटनाओं में आँखों की रौशनी भी जा सकती है। पपीते में 1828 माइक्रोग्राम लाइकोपिन पाया जाता है जो कि एक Powerful Antioxidant है।

पपीते में पाये जाने वाले Dietary Carotenoids, जिसमे बीटा कैरोटिन (Beta-carotene), लाइकोपेन और ल्यूटिन (Lutein) जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, मैकुलर डीजनरेशन के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देते है। बीटा कैरोटिन और लाइकोपिन क्रमशः गाजर और टमाटर में भी प्रचुरता से पाये जाते हैं, लेकिन इसकी सर्वाधिक मात्रा टमाटरों में पाई जाती है।

7. पपीता मधुमेह रोग को नियंत्रित करता है

Papaya Helps in Diabetes Control in Hindi: अमेरिका की वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की Food and Nutrition Research Laboratory के शोधार्थी रफत सिद्दीकी ने अपनी शोध में पाया है कि पपीता, Diabetes यानि मधुमेह को नियंत्रित करने में भी बहुत प्रभावी है। यह माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को फाइबर से भरपूर डाइट लेनी चाहिये।

क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम रखने में मदद करती है। पपीते में पाया जाने वाला रेशा सुपाच्य होने के कारण इस बीमारी की रोकथाम करने में लाभदायक है। तो आगे से आप, जब कभी फल खाना चाहें तो इस बात का जरुर ध्यान रखें।

8. पपीता हड्डियों को मजबूत बनाता है

Papaya Makes Bone Strong in Hindi: पपीता हड्डियों को मजबूत और लोचदार बनाने में सहायक है, क्योंकि इसमें विटामिन K भी पाया जाता है जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषित होने की क्षमता को बढाता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि इस विटामिन की कमी के कारण हड्डियों के टूटने या फिर गठिया (Rheumatoid Arthritis) और ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) होने की संभावना बढ़ जाती है।

16 Incredible Benefits of Papaya Fruit in Hindi

9. पपीता हाई ब्लडप्रेशर को कम करता है.

Papaya Reduces High Blood Pressure in Hindi: पपीता, अर्जुन की तरह कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर को घटाता है, क्योंकि इसमें उपस्थित प्रो-कैरोटिनोइड फायटोन्यूट्रिएंट (Pro-carotenoid Phytonutrients) शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। जिससे यह रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) की दीवारों पर जमने नहीं पाता है। चूँकि पपीता फाइबर का भी अच्छा स्रोत है, इस कारण से भी यह Cholesterol के स्तर को कम करता है।

कच्चा हरा पपीता, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के उपचार में सहायक है। क्योंकि इसमें उपस्थित कार्पेन जो कि एक अल्कोइड है, दिल के धडकने की गति कम करता है और बढ़ा हुआ रक्तचाप घटाता है। पपीते में फाइब्रिन नामक एक और महत्वपूर्ण तत्व मिलता है जो वनस्पति जगत में दुर्लभ है।

10. पपीता आपके दिल का सच्चा डॉक्टर है

Papaya Saves Your Heart in Hindi: प्लांट्स जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार पपीता ह्रदय रोगों में भी बहुत लाभदायक है। लाइकोपिन, जो एक प्रमुख कैरोटिनोइड है, पपीते में उच्च मात्रा में पाया जाता है और यह ह्रदय रोग (Cardiovascular Disease) होने के खतरे को कम करता है।

इसके अलावा यह खून के थक्के (Blood Clots) जमने के खतरे को भी कम करता है और रक्त कोशिकाओं की गुणवत्ता को बढाता है, जिससे रक्त परिसंचरण तंत्र से आसानी से प्रवाहित होता है। फाइब्रिन, दिल के दौरे (Heart Attacks) पड़ने से भी रोकता है।

11. पपीता आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है

Papaya is An Immunity Booster Fruit in Hindi: पपीता रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने के लिये एक शानदार कुदरती नेमत है। यह कई प्रकार के संक्रमण (Infections) से हमारी रक्षा करता है। क्योंकि इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स उन फ्री रेडिकल्स को समाप्त करते हैं जो शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करके रोगों को आमंत्रित करते हैं। यह तत्व चयापचय (Metabolism) के दौरान शरीर के अन्दर ही पैदा होते हैं, लेकिन आसानी से बाहर नहीं जाते।

12. पपीता मोटापे का दुश्मन है

Papaya Controls The Obesity in Hindi: पपीता मोटापे को कुदरती रूप से घटाने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें ज्यादातर सिर्फ पानी और कार्बोहाइड्रेट ही होता है। यदि मोटे लोग अपने आहार में पपीते और कुछ अन्य फलों का ही चुनाव करें और वसायुक्त भोजन न खायें, तो उन्हें अपने वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद मिल सकती है।

Papaya Khane ke Fayde in Hindi पपीता खाने के फायदे

13. पपीता चर्म रोगों के उपचार में सहायक है.

Papaya as A Skin Care Treatment in Hindi: पपीता एक शानदार Revitalizing Agent है। यही कारण है कि इसका प्रयोग कई सौदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। स्त्रियाँ इसके पके गूदे को निकालकर फेस मास्क के रूप में इसका इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि यह त्वचा की Dead Cells (मृत कोशिकाओं) को हटाकर त्वचा को साफ़ करता है और इसकी चमक को बढाता है।

सूरज की रौशनी या सनबर्न से झुलसी त्वचा पर Papaya का गूदा लगाने से आशातीत लाभ होता है। अधिकतर समय घर से बाहर रहने वाले लोगों के लिये पपीता काफी मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि यह शरीर का असमय क्षरण करने वाले फ्री रेडिकल्स से त्वचा की सुरक्षा करता है।

इसके अतिरिक्त फोड़े-फुंसियों और कील-मुहाँसों के उपचार के लिये भी Papaya एक कुदरती उपचार (Natural Remedy) है। क्योंकि इसमें उपस्थित लेटेक्स, इन पर गंदगी की उस परत को नहीं जमने देता है जो इन्हें और अधिक बढ़ा देती हैं। साथ ही यह त्वचा की आन्तरिक परतों में जाकर उसे भी शुद्ध करता है।

14. पपीता श्वसन तंत्र के रोगों में लाभदायक है

Papaya Helps in Respiratory Problems in Hindi: पपीता श्वसन तंत्र से संबंधित रोगों में भी लाभदायक है। Asthama (दमा) और ब्रोनकाइटिस (Bronchitis) रोग की आरंभिक अवस्था में इससे लाभ मिलता है, क्योंकि यह पित्त प्रकृति का होता है। यह फेफड़ों को भी बल प्रदान करता है।

15. पपीता यौन अंगों को सशक्त बनाता है

Papaya Revitalize Reproductive Organs in Hindi: कच्चा पपीता महिलाओं के प्रजनन संस्थान पर अपना अनुकूल प्रभाव डालता है। यह महिलाओं के मासिक चक्र को नियमित करता है और प्रजनन अंगों (Reproductive Organs) को उत्तेजित करके एस्ट्रोजेन हारमोन (Estrogen Hormone) के उत्पादन में मदद करता है। पपीते का जूस भी इस समस्या को दूर करने में लाभदायक हो सकता है।

16. पपीता बालों को मजबूत और चमकीला बनाता है

Papaya Boosts Hair Growth in Hindi: पपीता बालों को मजबूत और चमकीला बनाने में भी मददगार है। यदि पपीते के सिरके (Papaya Vinegar) को नींबू के रस में मिलाकर 15 से 20 मिनट तक(शैम्पू करने से पहले ) सिर पर इसका लेप लगाकर रखा जाय तो यह रूसी (Dandruff) को मारता है और बालों की सेहत सुधारता है।

Important Information about Papaya in Hindi

Side-effects of papaya in hindi पपीते के नुकसान.

1. वह लोग जिन्हें Plant Latex (लेटेक्स) से एलर्जी होती है, उन्हें पपीते से भी एलर्जी होने की संभावना हो सकती है। क्योंकि Papaya में चिटानासेस (Chitanases) नाम का एंजाइम होता है जो लेटेक्स युक्त फलों से Cross Reaction कर सकता है।

2. इसके अलावा दस्त (Diarrhoea or Dysentery) से पीड़ित व्यक्ति को भी पके पपीते का सेवन नहीं करना चाहिये। ऐसा करने से रोग और ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि इसकी प्रकृति प्रवाही होती है।

3. कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों और गर्भवती स्त्रियों को कच्चे पपीते (Raw Papaya) का सेवन ध्यानपूर्वक करना चाहिये। क्योंकि इसका पाचन भारी होने के कारण यह पेट में समस्या पैदा कर सकता है।

4. पीलिया रोग (Jaundice) की तीव्र स्थिति में पका हुआ पपीता (Ripen Papaya) नहीं खाना चाहिये। इसके स्थान पर रोगी को कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिये, जिसे खाने का तरीका हम ऊपर बता चुके हैं।

5. जिन्हें मीठे का सेवन करने के उपरांत पेट में एसिडिटी बनने की समस्या होती है वह लोग मीठे पपीते के बजाय कच्चे पपीते का प्रयोग करें, जिसके प्रयोग हम आगे देंगे।

पपीता खाते समय इन बातों का भी ध्यान रखें

पपीते का सेवन कई प्रकार से किया जाता है। इसे फल के रूप में भी खाया जा सकता है और एक औषधि के रूप में भी। शरीर की आवश्यकता के अनुरूप इसे निम्न प्रकार से खाया जाता है –

1. पेड़ की डाल पर पका हुआ Papaya सर्वश्रेष्ठ होता है। वह न मिलने पर ही कार्बाइड या दूसरे कृत्रिम तरीकों से पकाया हुआ पपीता लेना चाहिये।

2. कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों को पूरी तरह से पका हुआ पपीता, काले नमक और भूनकर पीसे गये जीरे के चूर्ण के साथ खाना चाहिये।

3. पेट से संबंधित समस्याएँ होने पर कच्चे पपीते (Raw Papaya) को भूनकर या उबालकर इसकी सब्जी बनाकर खानी चाहिये।

4. कुछ विशेष समस्याओं में खाली पेट पपीता (Papaya) खाना अधिक बेहतर रहता है।

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पपीता क्या है?

essay on papaya tree in hindi language

पपीता के उपयोग रसोई में (uses of Papaya, Papita in Indian cooking )

पपीता का उपयोग भारतीय रस, स्मूदी में किया जाता है | Papaya used in Indian Juices, Smoothies in hindi |

1.  नारियल और पपीता का पेय  एक मज़ेदार पेय है, जो गर्मी के दिनों के लिए एक आदर्श पेय है। नारियल के दूध और पपीता का संयोजन एक ठंडा पेय तैयार करता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट के लिए भी बहुत सुखद और हल्का है।

2.  टमॅटो, ऑरेन्ज, कॅरट एण्ड पपाया ज्यूस  :  स्वास्थ के प्रति सचेक को यह पेय ना केवल इसके पौषण तत्वों के लिए पसंद आएगा, लेकिन साथ ही इसके रंग और स्वाद के लिए भी। इस ज्यूस को बनाने के लिए प्रयोग किये गए फल और सब्ज़ीयों को संभाल कर चुना गया है, जो दिन भर की ज़रुरत को पुरा करने के लिए भरपुर मात्रा में विटामीन ए, सी और पाचन एन्ज़ाईम्स् से भरे है। यह बेहद संपूर्ण और पौष्टिक पेय है जो केवल 37 कॅलरी प्रदान करता है! इसमें रेशांक की मात्रा को बनाए रखने के लिए, ज्यूस छानने के लिए बड़े छेद वाली छन्नी चुनें।

3.  ऑरेंज पपाया ड्रिंक रेसिपी  | ऑरेंज पपाया जूस | हेल्दी पपीता जूस | पपाया संतरे का जूस | papaya orange drink in hindi |

पपीता बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाता है | papaya used for babies and toddler recipes in hindi 

1.  बच्चों के लिए पपीता प्यूरी रेसिपी  | 6 महीने के शिशु के लिए पपीता प्यूरी | बच्चों के लिए पपीते के प्यूरी बनाने की विधि | papaya puree for babies in hindi | with 7 amazing images.  बच्चों के लिए पपीता प्यूरी रेसिपी में बड़ी संख्या में मूल्यवान पोषक तत्व होते हैं। यह पाचन में सुधार करता है, और आपके बच्चे को विटामिन ए के साथ पोषण प्रदान करता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप सही उम्र में अपने बच्चे का परिचय पपीता प्यूरी से करवाते हैं, ताकि इसके लिए एक शुरुआती पसंद विकसित हो सके।

2.  केले और पपीते की प्यूरी  - बेबी फूड रेसिपी | शिशु के लिए केले पपीते की प्यूरी | 6 महीने के शिशु के लिए बनाना एण्ड पपाया प्यूरी | 6 महीने के शिशु का बेबी फूड | banana and papaya puree for babies in hindi | with 15 amazing images.  यह स्वादिष्ट केले और पपीते को मिलाकर बनी प्यूरी भी आपके बच्चे के लिए पौष्टिक है। केला ऊर्जा से भरपुर होता है और इसलिए यह बढ़ते बच्चों के लिए पौष्टिक माना जाता है। पपीते से मिला रेशांक पाचन में मदद करता है।

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  • एंटी कोलेस्ट्रॉल शेक रेसिपी
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  • ऑरेंज पपाया ड्रिंक रेसिपी

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Papaya Eating Benefits: इन गुणों से भरा है पपीता, फायदे जान इसे खाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे आप

Benefits of papaya: स्वाद और पोषण से भरपूर पपीता कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का भंडार है, जो हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है..

