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वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi

Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है.

वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.

Essay on Rainy Season in Hindi

Get Some Essay on Rainy Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words

हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.

भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.

बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.

Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words

भूमिका –

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.

गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.

सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.

ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.

हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.

हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.

जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.

बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.

और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.

वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.

जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.

निष्कर्ष –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.

वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.

Full Essay on Rainy Season in Hindi

प्रस्तावना –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.

ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.

वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.

वर्षा ऋतु का आगमन –

जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.

किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.

नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.

वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ –

वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.

(1) किसानों को –

किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.

किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.

इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.

(2) पर्यावरण –

हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.

इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.

(3) जीव – जंतुओं –

भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.

लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.

जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.

(5) व्यापार में तेजी –

हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.

अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.

(6) देश की प्रगति –

हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.

इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.

वर्षा से हानि –

वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –

(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.

और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.

(2) मौसमी बीमारियां –

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.

(3) भू-कटाव –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.

भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.

वर्षा ऋतु के त्योहार –

वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.

अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.

वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.

उपसंहार –

वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.

खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.

चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.

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शीत ऋतु पर निबंध – Essay on Winter Season in Hindi

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Rainy Season in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है

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7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”

वर्षा ऋतु पर निबंध

very good letters

Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद

आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद

करन राणा आप का बहुत बहुत आभार

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वर्षा ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में | Essay on Rainy Season in Hindi

क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? अगर आप ढूंढ रहे हैं Essay on Rainy Season in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए बरसात के मौसम पर short essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु के बारे में निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 100 शब्दों में | Short Essay on Rainy Season in Hindi

मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है। यह हर वर्ष जुलाई के महीने में आता है और हमें मई जून की तपती गर्मी से राहत देता है। यह मौसम जुलाई से सितम्बर तक तीन महीने तक रहता है। जब बारिश होती है तो सूखे हुए पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।

इस मौसम में हम मीठे-मीठे आम को खाने का आनंद लेते हैं। साथ ही इस ऋतु में हम सभी भारतीय कई सारे त्यौहार जैसे रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम आदि को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इसके अलावा लम्बी छुट्टी के बाद इसी महीने में हमारी स्कूल फिर से शुरू होती है। नये कॉपी-किताबों के साथ हम बड़े उत्साह से नई कक्षा में प्रवेश लेते हैं।

Varsha Ritu Par Nibandh – 250 शब्द

मई-जून की तपती हुई गर्मी को शांत करने के लिए हमारे देश में जुलाई महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बरसात का यह मौसम पेड़, पौधे, मनुष्य तथा सम्पूर्ण जीव जगत में एक नया उत्साह पैदा कर देती है।

गर्मी से सूखे हुए पेड़ फिर से हरे-भरे हो जाते हैं, तपती हुई धरती में जब पानी की बूँदें पड़ती हैं तो बंजर खाली जमीन में घास और नये पौधे निकल आते हैं।

किसानो के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नही है। गर्मी के मौसम में सारे खेत-खलिहान सूख जाते हैं। नदी-तालाबों, कुओं और सभी जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में किसान फसल नही उगा सकते इसलिए उन्हें बरसात के मौसम का इन्तजार रहता है ताकि खेती करके अच्छी फसल उगा सकें और साल भर के लिए अनाज का प्रबंध कर सकें।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं में वर्षा ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जैसा की हम सब को पता है की जल के बिना जीवन सम्भव नही है, अगर बरसात नही होगी तो पानी की कमी हो जाएगी और अकाल भी पड़ सकता है इससे जन-जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और बिना वर्षा के खेती करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है की जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो किसान खुश हो जाते हैं क्योंकि इससे खेतों पर पानी की कमी पूरी हो जाती है।

वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है। वर्षा ऋतु के अपने फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी जैसे इस मौसम में मच्छर, कीड़े-मकोड़े आदि भी पैदा होते हैं और बीमारियाँ फैलने का खतरा भी रहता है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन इन सब के बावजूद यह ऋतु सम्पूर्ण जीव जगत के लिए जीवनदायिनी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 300 शब्द

भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।

इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।

इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु से लाभ और हानि

वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध -400 शब्द | Essay on Rainy Season in Hindi

