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घर पर पपीते का पेड़ कैसे उगाएं – How to Grow Papaya Tree at Home in Hindi
पपीता अन्य पौधों की अपेक्षा तेजी से बढ़ने वाला हर्बेशियस पौधा (herbaceous plant) है, इसे पपाव (papaw) या पपीता कहा जाता है। पपीते का वैज्ञानिक नाम कैरिका पपाया (Carica papaya) है। इसका तना खोखला (hollow) और बिल्कुल सीधा होता है। इसमें बड़े लोब वाले पत्ते होते हैं जिससे पपीते का पेड़ छाते (umbrella) के आकार का दिखता है। इसे धूप वाली किसी भी जगह पर उगाया जा सकता है। पपीते का इस्तेमाल अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाने, औद्योगिक और औषधि बनाने में किया जाता है। घर पर बने गार्डन में पपीता उगाना बहुत आसान है। होम गार्डन या टेरेस गार्डन के गमले या कंटेनर के लिए बौना पपीता अर्थात ड्वार्फ पपीता (dwarf Papaya) अच्छा माना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको गमले में पपीता उगाने से संबंधित पूरी जानकारी और इसके देखभाल के तरीके के बारे में बताएंगे।
पपीता के बीज कब लगाएं? – When to plant Papaya seeds in Hindi
घर पर पपीता उगाने के लिए अधिकतम 25-30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। आप अपने घर पर या गार्डन में पपीता को वसंत (फरवरी-मार्च), मानसून (जून-जुलाई) और शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) के दौरान लगा सकते हैं। कंटेनर या गमले में पपीता उगाने के लिए दोमट मिट्टी में पर्याप्त कार्बनिक पदार्थों को अच्छी तरह से मिलाएं। इससे बौने अर्थात ड्वार्फ पपीते में हेल्दी फल आते हैं।
पपीता उगाने के लिए तापमान – Temperature for growing Papaya seeds in Hindi
घर में पपीते के बीज उगाने के लिए मिट्टी का तापमान 70-75 डिग्री फ़ारेनहाइट (21-23 डिग्री सेल्सियस) होना चाहिए। इसलिए पपीते के गमले या कंटेनर को गर्म तथा धूप वाली जगह पर रखें।
पपीते का बीज कितने दिन में उगता है – Papaya seed germination time in Hindi
मिट्टी के तापमान की सीमा के आधार पर पपीते की बीज की बुआई से लगभग दो सप्ताह में अंकुरित हो जाते हैं।
पपीता उगाने के लिए गमले का साइज़ – Pot for Papaya plant in Hindi
यदि आप कंटेनर या गमले में पपीता उगाना चाहते हैं तो आपको बड़े कंटेनर या अधिक बड़े गमले का इस्तेमाल करना पड़ेगा। अगर आपका गमला बहुत छोटा होगा, तो पपीते के विकास में रुकावट आ सकती है। शुरूआत में आप पपीता के बीज से पौधे को ग्रो करने के लिए 8 से 9 इंच के पॉट या गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन बाद में पपीते के पेड़ को 18 x 18 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई), 24 x 24 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई) के गमले या ग्रो बैग में लगाया जाना चाहिए। इससे पौधे की वृद्धि बहुत अच्छी तरह से होती है और उसमें स्वस्थ फल एवं फूल लगते हैं।
बीज से पपीता उगाने के लिए मिट्टी – Soil for grow Papaya from seeds in Hindi
पपीते को उगाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पॉटिंग मिक्स (nutrient-rich potting mix) या बगीचे की मिट्टी (garden soil) में 25 से 50% जैविक खाद मिलाकर इस्तेमाल करें। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। पपीता का पेड़ बलुई (sandy), दोमट मिट्टी में तेजी से विकसित होता है। पपीता उगाने के लिए गमले या कंटेनर की मिट्टी का पीएच 6 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
यदि आप पपीते के बीजों का अधिक संख्या में अंकुरण करना या बीज से अधिक पौधे तैयार करना चाहते हैं, तो स्टेराइल पॉटिंग सॉयल मिक्स (sterile potting soil mix) का इस्तेमाल करें। इसके लिए एक भाग वर्मीक्यूलाइट और एक भाग पॉटिंग मिक्स मिलाकर इस मिश्रण को ओवन में 93 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के लिए सेंककर (bake) अपनी खुद की मिट्टी तैयार कर सकते हैं।
बीज से पपीता उगाने की विधि – Papaya seeds growing method from seed in Hindi
- बीज से पपीता उगाने के लिए किसी बीज भंडार या ऑनलाइन स्टोर organicbazar.net से बीज खरीदें।
- पपीता के बीज बोने से पहले इसे धोकर इसके ऊपर लगे जिलेटिन की कोटिंग (gelatinous coating) को हटाएं।
- आप पपीते के उच्च गुणवत्ता पूर्ण बीजों की बुआई करने के लिए बीजों को सादे पानी में डालें। कुछ समय जो बीज पानी की तरह पर तैर रहे हों, उन्हें अलग कर दें, और तली में बैठने वाले बीजों को बुआई के लिए उपयोग में लायें।
- आप इन बीजों को बोने से पहले गीले सूती कपड़े में बांधकर 2-3 दिन तक रख सकते हैं।
- बीज में जब सफेद अंकुरण दिखने लगे तब आपका बीज बोने के लिए तैयार है।
- अब कंटेनर, गमले या सीडलिंग ट्रे ( seedling tray ) में बीज बोएं। मिट्टी में बीज से पौधा बनने में 2 से 3 हफ्ते का समय लगेगा। पौधा तैयार होने के बाद इसे किसी अन्य बड़े कंटेनर में लगाया जा सकता है।
पपीते के पौधे को पानी कैसे दें – How to provide water to papaya plant in Hindi
पपीते को ग्रो करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है। अंकुरण की प्रकिया में और पौधे को रोपने के शुरूआती कुछ महीनों तक पपीते को नियमित पानी देने की जरूरत पड़ती है। शुष्क मौसम में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए और कई बार पानी देना चाहिए। मिट्टी को बहुत अधिक गीला नहीं बल्कि नम रखें और जब मिट्टी के ऊपर 1 इंच तक की सतह सूख जाए तभी पौधे में पानी डालें।
(और पढ़ें: 5 टिप्स की मदद से रखें गर्मियों में पौधों को ठण्डा… )
पपीते के पौधे के लिए आवश्यक धूप – Light required for Papaya plant in Hindi
पपीते के पौधे को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है। पपीते के पौधे को जितनी अधिक सीधी धूप (direct sunlight) मिलेगी, वह उतना ही स्वस्थ होगा और अधिक फल लगने की संभावना भी बढ़ेगी। पपीते के पौधे को प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप की जरूरत होती है। इसलिए अपने गमले या कंटेनर को हमेशा ऐसी जगह पर रखें, जहां पपीते को पर्याप्त मात्रा में धूप मिल सके।
पपीता के पौधे के लिए उर्वरक – Fertilizer for Papaya plant in Hindi
घर पर लगे पपीते के पेड़ पर तेजी से फल आने के लिए इसमें समय पर खाद देने की जरूरत पड़ती है। हर दो हफ्ते बाद पपीते के पेड़ में खाद डालना चाहिए। अगर आप ड्वार्फ (बौना) पपीता लगा रहे हैं, तो प्लाटिंग होल (planting hole) में एक पाउंड (लगभग 450 ग्राम) ट्रिपल सुपरफॉस्फेट (triple superphosphate) डालें। इसके अलावा पपीते के पेड़ को सीधे नाइट्रोजन भी दिया जा सकता है।
पपीते पर लगने वाले कीट और रोग – Papaya plant Pests and diseases in Hindi