Papaya Eating Benefits: इन गुणों से भरा है पपीता, फायदे जान इसे खाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे आप

Papaya Eating Benefits in Hindi: पपीता एक ऐसा फल है जिसे भारत सहित दुनिया भर में खूब खाया जाता है. खासतौर पर फिटनेस फ्रीक्स तो इसके दीवाने हैं, क्योंकि इसका स्वाद भी बहुत खास होता है. स्वाद और पोषण से भरपूर पपीता कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का भंडार है, जो हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है. आपको बता दें कि पपीते में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी9, पोटैशियम और मैग्नीशियम एक बेहतरीन स्रोत है. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, विटामिन बी1, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन ई, और विटामिन के जैसे पोषक पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पपीता खाने का सही समय और फायदे.

पपीता खाने के फायदे- Papita Khane Ke Fayde:

  1. पाचन को मजबूत करने के लिए-.

अगर आप पाचन संबंधी समस्या से परेशान हैं, तो आप अपनी डाइट में पपीते को शामिल कर सकते हैं. पपीते में मौजूद पपेन नामक एंजाइम प्रोटीन को आसानी से पचने में मदद कर सकता है.  

2. बालों को हेल्दी रखने के लिए-

स्कैल्प और हेयर टिशू को ग्रो करने के लिए आप पपीते का सेवन कर सकते हैं. पपीते में विटामिन ए मौजूद होता है और विटामिन ए सीबम को प्रोड्यूस करने वाले आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है. सीबम बालों की नमी को बनाए रखने में मददगार है.  

बालों को जड़ों से बनाना है मजबूत और काला तो पानी में मिलाकर लगा लें ये मसाला, कुछ ही दिनों में दिखेगा कमाल

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3. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए-

अगर आप भी कमजोर हड्डियों की समस्या से परेशान हैं तो रोजाना सुबह पपीते का सेवन करें. पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन के मौजूद होता है. जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देने का काम करता है जिससे हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं. 

खाने के बाद खालें ये एक चीज, बेहतर डाइजेशन के साथ कब्ज और अपच भी हो जाएंगे गायब

4. स्किन को हेल्दी रखने के लिए-

पपीता स्किन को फ्री रेडिकल से होने वाले डैमेज से बचाव करने में मददगार माना जाता है. प्रोडक्ट इतना ही नहीं ये रिंकल, फाइनलाइन, जैसी समस्याओं से बचाने में भी मदद कर सकता है.

प्रो टिप्स-

पपीते का सुबह खाली पेट सेवन सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन अगर आप रात के समय इसे खाते हैं तो सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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Papaya Eating Benefits: इन गुणों से भरा है पपीता, फायदे जान इसे खाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे आप

Home » Do You Know » पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi

पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi

यह आर्टिकल Papaya Information In Hindi  पपीता खाने के फायदे (Papaya Benefits) और जानकारी पर है। पपीता का फल जितना खाने में स्वादिष्ट लगता है, उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी है। पेट की कब्ज के लिए डॉक्टर इस फल के ज्यूस के सेवन की सलाह देते है। पपीता का सेवन अधिकतर ज्यूस के रूप में किया जाता है।

पपीता के बारे में जानकारी Papaya Information In Hindi

स्वादिष्ट पपीता ( Papaya In Hindi ) में विटामिन A और B प्रचुर मात्रा में होता है। इस फल में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में मिलता है। विटामिन C का भी यह फल अच्छा स्रोत है। इस फल में प्रचुर मात्रा में फाइबर भी मौजूद होते है। इन तत्वों के अलावा पपीता में कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है।

पपीता खाने में बेहद गुणकारी होता है। इस फल में एन्जाइम होते है जो भोजन को पचाने में सहायक होते है। ताजा पपीता ही खाना चाहिए। यह फल ज्यादा समय रहने पर खराब हो जाता है। पपीते का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

फाइबर का प्रचुर स्रोत  पपीता के पेड़ भारत के लगभग हर राज्य में पाये जाते है। पपीते के पेड़ को लगाने के लिए इसके बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। पपीते के पेड़ को गर्मियों के मौसम में लगाना चाहिए क्योंकि इसके पौधे को तेज धूप की आवश्यकता होती है। पपीते का फल इसकी पत्तियों के नीचे लगता है। पपीता का फल पकने पर पीले रंग का होता है। कच्चा पपीता हरे रंग का होता है। पपीता के फल में काले रंग के बीज होते है। बीज के ऊपर एक चिपचिपा द्रव्य होता है।

पपीता मध्य अमेरिका का मूल फल है और इसकी उत्पत्ति वही से मानी जाती है। अपने स्वाद और गुणों के कारण बहुत जल्दी ही यह पूरी दुनिया मे लोकप्रिय हो गया। पपीता पकने के बाद फल के रूप में खाया जाता है। कच्चा पपीते का उपयोग सब्जी बनाने में करते है। पपीता का उपयोग ज्यूस के रूप के भी किया जाता है।

  • यह भी पढ़िए –  आम खाने के फायदे और इसके नुकसान

पपीता खाने के फायदे Benefits Of Papaya In Hindi –

1. पपीता ( Papaya ) एक रेशेदार फल है जिसमे फाइबर मौजूद होता है। पपीता में पपेन नामक तत्व होता है जो पाचन क्रिया में लाभकारी है। इस कारण यह फल शरीर के पाचन को दुरुस्त करता है। कब्ज जैसी समस्या को खत्म करता है। बवासीर रोग में पपीता खाना लाभकारी होता है।

2. पीलिया रोग होने पर डॉक्टर पपीता खाने की सलाह देते है। पपीता पीलिया रोग में शरीर के लिये गुणकारी होता है।

3. पपीता में पाया जाने वाला विटामिन A आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। रतोंधी नामक रोग भी आंखों में नही लगता है।

4. पपीता खाने से दांत स्वस्थ और मजबूत होते है। मसूड़ों में खून आने पर पपीता का सेवन करना चाहिए जिससे राहत मिलती है।

पपीता खाने के फायदे Papita Khane Ke Fayde –

5. शरीर का वजन घटाने के लिए पपीता लाभकारी होता है। यह शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करता है।

6. पपीता खाने से शरीर मे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। पपीता खाने से दिल की बीमारी की सम्भावना कम होती है।

7. पपीता में विटामिन C पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

8. पपीता के पल्प (गुदा) को चेहरे पर लगाने पर यह दाग धब्बे और झुर्रियों को कम करता है। पपीता के गुदा को चेहरे पर लगाने पर त्वचा मुलायम हो जाती है और चेहरे पर ताजगी और स्फूर्ति आती है। कील मुंहासों को कम करता है।

9. पपीता के गुदा या इसका ज्यूस बनाकर कंडीशनर के रूप में बालों में लगा सकते है। यह बालों को मजबूत और घना बनाता है।

  • यह भी पढ़े –  स्ट्रॉबेरी फल को खाने के फायदे

पपीता के नुकसान Papaya Information In Hindi –

1. पपीता ( Papaya) खाने से फायदे तो बहुत है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते है। पपीता का संतुलित आहार फायदेमंद होता है लेकिन अत्यधिक पपीता खाना शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। Papaya In Information Hindi

2. गर्भवती स्त्री को पपीता नही खाना चाहिए क्योंकि इसमें लेटेक्स होता है। यह तत्व गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है। इसलिए गर्भवती स्त्री के पपीता खाने से गम्भीर परिणाम हो सकते है।

3. ज्यादा मात्रा में पपीता के सेवन से केरोटिनमिया नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में हथेलियों और आंखों का रंग पीला हो जाता है।

4. पपीते का अत्यधिक सेवन गुर्दे में पथरी पैदा कर सकता है।

5. दस्त की शिकायत होने पर पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए।

Note:- पपीता खाने के फायदे “Papita Khane Ke Fayde” और पपीता के नुकसान पर यह आर्टिकल Papaya Information In Hindi  कैसा लगा। यह पोस्ट “Papaya Benefits In Hindi” अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर करे।

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1 thought on “पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi”

पपीता खाने के फायदे,नुकसान के बारे में जानकारी बहोत अच्छी हेल्थ टिप्स दी।

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Papaya Tree with its permanent woody stem and sweet fruit is a widespread Indian tree. Papaya tree is basically a short lived Indian tree.
 Papaya Tree is considered as a short lived tree of India. The scientific name of Papaya tree is 'Carica Papaya' and this tree belongs to the family of 'Cariaceae'. Moreover, Papaya tree has several other names in different regional languages of the country. Like for instance, in and it is called as Papaya or Papita. Tamil speaking people call it as Pappali and in Malayalam language, papaya tree is known as Omakka. Further, papaya tree also possesses other names in English too and these names are Papaw and Tree Melon. Papaya tree is a native of tropical America but today it has become common in most parts of the east.

Papaya tree is basically a massive plant of the country and it also lacks enduring woody stem. Interestingly, papay
Milky latex that is obtained from the unripe fruit of the papaya tree has numerous medicinal uses and people consider this as one of the best vermifuges. 'Papain' is also made from the latex and is used as an ingredient in manufacturing the chewing gum. Some people claim that this milky juice has the exceptional property of hastening the decay of muscular fibres. All parts of the tree have some medicinal properties. The vapours of the papaya tree are also claimed to have separate muscular fibres. The mature fruit is considered to be good for digestive troubles and skin diseases. The seeds are also used as vermifuges. People use the unripe fruit in curries.

 
 
 
 
 
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पपीता के फायदे । What are the Benefits of Papaya in Hindi

English हिन्दी

पपीता का मतलब हिंदी में,  (Papaya Meaning in Hindi)

पपीता के फायदे

पपीता सभी फलो से अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल होता है, इसे अंग्रजी में पपाया के नाम से जाना जाता है। यह एशिया और अफ्रीका का मूल पौधा माना जाता है। हालांकि भारत में सभी जगहों पर पपीता बहुत आसानी से मिल जाता है। पपीता में बहुत से पोषक तत्व मौजूद है जो शरीर के कई स्वास्थ्य समस्या को ठीक करने में मदद करता है। पपीता के फायदे की बात करे तो दांतो को मजबूत करने में, मासिकधर्म से जुडी समस्या, गठिया, बालों के लिए फायदेमंद होती है। चलिए आज के लेख में आपको पपीते के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। 

पपीता के पोषक तत्व क्या हैं ? (Nutrition Facts of Papaya in Hindi)

पपीता खाने के क्या फायदे है (what are the benefits of eating papaya in hindi), पपीता किन लोगो को अधिक सेवन करना चाहिए (who should eat more papaya in hindi), पपीता के नुकसान क्या है (what are the side-effects of papaya in hindi), पपीता खाने का तरीका क्या है (the right way to eat papaya in hindi).

पपीता में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व है, इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, मेग्नीशियम, पोटैशियम, प्रोटीन, कैरोटीन, प्राकृतिक फाइबर इत्यादि होता है। पपीता के पौष्टिक के शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में सहायता करता है।   (और पढ़े – विटामिन ए की कमी क्या हैं)

पपीता खाने के बहुत से फायदे है। 

  • बालो के लिए फायदेमंद – पपीता बहुत ही फायदेमंद होता है। पपीता में कई तरह के खनिज और विटामिन के गुणों से भरा हुआ रहता है। पपीता की पत्तियों का रस का बालो में कंडीशनर की तरह उपयोग करके बालो को घना और लंबा बना सकते है। (और पढ़े – बालों का गिरना कम कैसे करें)
  • गठिया के दर्द को कम करें – गठिया के मरीजों को पपीता का सेवन रोजाना करना चाहिए क्योकि पपीता में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम,पोटैशियम होते है। जो हड्डियों को मजबूती करने में मदद करते है। 
  • सूजन कम करने में – शरीर में यदि किसी प्रकार का सूजन है तो पपीता का सेवन बहुत लाभदायक होता है। पपीता के पौष्टिक तत्व सूजन को कम करने में सहायता करते है। 
  • मासिकधर्म की समस्या में – लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को नियंत्रण करने के लिए पपीता का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है।  (और पढ़े – मासिकधर्म के दौरान होने वाली समस्या)
  • दांतो के लिए फायदेमंद – पपीता में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है जो दांतो के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना पपीता का सेवन करने से दांतो की समस्या नहीं होती है। 
  • वजन कम करने में – पपीता का सेवन रोजाना करने शरीर में वसा की मात्रा नहीं होती है इससे वजन नहीं बढ़ता है शरीर को संतुलित बनाये रखने में सहायता करता है। 
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने में – पपीता में मैग्नीशियम व प्रचुर मात्रा में एंजाइम होता है जो उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करता है इसलिए पपीता का रोजाना सेवन करना चाहिए।  (और पढ़े – उच्च रक्त चाप क्या हैं)
  • पाचन शक्ति के लिए – यदि शरीर की पाचन शक्ति कमजोर है तो उसे बढ़ाने के लिए पपीता का सेवन करना लाभदायक होता है क्योंकि पपीता में कई तरह के एंजाइम,खनिज व विटामिन होते है जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाते है। 
  • ह्रदय रोग के मरीजों को पपीता का सेवन करना चाहिए क्योकि पपीता के पोषक तत्व ह्रदय रोगो को कम करने में मदद करते है। 
  • जिन व्यक्तियों को आंखो से जुडी कोई समस्या है तो पपीता का सेवन बहुत लाभदायक होता है क्योकि पपीता में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। 
  • जिन व्यक्तियों को पाचनक्रिया सम्बंधित कोई समस्या है तो पपीता का सेवन अधिक करना चाहिए क्योकि पपीता में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या नहीं होने देता है। 
  • अगर किसी व्यक्ति को उच्च रक्त चाप की समस्या है तो पपीता का सेवन इलाज की तरह काम करता है इसलिए पपीता का सेवन रोजाना करना चाहिए। 
  • लड़कियों के चेहरे में यदि कील,मुंहासे की समस्या है तो पपीता का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाये और थोड़ी देर बाद चेहरे को अच्छी तरह धो ले। इससे चेहरे में रौनक आ जाएगी एव कील,मुंहासे की समस्या दूर हो जाएगी। (और पढ़े – मुंहासे के कारण क्या हैं)