भारत में छः ऋतुएं आती हैं जिनमे से वर्षा ऋतु का अपना एक खास महत्त्व होता है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु का समय जुलाई से सितम्बर तक होता है।

मुख्य रूप से सावन का महिना ऐसा समय होता है जब मानसून सबसे अधिक सक्रिय हो जाता है। जून की झुलसा देने वाली गर्मी और गर्म हवाओं से राहत तभी मिलती है जब वर्षा की फुहारें धरती पर पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे हुए पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है, तालाब, नदी नाले और जलाशय पानी से भर जाते हैं।

बरसात का मौसम जब आता है तो चारो ओर हरियाली छा जाती है, चिड़िया चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, जंगली-जानवर भी चैन की सांस लेते हैं मानो सभी जीव-जंतुओं को इसी मौसम का बेसब्री से इन्तजार रहता है। पपीहे की पीहू-पीहू बहुत ही प्यारी लगती है, रात में जुगनू भी दिखाई देते हैं और झींगुर की झंकार भी सुने देती है ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण प्रकृति बोल उठी हो।

वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार

वर्षा ऋतु तीज-त्योहारों का भी मौसम है इस समय भारत में कई सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे:

  • रक्षाबंधन – यह भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
  • तीज – यह हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है।
  • जन्माष्टमी – कृष्ण जन्मोत्सव का यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।
  • श्री कृष्ण जयंती – यह भी समूर्ण भारत में मनाया जाता है।
  • ईद उल जुहा – यह मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है।
  • प्रकाश वर्ष – पंजाब में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • मुहर्रम – यह सिया मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
  • ओणम – यह केरल का प्रमुख त्योहार है।
  • गणेश पूजा – इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।

वर्षा ऋतु के लाभ

  • ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को कम करता है और वातावरण में ठंडक आ जाती है।
  • खेती के लिए अनुकूल मौसम बनता है और किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता है।
  • सूखे हुए नदी-नाले, तालाब और पोखर पानी से भर जाते हैं।
  • वर्षा जल का संचयन करके पूरे वर्ष के लिए पानी बचाया जा सकता है।
  • भू-जल स्तर में भी सुधार होता है।
  • पर्यावरण हरा-भरा हो जाता है।
  • गाय-भैंस और जानवरों के लिए हरे चारे का प्रबंध हो जाता है।

वर्षा ऋतु से हानि

  • मिटटी गीली हो जाती है जिससे कीचड और गन्दगी फ़ैल जाती है।
  • अधिक बारिश से आवागमन में परेशानी होती है।
  • बाढ़ का खतरा रहता है।
  • संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है।
  • छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाते हैं जहाँ मच्छर पैदा हो जाते हैं।

आपको यह वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi) कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं। वर्षा ऋतु पर निबंध for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं। हमने इस आर्टिकल में वर्षा पर 100 शब्द से 400 शब्दों में निबंध लिखें हैं और ये आपके जरुरत के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में आपके काम आ सकते हैं।

  • सभी ऋतुओं के नाम
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
  • 10 Lines on Winter Season in Hindi
  • 10 lines on spring season in Hindi

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It was an incredible essay. Especially, I like the essay on vasra ritu in 250 words.

Thank you Piyush

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi : भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत के कई हिस्सो में खूब बारिश होती है। इस ऋतु में बारिश के आनंद के साथ-साथ कई तरह के त्यौहार भी आते हैं, जैसे – रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी।

Varsha Ritu की शुरूआत जून महीने से होती है और लगभग सितंबर महीने तक चलती है। यह मौसम सिर्फ इंसानों को नही बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत देता है। वर्षा ऋतु में कई जगहों पर मनोहर दृश्य देखने को मिलते है। इस मौसम में प्रकृति अपने पूरे रंगों में सज जाती है।