पपीते के पेड़ पर अधिक कीड़े नहीं लगते हैं। हालांकि स्पाइडर माइट्स (spider mites), थ्रिप्स (Thrips) और व्हाइटफ्लाई (whiteflies) इत्यादि कीट फल और पेड़ को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। नीम तेल (neem oil) का स्प्रे कीटों और फफूंदी से छुटकारा दिलाता है। हालांकि कीटनाशक या किसी रासायनिक स्प्रे का छिड़काव खाने वाले पपीते के फलों पर न करें।
(और पढ़ें: पौधों से एफिड्स कैसे निकालें?…. )
पपीता कब तोड़ने मिलेगा – Papayas Harvesting time in Hindi
पपीते के पेड़ पर 10 से 12 महीने में फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। पपीते का फल धूप के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए इसे दस्ताने ( gloves ) पहनकर तोड़ना चाहिए। पेड़ से फल तभी तोड़ना चाहिए जब फल का रंग पीला हो जाए। कई बार 6 से 9 महीने के बीच ही ड्वार्फ पपीते का फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है।
पपीते के पौधे की देखभाल – Papaya plant care in Hindi
- आमतौर पर पपीते के पेड़ को हफ्ते में एक बार पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन कंटेनर या गमले में लगे पपीते के पेड़ को अधिक बार पानी देने की जरूरत पड़ती है। इसलिए नियमित या हफ्ते में तीन दिन पानी दें।
- ग्रोइंड सीजन के दौरान पौधे को खाद दें। शुरूआत में पौधे में गोबर या जैविक खाद डालें। इसके बाद रासायनिक खाद डाला जा सकता है।
- पपीते के पौधे को छांटने या प्रूनिंग ( pruning ) की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि जरूरत पड़े तो छंटाई की जा सकती है।
- इसे धूप वाली किसी भी जगह पर उगाया जाना चाहिए।
- पपीते के पेड़ को तेज हवाओं से बचाने की जरूरत होती है।
- पपीते के पौधे पर ब्लैक लीफ स्पॉट रोग की अधिक समस्या होती है। इसके लिए नीम तेल का पौधे पर छिड़काव करें।
(और पढ़ें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी… )
निष्कर्ष – Conclusion
पपीता उगाने के लिए गार्डन या बड़ी जगह की जरूरत नहीं है। इसे कंटेनर या गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। इसके लिए आपको बौने पपीते (dwarf Papaya) की किस्म के बीज खरीदने पड़ेगे। कंटेनर में ड्वार्फ पपीते के पेड़ अच्छी वृद्धि करते हैं और समय पर फल लगते हैं। अगर आप भी पपीता उगाना चाहते हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण अपने शौक पूरे नहीं कर पा रहे हैं तो आप कंटेनर या गमले में बौना पपीता उगाकर अपने शौक पूरे कर सकते हैं।
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Table of Contents
कैरिका पपाया एल. (पपीता) मेक्सिको और उतारी दक्षिणी अमेरिका में पाया जानेवाला एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय (tropical and subtropical) पौधा है जो विश्व के कई भागों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने लगा है। पपई, पावपाव, लपाया, तपायस और कपाया ये सब पपीता के कुछ अन्य नाम हैं। यह सीधा, बड़ा पेड़ जैसा दिखने वाला शाकीय पौधा है किन्तु इसमें लकड़ी नहीं होती है। इसकी पत्तियां बड़ी, हथेली के आकार की होती हैं जिनका व्यास 50-70 सेमी होता है। फूलों के प्रकार के अनुसार इसके फल विभिन्न आकार के होते हैं। इसके फल 5-30 सेमी लम्बे तथा पीलापन लिए हुए नारंगी रंग के होते हैं। इसका गुदा मीठा होता है और इसमें ढेर सारे काले बीज होते हैं 1
पपीता एक अच्छी तरह से सूखी मिट्टी में होने वाला साधारण पौधा है, जहाँ पानी का ठहराव न हो क्योंकि इससे यह 24 घंटे में नष्ट हो सकता है। पौधे और इसके फल को गर्मी और वसंत ऋतु में बहुत कम मात्रा में पानी की ज़रूरत होती है। बहुत अधिक ठंड और गर्मी पौधे और इसके फल दोनों को नष्ट कर सकते हैं। पपीते का पौधा और इसके फल 21-32 डिग्री सेल्सियस तापमान में फलते-फूलते हैं। फल के पकने के दौरान सूखा मौसम इसके स्वाद को बेहतर बनाता है जबकि 10 0 से कम तापमान में इसके पकने की गति धीमी हो जाती है। इसके अतिरिक्त, पौधा रोपने के 8-10 महीनों के बाद इसमें फल लगने लगते हैं। मौसम की स्थिति के अनुसार पपीते का एक पौधा साल में 30-150 फल दे सकता है। 3
पपीता में पोषक तत्वों की मात्रा:
Papita Mai Poshak Tatvo Ki Matra:
पपीते के फल और बीज में पाई जानेवाली पोषक तत्वों की मात्रा निम्नवत है:
तत्व | सामग्री (मिलीग्राम/100 ग्राम) |
कार्बोहाइड्रेट्स | 7.76–13.44 |
प्रोटीन | 0.36–0.45 |
लिपिड | 0.20–0.29 |
आहारीय ï¬bre | 0.37–0.60 |
β-कैरोटीन (μg/g) | 208.67–4534.26 |
एस्कॉर्बिक एसिड (मिलीग्राम/ग्राम) | 35.32–43.80 |
सोडियम | 6.79–9.53 |
पोटैशियम | 18.36–24.78 |
आयरन | 0.61–0.85 |
कैल्शियम | 27.88–32.48 |
जिंक (पपीते के बीज) | 5.00–6.17 |
फॉस्फोरस | 11.54–16.81 |
कॉपर (पपीते के बीज) | 0.50–1.09 |
मैंगनीज (पपीते के बीज) | 2.50–3.10 |
मैग्नीशियम | 9.45–13.63 |
टेबल1: पपीते में पाई जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा 2
कच्चे फल में कैरोटेनॉयड्स, पपैन और काइमोपपैन एंजाइम पाए जाते हैं। पपीते के बीज में पपीते का तेल पाया जाता है जिसमें फ्लेवोन्वाएड्स होते हैं। 1 पपीते के बीज के तेल में उच्च मात्रा में लिपिड वाले फायटोकेमिकल्स तथा जरुरी फैटी अम्ल यथा ओलेइक अम्ल पाए जाते हैं। बीजों में पाए जाने वाले अन्य फैटी अम्लों में एराकिडिक, पामिटिक, लिनोलेनिक और स्टीयरिक अम्ल शामिल हैं। 2
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पपीते के गुण :
पपीते के विभिन्न अंगों में पाए जाने वाले गुण इस प्रकार हैं।
● यह एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है
● इसमें जीवाणुरोधक गुण हो सकते हैं
● इसमें कैंसररोधी शक्ति हो सकती हैं
● इसमें सूजनरोधी गुण हो सकते हैं
● यह अल्सर (अल्सररोधी) में फ़ायदेमंद हो सकता है
● यह ब्लड में शुगर की मात्रा कम करने में फ़ायदेमंद हो सकता है (डायबिटीज से लड़ने में सहायक)
● यह लीवर के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है (लीवर रक्षक)
● यह जख्म ठीक करने में मदद कर सकता है 1
● इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं (रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाला)
● इसमें कृमिनाशक एजेंट हो सकते हैं (परजीवी कृमियों के विरुद्ध कार्य करता है)
● इसमें एंटीस्पास्मोडिक क्षमता पाई जाती है (मांसपेशियों की ऐंठन में आराम पहुंचाता है)
● यह कवक (एंटीफंगल) पर प्रभावी हो सकता है
● यह मलेरिया परजीवी पर प्रभावी हो सकता है (मलेरियारोधी) 4
यह भी पढ़ें: ताड़गोला (आइस-एप्पल): उपयोग, फ़ायदे, साइड इफ़ेक्ट्स आदि!
Read in English: Ice Apple: Uses, Benefits, Side Effects and More!
पपीते के संभावित उपयोग :
संक्रमण में पपीते के संभावित उपयोग :.