पपीता के फायदे है तो कुछ मामलो में नुकसान भी हो सकते हैं। 

  • गर्भावस्था में महिलाओं को पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए यह महिला के बच्चे को हानि पंहुचा सकता है। कुछ मामलो में बच्चे की मृत्यु हो जाती है। 
  • पपीता के अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त की समस्या उत्पन्न हो जाती है। 
  • पपीता का सेवन पर्याप्त मात्रा में करने से नाक में कंजेशन, घरघराहट, दमा आदि बीमारी का शिकार होते है। 
  • अधिक मात्रा में पपीता का सेवन करने से गैस्ट्रोइटेस्टाइनल सिस्टम में पेट दर्द, ब्लेटींग की समस्या होती है। 
  • पपीता का सेवन सही मात्रा में नही करने से गुर्दे की पथरी की समस्या हो जाती है। (और पढ़े – किडनी स्टोन क्या हैं)
  • पपीता को अन्य फलो के साथ सलाद बनाकर खा सकते है। 
  • नींबू पानी के साथ पपीता को मिलाकर खा सकते है। 
  • कच्चे पपीते को आम,लाल मिर्च,एव अन्य मसालों के साथ खा सकते है। (और पढ़े – लाल मिर्च के फायदे) 
  • पपीता को अन्य फलो के रस के साथ मिलाकर पी सकते है। 
  • पपीते को छोटा छोटा टुकड़ा करके दही और केला में मिलाकर खा सकते है। 

हमें आशा है की आपके प्रश्न पपीता के फायदे का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं। 

अगर आपको पपीता का सेवन करने से स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो तुरंत पपीता का सेवन करना सीमित कर दे और अपने नजदीकी जनरल फिजिशियन डॉक्टर (General Physician) से संपर्क करे।

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Papaya Farming: बरसात के मौसम में पपीते की फसल का कैसे रखें ध्यान, जानें पूरी बात!

दरभंगा : पपीता बहुत ही संवेदनशील पौधा है. पपीता में तरह तरह के विकार देखे जाते है. पपीते में विकारों का प्रबंधन करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसमें उचित कल्चरल उपाय , मृदा प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन का ससमय प्रबंधन अत्यावश्यक है. प्रोफेसर (डॉ) एसके सिंह विभागाध्यक्ष, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी बताते हैं कि पपीते में विभिन्न विकारों के प्रबंधन हेतु निम्नलिखित उपाय करने की आवश्यकता है..

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पपीता में नाइट्रोजन की कमी की वजह से पौधों के विकास में रुकावट और पुरानी पत्तियों के पीले पड़ने के लक्षण दिखाई देते है. नाइट्रोजन की आपूर्ति यूरिया, अमोनियम सल्फेट या जैविक उर्वरकों के माध्यम से की जा सकती है.अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट का नियमित उपयोग भी नाइट्रोजन के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है.

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फास्फोरस की कमी की वजह से पपीता की पत्तियां बैंगनी रंग के साथ गहरे हरे रंग की हो जाती हैं. पौधे में धीमी वृद्धि और देरी से फल लगना भी दिखाई दे सकता है. रॉक फॉस्फेट या सुपरफॉस्फेट का उपयोग फास्फोरस की कमी को ठीक किया जा सकता है.पोटैशियम की कमी से पत्तियों के किनारे और सिरे पीले पड़ जाते हैं, जिससे पत्तियां मुड़ जाती हैं और परिगलन हो जाता है. इस समस्या को ठीक करने के लिए म्यूरेट ऑफ पोटाश या सल्फेट ऑफ पोटाश का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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इससे ब्लॉसम एंड रॉट की समस्या होती है, जिसमें फलों पर पानी से लथपथ घाव हो जाते हैं. मिट्टी में नियमित रूप से चूना डालने या कैल्शियम नाइट्रेट लगाने से इस विकार को रोका जा सकता है. मैग्नीशियम की कमी लक्षणों में पुरानी पत्तियों पर इंटरवेनियल क्लोरोसिस शामिल है. मैग्नीशियम सल्फेट (एप्सम साल्ट) का इस्तेमाल इस कमी को ठीक कर सकता है. सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पपीते में जिंक, आयरन और बोरॉन की कमी आम है.

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लक्षणों में नई पत्तियों का पीला पड़ना (आयरन की कमी), छोटी पत्तियों का रुका हुआ विकास (जिंक की कमी) और खराब फल (बोरॉन की कमी) शामिल हैं. संबंधित सूक्ष्म पोषक तत्वों का पत्तियों पर छिड़काव या मिट्टी में इस्तेमाल इन समस्याओं को दूर कर सकता है.

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पपीते के पौधे जलभराव और सूखे दोनों के प्रति संवेदनशील होते हैं. जलभराव से अधिक पानी से जड़ सड़ सकती है, जिससे पौधे मुरझा सकते हैं और अंततः मर सकते हैं. पपीता के खेत में पानी यदि 24 घंटे से ज्यादा लग गया तो पपीता के पौधों को बचाना असंभव है. जलभराव को रोकने के लिए खेत में उचित जल निकासी सुनिश्चित करें. भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में उभरी हुई क्यारियां या लकीरें कारगर हो सकती हैं.

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पपीते के विकारों के प्रभावी प्रबंधन के लिए अच्छे कल्चरल उपाय, समय पर हस्तक्षेप और फसल को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय और जैविक कारकों की समझ के संयोजन की आवश्यकता होती है. पपीते के पौधों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करके और विकारों के संकेतों पर तुरंत प्रतिक्रिया करके, उत्पादक स्वस्थ विकास और उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं.

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पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध) – Tree Essay in Hindi

essay on papaya tree in hindi language

Tree Essay in Hindi – पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं जो हमें जीवन भर साथ देते हैं। वे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। पेड़ों से हमें भोजन, दवा, आश्रय आदि मिलता है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु में सुधार करते हैं, पानी का संरक्षण करते हैं, मिट्टी को संरक्षित करते हैं और वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। पेड़ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को जीवंत और सुखद बनाते हैं। वे तापमान बनाए रखते हैं और परिवेश को ठंडा रखते हैं।

पेड़ों का महत्व

जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का महत्व बहुत अधिक है। हमारे स्वास्थ्य से लेकर निवास तक हर जगह पेड़ों का महत्व देखा जा सकता है। पौधों के रस से कई औषधियां तैयार की जाती हैं। लगभग सभी रोगों का उपचार करने वाला आयुर्वेद पेड़-पौधों पर आधारित है। हमारे घर के लिए सुंदर फर्नीचर लकड़ी से बने होते हैं जो हमें पेड़ों से मिलते हैं। पेड़ पृथ्वी पर कई वन्यजीवों को आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई उद्योग जैसे फर्नीचर, लुगदी और कागज, डेंड्रो बायोमास बिजली उत्पादन उद्योग आदि पेड़ों पर आधारित हैं। ये उद्योग हर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इस प्रकार देश के विकास में मदद करते हैं।

वृक्ष पर निबंध 10 लाइन (Tree Essay 10 lines in Hindi)

  • पेड़ पृथ्वी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • वे कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन के बिना इंसान 2 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता है।
  • हजारों प्रकार के पेड़ हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक देश में पौधे और पेड़ हैं।
  • पेड़ पर्यावरण को ठंडा रखते हैं। ये हानिकारक गैसें लेकर हवा को भी साफ करते हैं।
  • वृक्षों द्वारा दी गई रुई का उपयोग मनुष्य द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बनाने में किया जाता है।
  • वे हमें लकड़ी देते हैं जिसका उपयोग किताबें, खिड़कियां बनाने और जलाने के लिए भी किया जाता है।
  • पेड़ हमें सेब, आम, केला, संतरा, कीवी आदि फल देते हैं।
  • बहुत से पेड़ो का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है जो हमें बिमारियों से दूर रखती है।
  • जंगल हजारों जानवरों जैसे शेर, बाघ, हिरण, बंदर आदि का घर हैं।
  • हम पेड़ों के बिना नहीं रह सकते। इसलिए हमें हमेशा पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi)

पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि एक ठोस और अच्छी तरह से जीवन देने वाला एक पेड़ सबसे महत्वपूर्ण कोण है।

आजकल लोग बड़े चाव से पेड़ों को काट रहे हैं; अगर यह जारी रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास कोई पेड़ नहीं बचेगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारी सांसों के लिए जरूरी है।

दरअसल, पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोक सकते हैं। इसलिए, हमें पेड़ों के महत्व को समझना चाहिए, और जब भी हम किसी एक को काट रहे हों, हमें एक पेड़ लगाना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 150 शब्द (Tree Essay 150 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी मृत और शुष्क हो जाएगी। किसी भी तरह से पानी नहीं होगा, बारिश नहीं होगी और जंगल नहीं होगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, जमीन से उपजे खाद्य पदार्थ ज्यादा देते हैं। वे लगभग 10,000 प्रकार के पक्षियों के लिए एक घर के रूप में भी काम करते हैं – पेड़ वनों का निर्माण करते हैं। पेड़ों के बिना जंगल नहीं होगा।

लोगों और जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दरअसल, मछलियों को भी अपने गलफड़ों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पेड़ उस ऑक्सीजन को बनाते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन (O2) देते हैं। दो बड़े पेड़ आपके परिवार के लिए एक साल का ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं। पेड़ों के बिना जीवन नहीं होगा।

उड़ने वाले जीवों का घर पेड़ों पर होता है। यह उनका मुख्य घर है। ये अतिरिक्त रूप से पेड़ों से भोजन प्राप्त करते हैं। लोग पेड़ों द्वारा दिए गए प्राकृतिक उत्पादों को भी खाते हैं। साथ ही इसे बाजार में नगद में बेच देते हैं। कुछ पेड़ हमें दवा, तेल और इलास्टिक आदि देते हैं। पेड़ बारिश के दौरान गंदगी को पकड़ कर रखते हैं।

वृक्ष पर निबंध 200 शब्द (Tree Essay 200 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए भगवान का सबसे प्रमुख आशीर्वाद हैं। वे ऑक्सीजन, भोजन, आश्रय और वर्षा देते हैं। पेड़ अतिरिक्त रूप से हवा को चैनल करते हैं और इसे स्वच्छ बनाते हैं। वृक्षों की जड़ें गन्दगी को बाँधकर उत्तम रखती हैं। पंख वाले जानवरों और प्राणियों के लिए, एक पेड़ एक घर जैसा दिखता है। यह एक विशिष्ट रूफटॉप ओवरहेड जैसा दिखता है।

पेड़ों के बिना, पक्षियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनके पास घर जाने और अंडे देने के लिए कोई जगह नहीं होगी। जल्द ही, इनमें से हर एक जीव धूल खाएगा। वे गर्मियों में पेड़ों के नीचे आराम करते हैं और इसी तरह बारिश से छिप जाते हैं। जीव और पंख वाले जानवर पेड़ों के उत्पाद खाते हैं: पेड़ पक्षियों और छोटे जीवों को उनके शिकारियों से बचाते हैं।

पेड़ तब तक हमारी मदद करते हैं जब तक वे खुद जीवित रहते हैं। वे इसी तरह तापमान की निगरानी में मदद करते हैं। ये गर्मियों में हवा को ठंडा करने में मदद करते हैं। हाथी और अन्य जीव पेड़ों की पत्तियों को खाते हैं।

जब वे गुजरते हैं तो वे किसी भी घटना में उपयोगी होते हैं। इनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसे खाना बनाने और गर्म करने के लिए तला जाता है। गिरी हुई पत्तियाँ कमाल की खाद हैं। पेड़ कई सालों तक जीवित रहते हैं और हमारी मदद करते हैं। जितनी संख्या में अनुमति मिल सकती है, उतनी संख्या में हमें पौधे लगाने चाहिए। हमें भी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे जीवित रहने देना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 250 शब्द (Tree Essay 250 words in Hindi)

पेड़ विभिन्न आकृतियों और आकारों में आते हैं। कुछ विशाल होते हैं जबकि कुछ छोटे होते हैं, कुछ मोटे होते हैं और अन्य के तने सख्त होते हैं। दूसरे के तने सुन्दर और नाजुक होते हैं। कुछ मिट्टी के उत्पाद फूल देते हैं। जो भी हो, उनमें से प्रत्येक एक आशीष है—एक आशीष परमेश्वर ने हमें लक्ष्य दिया है कि हम विश्राम कर सकें।

हम चारों ओर ध्यान देने योग्य लेते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। वही ऑक्सीजन जो पेड़ पैदा करते हैं। क्या हम बिना ऑक्सीजन के रह पाएंगे? उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं है। यह उत्तर स्पष्ट करता है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़ कितने महत्वपूर्ण हैं। वे दुनिया के जीवन भावनात्मक रूप से सहायक नेटवर्क हैं।