वर्षा ऋतु शुरू होते है ही स्कूलों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है। क्योंकि निबंध से बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु से उत्पन्न सौंदर्य, और वर्षा ऋतु के लाभ एवं हानि के बारे में जान पाते है। चलिए मैं आपको Varsha Ritu Essay in Hindi लिखने का तरीका बताता हूँ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस आर्टिकल में, मैं आपको अलग-अलग सीमा पर बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) लिखकर दूंगा। इस लेख से आप किसी भी कक्षा के लिए Varsha Ritu Par Nibandh लिख सकते है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु प्रकृति का एक बहुत बड़ा और अद्भुत उपहार है, क्योंकि इसके बिना धरती पर जीवन संभव नही है। इस ऋतु में आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है, और बिजली चमकने लगती है। इसके बाद धरती पर पानी के फुहारें पड़ने लगते है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जंतु और खेत-खलिहान सभी पानी से तृप्त हो जाते है।

Varsha Ritu का आगमन श्रावण मास से होता है और भाद्रपद मास तक रहती है। इस ऋतु में खेतों में फसलों की बुवाई और रोपाई की जाती है। सभी किसान वर्षा के पानी का भरपूर उपयोग करते हैं, ताकि सुंदर और अच्छी फसल उग सके। इसके अलावा वर्षा के पानी से नदियां और तालाब भी भर जाते हैं।

इस ऋतु के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी है, जैसे- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया प्रकार के गंभीर रोग। इसलिए बरसाती मौसम में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा वर्षा ऋतु में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा होता है।

वर्षा ऋतु एक सुंदर और मनमोहक ऋतु है, जिससे पूरी प्रकृति को काफी फायदे मिलेते हैं। Rainy Season Essay In Hindi से हमें इस ऋतु के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

प्रस्तावना.

वर्षा ऋतु भारत की अन्य ऋतुओं में से सबसे अधिक प्रिय ऋतु है। जब बारिश का मौसम आता है तो प्रकृति में अनेक मनोहर बदलाव देखने को मिलते है। यह मौसम हमें जून-जुलाई के समय की तेजी गर्मी से राहत देता है। इस मौसम में बच्चे-बुढ़े सभी आनंदित हो जाते हैं। सच में Rainy Season (बरसात का मौसम) काफी मनमोहक है।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। लेकिन अगर भारत की बाते करें तो भारत में गर्मी के मौसम के बाद यानी जून महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। यह ऋतु लगभग सितंबर महीने तक रहती है।

भारत में वर्षा ऋतु अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ती है, और फिर उत्तरी भारत की तरफ आती है। वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति अपना संकेत देना शुरू कर देती है, और किसान खेती की तैयारीयां शुरू कर देते है।

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

Varsha Ritu प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतु है, क्योंकि इस ऋतु के बिना प्रकृति नष्ट हो जाएगी। बारीश के मौसम की वजह से ही यह प्रकृति जीवित है। यह ऋतु मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्षा ऋतु की वजह से ही पेड़-पौधे जीवत है।

इस वर्षा ऋतु से ही सूखी नदिया और तालाब दोबार भरते है। और सभी जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। इसी ऋतु की वजह से फसले उगती है, जिसे खाकर हर जीव-जंतु जीवित रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु इस प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

हम सब जानते है कि जल ही जीवन है, और बिना वर्षा ऋतु के जल का अस्तित्व खतरें में आ जाएगा। और अगर धरती से जल खत्म हो जाए तो पूरी पृथ्वी सुनसान हो जाएगी। मतलब कोई भी जीव-जंतु या पेड-पोधा नही बचेगा। इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है और वर्षा ऋतु को संतुलित रखना है।

Varsha Ritu Essay in Hindi से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

बारिश प्रकृति की एक महत्वपूर्ण देन है। जब धरती पर पहली बार बारिश गिरती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है, जिससे सूंघने से मन खुश हो जाता है। गांवों में वर्षा ऋतु के बाद अनेक मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। वर्षा के आने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

वर्षा ऋतु क्या है

वर्षा ऋतु को भारत में बरसात का मौसम भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में भारत की कई जगहों पर अच्छी बारिश होती है। यह ऋतु अक्सर जून से सितंबर माह तक रहती है। इस ऋतु में आसमान में काले बादल छा जाते है और बिजली कड़कने लगती है। तेज हवाएं चलती है और फिर बूँद-बूँद बारिश होने होती है।