पपीते के जड़ के अर्क का विभिन्न बैक्टीरिया और फंगी के विरुद्ध इसके जीवाणुरोधी गुण का पता लगाने के लिए परीक्षण किया गया था। शोधकर्ताओं के अनुसार पपीते के अर्क में स्यूडोमोनस एरुजिनोसा के विरुद्ध जीवाणुरोधी गुण पाया जाता है। पत्तियों के अर्क सभी ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया के विरुद्ध अधिक प्रभावशाली होते हैं। 1
एस्चेरिचिया कोलाई, स्टैफिलोकोकस ऑरियस और कैंडिडा अल्बिकन्स के विरुद्ध पपीते की पत्तियों के अर्क की प्रभावकारिता की जांच के लिए परीक्षण किया गया था। 1 एक अन्य अध्ययन से एस ऑरियस, बैसिलस सबटिलिस, पी एरुजिनोसा और ई कोलाई के विरुद्ध पपीते की पत्तियों के संभावित जीवाणुरोधी गुणों का पता चला। शोधकर्ताओं के अनुसार हरे कच्चे पपीते के फल के अर्क में पी एरुगिनोसा और ई कोलाई के विरुद्ध जीवाणुरोधी पाए जाते हैं। 1
माइक्रोस्पोरम फुलवम, कैंडिडा अल्बिकन्स और एस्परगिलस नाइजर के विरुद्ध पपीते के विभिन्न अंगों के अर्क के एंटीफंगल गुण के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त हुए हैं। 3 पपीते की मसली हुई पत्तियों में अधिकांश फंगी के विरुद्ध एंटीफंगल गुण होने की संभावना है। पपीते की पत्तियों का जूस डेंगू से होने वाले बुखार में प्राकृतिक औषधि का कार्य कर सकता है। पपीते में पाए जानेवाले एक जैवसक्रिय अवयव फ्लेवोन्वाएड के डेंगू वायरस के विरुद्ध एंटीवायरल गुण का पता चला है। 3
डायबिटीज में पपीते के संभावित उपयोग :
अफ्रीका के कई समाजों में पपीते का उपयोग लम्बे समय से डायबिटीज मिलिटस के उपचार में किया जाता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि पपीते के पौधे के कुछ भाग मनुष्यों और पशुओं दोनों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में सहायक हो सकते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि पपीते की पत्तियों के अर्क में हाइपोग्लाईकेमिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) प्रभाव होता है। 3
इसी तरह, पके हुए पपीते के बीज के अर्क में डायबिटीज से लड़ने वाले गुण होते हैं जो एनिमल मॉडल में खाली पेट में ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों को संभावित इलाज के लिए हरा पपीता के सेवन का भी परामर्श दिया गया है। 3 यद्यपि इसके सटीक क्षमता के बारे में पता लगाने के लिए अभी और शोध किये जाने की ज़रूरत है। डायबिटीज के सही निदान और उपचार के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
लीवर के लिए पपी ते का सभावित उपयोग :
जानवरों पर किए गए विभिन्न शोधों में लीवर की सुरक्षा करने में पपीता के फल के अर्क के संभावित गुणों का पता चला है। जिन जानवरों को पपीते के अर्क दिए गये थे उनमें लिपिड पेरोक्सिडेशन, टोटल बिलीरुबिन, सीरम एंजाइम के निम्न स्तर पाए गये थे। 3
एनिमल मॉडल में पपीते के डंठल के अर्क के लीवर को सुरक्षित रखने की क्षमता का भी परीक्षण किया गया था। टैनिन, अल्कलॉइड और सैपोनिन जैसे जैव सक्रिय पदार्थों की उपस्थिति लीवर के रोग में पपीते के पारंपरिक रूप से उपयोग किये जाने को सही ठहराते हैं। 3 यद्यपि और शोध किये जाने की ज़रुरत है।
अल्सर में पपीते का संभावित उपयोग :
कई अध्ययनों से पता चला है कई पपीते की पत्तियां और बीज पेट और आंत के अल्सर में फ़ायदेमंद होते हैं। जानवर पर किये गये अध्ययन से पता चला है कि पपीते के बीज के अर्क पेट की एसिडिटी और गैस्ट्रिक जूस की मात्रा तथा एसिडिटी को घटा सकते हैं जिससे अल्सर होने की संभावना नहीं रहती तथा ये पेट की रक्षा करने वाले एजेंट के रूप में काम करते हैं। 3 इन संभावित परिणामों की पुष्टि के लिए और शोध किये जाने की ज़रूरत है।
मलेरिया में पपीते के संभावित उपयोग :
पपीते की पत्तियों के अर्क ने पी. फाल्सीपेरम के विरुद्ध मलेरियारोधी क्षमता प्रदर्शित की है और पर्यावरण अनुकूल मच्छर विकर्षक (repellent) के रूप में इसका उपयोग में किया जा सकता है।
जानवर पर किए गए अध्ययन के अनुसार, पपीते की पत्तियों के अर्क में प्लाज्मोडियम बरघेई के विरुद्ध मलेरियारोधी गुण पाए जाते हैं। 3 पपीते की पत्तियों से तैयार की गयी चाय मलेरिया के विरुद्ध असरदार हो सकती है। 3 इसके सम्पूर्ण गुणों की वैज्ञानिक तौर पर पुष्टि हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।
डायरिया में पपीते का संभावित उपयोग :
एक शोध के अनुसार कच्चे पपीते के अर्क में डायरियारोधी गुण प्रदर्शित हुआ, जबकि पके पपीते के अर्क में प्लेसीओमोनास शिगेलोइड्स के विरुद्ध डायरियारोधी गुण पाए जाते हैं। जानवर पर किए गए एक अन्य शोध में पाया गया कि पपीते के पत्ते के अर्क में एक अच्छे डायरियारोधी के गुण पाए जाते हैं। 1 यद्यपि इन दावों को ठोस तथ्य के रूप में संपुष्ट करने हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।
जख्म ठीक करने में पपीते का संभावित उपयोग :
पपीते के बीज और जड़ के अर्क के जख्म को ठीक करने की क्षमता का जानवरों पर परीक्षण किया गया था। इसके परिणाम में पाया गया कि इसके अर्क में जख्म को ठीक करने की क्षमता होती है। पपीते के लेटेक्स से इलाज करने पर जख्म के आकार में बहुत कमी पाई गई। 1
कैंसर में पपीते का संभावित उपयोग :
पपीते में पपैन नामक एक एंजाइम पाया जाता है जो कैंसर में असरदार साबित हो सकता है। पपैन में लाइकोपीन वर्णक पाया जाता है जो फ्री रैडिकल्स और ऑक्सीजन से अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है। पपीते में पाया जानेवाला आइसोथियोसाइनेट स्तन, प्रोस्टेट, अग्नयाशय, फेफड़ा, ब्लड एवं पेट के कैंसर में फ़ायदेमंद हो सकता है। 1
एक अध्ययन से पता चला है कि पपीते की पत्तियों के अर्क कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को कम कर सकते हैं और कैंसर मार्कर्स को घटा सकते हैं। त्वचा कैंसर, किडनी कैंसर और स्तन कैंसर जैसी कैंसर की विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं पर पपीते के जमीन के ऊपर के हिस्सों के अर्क का परीक्षण किया गया था। 1 एक अध्ययन के अनुसार, पके हुए पपीते की काली बीजों का प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार पर भी असर पड़ता है। 1 यद्यपि गंभीर स्थिति के कैंसर का इलाज सही तरीके से पेशेवर द्वारा किया जाना चाहिए। कृपया सम्बंधित डॉक्टर (ऑन्कोलॉजिस्ट) से संपर्क करें।
सूजन में पपीते के संभावित उपयोग :
पपीता में अल्कलॉइड्स (जैसे कोलीन और निकोटीन), फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और सैपोनिन पाए जाते हैं जो पुराने (दीर्घकालिक) सूजन पर काफी असरदार होते हैं। पपीता में पाए जानेवाले पपैन और काइमोपपैन जैसे प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स में भी सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। 1
कई जानवर प्रतिदर्शों पर पपीते की पत्तियों के अर्क के सूजनरोधी गुण का अध्ययन किया गया था। ज्ञात हुआ कि पपीते की पत्तियों के अर्क में सूजनरोधी गुण होते हैं। जानवर पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार पपीते के बीज के जलीय अर्क में भी सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। 3
रोग प्रतिरोधक क्षमता हेतु पपी ते का संभावित उपयोग
पपीते में पाए जानेवाले पपैन और चाईमोपपाई जैसे प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स में भी संभवतः रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, पके हुए और कच्चे पपीते के फल में रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं।
जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार ट्रांसजेनिक पपीता फल इम्युनोग्लोबलिन आईजीएम (एंटीबॉडी) के स्तर को बढ़ाता है जिससे रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि होती है। 1
एनीमिया में पपीते का संभावित उपयोग :
कच्चे पपीते में टाइरोसिन, ग्लाइसिन और फेनिलएलनिन जैसे एंटी-सिकलिंग (एंटी-एनीमिक) रसायन पाए जाते हैं। कच्चे पपीते में पाए जानेवाले फेनोलिक एसिड, एरोमेटिक अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट रसायन के कारण इसमें एंटी-सिकलिंग (एंटी-एनीमिक) गुण होते हैं। 2 कई अध्ययनों के अनुसार, कच्चे पपीते के फल और सूखी हुई पत्तियों में एंटी-सिकलिंग गुण पाए गए हैं और इसलिए ब्लड में लाल कोशिकाओं की कमी (sickle cell anaemia) की स्थिति में ये मददगार हो सकते हैं। 3
यद्यपि कई अध्ययनों से यह ज्ञात हुआ है कि विभिन्न बीमारियों में पपीते का उपयोग किया जा सकता है, किन्तु ये पर्याप्त नहीं हैं और मानव स्वास्थ्य पर पपीते के फायदों की सही सीमा का निर्धारण करने के लिए और अध्ययन किये जाने की ज़रूरत है।
Read in English: Plums: Uses, Benefits, Side Effects and More!