पेड़ों का भी असाधारण व्यापारिक सम्मान है। कागज बनाने के लिए पेड़ों की लकड़ी के मैश का उपयोग किया जाता है। उनका उपयोग खिड़कियां और प्रवेश द्वार बनाने के लिए किया जाता है। पेड़ बारिश के दौरान पानी रोकते हैं। यह पानी एक भूमिगत जल भंडार को भरता है। वे वैसे ही मिट्टी को बचने से रोकते हैं।

पेड़ स्कूलों में बच्चों को छाया भी देते हैं। ब्रेक के दौरान युवा पेड़ों के नीचे बैठकर खेलते हैं। पेड़ किसी स्थान को अद्भुत बनाते हैं। वे अशांति और संदूषण को कम करते हैं। पेड़ भी धूल को रोककर हवा को साफ रखते हैं।

पेड़ पंख वाले जीवों, गिलहरियों और कीड़ों के लिए घर हैं। पेड़ परिसंचरण तनाव और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पुराने पेड़ों में खोखले होते हैं जिनमें छोटे जीव और उड़ने वाले जीव रहते हैं। पेड़ कई सालों से हमारी मदद करते आ रहे हैं। कुछ धर्म पेड़ों को भगवान के रूप में मानते हैं। वे पेड़ के नीचे पूजा करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। हम सभी को एक पेड़ के बारे में सोचना चाहिए और दूसरा पौधा लगाना चाहिए। अच्छा होगा कि आप अपने घर में एक पौधा लगाएं। सड़क के किनारे एक और पेड़ लगाने से दूसरे लोगों को मदद मिलेगी।

पेड़ पर निबंध 300 शब्द (Tree Essay 300 words in Hindi)

पेड़ जीवित प्राणियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें जीवन के दो आवश्यक घटक प्रदान करते हैं जो भोजन और ऑक्सीजन हैं। इनके अलावा, पेड़ भी मनुष्य को कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार उन्हें जीवन का सबसे आवश्यक हिस्सा माना जाता है।

पेड़ और पौधे ही हैं जो CO2 ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सबसे आवश्यक तत्व है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग की ओर ले जाती है। अत: प्रकृति का यह चक्र पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए वनीकरण से हवा शुद्ध होगी और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिलेगी।

वृक्ष एक समृद्ध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भी ले जाता है जिसमें पशु, पक्षी, कीड़े और कई अन्य जीवित प्राणी अपने अस्तित्व और जीवन के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ खाद्य श्रृंखला के निचले भाग में मौजूद होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। इस प्रकार, वे बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं पेड़ों से बनाई जाती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में पानी के संतुलन को भी बनाए रखते हैं, पेड़ों की जड़ें इस तरह से बनाई जाती हैं कि यह मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखता है और बारिश और बाढ़ के दौरान इसे बहने नहीं देता है, इसलिए ये मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं।

पेड़ हवा और भोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं और प्रकृति की सौंदर्य सुंदरता में भी योगदान करते हैं। लोग पेड़ों की गोद में आनंद लेते हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं एक महान तनाव बस्टर है और लोगों को अच्छा और सक्रिय महसूस कराती है। पेड़ चिलचिलाती गर्मी में छाया भी देते हैं और हमें अपनी शांत और ठंडी हवा से राहत देते हैं।

इसलिए पेड़ मानव जीवन का अहम हिस्सा हैं। वे दवा और लकड़ी उद्योग में इसके विभिन्न उपयोगों के कारण देश के आर्थिक विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान के ऐसे सुंदर प्राणियों को संरक्षित करें और इस प्रकार हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और पेड़ों के लिए हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना चाहिए।

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पेड़ों पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पेड़ हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं.

पेड़ महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सबसे महान पौधों के रूप में, वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, कार्बन जमा करते हैं, गंदगी को संतुलित करते हैं और दुनिया के प्राकृतिक जीवन को जीवन प्रदान करते हैं।

यूके में सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पेड़ कौन से हैं?

सिल्वर बर्च, ओक, बर्च और स्वीट चेस्टनट ब्रिटेन में पाई जाने वाली सबसे बुनियादी वृक्ष प्रजातियाँ हैं।

पेड़ों में क्या होता है?

पेड़ चीनी के कण बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बन का उपयोग करते हैं। वुडी टिश्यू और पेड़ों की छाल में पेड़ के बायोमास का विशाल बहुमत शामिल होता है। लकड़ी और छाल सेल्युलोज के बने होते हैं।

पृथ्वी पर पहला पेड़ कौन सा था?

पहला पेड़ वाटिज़ा था, जिसके जीवाश्म 2007 में न्यूयॉर्क राज्य में पाए गए थे, जो मध्य डेवोनियन (लगभग 385 मिलियन वर्ष पूर्व) में वापस जा रहे थे।

पपीते पर 10 वाक्य [निबंध] | 10 Lines on Papaya in Hindi

आज हम पपीते पर निबंध लेकर आये हैं जो की अलग-अलग पॉइंट्स में लिखे गये हैं। आप स्कूलों में पूछे जाने वाले सवाल जैसे पपीते पर पांच वाक्य, 10 वाक्य या 10 lines essay on Papaya in Hindi आदि के जवाब देने के लिए इस जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

10 Lines on Papaya in Hindi

10 Lines on Papaya in Hindi -पपीते पर 10 लाइन निबंध

  • पपीता एक मीठे स्वाद वाला फल है।
  • पपीते का आकार अन्य फलों की तुलना में बड़ा होता है।
  • पपीता का रंग पीला, नारंगी और हरा होता है।
  • पका हुआ पपीता अंदर से नारंगी और पीला दिखाई देता है।
  • पपीते के अंदर कई सारे काले रंग के बीज पाए जाते हैं।
  • पपीता हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
  • पपीता में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
  • पपीता का पेड़ तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है जो की 8-10 महीने में फल देने के लिए तैयार हो जाता है।
  • भारत में सबसे अधिक मात्रा में पपीता का उत्पादन होता है।
  • पपीते का आंध्रप्रदेश, कर्णाटक और गुजरात में सबसे अधिक पैदावार होता है।

पपीते पर पांच वाक्य – 5 Lines on Papaya in Hindi

  • पपीता एक बड़े आकार वाला स्वादिष्ट फल है जो की खाने में मीठा होता है।
  • कच्चे पपीते का उपयोग सब्जी के रूप में भी किया जाता है।
  • पपीता खाने से हमें विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं यह हमारे सेहत के लिए लाभकारी होता है।
  • पपीता खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
  • पपीते के पेड़ में लकड़ी नही होती वह ज्यादा मजबूत नही होता। इसके पेड़ पर हलके पीले रंग के फूल भी लगते हैं।

आपको पपीते पर लिखे गये वाक्य और जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं।

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Hindi Essay

पपीते पर 10 वाक्य | 10 Sentences on Papaya in Hindi

10 sentences on papaya in hindi.

10 Sentences on Papaya in Hindi | पपीते के बारे में 10 वाक्य कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए, पपीता देखने में बहुत की आकर्षक लगता है साथ ही पका हुआ फल देखने में पीला और खाने में स्वादिष्ट होता है। यह विटामिन से भरा हुआ एक बेहतरीन स्रोत है जो शरीर के लिए कई मायनो में फायदेमंद होता है। आइये जानते है इसके कुछ और विशेषताएं, पपीते के बारे में 10 वाक्य।

Set (1) 10 Sentences on Papaya in Hindi

1. पपीता एक पेड़ की तरह एक बड़ा पौधा है और यह आमतौर पर बिना शाखाओं के होता है।

2. पपीता के तने में ज्यादा लकड़ी नहीं होती है और यह अपनी मृत्यु तक हरा और नरम रहता है।

3. इसका तना 5 से 10 मीटर लंबा होता है, जिसके ऊपर सभी पत्तियाँ होती हैं।

4. पपीता की पत्तियाँ बड़ी और 50-70 सेमी चौड़ी होती हैं।

5. इसका फल आमतौर पर अंडाकार से लगभग गोल होता हैं और कुछ मामलों में, एक बड़े नाशपाती की तरह दीखता है।

6. इसके फल 15-50 सेंटीमीटर लंबे और 10-20 सेंटीमीटर चौड़े होते हैं, और उनका वजन 9 किलो तक हो सकता है।

7. पपीता के फल का छिलका पतला और सख्त होता है।

8. इसके कच्चे फल का छिलका हरा होता है और पके फलों में यह पीले रंग में बदल जाता है।

9. पपीते के पके फल में, गूदा पीला,गुलाबी, नारंगी, और हल्का लाल भी होता है।

10. पपीते के फल के अंदर कई छोटे काले बीज होते हैं।

ये भी देखें – 10 Lines on covid-19 fighters in Hindi

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Set (2) 10 Lines on Papaya in Hindi

1. पपीता आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है।

2. यह विटामिन ए, बी, सी और राइबोफ्लेविन का अच्छा स्रोत है। 

3. पके हुए पपीते का छिलका और बीज निकाल कर ताजा खाया जाता है।

4. पपीते के फलों को सलाद के लिए उन्हें छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और अन्य फलों के साथ भी मिलाया जाता है।

5. पपीता का फल मीठा और खाने में स्वादिष्ट होता है।

6. उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पपीते का रस, छिलका और बीज निकाल कर लेना बहुत पसंद किया जाता है।

7. कच्चे पपीते का रंग हरा और पके हुए पपीता का रंग पीला होता है।

8. कच्चे पपीते कुछ एशियाई देशों में सलाद, करी और सूप में खाए जाते हैं।

9. हरे पपीते को सब्जी के रूप में भी सेवन किया जाता है।

10. पपीते के बीज काली मिर्च का एक बेहतरीन विकल्प है और इसका स्वाद चटपटा होता है।

ये भी देखें – 10 Lines on cartoon in Hindi

********************************************

Q&A. on Papaya in Hindi

आप पपीते के फल का वर्णन कैसे करते हैं.

उत्तर – यह एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो एक अंडाकार या नाशपाती के आकार का होता है, इसका फल 10 से 20 सेमी के बीच होती है और आमतौर पर इसका वजन 1 से 2 किलो ग्राम के बीच होता है, हालांकि इसका इससे भी ज्यादा हो सकता है। यह हरे पीले और नारंगी रंग रंग का होता है। इसका गूदा मीठा और बहुत रसदार होता है।

पपीता किस प्रकार का पेड़ है?

उत्तर – पपीता पूरे विश्व में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मौजूद होता है। यह एकल ट्रंक वाला बड़ा, अल्पकालिक बारहमासी पौधा  30 फीट यही 9 मीटर तक पहुंच सकता है।

पपीता कब तक बढ़ता है?

उत्तर – एक पपीते का पेड़ प्रति बढ़ते मौसम में 100 फल तक पैदा कर सकता है। इसके पौधे तीसरे से चौथे महीने में फूलने लगते हैं जो गर्म मौसम में सात से नौ महीने में और ठंडे मौसम में 9 से 11 महीने लगते हैं।

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10 Lines on Papaya in Hindi

In this article, we are providing 10 Lines on Papaya in Hindi & English. In this few / some lines on Papaya, you will get a few sentences about Papaya in Hindi. A short essay on Papaya. हिंदी में पपीता पर 10 वाक्य। सभी फलों में पपीता मुझे सबसे अधिक प्रिय है। यह अत्यंत मीठा स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक फल है। पपीता की उत्पत्ति मेक्सिको और मध्य अमेरिका में हुई। पपीते का वैज्ञानिक नाम कैरिका पापाया होता है। पपीते के फल के अंदर कई छोटे काले बीज होते हैं। पपीते का गूदा नारंगी, गुलाबी और हल्का लाल होता है। पपीता में पांच पंखुड़ियों वाले सफेद फूल विकसित होते हैं। पपीते को छिलके और बीजों को निकालकर खाया जाता है। पपीते के बीजों का स्वाद कालीमिर्च जैसा होता है। कुछ देशों में काली मिर्च के जगह पपीते के बीजे प्रयोग जाते हैं।

10 Lines on Papaya in Hindi

  • सभी फलों में पपीता मुझे सबसे अधिक प्रिय है। 
  • यह अत्यंत मीठा स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक फल है। 
  • पपीता की उत्पत्ति मेक्सिको और मध्य अमेरिका में हुई। 
  • पपीते का वैज्ञानिक नाम कैरिका पापाया होता है। 
  • पपीते के फल के अंदर कई छोटे काले बीज होते हैं। 
  • पपीते का गूदा नारंगी, गुलाबी और हल्का लाल होता है। 
  • पपीता में पांच पंखुड़ियों वाले सफेद फूल विकसित होते हैं। 
  • पपीते को छिलके और बीजों को निकालकर खाया जाता है। 
  • पपीते के बीजों का स्वाद कालीमिर्च जैसा होता है। 
  • कुछ देशों में काली मिर्च के जगह पपीते के बीजे प्रयोग जाते हैं। 
  • पपीता विटामिन ए, आयरन और कैल्शियम का एक स्रोत है। 
  • पपीते के पत्तों का उपयोग मलेरिया के उपचार में किया जाता है। 
  • पपीते की पत्तियां बड़ी-बड़ी व सात पालियों में विभाजित होती हैं।
  • बड़ा होने पर पपीते का पेड़ 30 फीट तक ऊँचा हो सकता है। 
  • पपीते के तने और छाल का उपयोग रस्सियों के बनाने में किया जाता है।

10 Lines on Papaya in English

  • Papaya is the most beloved of all fruits.
  • It is a very sweet and delicious fruit.
  • Papaya originated in Mexico and Central America.
  • Papaya's scientific name is Carika Papaya.
  • There are many small black seeds inside the fruit.
  • The papaya pulp is orange, pink and light red.
  • Papaya flowers have 5 cream-white to yellow-orange petals 
  • Papaya is eaten after peeling and removing seeds.
  • The taste of papaya seeds is like black pepper.
  • In some countries, papaya seeds are used instead of black pepper.
  • Papaya is a source of vitamin A, iron and calcium.
  • Papaya leaves are used to treat malaria.
  • Papaya leaves are divided into large and seven shifts.
  • When fully grown, papaya tree can be up to 30 feet high.
  • The papaya stems and bark are used to make ropes.