और जब बारिश धरती पर पहुंचती है तो प्रकृति में एक नई ऊर्जा संचरित होती है, जिससे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है और फूल खिल जाते है। पक्षी मुधर स्वर निकालते है और बच्चे-बूढ़े सभी वर्षा का आनंद लेते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु प्रकृति और पृथ्वी के हर जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु प्रकृति को नयी ऊर्जा देती है जिससे सभी को नया जीवन मिलता है। वर्षा के पानी से ही खेत हरे-भरे होते है। और साथ ही नदियाँ और तालाब भर जाते है, जिससे पशु-पक्षि सभी पानी पीते है।

यह ऋतु तेजी गर्मी के मौसम के बाती है जिससे सभी जीव-जंतुओं को गर्मी से राहत मिलती है, और मौसम ठंडा हो जाता है। इस ऋतु के बाद प्रकृति एक नए मनमोहक रूप में आ जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह प्रकृति को नया जीवन देती है। इस ऋतु से फसलों की वुबाई और रोपाई हो पाती है। बारिश से फसले अच्छी होती है और अकाल की संभावना भी कमा होती है। इस ऋतु से पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है। इसके अलावा इस ऋतु से भीषण ग्रमी के बाद मौसम ठंडा भी होता है।

इस ऋतु के लाभ के साथ कुछ हानियां हैं, जैसे- मौसमी रोग (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि), बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएं, बिजली गिरना। आप बारिश के इन नुकसानों से बच भी सकते है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी रखनी होगी।

वर्षा ऋतु सभी जीव-जंतु के लिए आनंद और उत्साह का सूचक है। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में भी अनेक मनमोहक बदलाव देखने को मिलते है। यह ऋतु केवल मानव जाति नही बल्कि सभी जीव-जंतु पेड़-पौधे में नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

Varsha Ritu बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु है क्योंकि इस ऋतु के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। बारिश के मौसम में प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलता है। Rainy Season Essay In Hindi में समझना काफी महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

वर्षा ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक लोकप्रिय ऋतु है, जिसका आगमन मई महीने में होने लग जाता है, और यह ऋतु सितंबर महीने तक चलती है। पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर वर्षा ऋतु का आगमन अलग-अलग समय पर होता है।

यह ऋतु गर्मी के मौसम के बाद आती है और सभी जगह ठंडक कर देती है, इसलिए मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह ऋतु हमें गर्मी से राहत देती है और साथ ही हमें एक अलग तरह का उत्साह भी देती है। बरसात के मौसम का आनंद बच्चे से बूढ़े तक सभी लोग लेते है।

इस Rainy Season Essay In Hindi में वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार, और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया है।

वर्षा ऋतु के आगमन का समय

भारत देश में, वर्षा ऋतु जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह ऋतु हमारे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से शुरू होती है। मानसून, मौसमी हवाएं है जो हिंद महासागर से आर्द्र हवा लाती है। यह आर्द्र हवा भारत के तटीय क्षैत्रो में आती है और फिर उत्तर की ओर चली जाती है।

वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरा मौसम ठंडा और आर्द्र हो जाता है। बारिश के मौसम में भारत के अनेक जगहों पर भारी और लगातार बारिश होती है। भारत में यह बारिश कुछ जगहों पर कम होती है तो कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा होती है। और कुछ जगहों पर मौसम कुछ महीने तक गीला ही रहता है।

वर्षा कैसे होती है

वर्षा संघनन प्रकार की एक प्रक्रिया द्वारा बनती है। जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदो या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाती है, तो इसे संघनन कहा जाता है। और फिर यह पानी की बूंदे बादलों का रूप लेती है।

वर्षा का निर्माण कुछ इस प्रकार होता है:

1. सबसे पहले धरती का जल सूर्य की गर्मी से गर्म होकर जलवाष्प में बदलता है और फिर यह जलवाष्प ऊपर की तरफ जाती है।

2. जब जलवाष्प ऊपर जाती है तो वायु का तापमान धीरे-धीरे कम होता है। और फिर कम तापमान से जलवाष्प संघनित हो जाती है। इसके बाद पानी की बूदें बादलों में एकत्रित हो जाती है।

3. इसके बाद जब बादल भारी हो जाते है तो यह टूटते है, जिससे पानी की बूंधे धरती पर गिरती है। कभी-कभी बादल एक-दूसरे से टकराकर भी बारिश के रूप बरसते है।