पपीते का उपयोग कैसे करें?
पपीता निम्नांकित प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है:
● पपीते की पत्तियों का सिरप
● पपीते की पत्तियों का टेबलेट
● पपीते की पत्तियों का मलहम
● पपीते की पत्तियों का कैप्सूल 4
● पपीते का फल
● पपीते का जूस 3
कोई भी हर्बल दवा लेने के पहले योग्य डॉक्टर से परामर्श कर लें। वे आपको आपकी ज़रूरत के अनुसार पपीते के रूप और दवा के डोज के बारे में बताएंगे। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार चल रहे किसी प्रकार के इलाज को योग्य डॉक्टर के परामर्श के बिना बंद नहीं करें या आयुर्वेदिक/ हर्बल दवा से प्रतिस्थापित नहीं करें।
पपीते के साइड इफ़ेक्ट्स:
पपीते का अत्यधिक उपयोग करने के कारण होने वाले साइड इफ़ेक्ट्स:
● त्वचा में जलन
● एलर्जिक रिएक्शन
● गर्भाशय संकुचन (गर्भपात)
● कैरोटेनीमिया (त्वचा का रंग बिगड़ना, तलवों और हथेलियों का पीला पड़ना)
● पेट में गड़बड़ी
● सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट (सांस लेने के दौरान सीटी की आवाज) 5
● नाक बंद होना 5
इस प्रकार का कोई भी साइड इफ़ेक्ट्स महसूस होने पर जिस डॉक्टर ने इसे लेने का परामर्श दिया था उससे तुरंत चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें। साइड इफ़ेक्ट्स पर काबू पाने हेतु उचित इलाज के संबंध में वे आपके सर्वोत्तम मार्गदर्शक साबित होंगे।
पपीते के साथ बरती जानेवाली सावधानियां :
पपीते के दो प्राथमिक तत्व – पपैन और काइमोपपैन, गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर डालते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। 6
बच्चों और उम्रदराज व्यक्तियों पर पपीते के सुरक्षित उपयोग के संबंध में किसी प्रकार के शोध का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है। अतः इसके फायदों के लिए इसे किसी डॉक्टर की देखरेख में और उनके सलाह पर ही लिया जाना चाहिए।
अन्य दवाओं के साथ पारस्परिक क्रिया :
बहुत सारी दवाएं, जैसे मेटफॉर्मिन, ग्लाइमपेराइड (ब्लड शुगर कम करने वाली दवाएं), डाइजॉक्सिन (हृदय की स्थिति के लिए एक दवा), सिप्रोफ्लोक्सासिन (एंटीबायोटिक्स), और आर्टेमिसिनिन (एंटीमाइलेरियल) पपीते के पत्तों के साथ महत्वपूर्ण रूप से पारस्परिक क्रिया कर सकती हैं। 7
शुगर कम करने वाली दवाएं जैसे मेटफॉर्मिन और ग्लाइमपेराइड का पपीते की पत्तियों के साथ जटिल पारस्परिक क्रिया का पता चला। जब पपीते की पत्तियों के अर्क को मेटफॉर्मिन के साथ मिलाया गया तो पहले तो इसने दो घंटे बाद मेटफॉर्मिन के शुगर कम करने वाले प्रभाव को घटाया किन्तु 24 घंटे के बाद इसे बढ़ा दिया। 7
जब पपीते की पत्तियों के अर्क को आर्टीमिसिनिन के साथ मिलाया जाता है तो इसमें प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ योज्य मलेरियारोधी (मलेरिया परजीवी को मारता है) प्रभाव पैदा होता है। 7
Read in English: Coconut: Uses, Benefits, Side Effects and More!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
पपीता सामान्य तौर पर 5-30 सेमी लम्बा और पीलापन लिए हुए नारंगी रंग का एक फल होता है। फल का गूदा खाया जाता है और इसमें बहुत सारे काले बीज होते हैं। 1
एक अच्छी तरह से सूखी मिट्टी में होने वाला यह एक सामान्य पौधा है, जहां पानी का ठहराव न हो। यदि इसे अच्छी तरह से खाद डालकर उपजाऊ बनाया जाए, तो 6.5 से 7.0 पीएच मान वाली हल्की उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) मिट्टी में पपीता का पौधा बहुत तेजी से बढ़ता है। 3
पपीता में विटामिन A, C और E पाया जाता है। 1
पपीता डायबिटीज के रोगियों के लिए बढ़िया हो सकता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि पपीते के पौधे के कुछ भाग मनुष्य और जानवर दोनों में ब्लड में शुगर की मात्रा कम करने में मदद कर सकते हैं। 3 डायबिटीज के इलाज हेतु कृपया डॉक्टर से परामर्श करें तथा स्वयं चिकित्सा नहीं करें।
लीवर के लिए पपीता अच्छा हो सकता है। पपीता में उपस्थित टैनिन, अल्कलॉइड और सैपोनिन जैसे जैवसक्रिय पदार्थों के कारण लीवर की खराबी के इलाज हेतु पपीते का पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। 3 कृपया डॉक्टर से परामर्श करें। स्व-चिकित्सा न करें।
गर्भावस्था में पपीते का उपयोग सही नहीं है। पपीते में पाए जाने वाले दो मुख्य तत्व – पपैन और काइमोपपैन का गर्भावस्था में बुरा असर हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं द्वारा पपीते का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। 5
नहीं, पपीता से ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती है। 3
बालों में पपीते की पत्तियों का अर्क लगाने से बालों में वृद्धि कर सकता है तथा यह बालों को गिरने से भी बचा सकता है। 4
पपीते में एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणुरोधी, कैंसररोधी, गर्भनिरोधी, सूजनरोधी, अल्सररोधी, डायबिटिजरोधी, लीवर रक्षक, जख्म ठीक करने, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, एंथेलमिंथिक, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीफंगल, एनीमियारोधी, और मलेरियारोधी होते हैं। 1,2 यद्यपि इन गुणों की पुष्टि के लिए और शोध किये जाने की ज़रूरत है।
हाँ, पपीते की पत्तियां डेंगू के लिए ठीक हो सकती हैं। डेंगू से होने वाले बुखार में पपीते की पत्तियों के संभावित उपयोग का पता चला है। 3 यद्यपि इस प्रकार के दावों की पुष्टि हेतु और शोध किये जाने की ज़रूरत है।
पपीते की पत्तियों में क्वेरसेटिन, कैम्फेरोल, कैम्फेरोल 3-रूटिनोसाइड, क्वेरसेटिन 3-रुटिनोसाइड, कैम्फेरोल, माइरिकेटिन 3-रैमनोसाइड जैसे फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। 1
References:
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- सामान्य ज्ञान
- Papaya in Hindi: पपीते के 16 अद्भुत फायदे और नुकसान
Papaya Benefits and Papita Information in Hindi
Papaya Information in Hindi पपीते की जानकारी
पका पपीता ( Papaya in Hindi ) एक हल्के पीले-नारंगी रंग का मीठा और गूदेदार फल है। जो न केवल स्वादिष्ट और रसीला होता है, बल्कि बहुत ही स्वास्थ्यप्रद भी है। यह उष्णकटिबंधीय जलवायु (Tropical Climate) में पैदा होने वाला फल है। पपीते की उत्पत्ति के बारे में माना जाता है कि यह सबसे पहले दक्षिणी मैक्सिको और उसके निकटवर्ती मध्य अमेरिका में पैदा हुआ था।
पपीते का पेड़ शाखारहित होता है जिस पर बड़े-बड़े फल लगते हैं। इसके पेड़ की ऊंचाई, प्रजाति के अनुसार 2 मीटर से लेकर 7 मीटर तक हो सकती है। इसके फल के अन्दर काले रंग के गोल बीज पाये जाते हैं जो स्वाद में तीखे और कडवे होते हैं। एक परिपक्व पपीते का वजन 200 ग्राम से लेकर 5000 ग्राम तक हो सकता है।