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पेड़ों का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Trees in Hindi

Essay on Importance of Trees in Hindi : दोस्तों आज हमने पेड़ों का महत्व पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. वर्तमान में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पृथ्वी का वातावरण बुरी तरह से प्रदूषित हो चुका है.

इसलिए हमने इसमें बताया है कि पेड़ों की सहायता से कैसे हम प्रदूषित वातावरण को ठीक कर सकते है और पेड़ हमारे जीवन में किस प्रकार से महत्व रखते है.

यह निबंध हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिसे प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा में निबंध लिखने में आसानी हो.

Essay on Importance of Trees in Hindi

Get Essay on Trees in Hindi under 150, 250, 500 and 1100 words for Student

Essay on Importance of Trees in Hindi 100 Words

पेड़ हमारे जीवन के साथी है यह हमें जीवन जीने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर के प्राण वायु ऑक्सीजन उपलब्ध करवाते है.

अगर पेड़ नहीं होंते तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता, पेड़ की हमारी प्रकृति है जो की पूरी पृथ्वी को हरा भरा और खुशहाल बना कर रखते है.

पेड़ जीवन भर हमें कुछ ना कुछ देते ही रहते है, फिर भी हम अपने निजी स्वार्थ के लिए पेड़ों को काट देते है. आज यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जो पेड़ हमें जीवन दे रहे है हम उन्हीं को नष्ट करने पर तुले हुए है.

अगर हमें पृथ्वी को बचाए रखना है तो अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे.

Importance of Trees in Hindi 250 Words

पेड़ प्रकृति का अनमोल उपहार है , पेड़ों के कारण ही इस हरी भरी पृथ्वी और हमारा जीवन खुशहाल है. पेड़ सच्चे योद्धा है जो जन्म से ही हमारे लिए प्रदूषण से लड़ते रहते है और हमें स्वच्छ व सुंदर पर्यावरण देते है.

पेड़ हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से है ये चल फिर नहीं सकते लेकिन इंसानों की तरह श्वास ले सकते है. पेड़ प्रदूषण वाली जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करते है.

पेड़ जीवन भर हमें खाने के लिए फल और अनाज, बारिश भी इन्हीं की वजह से होती है जिससे हमें पीने को जल मिलता है, कपड़े, ईंधन के लिए लकड़ी, कागज, रबर, बीमारियों को दूर करने के लिए जड़ी बूटियां, गर्मियों में ठंडी छांव देते है.

बारिश के दिनों में भूमि के कटाव को रोकते है , पेड़ों के पत्तों से भूमि उपजाऊ हो जाती है, पेड़ अन्य जीव जंतु को रहने के लिए घर के समान स्थान देते है और अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा भी इन्हीं की देन है.

लेकिन धीरे-धीरे जब से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण बढ़ा है वैसे वैसे मानव द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है जिसके कारण पड़ते का प्राकृतिक संतुलन गड़बड़ा गया है.

शहरों में पेड़ नहीं होने के कारण वहां पर वर्षा कम होती है और वायु प्रदूषण भी अधिक मात्रा में रहता है. अगर पेड़ों की कटाई निरंतर इसी गति से चलती रही तो वह दिन दूर नहीं है जब पृथ्वी का विनाश हो जाएगा.

पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है इसलिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे जिससे हमारा आने वाला भविष्य सुरक्षित और स्वच्छ हो.

Essay on trees in Hindi 500 Words

प्रस्तावना –

पेड़ प्रकृति की अनुपम देन है, पेड़ एक देश की बहुमूल्य संपदा होते है इन्हें हरा सोना भी कहा जाता है. जहां पर पेड़ अधिक मात्रा में होते है वहां की जलवायु स्वच्छ और सुंदर होती है.

साथ ही वहां पर जीवन जीने के लिए बहुत अधिक खनिज संपदा उपलब्ध होती है. हमारे भारत देश में तो पेड़ों की पूजा की जाती है उनको उतना ही मान सम्मान दिया जाता है जितना कि किसी मनुष्य को दिया जाता है.

लेकिन जब से हमने पश्चिमी सभ्यता को अपनाना शुरू किया है और शहरीकरण जैसे बढ़ रहा है उसके कारण पेड़ों की कटाई बहुत तेजी से हो रही है जिस तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है तेजी से पेड़ों को पुनः नहीं लगाया जा रहा है.

यह सिर्फ हमारे देश में ही नहीं हो रहा यह पूरे विश्व में हो रहा है. इसके कारण पृथ्वी की पूरी जलवायु और ऋतु परिवर्तन गड़बड़ा गया है.

पेड़ों के लाभ –

(1) पेड़ वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाते है.

(2) पेड़ हमारे वातावरण से दूषित एवं जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य गैसों को अवशोषित करके हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करते है.

(3) जहां पर अधिक मात्रा में पेड़ होते है वहां पर ध्वनि प्रदूषण भी बहुत कम मात्रा में होती है क्योंकि पेड़ों की सघनता आवाज को फैलने नहीं देती है.

(4) जहां पर भी पेड़ अधिक मात्रा में होती है भूमि का कटाव नहीं होता और इन की सहायता से भूमि की अम्लता में भी कमी आती है.

(5) पेड़ों की सुखी पत्तियों से हमें जैविक खाद मिलती है जो की भूमि को उपजाऊ बनाती है. इसके कारण फसल अच्छी होती है.

(6) पेड़ हमें गर्मियों में ठंडी छांव प्रदान करते है.

(7) पेड़ों के कारण ही हमारी पृथ्वी के वातावरण में समय समय पर बदलाव आता रहता है जिसके कारण पृथ्वी का संतुलन बना रहता है.

(8) पेड़ों से हमें फूल, फल, रबर, लाख, रेशम, कागज, दियासलाई, लकड़ी, जड़ी-बूटियां और अन्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते है.

(9) पेड़ अत्यधिक तेज जल प्रवाह को रोककर बाढ़ को आने से रोकते है.

(10) वृक्षों के कारण ही हमारी वन्य जीव संपदा आज सुरक्षित है.

(11) वृक्षों के कारण ही प्रत्येक स्थान पर सही मात्रा में वर्षा होती है जिससे हमें फसल के लिए और पीने योग्य मीठा जल प्राप्त होता है.

(12) पेड़ सभी प्राणियों के जीवन के रक्षक होते है.

निष्कर्ष –

पेड़ हमारी बहुमूल्य संपदा है अगर लगातार हम इसका दोहन करते रहे तो यह संपदा समाप्त हो जाएगी फिर हमारा जीवन भी समाप्त हो जाएगा.

हमें वृक्षों की महत्वता को समझना होगा क्योंकि संपूर्ण प्रकृति के रक्षक है जब तक यह पृथ्वी पर विद्यमान है तब तक पृथ्वी पर जीवन है इन के बिना पृथ्वी सिर्फ एक सूखा और बंजर ग्रह बन जाएगा.

आज बढ़ते हुए शहरीकरण और हमारे थोड़े से स्वार्थ के कारण पेड़ों की संख्या कम हो गई है जिसका बदलाव आप देख सकते हैं कि पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और वातावरण भी संतुलित हो गया है.

इसलिए हमें आज और अभी से जागरूक होकर वृक्षों की संख्या को बढ़ाना होगा जिससे हमारा वातावरण और जीवन सुगमता चलता रहे.

Essay on Importance of Trees in Hindi 1100 Words

रूपरेखा –

हमारे जीवन में पेड़ों का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि मानव सभ्यता का उदय इन्हीं के कारण हुआ है और प्रारंभिक जीवन पेड़ों के समूह (वनों) के बीच में ही व्यतीत हुआ है.

इन्हीं की पत्तियां और शाखाएं लेकर हमने घर बनाए है, इनसे ही हमें खाद्य पदार्थ और ऊर्जा के लिए लकड़ियां प्राप्त हुई है.

वृक्षों से ही हमने हथियार बनाए हैं और उन्हीं की सहायता से शिकार किया है. विज्ञान की शुरुआत भी पेड़ों से ही हुई है क्योंकि जब पहला पहिया बनाया गया था तो वह लकड़ी का ही बनाया गया था.

जिसने विज्ञान और मनुष्य के जीवन में इतनी तेजी से बदलाव ला दिया कि आज उसी पहिए से पेड़ों को रौंदा जा रहा है. यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिन वृक्षों की वजह से आज हम इतनी सुख समृद्धि से जीवन यापन कर रहे है और स्वच्छ ऑक्सीजन ले रहे है,

बदले में हम उन्हीं का विनाश कर रहे है. यह हिंदी की एक कहावत के अनुसार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के जैसा ही है क्योंकि जैसे ही वृक्ष हमारी पृथ्वी से विलुप्त हो जाएंगे उसी समय मानव सभ्यता भी नष्ट हो जाएगी.

वृक्षों का मानव जीवन में महत्व – Uses of Trees in Hindi

(1) वृक्षों से हमें प्राणवायु ऑक्सीजन मिलती है.

(2) पेड़ों से वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है.

(3) इनसे में बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां ठीक हो जाती है.

(4) वृक्षों से हमें भोजन करने के लिए फल और अन्न मिलता है.

(5) वृक्षों से में सूखी लकड़ियां प्राप्त होती है जिससे हम आग जला कर ऊर्जा प्राप्त कर सकते है और दरवाजे, चारपाई पहिए, मशीनों के कल-पुर्जे, छोटे हथियार, पानी के जहाज इत्यादि बना सकते है.

(6) पेड़ गर्मियों के दिनों में हमें ठंडी छांव प्रदान करते है जिससे हमें कम गर्मी लगती है.

(7) वृक्षों से हमें गोंद, रेशम, रबर, लाख कागज और अन्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते है जो कि हमारे उद्योग धंधों के लिए और हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है.

(8) पेड़ों के कारण पृथ्वी की ओजोन परत सुरक्षित रहती है इसके कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा होती है.

(9) पेड़ों के कारण ही अच्छी मात्रा में वर्षा होती है जिससे नदियों, तालाबों और भूमिगत जल में वृद्धि होती है, और हमें पीने के लिए स्वच्छ और मीठा जल प्राप्त होता है.

(10) वृक्षों के कारण पृथ्वी की सतह ठंडी रहती है जिससे तापमान में वृद्धि नहीं होती है.

(11) पेड़ों के कारण ही पृथ्वी का वातावरण व्यवस्थित रूप से कार्य कर पाता है.

(12) पेड़ भूमि के कटाव को रोकते है और बाढ़ आने से रोकते है.

(13) वृक्षों के कारण कुछ हद तक भूकंप आने की संभावना भी कम हो जाती है.

(14) पेड़ों से प्रकृति में हरियाली रहती है और पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलती है.

वृक्षों का वन्य जीवो में महत्व –

वृक्षों का वन्य जीव जंतुओं के जीवन में भी बहुत महत्व है क्योंकि वृक्ष ही उनका घर है. वन्य जीव जंतुओं को भी भोजन पेड़ों के माध्यम से ही प्राप्त होता है.

गर्मियों के दिनों में चिलचिलाती धूप से बचने के लिए वे पेड़ों की छांव में ही बैठते है कुछ वन्य जीव अपना शिकार करने के लिए पेड़ों के पीछे ही छुपते है. पक्षी अपना घोंसला पेड़ों पर ही बनाते है और उन्हीं की छोटी शाखाओं का इस्तेमाल करके घोंसला बनाते है.

इसीलिए जहां पर अधिक पेड़ होते हैं वहां पर पशु पक्षी अधिक मात्रा में पाए जाते है.

वृक्षों की कमी के दुष्प्रभाव –

वर्तमान में वृक्षों के जंगल की जगह सीमेंट के जंगलों ने ले ली है जिसके कारण पूरी पृथ्वी का वातावरण प्रभावित हुआ है. वृक्षों की कमी के कारण हमें क्या क्या नुकसान हुआ है इसको हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझेंगे –

(1) वृक्षों की कमी के कारण जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण में बहुत अधिक मात्रा में वृद्धि हो रही है इसके कारण तरह-तरह की गंभीर बीमारियां मानव जीवन में फैल रही है.

(2) वृक्षों की कमी के कारण पृथ्वी का तापमान प्रतिवर्ष 1 से 2 डिग्री बढ़ रहा है.

(3) पेड़ों की कमी के कारण सभी स्थानों पर वर्षा सही मात्रा में नहीं हो रही है जिसके कारण कुछ जगहों पर सुखा तो कुछ जगहों पर बाढ़ आ रही है और प्रकृति तबाह हो रही है.

(4) पेड़ों से जो शांति और सुख मिलता है वह नहीं मिल पा रहा है क्योंकि शहरों में लोगों को पेड़ों की जगह इमारतों होने घेर लिया है जिसके कारण वहां पर ना तो स्वच्छ वायु पहुंच पाती है ना ही ठीक प्रकार से धूप पहुंच पाती है.