4. वर्षा का पानी दोबार सूर्य की गर्मी से वाष्प में बदलता है। और फिर यह वापिस एक चक्र के रूप में चलता रहता है।

वर्षा ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के समय प्रकृति का सौंदर्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस ऋतु के आगमने के बाद प्रकृति में एक नयी ऊर्जा भर जाती है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हर-भरे हो जाते है। इनके पत्ते नए और चमकीले हो जाते है। सभी फूल खिल जाते है और वातारण में सुगंद फैल जाती है।

इस ऋतु में पूरा आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है और मौसम ठंडा होने लग जाता है। और जब बारिश होती है तो धरती सुगंधित हो जाती है। हवाओं में एक अलग ही खुशबु फैल जाती है, जो मन को काफी खुश करती है।

बारिश से सभी सड़के, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न हो जाते है। इससे सभी तालाब और नदिया भर जाती है, जिसका फायदा सभी जीवों को मिलता है।

वर्षा ऋतु का महत्व प्रकृति के लिए काफी ज्यादा होता है। क्योंकि जब वर्षा ऋतु आती है तो प्रकृति में नयी ऊर्जा से नवजीवन का संचार होता है। इस ऊर्जा पर सभी जीव-जंतु और पैड़-पौधे आश्रित होते हैं।

किसानों के लिए इस ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि किसान इसी ऋतु में फसलों की बुवाई और रोपाई करते है। इससे फसले काफी अच्छी उगती है और अकाल की संभावना भी कम हो जाती है।

यह ऋतु पशु-पशी और जीव-जंतु के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में नदियां और तालाब भर जाते है। जिससे सभी जीव पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। इसके अलावा बरसात के मौसम की वजह से मौसम ठंडा हो जाता है और लोगों गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के फायदे या लाभ

वर्षा ऋतु से हमें कई लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • प्रकृति को एक नया जीवन मिलता है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • बरसात से अच्छी फसले उगती है और अकाल की समस्या खत्म हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि में नमी रहती है, और इससे भूमि उपजाऊ बनती है।
  • बारिश के पानी से नदिया और तालाब भर जाते हैं, जिससे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है।
  • तेज गर्मी के मौसम के बाद जब वर्षा ऋतु आती है तो मौसम पूरा ठंडा हो जाता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

इस तरह वर्षा ऋतु के अनेक फायदे हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान और इसके उपाय

वर्षा ऋतु के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है। ये नुकसान निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  • बारिश की वजह से मौसमी रोग फैलते हैं, जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि।
  • तेजी बारिश से कई बार बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी आती हैं।
  • अधिक बारिश होने से कई बार फसले खराब हो जाती है।
  • बारिश की वजह से जगह-जगह पर कीचड़ भी होता है।
  • बारिश के मौसम में बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

वर्षा ऋतु के ये कुछ नुकसान है, लेकिन इस ऋतु में सावधानी रखकर इन नुकसान से बचा जा सकता है। बारिश के मौसम में हम छाता या रेनकोट का इस्तेमाल करके और घर के आसपास पानी को जमा न होने देकर बीमारियों से बच सकते है।

बाढ़ व भूस्खलन से बचने के लिए संभावित क्षैत्रों से दूर रहना चाहिए, और चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इसके अलावा बिज़ली से बचने के लिए हमें तेजी बारिश के दोरान घर से बाहर नही निकलना चाहिए। और घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो गीले स्थानों से बचकर चलना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय आने वाले त्यौहार

वर्षा ऋतु के दौरान भारत में कई तरह के त्यौहार मनाते जाते हैं, जो मई से सितंबर के बीच जाते हैं। ये त्योहार निम्नलिखित हैं- होली, बसंत पंचमी, राम नवमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन। हालांकि इसके अलावा और भी अन्य त्यौहार मनाते जाते हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समुदायों में मनाए जाते है।

वर्षा ऋतु इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना वर्षा के पृथ्वी पर पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इस ऋतु का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए बारिश बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को बारिश के पानी का सदुपयोग करना चाहिए और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाए रखना होगा।

उम्मीद है कि Varsha Ritu Essay in Hindi , आपके लिए काफी फायदेमंद रहा होगा।

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बारिश का दिन पर निबंध (Rainy Day Essay in Hindi)