आज Papaya लगभग हर ट्रोपिकल और सब-ट्रोपिकल कंट्री में उगाया जाता है। नमी के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील (Frost-sensitive) होने के कारण यह अधिक नमी वाले स्थानों पर पैदा नहीं हो सकता है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं, जो अकेले ही सम्पूर्ण विश्व के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत पपीता पैदा करता है। सन 2017 में भारत ने 55 लाख टन पपीता उत्पन्न किया था।
Papaya Fruit in Hindi अद्भुत फल है पपीता
Papaya, कैरिकासिये परिवार (Caricaceae Family) का सदस्य है। इसका वानस्पतिक नाम, कैरिका पपाया (Carica Papaya) है। आयुर्वेद के अनुसार पका पपीता, पित्तवर्धक, सुपाच्य, रेचक और वात-दोष का शमन करने वाला होता है। पपीता एक विशेष प्रकार के एंजाइम पेपेन (Papain) से भरपूर होता है जो कि Digestion में विशेष रूप से सहायक माना गया है।
पपीते के छिलके, गूदे और बीजों में कई तरह के फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) पाये जाते हैं जिनमे कैरोटिनोइडस (Carotenoids) और पोलीफिनोल्स (Polyphenols) भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें बेन्जिल आइसोथिओसायनेट्स (Benzyl Isothiocyanates) और बेन्जिल ग्लूकोसिनेटस (Benzyl Glucosinates) भी पाये जाते है, जिनका स्तर फल पकने के दौरान बढ़ जाता हैं।
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में पपीते के वायरसरोधी (Antiviral), जीवाणुरोधी (Antibacterial), कृमिनाशक (Antiprotozoal), फफूंदनाशक (Antifungal), शोथरोधी (Anti-inflammatory), कैंसररोधी (Antitumor), तनावरोधी (Antihypertensive), घाव ठीक करने वाले (Wound Healing), नाडी संरक्षक (Neuroprotective), मूत्रल (Diuretic), गर्भनाशक (Abortifacient), उर्वरतारोधी (Antifertility), हाइपोग्लाईसेमिक (Hypoglycemic), और हाइपोलिपिड़ेमिक गुणों (Hypolipidemic Properties) के बारे में पता चला है।
Nutritional Facts about Papaya Fruit in Hindi
यह हैं पपीते में उपस्थित पोषक तत्व.
पपीते की इतनी अधिक जैविक क्रियाओं (Biological Activities) के पीछे इसके उन अनोखे फाइटोकेमिकल्स का हाथ है, जिनमे फ्लेवेनोइड (Flavonoids), और पोलीफिनोल्स (Polyphenols), एल्कालोइड्स (Alkaloids), ग्लाईको साइड्स (Glycosides), ट्रिटरपेनेस (Triterpenes), लेक्टिन्स (Lectins), सैपोनिंस (Saponins), पालीसैक्राइड्स (Polysaccharides) और अनेकों विटामिन, मिनरल, एंजाइम और प्रोटीन शामिल हैं।
100 ग्राम पपीते के गूदे में (छिलकेरहित) लगभग 88 प्रतिशत पानी और 43 किलो कैलोरी उर्जा होती है। इसमें पाये जाने वाले मुख्य विटामिन्स और मिनरल्स इस प्रकार हैं –
इन तत्वों के अलावा पपीते में 20 से ज्यादा और भी अनेकों तत्व बेहद सूक्ष्म मात्रा में पाये जाते हैं। जिनमे से मुख्य हैं – बीटा कैरोटिन (274 माइक्रोग्राम), बीटा क्रिप्टोजैन्थिन (11 माइक्रोग्राम), और लुटेन-जीक्सएन्थिन (89 माइक्रोग्राम)।
Benefits of Papaya Leaves and Seeds in Hindi
पपीते का सिर्फ फल ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते, जड़ और बीज तक मनुष्य शरीर के बेहतर स्वास्थ्य के लिये और रोगों को निर्मूल करने में लाभदायक है। इनके बारे में यहाँ संक्षिप्त रूप से दिया जा रहा है –
1. पपीता शरीर की सूजन को कम करता है
Papaya has Anti-inflammatory Effects in Hindi: पपीते में पाये जाने वाले दो सबसे लाभदायक तत्व हैं – काईमोपपेन (Chymopapain) और पेपेन (Papain)। काईमोपपेन एक प्रोटियोलायटिक एंजाइम है जो कि पपीते के लेटेक्स से निकाला जाता है। इसका मुख्य उपयोग रीढ़ की हड्डी (Spine Disks) के दर्द से आराम दिलाने में होता है। इसके अलावा Papaya में एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व कॉलिन (Choline) भी पाया जाता है।
जो स्मृति, नींद और माँसपेशियों के संचालन में हमारे शरीर की सहायता करता है। यह शरीर के अंगों में आयी सूजन (Inflammaton) को कम करता है और कोशिका झिल्ली (Cellular Membrane) की संरचना को सही रखकर Nerve Impulse के संचरण में मदद करता है।
2. पपीता कई तरह के बुखार दूर करता है
Papaya Aids in Treatment of Multiple Fevers in Hindi: नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ श्रीलंका के तत्वाधान में, श्रीलंका के पेराडेनिया विश्वविद्यालय (University of Peradeniya), द्वारा किये गये एक शोध ‘Papaya Leaves and Platelets Count’ में यह सिद्ध हो गया है कि पपीते की पत्तियाँ, प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या को बढ़ाने में बेहद असरदार है।
भारतीय आयुर्वेद, पुरातन समय से ही कई प्रकार के जटिल और खतरनाक बुखारों के निवारण के लिये नीमगिलोय और पपीते की पत्तिर्यों के आसव का परामर्श देता रहा है और आज यह बात आधुनिक तरीके से भी प्रमाणित हो रही है।
पपीते की पत्तियाँ डेंगू, मलेरिया सहित कई अन्य प्रकार के बुखार के उपचार में प्रयोग की जाती हैं, क्योंकि यह प्रभावी मलेरियारोधी (Antimalarial) और प्लास्मोडीरोधी (Antiplasmodial) Activity प्रदर्शित करती हैं। यह रोगाणुओं का नाश करती हैं और इम्युनिटी को बढाती हैं। इन्हें पानी में उबालकर चाय की तरह पिया जा सकता है।
3. पपीता कैंसर ट्यूमर को फैलने से रोकता है
Papaya Prevents Cancer in Hindi: फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (University of Florida) के शोधकर्ता, डाo नाम डंग और उनके सहयोगियों ने पपीते के उन कैंसररोधी गुणों (Anticancer Properties) का पता लगाया है, जो इस जानलेवा रोग को फैलने से रोकते हैं। पपीते में लाइकोपिन जैसे कई शानदार कैंसर रोधी तत्व (Anticarcinogenic Agents) होते हैं जो कैंसर से बचाते हैं।
यह अन्य महत्वपूर्ण Carotenoids जैसे बीटा कैरोटिन (Beta-carotene) और जेंथोफिलीस (Xanthophylls) के जैव विश्लेषण (Biosynthesis) का मुख्य घटक है। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स गर्भाशय, स्तन, यकृत, फेफड़े और पैंक्रियास के कैंसर से बचाने में मदद करते हैं।
लाइकोपिन आँतों और प्रोस्टेट के कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा उन्होंने पाया है कि पपीते की पत्तियों का अर्क, इस रोग की सूचना देने वाले मुख्य Signaling Molecules, Th1-type Cytokines का उत्पादन भी काफी बढ़ा देते हैं।
4. पपीता पेट के कीड़ों को मारता है
Papaya Kills Intestinal Worms in Hindi: पपीते में उपस्थित कार्पेन (Carpaine), एल्कालॉईड शरीर के भीतर रहने वाले शत्रु परजीवियों को समाप्त करने में भी सहायक है। इसके लिये पके पपीते के बीजों को निकालकर, उन्हें सुखाकर कूट लें। इनका एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ देने से, यह आँतों में रहने वाले कीड़ों को मारकर बाहर निकाल देते हैं, ऐसा आयुर्वेद विशेषज्ञों का मत है।
Amazing Health Benefits of Papaya Fruit in Hindi
5. पपीता पाचन संस्थान के लिये सर्वश्रेष्ठ फल है.