(5) प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है कुछ शहरों में तो नौबत यहां तक आ गई है कि लोग अब मुंह पर मास्क लगाकर चलते है.

(6) पेड़ों की कमी के कारण पृथ्वी का वातावरण गड़बड़ा गया है जिसके कारण आए दिन भूकंप और सुनामी आती रहती है.

(7) पेड़ों की कमी के कारण लगातार रेगिस्तान का विस्तार हो रहा है.

(8) वृक्षों की अत्यधिक कटाई के कारण ही शांत पड़े ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गए है जिनसे विषैली गैसे निकलती रहती है जो की पूरी पृथ्वी के लिए हानिकारक है.

(9) वृक्षों की कटाई के कारण वन्य जीव जंतु का जीवन संकट में पड़ गया है उनकी कुछ प्रजातियां तो विलुप्त भी हो गई है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर है.

(10) बदलती जलवायु के कारण मनुष्य का स्वभाव भी चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो गया है.

पेड़ों के रोचक तथ्य –

(1) 50 पेड़ों का समूह है प्रतिवर्ष 80 पाउंड प्रदूषण को अवशोषित कर लेता है.

(2) इमारतों के आसपास पेड़ लगाने से इमारतें 30% अधिक ठंडी रहती है

(3) एक पेड़ एक साल में एक कार के 26000 किलोमीटर चलने पर जितना प्रदूषण होता है उतना अवशोषित कर लेता है.

(4) एक पेड़ अपने पूरे जीवन काल में 1 टन से भी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेता है.

(5) पेड़ प्रति वर्ष लगभग 260 पाउंड ऑक्सीजन पैदा करता है.

उपसंहार –

पेड़ हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इनकी रक्षा करना हमारा दायित्व है. जब तक पृथ्वी पर पेड़ों का अस्तित्व है तब तक ही मानव सभ्यता का अस्तित्व है इसलिए हमें पेड़ों की सुरक्षा करनी होगी.

आज वह समय फिर से आ गया है जब पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन हुए थे. क्योंकि शहरीकरण और बड़े-बड़े हाईवे बनाने के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है लेकिन उनको फिर से लगाया नहीं जा रहा है.

कुछ लालची लोगों द्वारा वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है लेकिन सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है. हमारी सरकार नहीं पेड़ों को बचाने के लिए कई वन रक्षकों की नियुक्ति की है लेकिन वे भी थोड़े से लालच के चलते पेड़ों को काटने में सहयोग कर रहे है.

इसके कारण पृथ्वी का पूरा वातावरण प्रभावित हो रहा है अगर यूं ही चलता रहा तो आने वाले कुछ ही वर्षों में पीने के लिए जल की कमी और खाने के लिए खाद्य पदार्थ की कमी हो जाएगी साथ ही जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छ हवा की भी कमी हो जाएगी.

इसलिए हम युवा पीढ़ी को सभी लोगों को जागरुक करके Ped ke Mahatva  के बारे में बताना होगा और अभियान चलाकर अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे.

यह भी पढ़ें –

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56 thoughts on “पेड़ों का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Trees in Hindi”

Very helpful in doing my project on trees

Your points are good but that feeling is not coming which comes in best.

very nice information is shared and it was useful for everyone importance of a tree

क्या हम इसे लोगो को प्रेरित करने के लिए इस्तेमाल कर सकतें हैं?

Very nice paragraph on importance of trees it helped me a lot in doing my homework

Thank you for appreciation, Harshini

Very helpful for my holiday homework and good written 👍 👌 🙌.

Thank you for appreciation, hrithik roshan

A very nice essay, very helpful. Thank you Admin

welcome Akshat

Thank you Sunita jain

This was very helpful for my project. Thank You Admin.

thamq sir ji, maza aa gaya…..

Welcome rishab and keep visiting hindi yatra.

चिपको आंदोलन का मतलब?

चिपको आंदोलन के बारे में जाने के लिए यहाँ क्लिक करे – Chipko Andolan in Hindi | चिपको आंदोलन

Very nicely written..was really helpfull

Thank you palak for appreciation, keep visiting hindi yatra

Thanku admin for this wonderful essay

Welcome Chirag and thank you for appreciation.

This is very helpful Good points Thank u

Welcome Geetha and thank you for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

Thank you it helped in my project and it is for 20 marks and I got 20 for the project millions of thankyou

Welocme SHINI, keep visiting Hindi yatra.

Thank you so much….

Welcome Shubham kumar, keep visiting hindiyatra.

Atiuttam nibandh

Shreyasi Sharma, sarahna ke liye dhanyawad aise hi hindi yatra par aate rahe.

Nice…………………

Thank you NITIN KUMAR for appreciation.

Thank you, you helped me a lot

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Thank you so much🤗🤗🤗🤗 for this. It will help me in my exam . I promise that I wil plant more and more trees.

welcome khushi and we like your decision for tree plantation or We hope you will encourage other people to plant trees.

Nice…Very useful for mY Hindi Elocution…Thanks a lot

Welcome Kaarthi and thanks for appreciation.

Kya ped paudhe mrte hai?

ped bhi hamari tarh swas lete hai isliye jab unko kaat diya jata hai to wo mar jate hai.

Very beautifully written . we should always save trees for our better future. I like it.

Thank you Parth, we glad you’re like our content.

Best super best link is this very best admin dada

Thank you Nand kishore ji for appreciation.

Very nice written and has feelings☺☺

Thank you Manish singla for appreciation.

Good very good we save a tree

Thank you Nand kishore for appreciation

Thanks admin for this essay

Welcome Davinder and keep visiting hindiyatra.

HELLO ADMIN THANK YOU FOR REPLY

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thank you Kaartik for appreciation, you send your content to us and if we like your content then we have publish your content.

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पेड़ पर निबंध (Tree Essay in hindi)

पेड़ पर निबंध (Tree Essay in hindi)

In this Article

पेड़ पर 10 लाइन (10 Lines on Tree)

पेड़ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on tree in hindi 200-300 words), पेड़ पर निबंध 400-500 शब्दों में (essay on tree in hindi 400-500 words), इस निबंध से बच्चों को क्या सीख मिलती है (what will your child learn from tree essay), पेड़ के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र होते हैं जो हमसे कुछ नहीं मांगते बल्कि ये हमें केवल देते हैं। ये हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पेड़ों से हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं जिसकी चर्चा आगे के आर्टिकल में विस्तार से की गई है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं, जलवायु में सुधार लाते हैं, भू जल को बचाकर रखते हैं। पेड़ों से ही एक घने जंगल का निर्माण होता है जो हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण घटक है। यदि आपके बच्चे को पेड़ पर निबंध लिखने को कहा गया है तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आप हमारे आर्टिकल को पढ़कर पेड़ के बारे में अपने शब्दों में एक निबंध तैयार कर सकते हैं तो इसके लिए हमारे आज के आर्टिकल को जरूर पढ़ें।

स्कूल में छोटे उम्र से ही बच्चों को निबंध लेखन की प्रैक्टिस करानी शुरू कर दी जाती है ताकि वो निबंध अपने शब्दों में लिख सकें और अपने सोचने-समझने की शक्ति को थोड़ा विस्तृत कर सकें। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमने आपके बच्चे के लिए पेड़ पर 10 लाइन लिखा है, इससे आपको निबंध लिखने में काफी मदद मिल सकती है।

  • पेड़ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • खाने के लिए सब्जियां, फल, फूल, दवाईयां आदि हमें पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं।
  • पेड़ हमे एक स्वच्छ और प्रदूषणरहित वातावरण देते हैं।
  • पेड़ का प्रयोग हम ईंधन के रूप में करते हैं और लकड़ी  की फर्नीचर  बनाने में।
  • पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और बदले में हमें  ऑक्सीजन देते हैं जो हमारे लिए अति आवश्यक है।
  • पेड़ों का जीवन काल बड़ा  लंबा होता है।
  • पेड़ हमें  छाया और सुरक्षा प्रदान करती है।
  • दुनिया भर में पेड़ों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं।
  • पेड़ हमारे जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए बड़ी भूमिका अदा करते हैं।
  •  हमें पेड़ों की  रक्षा करनी चाहिए और साथ ही अधिक पेड़ लगाने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करना चाहिए।

पेड़ की अहमियत हमारे जीवन में क्या है इसके बारे में शायद ही कुछ बताने की जरुरत हो। यदि आपके बच्चे को स्कूल में पेड़ के बारे में 200-300 शब्दों में निबंध लिखने को कहा गया है तो आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध से मदद मिल सकती है। आप चाहें तो हमारे आर्टिकल से कुछ हेल्प ले सकते हैं। आइए देखते हैं:

आपने जल के बारे में एक महत्वपूर्ण वाक्य  जरूर सुना होगा ‘जल ही जीवन है’ लेकिन यदि इसके स्थान पर हम यह कहें कि ‘पेड़ ही जीवन है’ तो यह कहना भी गलत नहीं होगा क्योंकि पेड़ हमें  जिंदा रहने  के लिए सबसे जरूरी   चीज स्वच्छ हवा प्रदान करती है जिसके बिना जीवित रह पाना नामुमकिन है। पेड़ हर जीव के लिए एक उपयोगी संसाधन है। पेड़ जंगल में रहने वाले पशु पक्षियों का एक प्राकृतिक आवास है साथ ही जानवरों के लिए भोजन की भी पूर्ति करती है। पेड़ हमारे लिए बहुत उपयोगी होती है क्योंकि इससे दैनिक दिनचर्या से संबंधित  कई उपयोगी वस्तुएं बनाई  जाती है जैसे कि कागज, फर्नीचर्, रबर इत्यादि। पेड़ से हमें  कई तरह के खाने-पीने के सामान, जड़ी बूटी, कपड़े के लिए कच्चा माल आदि प्राप्त होते हैं। पेड़ प्राकृतिक आपदाओं जैसे की मृदा अपरदन, बाढ़, भूस्खलन होने से बचाता है। पेड़ के होने से वातावरण में संतुलन बना रहता है। लेकिन अब पेड़ों की बड़े पैमाने में कटाई हो रही है ताकि हमारी उपयोगिता की वस्तुएं बन सकें जो हमारे आने वाले भविष्य के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है। इसलिए हमारा यह फर्ज़ बनता है कि हम पेड़ों की कटाई को कम से कम करें और जहां तक संभव हो इनसे बनी चीजों का इस्तेमाल थोड़ा सोच समझकर करें और साथ ही एक दूसरे को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें ताकि हमारे पर्यावरण में संतुलन बना रहे।

यदि आप पेड़ के बारे में गहन अध्ययन करना चाहते हैं या फिर आप 500 शब्दों में पेड़ पर एक प्रभावशाली निबंध लिखना चाहते हैं तो आपको आगे इसके बारे में विस्तार से बताया गया है तो आगे जरूर पढ़िए जिससे की  एक अच्छा निबंध लिखने में आपको मदद मिले। आइए पढ़ते हैं:

परिचय (Introduction)

जीवन के हर क्षेत्र में पेड़ों के महत्त्व को हम झुठला नहीं सकते हैं। घर बनाने से लेकर हमारे स्वास्थ्य  तक सब पेड़ों पर ही निर्भर है क्योंकि पेड़ से हमें  लकड़ी, दवाईयाँ, भोजन आदि जैसे काफी चीजें  मिलती हैं। पेड़ के होने से वातावरण शुद्ध होता है। हमारे पृथ्वी में कई तरह के पेड़ पाए जाते हैं। कुछ पेड़ काफी बड़े होते हैं तो कुछ काफी छोटे होते हैं। कुछ पेड़ छायादार होते हैं तो कुछ पेड़ अति लंबे होते हैं। साथ ही ये काफी गुणकारी भी होते हैं। पेड़ ऑक्सीजन का एकमात्र मुख्य स्रोत है जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं। इसलिए पेड़ हमारे जीवन के लिए सबसे आवश्यक होते हैं।

पेड़ों का धार्मिक और पौराणिक महत्त्व (Religious And Mythological Importance of Tree)

हमारे प्राचीन शास्त्रों में पेड़ों को बहुत अधिक महत्वपूर्ण और गुणकारी बताया गया है। हिन्दू धर्म में विभिन्न पेड़ों की पूजा की जाती है, जैसे कि पीपल का पेड़, बरगद का पेड़, तुलसी का पौधा आदि। हिन्दू धर्म की महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। अशोक के पेड़ के छालों का उपयोग हवन सामग्री बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों से पता चलता है कि जितने भी महापुरुष हुए उन्हें पेड़ की नीचे बैठकर ही ज्ञान की प्राप्ति हुई।

पेड़ की उपयोगिता (Utility of Tree)

हम जिस भी तरह से देखें पेड़ हमारे लिए हर तरह से उपयोगी है। चाहे वो तने की बात हो, कंद-मूल फल की बात हो। पेड़ खुद कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण कर हमें  ऑक्सीजन प्रदान करती है। पेड़ों के आसपास होने से हवा स्वच्छ और वातावरण अच्छा होता है। कागज जिस पर हम लिखते हैं वो भी हमे पेड़ों से ही प्राप्त होती है। पेड़ों के कुछ चीजों  जैसे की छाल, जड़ें इत्यादि से दवाइयां बनायीं जाती हैं। भारत के कुछ इलाकों में तो लकड़ियों से घर भी बनाया जाता है। पेड़ के आस पास होने से लोगों में तनाव कम होते हैं और मन शांत रहता है।

पेड़ों की घटती संख्या (Decreasing Number of Tree)