कोई फर्क नहीं पड़ता कि मौसम क्या हो सकता है, बारिश का दिन भी बहुत राहत और आराम देता है और हमारी आत्मा को शांत करता है। बरसात के दिनों का आनंद लेने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। लगभग हर उम्र के लोग समान रूप से इसका आनंद लेते हैं। इस प्रकार, कई कारणों से बारिश के दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

10 Lines on Rainy Day in Hindi | Rainy Season Essay in Hindi

बारिश का दिन पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rainy Day in Hindi, Barish ka Din par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

बरसात के दिन किसी भी अन्य दिन से अलग होते हैं। वे सभी के लिए अलग-अलग महत्व रखते हैं। लोगों के पास वर्षा ऋतु के आने का बेसब्री से इंतज़ार करने के अलग-अलग कारण होते हैं। आखिरकार, यह सभी के लिए एक राहत की सांस लाता है।

बरसात का यादगार दिन

मैं परीक्षा देने के डर से सुबह उठी, जिसके लिए मैं बिलकुल तैयार नहीं थी। मैंने परीक्षा रद्द करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। जैसे-जैसे मैं तैयार हो रही थी, तेज बारिश होने लगी। मैं तैयार होकर अपने पिता के साथ स्कूल गई, और मेरे आश्चर्य का ठिकाना ही नहीं था, जब हमें पता चला कि उस दिन बारिश के कारण स्कूल बंद था।

मैं सातवें आसमान पर थी, अब मुझे परीक्षा उस दिन नहीं देना था। मैं अपने पिता के साथ वापस आ गयी। घर आकर तुरंत मैंने अपनी स्कूल यूनीफॉर्म बदली और अपने घर के कपड़ों में आ गयी और फिर मैं अपने छत पर बारिश में स्नान करने लगी। चूँकि माँ मना कर रही थी, लेकिन हमने एक न सुनी। मुझे बारिश में भीगना बहुत अच्छा लगता है।

मैंने अपने भाई-बहनों के साथ बारिश में खूब मजे किये। हमने कागज की नावें भी बनाईं। जब हम काम कर रहे थे, तब हमने देखा कि मेरी माँ प्याज़ के पकौड़े बनाने वाली थी। उन्होंने उसे मिर्च की चटनी के साथ गरमागरम परोस दिया। हमने बारिश को देखते हुए पकौड़ो का आनंद लिया। यह वास्तव में मेरी सबसे यादगार बारिश के दिनों में से एक था।

प्रकृति सुंदर है और इसके कई रूप और दृश्य हैं, जिनमें से प्रत्येक एक दूसरे से अलग होते हैं और उनकी सुंदरता में भिन्नता है। बारिश उनमें से एक है जो दुख या शोकपूर्ण समय में खुशी और कृतज्ञता की वास्तविक भावना देती है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Rainy Day Essay in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

बारिश प्रकृति के सबसे खूबसूरत पलों में से एक होता है। वर्षा पृथ्वी पर वापस आने वाले बादलों से पानी का गिरना है, जो अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य द्वारा लिया जाता है। बारिश एक बहुत ही खूबसूरत पल होता है जो किसी भी व्यक्ति को हर्षित कर सकता है, और कई लोगों का यह मानना होता है कि भगवान का आशीर्वाद कुछ विशिष्ट समय में उसके द्वारा दिया जाता है।

बारिश के दिन का महत्व

सभी उम्र के लोगों द्वारा बारिश के दिनों का आनंद लिया जाता है। बच्चे शायद सबसे ज्यादा उत्साहित होते हैं। बारिश के दिन सुखद मौसम हो जाता हैं और बच्चों के मूड को बढ़ा देता हैं। इसके अलावा, यह उन्हें बाहर निकलने और बारिश में खेलने, पोखर में कूदने और कागज की नाव बनाने का मौका भी देता है।

इसी तरह, छात्रों के लिए, एक बरसात के दिन का मतलब है स्कूल से छुट्टी। यह उन्हें अपनी नीरस दिनचर्या से छुट्टी देता है क्योंकि स्कूल छुट्टी घोषित करता है। बारिश के दिन स्कूल जाने और मौसम का आनंद लेने और फिर स्कूल बंद होने का आनंद, एक तरह का हर्ष से परिपूर्ण अनुभव होता है। छात्र शिथिल हो जाते हैं और अपना दिन अन्य गतिविधियों जैसे मित्रों के साथ बाहर जाने में बिताते हैं।

