HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

संस्कार पर निबंध | Essay on Sanskar in hindi

संस्कार पर निबंध Essay on Sanskar in hindi : मानव जीवन में शिक्षा एवं संस्कारों का बड़ा महत्व माना गया हैं. मानव तथा पशु जीवन में यही मूलभूत अंतर हैं क्योंकि मनुष्य संस्कारों की परम्परा के मध्य अपना जीवन व्यतीत करता हैं.

वह सामाजिक बन्धनों को स्वीकार कर उनकी परिधि में कार्य करता हैं जबकि पशुओं के मामले में ऐसा कुछ नहीं हैं. आज के निबंध में हम जानेगे संस्कार क्या है (sacraments, Rite, Sanskar) इसका महत्व उपयोगिता पर निबंध स्पीच बता रहे हैं.

Essay on Sanskar in hindi

Essay on Sanskar in hindi

हमारे देश की महान संस्कृति की एक देन संस्कार भी है जिनका प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व हैं. एक तरह से संस्कार जीवन के आभूषण समझे गये है व्यक्ति का समाज में मूल्य तथा सम्मान बहुत बढ़ जाता हैं. साधारण शब्दों में संस्कार का हिंदी में अर्थ होता है संवारना.

जिस तरह हीरे एवं सोने का खनन के समय कई अवशिष्टों के साथ धूल, मिट्टी से सना होता है जब उसे अच्छी तरह साफ़ किया जाता है फिर उसे तरासने के बाद ही चमक मिलती हैं.

हीरे को तरासने के बाद उसकी महीन घिसाई की जाती हैं. उसके बाद ही वह पत्थर हीरा बनता है और हमारे लिए बहुमूल्य आभूषण तैयार किये जाते हैं.

हीरे की कीमत संस्कारों के बाद ही बढ़ती हैं. संस्कारों के बिना उसकी कोई कीमत नहीं रह जाती हैं. प्रकृति की छोटी से छोटी वस्तु से लेकर बड़ी से बड़ी चीज को उपयोग में लाने के लिए संस्कारों की आवश्यकता पड़ती हैं.

जिस अन्न से हमारी काया बनती हैं उसे खेत में बोने के बाद दाने निकालकर उसका प्रसंस्करण कर चक्की से आटा पीसने के बाद ही यह हमारे लिए रोटी बनाने योग्य बनता हैं, ये समस्त संस्कार के उदाहरण हैं.

एक बालक के मन पर बड़ों द्वारा किये प्रत्येक कर्म एवं बात का गहरा असर होता हैं. बालक जो कुछ देखता, सुनता हैं उसे शिक्षा मिलती है वे ही उसके संस्कार बन जाते हैं. जीवन के आरम्भिक दिनों में जिन संस्कारों की नीव डाली जाती है उसका जीवन उसी अनुरूप बन जाता हैं.

हमने इतिहास में ऐसे कई विलक्षण उदाहरणों को देखा है जिन्होंने जीवन की शुरुआत में ही माँ बाप अथवा अपने गुरुजनों के व्यवहार, आचरण से प्रभावित होकर संस्कारवान बनकर अपना नाम बनाया हैं.

वीर भरत माता शंकुलता के कारण ही महान वीर बन सका जो आगे जाकर महान सम्राट बने और हमारे देश का नाम भी उन्ही के नाम पर पड़ा था. जीजाबाई के कारण ही शिवाजी जैसे देशभक्त हुए.

ध्रुव अपनी माताजी के संस्कार उन्ही की प्रेरणा के चलते अमर हुए. महाभारत के महान यौद्धा अभिमन्यु के जीवन पर उनके माता पिता के आदर्श संस्कारों का बड़ा असर रहा जिसके चलते उन्हें महान यौद्धाओं में गिना जाता हैं.

संस्कार परम्परा के कारण मानव में दैवीय गुण उत्पन्न हो जाते हैं, अब तक जितने भी संत महात्मा बने हैं उनके जीवन निर्माण संस्कार के ही परिणाम हैं.

आदरणीय स्वामी विवेकानंद का जीवन संस्कार से चरित्र निर्माण का बेहतरीन अनुभव हैं. व्यक्ति में जितने अधिक अच्छे संस्कार हो उनका चरित्र उतना ही अच्छा बन जाता हैं. जिस व्यक्ति में बुरे संस्कारों की प्रबलता अधिक होती हैं उसका चरित्र हीन बन जाता हैं.

कोई इन्सान अच्छे विचार रखे, सत्कर्म करे तो उसके विचारों एवं सत्कार्यों से आने वाली पुश्ते संस्कारित होगी और यह युवा पीढ़ी में बढ़ते बुरे संस्कारों को रोकने में प्रभावी हो सकता हैं.

संस्कारों और जीवन के सम्बन्ध में महर्षि अरविन्द के विचार महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा था संस्कार जीवन के अस्तित्व के साथ आरंभ होते हैं. मानव को सही पथ पर अग्रसर होने में संस्कार की अहम भूमिका हैं.