जैसा की हमने बताया पेड़ों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में  किया जा रहा है जिससे बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटा जा रहा है। आधुनिकीकरण और जनसँख्या वृद्धि के कारण बढ़ते आवास की पूर्ति के लिए अत्यधिक मात्रा में पेड़ों की कटाई हो रही है। मनुष्य इतने स्वार्थी हो चुके हैं कि अपने लाभ के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। पेड़ों की संख्या में तेजी  से गिरावट आने के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है।

पेड़ों का संरक्षण (Protection of Trees)

यदि हमें  आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर परिवेश देना है तो हमें  पेड़ों की सुरक्षा करनी होगी । हमे पेड़ों की कटाई में कमी लाकर और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए। पेड़ों के संरक्षण के लिए भारत में कई तरह के आंदोलन भी चलाये गए जैसे “चिपको आंदोलन” आदि। आजकल देश और राज्य की सरकारें मिलकर कई तरह के कैंपेन चला रहें हैं ताकि वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रेरित किया जा सके। इसके साथ ही पेड़ों की सही देखभाल करना भी अति आवश्यक है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इसका एहसास हो गया होगा की पेड़ हमारे लिए कितना जरूरी  है। इसलिए हमें इनके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। साथ ही पेड़ों से बनी चीजों  का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और यदि करें भी तो इसका इस्तेमाल थोड़ा सोच समझकर करना चाहिए। हम इसके लिए एक प्रण ले सकते हैं कि हम अपने हर जन्मदिन पर एक पेड़ लगाएं और उसकी सेवा करें और साथ ही अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।

पेड़ के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Tree in Hindi)

इस लेख में हम आपको पेड़ से सम्बंधित कुछ ऐसी रोचक बातों की जानकारी देंगें जिसके बारे में आपने इससे पहले कहीं नहीं सुना होगा, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।

  • पेड़ पृथ्वी में पाया जाने वाला एक मात्र ऐसा प्रजाति है जो सबसे लंबे समय तक जीवित रहता है। पृथ्वी पर सबसे पुराना पेड़ 5000 साल से अधिक पुराना माना जाता है।
  • दुनिया भर में पेड़ों की संख्या 30 खरब 40 अरब है जो मनुष्य की दिमाग में पायी जाने वाली कोशिकाओं से भी ज्यादा है।
  • एक पेड़ हर वर्ष लगभग 20 हजार लीटर पानी धरती से अवशोषित कर लेता है।
  • एक पेड़ अपने सम्पूर्ण जीवन काल में लगभग 1000 किलो कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण कर लेता है।
  • पेड़ एक मात्र ऐसा प्रजाति है जिसके आस पास रहने मात्र से मनुष्य के स्ट्रेस लेवल में असाधारण परिवर्तन देखने को मिलता है।

इस लेख में हमने आपको पेड़ के बारे में विस्तार से बताया कि पेड़ हमारे जीवन में क्या मायने रखते हैं। इसलिए हमें  ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए। इस लेख से हम यह सिख सकते हैं कि पेड़ हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है जो बिना कुछ मांगे हमें कितना कुछ देती है और इसलिए हमारा भी फर्ज़  बनता है कि हम अपने आस पास मौजूद पेड़ पौधों का ख्याल रखें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं ताकि हमारे आस पास का वातावरण प्रदुषण मुक्त और स्वच्छ बना रहे। मोटे तौर पर हम कह सकते हैं कि बच्चे इस लेख को पढ़कर यह सीख ले सकते हैं की उन्हें अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए और लकड़ियों से बनी चीज़ों का उपयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए।

यदि पेड़ से सम्बंधित आपके मन में कुछ सामान्य सवाल हैं जिसके उत्तर आपको पता नहीं है तो हमने आगे कुछ प्रश्नों का जिक्र किया है। साथ ही इसके उत्तर के बारे में भी बताया है, इसे पढ़ें।

1. ऐसा कौन सा पेड़ है जिसका हर भाग उपयोगी होता है?

सहजन का पेड़।

2. कौन सा पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है?

बरगद, नीम और पीपल का पेड़।

3. हम पेड़ों की आयु का पता कैसे लगाते हैं?

पेड़ों में पाए जाने वाले रिंग्स से हम पेड़ों की आयु का पता लगा सकते हैं।

4. भारत का राष्ट्रीय पेड़ कौन सा  है?

बरगद का पेड़।

5. पेड़ों से रेसिन क्यों निकलते हैं?

कीड़े मकौड़ों से या फिर किसी बीमारी से बचने के लिए पेड़ रेसिन निकालते हैं जिसका उपयोग गोंद, वार्निश, सुगंध और अगरबत्तियां बनाने में किया जाता है।

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10 Lines on Papaya in Hindi – 10 Lines Essay

10 lines on papaya in hindi.

Hello Student, Here in this post We have discussed about Papaya in Hindi. Students who want to know a detailed knowledge about Papaya, then Here we posted a detailed view about 10 Lines Essay Papaya in Hindi. This essay is very simple.

3. पपीता का छिलका बहुत मुलायम होता है।

5. पपीता फल के अंदर काले रंग के छोटे-छोटे बीज होते हैं।

9. पपीता का सेवन गर्भवती महिला के लिए बहुत खतरनाक होता है।

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पेड़ पर निबंध (Trees Essay In Hindi Language)

पेड़ पर निबंध हिंदी में (Trees Essay In Hindi Language)

Table of Contents

पेड़ पर निबंध (Trees Essay In Hindi)

वृक्ष यानी पेड़-पौधे, जो ना सिर्फ मानव जीवन के लिए अपितु पूरी प्रकृति के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। उन्हें हम अपने जीवन में कितना महत्व देते हैं? ये हमें अपने आप से पूछना होगा।

पुत्रवत् परिपाल्याश्च पुत्रास्ते धर्मतः स्मृताः ॥”

पेड़ पौधों से फल सब्जियां, अनाज आदि कई प्रकार के खाद्य पदार्थ मिलते हैं, जिन्हे खाकर हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है। हम जो भी भोजन बनाते हैं या फिर नए नए व्यंजन बनाते हैं, उनमें स्वाद और खुशबू लाने के लिए मसाले भी पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं।

पेड़ों से प्रदूषण कम होता है और वातावरण स्वच्छ रहता है इसीलिए हम सभी प्राकृतिक जगह पर जाकर पिकनिक मनाना पसंद करते हैं। जब भी किसी अवसर पर सजावट करनी हो तो पौधों, पत्तियों और महकते फूलों से अच्छा विकल्प आपको नहीं मिल सकता है।

पेड़ (वृक्ष) पर हिंदी निबंध (Trees Essay In Hindi)

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पेड़ पर निबंध

Essay on Tree in Hindi : हम यहां पर पेड़ पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में पेड़ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पेड़ पर निबंध | Essay on Tree in Hindi

पेड़ पर निबंध (250 शब्द).

मनुष्य के लिए पेड़ों का बहुत ही अधिक महत्व है। हमें पेड़ों की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। पेड़ों से ही हमें ऑक्सीजन मिलती है। अगर ऑक्सीजन नहीं होगी, तो हम जीवित नहीं रह सकते। अगर हमें इस धरती पर स्वस्थ रहना है, तो हमें पेड़ों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। पेड़ों  के बिना धरती पर रहना असंभव है। हम इसके बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

आजकल हर जगह यही देखा जाता है कि लोग पेड़ों को काट रहे है और रहने की जगह बना रहे हैं। लेकिन जैसे जैसे पेड़ कट रहे हैं, वैसे वैसे ऑक्सीजन कम होता जा रहा है। कुछ समय पहले हमने देखा कोरोना के चलते किस तरह से ऑक्सीजन की कमी आ गई थी। लोग ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे। अगर हम समय रहते पेड़ नहीं काटते तो हो सकता है, हमें यह सब करने की जरूरत नहीं पड़ती।

पेड़ पौधे हमारी मूल आवश्यकता है। जिसको हम कभी भी नहीं खो सकते हैं। पेड़ों के लिए कहावत कहीं गई है,

“ उनके सब्र के बांध भी टूटने लगे हैं

अब तो पेड़ पौधे भी सूखने लगे हैं “

यह एक कहावत ही नहीं है, बल्कि एक बहुत ही बड़ा सच है, क्योंकि अब पेड़ों की इतनी कटाई की वजह से लोगों का जीवन बहुत ही ज्यादा मुश्किल में आ गया है। जिससे हमें बचाव करना है अगर आपको इससे बचाव करना है, तो हमें निरंतर पर लगाते रहने चाहिए ना कि इन्हें काटना चाहिए।

पेड़ पर निबंध (800 शब्द)

आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग की वजह पेड़ पौधों का काटना है, क्योंकि जैसे जैसे पेड़ करते जा रहे हैं ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है। अगर इसी तरह से ऑक्सीजन की कमी होती रही तो निरंतर ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती ही रहेगी। जिससे लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर हमें धरती पर स्वच्छता तरीके से रहना है, तो हमें निरंतर पेड़ लगाने होंगे, ना कि काटना होगा।

हमारे लिए पेड़ क्यों महत्वपूर्ण है?

प्राचीन समय से ही पेड़ों में देवताओं और भगवान का वास माना जाता है। इसीलिए पेड़ पौधों की पूजा की जाती है। पेड़ों में सबसे ज्यादा महत्व पीपल के वृक्ष को दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है।

इसी तरह से अशोक के पेड़ को भी बहुत ही शुभ माना जाता है। इसको वास्तु शास्त्र के हिसाब से बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसके पत्तों का उपयोग पूजा-पाठ, धर्म, अनुष्ठान, घर, दुकान, मंडप, हर जगह इन पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा और भी कई वृक्ष की पूजा की जाती है। जैसे कि बेल का वृक्ष, शमी का वृक्ष, नारियल, नीम, अनार का वृक्ष, आंवले का वृक्ष, केले का वृक्ष, वट सावित्री का वृक्ष, इसका तो व्रत भी रखा जाता है, और बहुत ही अच्छी प्रकार से इस की पूजा अर्चना की जाती है।

पेड़ों से हमें क्या लाभ मिलता है?

  • पेड़ों की वजह से ही हमें शुद्ध और स्वच्छ हवा मिलती है।
  •  पेड़ अपने अंदर पूरी  कार्बन डाइऑक्साइड को समेट लेता है और हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करता है।
  • पेड़ों के जरिए वायु प्रदूषण को भी रोका जाता है।
  • हमारे आसपास जितनी अधिक पेड़ पौधे होंगे उतनी ही कम ध्वनि प्रदूषण होने की संभावना रहती है।
  • सबसे बड़ा कारण यह है कि पेड़ों की वजह से ही हमें बारिश प्राप्त होती हैं।
  • पेड़ों की वजह से हमें बहुत प्रकार के कच्चे माल प्राप्त होते हैं। जिसकी वजह से हम उन्हें अपने संशोधन के कार्यों में काम ले सकते हैं।
  • अधिक गर्मी होने पर पेड़ ही हमें ठंडी हवा प्रदान करते हैं।
  • जब भूमि का कटाव होता है, तो उसके लिए पेड़ अहम भूमिका निभाते हैं। भूमि के कटाव को रोकते हैं।

पेड़ ना होने की वजह से कौन से दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

आजकल इतने पेड़ों की कटाई की जा रही है कि जंगल समाप्त से हो गए हैं। जंगली जानवरों को रहने के लिए जंगल में जगह कम पड़ने लगे है। लोगों ने वहां पर अपना बसेरा कर लिया है। जिसकी वजह से जानवरों को भी परेशानी होती है, इसीलिए आए दिन कोई ना कोई इंसान जानवरों का शिकार हो ही जाता है। पेड़ ना होने की वजह से बहुत से दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं

  •  पेड़ों की कमी होने की वजह से जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण इन सब में बहुत ही अधिक वृद्धि हो रही है। जिसकी वजह से धरती पर गंभीर  बीमारियां फैलती जा रही हैं।
  • पेड़ों की कमी के कारण निरंतर पृथ्वी का तापमान हर वर्ष 1 से 2 डिग्री बढ़ जाता है।
  • अक्सर पेड़ों की कमी की वजह से बारिश सही प्रकार से नहीं हो पा रही है। कहीं कहीं तो बारिश होती ही नहीं है, और कहीं कहीं बाढ़ तक आ जाती है।
  • शहरों में इमारतें इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि पेड़ लगाने की जगह ही नहीं बची है। इसी वजह से वहां पर ना तो शुद्ध हवा पहुंच पाती है, नहीं शुद्ध वातावरण रहता है, जिसकी वजह से बीमारियां पनपती हैं।
  • जितनी अधिक मात्रा में पेड़ों का कटाव हो रहा है उतनी अधिक मात्रा में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण इतना हद तक बढ़ गया कि, कुछ शहरों में तो रहना भी मुश्किल हो गया है।
  • पेड़ों की कटाई की वजह से जंगल खत्म से होते जा रहे हैं। जंगली जानवरों के लिए  पर्याप्त जगह नहीं रहती है, इसीलिए वे शहरों की तरफ रुख कर रहे हैं, और आए दिन कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं।

वृक्षों से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • कहा जाता है एक जगह अगर 50 पेड़ों का समूह हो, तो वह  80 पाउंड प्रदूषण को अवशोषित कर सकता है।
  • अगर आप किसी इमारत के पास पेड़ पौधे लगाते हैं, तो इसकी वजह से 30% इमारत ठंडी बनी रहती हैं।
  • अगर एक कार 26000 किलोमीटर चलती है, 1 साल में एक पेड़ इतना प्रदूषण अवशोषित करने की क्षमता रखता है।
  • एक वृक्ष अपने पूरे जीवन काल में 1 टन से भी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को अपने अंदर समेट लेता है।
  • 1 साल में एक वृक्ष 260 पाउंड ऑक्सीजन को पैदा कर सकता है।