अगर हम एक आम आदमी के दृष्टिकोण से बारिश के दिनों को देखते हैं, तो हम देखते हैं कि यह कैसे हमें गर्मी से राहत दिलाता है। यह हमारे मूड को बदलता है और हमारी सुस्त दिनचर्या में भी जान फूंक देता है। दूसरे शब्दों में, बारिश के दिन तनाव के बीच कायाकल्प का मौका देता हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात, हम देखते हैं कि बारिश के दिन किसानों के लिए अत्यधिक महत्व के होते हैं। यह फसलों के उत्पादन के लिए काफी आवश्यक और लाभदायक होते है। यह उन्हें अपनी फसलों को फलने-फूलने के लिए पर्याप्त पानी प्रदान करता है जो अंततः फसल अच्छी कराता है।

बारिश का सिर्फ एक दिन लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर ले आता है। इतना ही नहीं यह प्यासी धरती के संताप को भी कम करता है। हर आयु वर्ग के लोग अपने-अपने कारणों से खुश होते रहते हैं। जहाँ बच्चे बारिश के कारण स्कूल बंद होने के कारण खुश होते हैं, वहीं बड़े मौसम खुशनुमा होने से खुश होते है और साथ ही बारिश के बहाने कई चटपटे नाश्ते का लुत्फ उठाते हैं।

Essay on Rainy Day

निबंध – 3 (500 शब्द)

बारिश से पूरी धरती लहलहा उठती है। मानों खुशी से नाच रही हो। यह सब देखना बहुत ही आकर्षक प्रतीत होता है। गर्मी या किसी भी मौसम में अचानक बारिश से मानव ही नहीं अपितु प्रकृति भी आनंदित हो जाती है। उसका रोम-रोम खिल उठता है। मानो वो इंद्र देव का धन्यवाद कर रही हो।

बारिश के दिन का नज़ारा

जिस भी दिन बारिश होने वाली रहती है। पहले से ही प्रकृति इशारे करने लगती है। आकाश में चहुंओर काले बादल छाने लगते हैं। दिन में भी रात जैसी अनुभूति होने लगती है। पशु-पक्षी भी अपनी खुशी ज़ाहीर करने लगते हैं। पेड़ो पर पक्षी जोर-जोर से चहकने लगते हैं। मानो जैसे वो बारिश का तहेदिल से अभिनंदन कर रहे हों।

जब हवा चलती है और बारिश होती है तो हर दिल खुश हो जाता है। पिकनिक आयोजित करने के लिए हम गंगा घाटों पर जाते हैं। कुछ लोग प्रकृति का नजारा देखने के लिए बाहर जाते हैं। लड़कियां झूले का आनंद लेने के लिए किसी बड़े पेड़ के नीचे इकट्ठा होती हैं। वे झूले पर झूलकर आनंद लेती हैं। वे मधुर गीत गाती हैं। ये गाने हमें बहुत खुशी देते हैं। हम बारिश के पानी में स्नान करते हैं। बच्चे बहते पानी में कागज की नावें चलाते हैं। जब उनकी नावें डूब जाती हैं या पानी की धारा से बह जाती हैं तो वे कैसे चिल्लाते हैं!

बारिश के बाद प्रकृति की हर चीज में नई जान होती है। घास जो एक दिन पहले गर्मियों की गर्मी में सूख जाती थी, वह गर्व से सिर उठाती है। कोयल आम के पेड़ से अपने मधुर गीत गाती है। इसके गाने इतने मधुर होते है कि मन को मोह लेते है।

सर्वत्र पानी के पूल बन जाते हैं। मकान और सड़कें अपनी गंदगी को धोती हैं। पेड़-पौधे बारिश के पानी में नहा लेते हैं। वे बेहद हरे-भरे दिखते हैं। पशु और पक्षी भी बारिश का आनंद लेते हैं। मेंढक बारिश के बाद बहुत ही खुश होकर शोर करने लगते हैं। टर्र-टर्र की आवाज सब जगह गूंज जाती है।