अतः श्रेष्ठ संस्कार को अपनाने वाले मनुष्य में दैवीय गुणों का जन्म होता हैं. हरेक व्यक्ति को संस्कारवान बनना आज के समय की महत्ती आवश्यकता हैं.

सनातन के सोलह संस्कार कौन कौनसे हैं जानिये Sanskar In Hindi

हिन्दू धर्म अर्थात सनातन सदियों से चला आ रहा प्रसिद्ध धर्म हैं, प्रत्येक सनातनी के लिए इन संस्कारो का महत्वपूर्ण स्थान हैं. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जन्म से लेकर मृत्यु तक कुल 16 संस्कार  माने गये हैं  जिनमे से कुछ बच्चे के जन्म से पूर्व  ही किये जाते हैं 

संस्कार शब्द का मूल अर्थ है, ‘शुद्धीकरण’ यानि वे कृत्य जिनसे एक बालक को समुदाय का योग्य सदस्य बनाने के लिए शरीर, मन और मस्तिष्क से पवित्र किया जाए. इन संस्कारों से जन्म से ही बच्चें में अभीष्ट गुणों को विकसित किया जा सके.

Hindu Dharma Ke Solah (16) Sanskar

संस्कारों का शास्त्रीय विवेचन सर्वप्रथम वृहदारणयकोपनिषद से प्राप्त होता हैं. इनकी संख्या 16 हैं जो निम्न हैं.

  • गर्भधान संस्कार – यह पुरुष द्वारा स्त्री में अपना वीर्य स्थापित करने की क्रिया
  • पुंसवन संस्कार – स्त्री द्वारा गर्भधारण करने के तीसरे, चौथे अथवा आठवें माह में पुत्र प्राप्ति की इच्छा हेतु सम्पन्न संस्कार
  • सीमान्तोन्नय संस्कार – यह संस्कार स्त्री के गर्भ की रक्षा के लिए गर्भ के चौथे अथवा पांचवे माह में किया जाता हैं. इस प्रकार ये तीन संस्कार शिशु के जन्म से पूर्व किये जाते हैं.
  • जातकर्म संस्कार – शिशु के जन्म के उपरान्त यह संस्कार किया जाता हैं. इस संस्कार के समय पिता नवजात शिशु को अपनी अंगुली से मधु या घृत चटाता था तथा उसके कान में मेघाजनन का मन्त्र पढ़ उसे आशीर्वाद देता था.
  • नामकरण संस्कार- यह संस्कार नवजात शिशु के नाम रखने हेतु किया जाता था.
  • निष्क्रमण संस्कार – नवजात शिशु को घर से बाहर निकालने व सूर्य के दर्शन करने के अवसर पर किये जाने वाला संस्कार. इस संस्कार को शिशु के जन्म के 12 वें दिन से चौथे मॉस के मध्य कभी भी किया जा सकता हैं.
  • अन्नप्राशन संस्कार – शिशु के जन्म के ६ वें मास में शिशु को ठोस अन्न खिलाने का संस्कार.
  • चूड़ाकर्म – इस संस्कार को मुंडन अथवा चौल संस्कार के नाम से भी जाना जाता हैं. इस संस्कार के अवसर पर शिशु के सिर के सम्पूर्ण बाल मुंडवा दिए जाते हैं. सिर पर मात्र शिखा अर्थात चोटी रहती हैं.
  • कर्णवेध संस्कार – यह संस्कार रोगादि से बचने और आभूषण धारण करने के उद्देश्य से किया जाता हैं.
  • विद्यारम्भ संस्कार – यह संस्कार बालक के जन्म के 5 वें वर्ष में सम्पन्न किया जाता हैं. इस संस्कार के अंतर्गत बालक को अक्षरों का ज्ञान कराया जाता हैं.
  • उपनयन संस्कार- बालक के शिक्षा ग्रहण करने योग्य हो जाने पर यह संस्कार किया जाता था. इस संस्कार के अवसर पर बालक को यज्ञोपवीत धारण के ब्रह्माचर्य आश्रम में प्रविष्ठ कराया जाता था.
  • वेदारम्भ संस्कार – इस संस्कार में गुरु विद्यार्थी को वेदों की शिक्षा देना प्रारम्भ करता था.
  • केशांत अथवा गौदान संस्कार – यह बालक के 16 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर किया जाने वाला संस्कार हैं. इस अवसर पर बालक की प्रथम बार दाड़ी मुछों को मुंडा जाता था. यह संस्कार बालक के वयस्क होने का सूचक हैं.
  • समावर्तन संस्कार – जब बालक विद्याध्यन पूर्ण कर गुरु को उचित गुरु दक्षिणा देकर गुरुकुल से अपने घर को वापस लौटता था, तब इस संस्कार का सम्पादन किया जाता था. यह संस्कार बालक के ब्रह्मचर्य आश्रम की समाप्ति का सूचक हैं.
  • विवाह संस्कार – इस संस्कार के साथ ही मनुष्य गृहस्थ आश्रम में प्रविष्ट होता हैं.
  • अंत्येष्टि संस्कार – यह मनुष्य के जीवन का अंतिम संस्कार हैं जो व्यक्ति के निधन के पश्चात सम्पन्न किया जाता हैं.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Jagran Josh
  • Her Zindagi
  • Onlymyhealth
  • Vishvas News
  • वेब स्टोरीज
  • लोकसभा चुनाव 2024
  • Did you know
  • मेरा पावर वोट
  • चुनाव उम्मीदवार
  • राजस्थान बोर्ड रिजल्ट
  • मैसी फर्ग्यूसन
  • क्या खरीदें
  • जागरण प्राइम