अगर वृक्ष है तो कल है

इस पंक्ति को हमें बहुत ही गहराई से समझना होगा क्योंकि अगर पेड़ नहीं रहेंगे तो हमारा कल भी नहीं है। अगर ऑक्सीजन नहीं रहेगा तो हमारा धरती पर जीवन बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। वृक्षों की वजह से ही हमें रहने के लिए जगह भोजन कच्चा माल फल फूल इत्यादि मिलते हैं।

अगर वृक्ष ही नहीं रहेंगे तो जीव, जंतु, पशु, पक्षी कहां रहेंगे क्योंकि उनका स्थान तो यही होता है। हमें पेड़ों को काटने की बजाय अधिक से अधिक पेड़ लगाने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। आपको भी इस चीज के लिए बहुत अधिक जागरूक होना आवश्यक है। आप कहीं पर भी पेड़ों की कटाई देखते हैं, तो तुरंत सरकार को सूचना दें। सरकार ने पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगा रखा है, इसके लिए सरकार उन को सख्त से सख्त सजा देगी।

हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हमें पेड़ों की आवश्यकता है, क्योंकि हम पूरी तरह से पेड़ पौधों पर ही आश्रित हैं। बल्कि जीव जंतु पशु पक्षी भी पेड़ पर ही आश्रित रहते हैं। इसीलिए हमें चाहिए कि, हम अधिक से अधिक पेड़ लगाएं । अपने संरक्षण को बचाएं अपने जीवन को बचाएं पेड़ों की कटाई ना करें , इस पर प्रतिबंध लगाएं।

सिर्फ पेड़ लगाना ही काफी नहीं है बल्कि उनकी देखरेख करें उन्हें बड़ा करें। जिससे वह  हमारा ध्यान रख सके, यह हमारा कर्तव्य है और हमें इस कर्तव्य को निभाना चाहिए।

आज के आर्टिकल में हमने    पेड़ पर निबंध ( Essay on Tree in Hindi )   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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एक पेड़ की आत्मकथा Autobiography of A Tree in Hindi

मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था।

अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने के रूप में आ गया।

इस विधि को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। क्योंकि प्रकाश के बिना इस विधि से मेरे भोजन का निर्माण संभव नहीं है। मैं किसी अन्य सजीव पर निर्भर न रह कर अपना भोजन स्वयं बनाता हूँ। इसीलिये मानव मुझे स्वपोषी सजीव की श्रेणी में रखता है।

मेरा जन्म तो इस सम्पूर्ण जगत के सभी जीवो के जीवन में खुशियां एवं उनके भरण पोषण के लिए हुआ है। मैं इस वायुमंडल की खतरनाक कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैस को अपने अंदर ले कर उसका विघटन करके ऑक्सीजन गैस को वायुमंडल में छोड़ता हूँ।

समय बीतने के साथ ही मेरा भी विकास होता गया और धीरे धीरे मैं भी बड़ा हो गया। मैं भी अपनी युवावस्था को प्राप्त कर चुका था। तब मेरी भी शाखायें बड़ी हो गयी थी। और मेरी शाखायें हरी-हरी पत्तियों से ढ़क गयी थी। ये शाखाये अब आसमान छू रही थी। इन पर फल और फूल लग चुके थे। मैं भी अपने साथ के अन्य बड़े पेड़ो की तरह अब प्रकृति को हरियाली, और पंछियो को उनके रहने के लिए घर तथा मानव को छाया आदि देने लगा।

मेरी छोटी छोटी टहनियों और शाखाओ पर लगे हुए विभिन्न रंगों के फूलों को तोड़कर मानव को अपने घरों को सजाता हुआ तथा मंदिरो में ईश्वर को भी समर्पित करता देखकर मैं खुशी की अनुभूति करता हूँ।

मेरी शाखाओ पर लगे फलों को खाकर मानव अपना पोषण करके प्रसन्न हो उठता। और इस संसार के सभी शाकाहारी जानवर भी मेरी पत्तियों को ही खाकर अपना भरण पोषण करके अपना जीवन यापन करते है।

मानव  पेड़ो एवं उसकी मोटी-मोटी शाखाओ को काट कर अपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न प्रकार के फर्नीचरो को बनाता है। जैसे-जैसे मानव की जनसँख्या बढ़ती गयी वह उतनी ही तेजी से मेरा विनाश करता गया।

अब पृथ्वी पर पेड़ो के जंगल की जगह कंक्रीट के जंगल अर्थात हर जगह मानव द्वारा निर्मित ईंट एवं कंक्रीट के मकान दिखाई देते है। परन्तु मानव अब यह भूल गया कि पेड़ो की वजह से ही इस पृथ्वी पर वर्षा होती है जिससे किसानों को खेती करने में मदद मिलती है।

हमारी वजह से ही वह ग्लोबल वार्मिंग, जिससे की वातावरण का तापमान बढ़ रहा है, जैसी घटनाओं से बचा हुआ है। अब मेरे विनाश के साथ-साथ मानव भी भूकम्प, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण असन्तुलन, सूखा, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक समस्याओ से जूझने लगा है। इन प्राकृतिक घटनाओं से जूझने के बाद शायद अब मानव दोबारा मेरे महत्व को समझ जाएं और मेरा संरक्षण करना शुरू कर दे।

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Papaya मीनिंग : Meaning of Papaya in Hindi - Definition and Translation

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Definition of papaya.

  • tropical American shrub or small tree having huge deeply palmately cleft leaves and large oblong yellow fruit
  • large oval melon-like tropical fruit with yellowish flesh

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पीपल के पेड़ पर निबंध

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पीपल एक परिचित पेड़ है। यह वृक्ष कई देशों में पाया जाता है। भारत में यह लगभग सभी राज्यों में पाया जाता है।

पीपल का पेड़ बड़ा और विशाल होता है। इसकी डालियाँ खूब फैलती हैं। इसके पत्ते तिकोने-गोल होते हैं। पीपल के पत्ते हमेशा हिलते रहते हैं। इस वृक्ष को हिन्दू सभ्यता की शुरुआत के बाद से ही पूजा जाता है।

इस पवित्र पेड़ में औषधीय मूल्य का भरपूर धन शामिल है और इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में सहायक है, जिसमें सांप काटने से अस्थमा, त्वचा रोग, गुर्दे की बीमारियाँ, कब्ज, खसरा, नपुंसकता और विभिन्न रक्त संबंधी समस्यायें आदि शामिल है। पीपल के पेड़ के पत्तों में ग्लूकोज और मेननो, फेनोलिक होते हैं जबकि इसकी छाल में विटामिन के, टैनन और फाइटोस्टेरोलिन पाया जाता है। इन सभी सामग्रियों ने मिलकर पीपल के पेड़ को एक असाधारण औषधीय पेड़ बना दिया है। आयुर्वेद के विज्ञान के अनुसार, पीपल के पेड़ के हर हिस्से – पत्ती, छाल, बीज और उसके फल में कई औषधीय लाभ होते हैं और इसका उपयोग प्राचीन काल से कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा रहा है।

पीपल के कुछ पत्ते का मिश्रण से बुखार और सर्दी से राहत प्रदान करता है। पीपल की कुछ पत्तियां या इसके पाउडर से अस्थमा जैसी बीमारियों से हमारी रक्षा करने में मदद करता है। पीपल भी आंखों के दर्द को कुशलतापूर्वक कम करने में मदद करता है। इससे प्राप्त पत्तियों के दूध से आंखों के दर्द में राहत मिलती है। एक ब्रश के रूप में इसका उपयोग करते हुए हम ताजा टहनी या पीपल के पेड़ की नई जड़ों को लें लेते है यह न केवल दाग को हटाने में हमारी मदद करता है बल्कि दांतों के आसपास मौजूद कीटाणुओं को मारने में भी मदद करता है। पीपल की पत्तियों से नाक से बहने वाले रक्त से राहत मिलती है।

पीपल का हरा-भरा पेड़ बहुत सुंदर दिखता है। गरमी में इसकी छाया बहुत सुखद होती है। ठंडी के दिनों में पीपल के पत्ते झड़ जाते हैं। पीपल को पवित्र वृक्ष माना जाता है। हिंदू धर्म में, पीपल के पेड़ के लिये लोगों में बहुत सम्मान और महत्व है। लोग पेड़ की पूजा करते हैं।

भगवत गीता के अनुसार श्री कृष्ण के वाक्य थे। मै वृक्षों में पीपल में वास करता हूँ। पीपल एकमात्र ऐसा वृक्ष है, जो चौबीस घंटे आँकसीजन प्रदान करता है। इसके नीचे बैठकर कई विद्वानों ने ध्यान किया और ज्ञान की प्राप्ति की। पीपल के वृक्ष की उम्र कई सालों तक होती है। पीपल का वृक्ष पूजनीय है। हिन्दू धर्म में महिलायें अपने पति की लम्बी आयु के लिये पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं।

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    Papaya Eating Benefits in Hindi: पपीता एक ऐसा फल है जिसे भारत सहित दुनिया भर में खूब खाया जाता है. खासतौर पर फिटनेस फ्रीक्स तो इसके दीवाने हैं, क्योंकि ...

  8. पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi

    पपीता के बारे में जानकारी Papaya Information In Hindi. स्वादिष्ट पपीता (Papaya In Hindi) में विटामिन A और B प्रचुर मात्रा में होता है। इस फल में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी अच्छी ...

  9. Papaya Tree

    Papaya Tree is considered as a short lived tree of India. The scientific name of Papaya tree is 'Carica Papaya' and this tree belongs to the family of 'Cariaceae'. Moreover, Papaya tree has several other names in different regional languages of the country. Like for instance, in Hindi language and Bengali language it is called as Papaya or Papita.

  10. पपीता के फायदे । What are the Benefits of Papaya in Hindi

    पपीता का मतलब हिंदी में, (Papaya Meaning in Hindi) पपीता के फायदे. पपीता सभी फलो से अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल होता है, इसे अंग्रजी में पपाया के नाम ...

  11. Papaya Farming: बरसात के मौसम में पपीते की फसल का कैसे रखें ध्यान

    Papaya Farming: बरसात के मौसम में पपीते की फसल का कैसे रखें ध्यान, जानें पूरी बात! दरभंगा : पपीता बहुत ही संवेदनशील पौधा है.

  12. पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध)

    वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi) पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि ...

  13. पपीते पर 10 वाक्य [निबंध]

    10 Lines on Papaya in Hindi -पपीते पर 10 लाइन निबंध. पपीता एक मीठे स्वाद वाला फल है।. पपीते का आकार अन्य फलों की तुलना में बड़ा होता है।. पपीता का रंग पीला ...

  14. पपीते पर 10 वाक्य

    Set (1) 10 Sentences on Papaya in Hindi. 1. पपीता एक पेड़ की तरह एक बड़ा पौधा है और यह आमतौर पर बिना शाखाओं के होता है।. 2. पपीता के तने में ज्यादा लकड़ी नहीं होती ...

  15. 10 Lines on Papaya in Hindi

    In this article, we are providing 10 Lines on Papaya in Hindi & English. In this few / some lines on Papaya, you will get a few sentences about Papaya in Hindi. A short essay on Papaya. हिंदी में पपीता पर 10 वाक्य। सभी फलों में पपीता मुझे सबसे अधिक प्रिय है। यह अत्यंत ...

  16. पेड़ों का महत्व पर निबंध

    Essay on Importance of Trees in Hindi 1100 Words. रूपरेखा -. हमारे जीवन में पेड़ों का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि मानव सभ्यता का उदय इन्हीं के कारण हुआ है और ...

  17. पेड़ पर निबंध हिंदी में

    पेड़ पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Tree in Hindi 400-500 Words) यदि आप पेड़ के बारे में गहन अध्ययन करना चाहते हैं या फिर आप 500 शब्दों में पेड़ पर एक ...

  18. 10 Lines on Papaya in Hindi

    9. पपीता का सेवन गर्भवती महिला के लिए बहुत खतरनाक होता है।. 10. यह वात और कफ जैसी बीमारी के लिए लाभदायक है।. Hope above 10 lines on Papaya in Hindi will help you to study. For any help ...

  19. पेड़ पर निबंध हिंदी में (Trees Essay In Hindi Language)

    पेड़ (वृक्ष) पर हिंदी निबंध (Trees Essay In Hindi) वृक्ष हमारे जीवन का हिस्सा हैं, इनसे हमें शुद्ध ऑक्सीजन लेने में सहायता मिलती हैं। वृक्ष हमारे आस ...

  20. पेड़ पर निबंध

    Essay on Tree in Hindi : हम यहां पर पेड़ पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में पेड़ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी ...

  21. एक पेड़ की आत्मकथा Autobiography of A Tree in Hindi

    एक पेड़ की आत्मकथा Autobiography of A Tree in Hindi. मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत ...

  22. Papaya meaning in Hindi

    Papaya meaning in Hindi : Get meaning and translation of Papaya in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Papaya in Hindi? Papaya ka matalab hindi me kya hai (Papaya का हिंदी में मतलब ). Papaya meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is पपीता ...

  23. पीपल के पेड़ पर निबंध

    पीपल के पेड़ पर निबंध. पीपल एक परिचित पेड़ है। यह वृक्ष कई देशों में पाया जाता है। भारत में यह लगभग सभी राज्यों में पाया जाता है।. पीपल ...