Papaya Improves Digestive System in Hindi: पपीते का सर्वाधिक सकारात्मक प्रभाव पाचन तंत्र पर देखने को मिलता है। क्योंकि इसमें पेपेन की उच्च मात्रा पाई जाती है जो कि एक शक्तिशाली पाचक एंजाइम (Potent Digestive Enzyme) है। यह कठोर, रेशेदार प्रोटीन को तोड़कर पचाने के लिये आवश्यक है, जिसकी जरुरत माँस जैसे भारी भोजन में पड़ती है।
पपीता एक कुदरती रेचक (Natural Laxative) है, क्योंकि इसमें आसानी से पचने वाले रेशे (Easily Digestible Fiber) की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें पाया जाने वाला रेशा, पानी की उच्च मात्रा और महत्वपूर्ण एंजाइम्स न केवल आँतों की दीवारों को चिकना बनाकर उनकी चाल को बढ़ाते हैं, बल्कि मल को मुलायम बनाकर पेट को साफ़ रखने में भी प्रभावी भूमिका निभाते हैं।
Constipation यानि कब्ज, गैस, अजीर्ण, मंदाग्नि, पेट की जलन आदि अनेक समस्याओं के लिये चिकित्सक पपीते का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसके अतिरिक्त पपीते में पाये जाने वाले फोलेट, विटामिन C और विटामिन E भी आमाशय, आँतों और यकृत की अशुद्धियों को दूर करके उन्हें बल प्रदान करते हैं।
6. पपीता आँखों की ज्योति को सुरक्षित रखता है
Papaya Protects Eyes in Hindi: पपीता मैकुलर डिजनरेशन नामक आँखों की एक खतरनाक बीमारी से बचाव करने में भी कारगर है। यह रोग उम्रदराज लोगों में देखने को मिलता है। इसमें लेंस की कोशिकाएँ धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं जिससे नजर धुंधली हो जाती है तथा कुछ घटनाओं में आँखों की रौशनी भी जा सकती है। पपीते में 1828 माइक्रोग्राम लाइकोपिन पाया जाता है जो कि एक Powerful Antioxidant है।
पपीते में पाये जाने वाले Dietary Carotenoids, जिसमे बीटा कैरोटिन (Beta-carotene), लाइकोपेन और ल्यूटिन (Lutein) जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, मैकुलर डीजनरेशन के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देते है। बीटा कैरोटिन और लाइकोपिन क्रमशः गाजर और टमाटर में भी प्रचुरता से पाये जाते हैं, लेकिन इसकी सर्वाधिक मात्रा टमाटरों में पाई जाती है।
7. पपीता मधुमेह रोग को नियंत्रित करता है
Papaya Helps in Diabetes Control in Hindi: अमेरिका की वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की Food and Nutrition Research Laboratory के शोधार्थी रफत सिद्दीकी ने अपनी शोध में पाया है कि पपीता, Diabetes यानि मधुमेह को नियंत्रित करने में भी बहुत प्रभावी है। यह माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को फाइबर से भरपूर डाइट लेनी चाहिये।
क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम रखने में मदद करती है। पपीते में पाया जाने वाला रेशा सुपाच्य होने के कारण इस बीमारी की रोकथाम करने में लाभदायक है। तो आगे से आप, जब कभी फल खाना चाहें तो इस बात का जरुर ध्यान रखें।
8. पपीता हड्डियों को मजबूत बनाता है
Papaya Makes Bone Strong in Hindi: पपीता हड्डियों को मजबूत और लोचदार बनाने में सहायक है, क्योंकि इसमें विटामिन K भी पाया जाता है जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषित होने की क्षमता को बढाता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि इस विटामिन की कमी के कारण हड्डियों के टूटने या फिर गठिया (Rheumatoid Arthritis) और ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) होने की संभावना बढ़ जाती है।
16 Incredible Benefits of Papaya Fruit in Hindi
9. पपीता हाई ब्लडप्रेशर को कम करता है.
Papaya Reduces High Blood Pressure in Hindi: पपीता, अर्जुन की तरह कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर को घटाता है, क्योंकि इसमें उपस्थित प्रो-कैरोटिनोइड फायटोन्यूट्रिएंट (Pro-carotenoid Phytonutrients) शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। जिससे यह रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) की दीवारों पर जमने नहीं पाता है। चूँकि पपीता फाइबर का भी अच्छा स्रोत है, इस कारण से भी यह Cholesterol के स्तर को कम करता है।
कच्चा हरा पपीता, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के उपचार में सहायक है। क्योंकि इसमें उपस्थित कार्पेन जो कि एक अल्कोइड है, दिल के धडकने की गति कम करता है और बढ़ा हुआ रक्तचाप घटाता है। पपीते में फाइब्रिन नामक एक और महत्वपूर्ण तत्व मिलता है जो वनस्पति जगत में दुर्लभ है।
10. पपीता आपके दिल का सच्चा डॉक्टर है
Papaya Saves Your Heart in Hindi: प्लांट्स जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार पपीता ह्रदय रोगों में भी बहुत लाभदायक है। लाइकोपिन, जो एक प्रमुख कैरोटिनोइड है, पपीते में उच्च मात्रा में पाया जाता है और यह ह्रदय रोग (Cardiovascular Disease) होने के खतरे को कम करता है।
इसके अलावा यह खून के थक्के (Blood Clots) जमने के खतरे को भी कम करता है और रक्त कोशिकाओं की गुणवत्ता को बढाता है, जिससे रक्त परिसंचरण तंत्र से आसानी से प्रवाहित होता है। फाइब्रिन, दिल के दौरे (Heart Attacks) पड़ने से भी रोकता है।
11. पपीता आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है
Papaya is An Immunity Booster Fruit in Hindi: पपीता रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने के लिये एक शानदार कुदरती नेमत है। यह कई प्रकार के संक्रमण (Infections) से हमारी रक्षा करता है। क्योंकि इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स उन फ्री रेडिकल्स को समाप्त करते हैं जो शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करके रोगों को आमंत्रित करते हैं। यह तत्व चयापचय (Metabolism) के दौरान शरीर के अन्दर ही पैदा होते हैं, लेकिन आसानी से बाहर नहीं जाते।
12. पपीता मोटापे का दुश्मन है
Papaya Controls The Obesity in Hindi: पपीता मोटापे को कुदरती रूप से घटाने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें ज्यादातर सिर्फ पानी और कार्बोहाइड्रेट ही होता है। यदि मोटे लोग अपने आहार में पपीते और कुछ अन्य फलों का ही चुनाव करें और वसायुक्त भोजन न खायें, तो उन्हें अपने वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद मिल सकती है।
Papaya Khane ke Fayde in Hindi पपीता खाने के फायदे
13. पपीता चर्म रोगों के उपचार में सहायक है.