पॉलिटिक्स +

  • सोशल मीडिया
  • बिजनेस विज्डम
  • बचत और निवेश
  • बैंकिंग और लोन
  • एक्सपर्ट कॉलम

स्पोर्ट्स +

  • मूवी रिव्यू
  • बॉक्स ऑफ़िस
  • बॉलीवुड विशेष

लाइफस्टाइल +

  • रिलेशनशिप्स
  • खाना खज़ाना
  • फैशन/ब्यूटी
  • लेटेस्ट न्यूज़
  • लेटेस्ट लॉंच
  • वास्तु टिप्स
  • धर्म समाचार
  • धार्मिक स्थान
  • Did You Know
  • Select Language
  • English Jagran
  • ਪੰਜਾਬੀ ਜਾਗਰਣ
  • ગુજરાતી જાગરણ

essay on hindu sanskar in hindi

Vivah Sanskar: हिंदू संस्कारों में बेहद अहम है विवाह संस्कार, जानें विस्तार से

Vivah Sanskar हिंदू संस्कारों में विवाह संस्कार बेहद अहम होता है। ऋग्वेद तथा अथर्ववेद में वैवाहिक विधि-विधानों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति का वर्ण किया गया है। गृहस्थाश्रम का आधार ही विवाह संस्कार है। इस संस्कार के बाद वर-वधू अपने नए जीवन में प्रवेश करते हैं।

  • Google News

loksabha election banner

AOL logo

  • Happiness Program
  • Happiness Program For Youth
  • Online Meditation and Breath Workshop
  • Advanced Meditation Program
  • Intuition Process
  • Utkarsha Yoga
  • Medha Yoga Level 1
  • Know Your Child & Know Your Teen
  • School Programs
  • Sri Sri Yoga 1
  • Sri Sri Yoga 2
  • Corporate Yoga
  • Sahaj Samadhi Meditation
  • Wellness Introductory Talk
  • Spine Care Introductory Talk
  • Wellness Program
  • Quit Tobacco program
  • Substance user program
  • Teachers Training
  • Sri Sri Yoga teacher
  • Awards and Honours
  • Wisdom Videos
  • Sudarshan Kriya
  • Ashtavakra gita
  • Bhakti Sutra
  • Bhagavad Gita
  • Riddlemethis
  • Amazing India
  • Tour schedule
  • Press Release
  • Press Reports
  • Sri Sri Yoga Level 1
  • Yoga Retreats
  • Brief History Yoga
  • Patanajali yoga sutra
  • Yoga for children yoga
  • Yoga for Women
  • Yoga for beginners
  • Health and wellness
  • Get Started Meditation
  • Meditation beginners
  • Relaxing Music Meditation
  • Online Guided Meditation
  • Morning Meditation
  • Hari Om Meditation
  • Aura Meditation
  • Full Moon Meditation
  • Journey Within Meditation
  • Inner Slience Meditation
  • Health Tips
  • Lifestyle well being
  • Relationship
  • Lifestyle Happiness
  • Sustainable Happiness
  • Wisdom Emotions
  • Wisdom quotes
  • Medha yoga level 1
  • Sri Sri Sanskar Kendra
  • Sri Sri University
  • Gnana Kshetra
  • JalTara Project
  • River Symposium
  • Covid Relief Projects
  • Education Projects
  • Disaster Projects
  • Rural Projects
  • Women Empowerment Projects
  • Prison Projects
  • Peace Initiatives
  • Agriculture Project
  • Stories of Change Project
  • Project Bharat
  • Celebration & Events
  • Search Programs
  • +91-80-67612360
  • Find Your Local Center

International

  • What are you looking for?

Find Courses

  • IN City Centers
  • Search Website

Change Country Site

  • Change Country Website
  • Retreat Centers
  • Global Website

Search Courses By Name

Search courses by location, select a retreat center.

  • Canada - Montreal
  • Germany - Bad Antogast
  • India - Bangalore
  • USA - Boone, NC

Find an Art of Living Center

  • --> --> -->