Papaya as A Skin Care Treatment in Hindi: पपीता एक शानदार Revitalizing Agent है। यही कारण है कि इसका प्रयोग कई सौदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। स्त्रियाँ इसके पके गूदे को निकालकर फेस मास्क के रूप में इसका इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि यह त्वचा की Dead Cells (मृत कोशिकाओं) को हटाकर त्वचा को साफ़ करता है और इसकी चमक को बढाता है।
सूरज की रौशनी या सनबर्न से झुलसी त्वचा पर Papaya का गूदा लगाने से आशातीत लाभ होता है। अधिकतर समय घर से बाहर रहने वाले लोगों के लिये पपीता काफी मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि यह शरीर का असमय क्षरण करने वाले फ्री रेडिकल्स से त्वचा की सुरक्षा करता है।
इसके अतिरिक्त फोड़े-फुंसियों और कील-मुहाँसों के उपचार के लिये भी Papaya एक कुदरती उपचार (Natural Remedy) है। क्योंकि इसमें उपस्थित लेटेक्स, इन पर गंदगी की उस परत को नहीं जमने देता है जो इन्हें और अधिक बढ़ा देती हैं। साथ ही यह त्वचा की आन्तरिक परतों में जाकर उसे भी शुद्ध करता है।
14. पपीता श्वसन तंत्र के रोगों में लाभदायक है
Papaya Helps in Respiratory Problems in Hindi: पपीता श्वसन तंत्र से संबंधित रोगों में भी लाभदायक है। Asthama (दमा) और ब्रोनकाइटिस (Bronchitis) रोग की आरंभिक अवस्था में इससे लाभ मिलता है, क्योंकि यह पित्त प्रकृति का होता है। यह फेफड़ों को भी बल प्रदान करता है।
15. पपीता यौन अंगों को सशक्त बनाता है
Papaya Revitalize Reproductive Organs in Hindi: कच्चा पपीता महिलाओं के प्रजनन संस्थान पर अपना अनुकूल प्रभाव डालता है। यह महिलाओं के मासिक चक्र को नियमित करता है और प्रजनन अंगों (Reproductive Organs) को उत्तेजित करके एस्ट्रोजेन हारमोन (Estrogen Hormone) के उत्पादन में मदद करता है। पपीते का जूस भी इस समस्या को दूर करने में लाभदायक हो सकता है।
16. पपीता बालों को मजबूत और चमकीला बनाता है
Papaya Boosts Hair Growth in Hindi: पपीता बालों को मजबूत और चमकीला बनाने में भी मददगार है। यदि पपीते के सिरके (Papaya Vinegar) को नींबू के रस में मिलाकर 15 से 20 मिनट तक(शैम्पू करने से पहले ) सिर पर इसका लेप लगाकर रखा जाय तो यह रूसी (Dandruff) को मारता है और बालों की सेहत सुधारता है।
Important Information about Papaya in Hindi
Side-effects of papaya in hindi पपीते के नुकसान.
1. वह लोग जिन्हें Plant Latex (लेटेक्स) से एलर्जी होती है, उन्हें पपीते से भी एलर्जी होने की संभावना हो सकती है। क्योंकि Papaya में चिटानासेस (Chitanases) नाम का एंजाइम होता है जो लेटेक्स युक्त फलों से Cross Reaction कर सकता है।
2. इसके अलावा दस्त (Diarrhoea or Dysentery) से पीड़ित व्यक्ति को भी पके पपीते का सेवन नहीं करना चाहिये। ऐसा करने से रोग और ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि इसकी प्रकृति प्रवाही होती है।
3. कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों और गर्भवती स्त्रियों को कच्चे पपीते (Raw Papaya) का सेवन ध्यानपूर्वक करना चाहिये। क्योंकि इसका पाचन भारी होने के कारण यह पेट में समस्या पैदा कर सकता है।
4. पीलिया रोग (Jaundice) की तीव्र स्थिति में पका हुआ पपीता (Ripen Papaya) नहीं खाना चाहिये। इसके स्थान पर रोगी को कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिये, जिसे खाने का तरीका हम ऊपर बता चुके हैं।
5. जिन्हें मीठे का सेवन करने के उपरांत पेट में एसिडिटी बनने की समस्या होती है वह लोग मीठे पपीते के बजाय कच्चे पपीते का प्रयोग करें, जिसके प्रयोग हम आगे देंगे।
पपीता खाते समय इन बातों का भी ध्यान रखें
पपीते का सेवन कई प्रकार से किया जाता है। इसे फल के रूप में भी खाया जा सकता है और एक औषधि के रूप में भी। शरीर की आवश्यकता के अनुरूप इसे निम्न प्रकार से खाया जाता है –
1. पेड़ की डाल पर पका हुआ Papaya सर्वश्रेष्ठ होता है। वह न मिलने पर ही कार्बाइड या दूसरे कृत्रिम तरीकों से पकाया हुआ पपीता लेना चाहिये।
2. कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों को पूरी तरह से पका हुआ पपीता, काले नमक और भूनकर पीसे गये जीरे के चूर्ण के साथ खाना चाहिये।
3. पेट से संबंधित समस्याएँ होने पर कच्चे पपीते (Raw Papaya) को भूनकर या उबालकर इसकी सब्जी बनाकर खानी चाहिये।
4. कुछ विशेष समस्याओं में खाली पेट पपीता (Papaya) खाना अधिक बेहतर रहता है।
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1. नारियल और पपीता का पेय एक मज़ेदार पेय है, जो गर्मी के दिनों के लिए एक आदर्श पेय है। नारियल के दूध और पपीता का संयोजन एक ठंडा पेय तैयार करता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट के लिए भी बहुत सुखद और हल्का है।
2. टमॅटो, ऑरेन्ज, कॅरट एण्ड पपाया ज्यूस : स्वास्थ के प्रति सचेक को यह पेय ना केवल इसके पौषण तत्वों के लिए पसंद आएगा, लेकिन साथ ही इसके रंग और स्वाद के लिए भी। इस ज्यूस को बनाने के लिए प्रयोग किये गए फल और सब्ज़ीयों को संभाल कर चुना गया है, जो दिन भर की ज़रुरत को पुरा करने के लिए भरपुर मात्रा में विटामीन ए, सी और पाचन एन्ज़ाईम्स् से भरे है। यह बेहद संपूर्ण और पौष्टिक पेय है जो केवल 37 कॅलरी प्रदान करता है! इसमें रेशांक की मात्रा को बनाए रखने के लिए, ज्यूस छानने के लिए बड़े छेद वाली छन्नी चुनें।
3. ऑरेंज पपाया ड्रिंक रेसिपी | ऑरेंज पपाया जूस | हेल्दी पपीता जूस | पपाया संतरे का जूस | papaya orange drink in hindi |
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2. केले और पपीते की प्यूरी - बेबी फूड रेसिपी | शिशु के लिए केले पपीते की प्यूरी | 6 महीने के शिशु के लिए बनाना एण्ड पपाया प्यूरी | 6 महीने के शिशु का बेबी फूड | banana and papaya puree for babies in hindi | with 15 amazing images. यह स्वादिष्ट केले और पपीते को मिलाकर बनी प्यूरी भी आपके बच्चे के लिए पौष्टिक है। केला ऊर्जा से भरपुर होता है और इसलिए यह बढ़ते बच्चों के लिए पौष्टिक माना जाता है। पपीते से मिला रेशांक पाचन में मदद करता है।
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Papaya Eating Benefits: इन गुणों से भरा है पपीता, फायदे जान इसे खाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे आप
Benefits of papaya: स्वाद और पोषण से भरपूर पपीता कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का भंडार है, जो हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है..
Papaya Eating Benefits in Hindi: पपीता एक ऐसा फल है जिसे भारत सहित दुनिया भर में खूब खाया जाता है. खासतौर पर फिटनेस फ्रीक्स तो इसके दीवाने हैं, क्योंकि इसका स्वाद भी बहुत खास होता है. स्वाद और पोषण से भरपूर पपीता कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का भंडार है, जो हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है. आपको बता दें कि पपीते में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी9, पोटैशियम और मैग्नीशियम एक बेहतरीन स्रोत है. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, विटामिन बी1, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन ई, और विटामिन के जैसे पोषक पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पपीता खाने का सही समय और फायदे.
पपीता खाने के फायदे- Papita Khane Ke Fayde:
1. पाचन को मजबूत करने के लिए-.
अगर आप पाचन संबंधी समस्या से परेशान हैं, तो आप अपनी डाइट में पपीते को शामिल कर सकते हैं. पपीते में मौजूद पपेन नामक एंजाइम प्रोटीन को आसानी से पचने में मदद कर सकता है.
2. बालों को हेल्दी रखने के लिए-
स्कैल्प और हेयर टिशू को ग्रो करने के लिए आप पपीते का सेवन कर सकते हैं. पपीते में विटामिन ए मौजूद होता है और विटामिन ए सीबम को प्रोड्यूस करने वाले आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है. सीबम बालों की नमी को बनाए रखने में मददगार है.
बालों को जड़ों से बनाना है मजबूत और काला तो पानी में मिलाकर लगा लें ये मसाला, कुछ ही दिनों में दिखेगा कमाल
3. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए-
अगर आप भी कमजोर हड्डियों की समस्या से परेशान हैं तो रोजाना सुबह पपीते का सेवन करें. पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन के मौजूद होता है. जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देने का काम करता है जिससे हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं.
खाने के बाद खालें ये एक चीज, बेहतर डाइजेशन के साथ कब्ज और अपच भी हो जाएंगे गायब
4. स्किन को हेल्दी रखने के लिए-
पपीता स्किन को फ्री रेडिकल से होने वाले डैमेज से बचाव करने में मददगार माना जाता है. प्रोडक्ट इतना ही नहीं ये रिंकल, फाइनलाइन, जैसी समस्याओं से बचाने में भी मदद कर सकता है.
प्रो टिप्स-
पपीते का सुबह खाली पेट सेवन सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन अगर आप रात के समय इसे खाते हैं तो सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi
यह आर्टिकल Papaya Information In Hindi पपीता खाने के फायदे (Papaya Benefits) और जानकारी पर है। पपीता का फल जितना खाने में स्वादिष्ट लगता है, उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी है। पेट की कब्ज के लिए डॉक्टर इस फल के ज्यूस के सेवन की सलाह देते है। पपीता का सेवन अधिकतर ज्यूस के रूप में किया जाता है।
पपीता के बारे में जानकारी Papaya Information In Hindi
स्वादिष्ट पपीता ( Papaya In Hindi ) में विटामिन A और B प्रचुर मात्रा में होता है। इस फल में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में मिलता है। विटामिन C का भी यह फल अच्छा स्रोत है। इस फल में प्रचुर मात्रा में फाइबर भी मौजूद होते है। इन तत्वों के अलावा पपीता में कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है।
पपीता खाने में बेहद गुणकारी होता है। इस फल में एन्जाइम होते है जो भोजन को पचाने में सहायक होते है। ताजा पपीता ही खाना चाहिए। यह फल ज्यादा समय रहने पर खराब हो जाता है। पपीते का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
फाइबर का प्रचुर स्रोत पपीता के पेड़ भारत के लगभग हर राज्य में पाये जाते है। पपीते के पेड़ को लगाने के लिए इसके बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। पपीते के पेड़ को गर्मियों के मौसम में लगाना चाहिए क्योंकि इसके पौधे को तेज धूप की आवश्यकता होती है। पपीते का फल इसकी पत्तियों के नीचे लगता है। पपीता का फल पकने पर पीले रंग का होता है। कच्चा पपीता हरे रंग का होता है। पपीता के फल में काले रंग के बीज होते है। बीज के ऊपर एक चिपचिपा द्रव्य होता है।
पपीता मध्य अमेरिका का मूल फल है और इसकी उत्पत्ति वही से मानी जाती है। अपने स्वाद और गुणों के कारण बहुत जल्दी ही यह पूरी दुनिया मे लोकप्रिय हो गया। पपीता पकने के बाद फल के रूप में खाया जाता है। कच्चा पपीते का उपयोग सब्जी बनाने में करते है। पपीता का उपयोग ज्यूस के रूप के भी किया जाता है।
- यह भी पढ़िए – आम खाने के फायदे और इसके नुकसान
पपीता खाने के फायदे Benefits Of Papaya In Hindi –
1. पपीता ( Papaya ) एक रेशेदार फल है जिसमे फाइबर मौजूद होता है। पपीता में पपेन नामक तत्व होता है जो पाचन क्रिया में लाभकारी है। इस कारण यह फल शरीर के पाचन को दुरुस्त करता है। कब्ज जैसी समस्या को खत्म करता है। बवासीर रोग में पपीता खाना लाभकारी होता है।
2. पीलिया रोग होने पर डॉक्टर पपीता खाने की सलाह देते है। पपीता पीलिया रोग में शरीर के लिये गुणकारी होता है।
3. पपीता में पाया जाने वाला विटामिन A आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। रतोंधी नामक रोग भी आंखों में नही लगता है।
4. पपीता खाने से दांत स्वस्थ और मजबूत होते है। मसूड़ों में खून आने पर पपीता का सेवन करना चाहिए जिससे राहत मिलती है।
पपीता खाने के फायदे Papita Khane Ke Fayde –
5. शरीर का वजन घटाने के लिए पपीता लाभकारी होता है। यह शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करता है।
6. पपीता खाने से शरीर मे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। पपीता खाने से दिल की बीमारी की सम्भावना कम होती है।
7. पपीता में विटामिन C पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
8. पपीता के पल्प (गुदा) को चेहरे पर लगाने पर यह दाग धब्बे और झुर्रियों को कम करता है। पपीता के गुदा को चेहरे पर लगाने पर त्वचा मुलायम हो जाती है और चेहरे पर ताजगी और स्फूर्ति आती है। कील मुंहासों को कम करता है।
9. पपीता के गुदा या इसका ज्यूस बनाकर कंडीशनर के रूप में बालों में लगा सकते है। यह बालों को मजबूत और घना बनाता है।
- यह भी पढ़े – स्ट्रॉबेरी फल को खाने के फायदे
पपीता के नुकसान Papaya Information In Hindi –
1. पपीता ( Papaya) खाने से फायदे तो बहुत है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते है। पपीता का संतुलित आहार फायदेमंद होता है लेकिन अत्यधिक पपीता खाना शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। Papaya In Information Hindi
2. गर्भवती स्त्री को पपीता नही खाना चाहिए क्योंकि इसमें लेटेक्स होता है। यह तत्व गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है। इसलिए गर्भवती स्त्री के पपीता खाने से गम्भीर परिणाम हो सकते है।
3. ज्यादा मात्रा में पपीता के सेवन से केरोटिनमिया नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में हथेलियों और आंखों का रंग पीला हो जाता है।
4. पपीते का अत्यधिक सेवन गुर्दे में पथरी पैदा कर सकता है।
5. दस्त की शिकायत होने पर पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए।
Note:- पपीता खाने के फायदे “Papita Khane Ke Fayde” और पपीता के नुकसान पर यह आर्टिकल Papaya Information In Hindi कैसा लगा। यह पोस्ट “Papaya Benefits In Hindi” अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर करे।
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1 thought on “पपीता के फायदे और जानकारी Papaya Information In Hindi”
पपीता खाने के फायदे,नुकसान के बारे में जानकारी बहोत अच्छी हेल्थ टिप्स दी।
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