बारिश के बाद सड़कों, गलियों और चौराहों पर कीचड़ छा जाता है। यह बहुत परेशानी का कारण बनता है। हम अपने कपड़े खराब किए बिना नहीं चल सकते। हर कोई कुछ समय के लिए असहज महसूस करता है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने पर रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाता है। कीचड़ ही कीचड़ हर जगह दिखाई देने लगता है। भारी बारिश के तहत कुछ सड़के क्षतिग्रस्त होकर धँस जाती हैं और बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं। हम पूरी तरह से भीग जाते हैं। कभी-कभी बीमार भी पड़ जाते हैं। और कुछ त्वचा रोगों के शिकार भी होते हैं।

गर्मियों में पूरे बरसात के दिन आम तौर पर खुशी से भरे होते हैं। इससे हमें सुकून मिलता है। यह पूरी तरह से सुखद है। लेकिन अगर बादल गरजते हैं और बिजली कड़कने लगती है। तब हमारा आनंद गायब हो जाता है। सड़कों पर कीचड़ हो जाता है। बारिश की बस यही चीज़/बात मुझे अच्छी नहीं लगती। सड़को पर कीचड़ हो जाने से गाड़ियां बहुत फिसलती हैं। कभी-कभी खतरनाक हादसे भी हो जाते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – विश्व में सबसे अधिक वर्षा भारत के मेघालय स्थित मासिनराम में होती है।

उत्तर – भारत में सबसे कम वर्षा राजस्थान के जैसलमेर में होती है।

उत्तर – वर्षा एक संघनन की प्रक्रिया है।

उत्तर – वर्षा तीन प्रकार की होती है – संवहनीय वर्षा, पर्वतकृत वर्षा तथा चक्रवाती वर्षा।

उत्तर – वर्ष मापने के लिए प्लवीओमीटर का उपयोग किया जाता है।

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  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
  • गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
  • प्रसवपूर्व देखभाल
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  • जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स)
  • प्रसवोत्तर देखभाल
  • महीने दर महीने विकास
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  • शिशु की नींद
  • शिशु के नाम
  • आहार व पोषण
  • खेल व गतिविधियां
  • व्यवहार व अनुशासन
  • बच्चों की कहानियां
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  • किड्स क्लोथ्स
  • टॉयज़, बुक्स एंड स्कूल
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वर्षा ऋतु बहुत सुहाना होता है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। इस मौसम में पूरा शहर काले बादलों से घिरा होता है, ठंडी हवाएं चलती हैं और कभी-कभी हवाएं आंधी का भी रूप ले लेती हैं। वर्षा ऋतु आने से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिलती है। देश में वर्षा ऋतु की शुरुआत जून महीने से होती है और यह लगभग सितम्बर तक चलता है। इस मौसम से सिर्फ इंसानों को ही नहीं जानवरों और पक्षियों को भी राहत मिलती है। बरसात का ये मौसम किसानों के लिए महवत्पूर्ण माना जाता है, क्योंकि अच्छी फसल के लिए बरसात बहुत जरूरी है और देश के कई हिस्सों में किसान अपनी फसल के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। गर्मी की वजह से कई नदियां, तालाब और जंगल सूखे पड़ जाते हैं, जिससे वहां रहने वाले लोगों और जीवों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन बरसात के बाद यह नदियां, तालाब फिर भर जाते हैं और पेड़-पौधे भी हरे-भरे लगने लगते हैं। वर्षा ऋतु का मजा हर कोई अपने-अपने तरीके से लेता है। कुछ बाहर जाकर इसका आनंद उठाते हैं और वहीं कुछ घर पर ही अपने फैमिली के साथ खुशनुमा पल बिताते हैं। बच्चों को यह मौसम बहुत पसंद होता है और उनके पास इस दौरान करने के लिए भी बहुत कुछ होता है। बच्चों को अगर वर्षा ऋतु पर एक छोटा या बड़ा लेख या मानसून पर अनुच्छेद लिखने को मिले तो यहाँ बहुत ही सिंपल तरीके से बताए गए वर्षा ऋतु पर एस्से दिया है, यह आपकी पूरी मदद करेगा।

बारिश का मौसम अपने साथ कई खुशियां लेकर आता है। यह मौसम बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी बहुत पसंद होता है। कभी-कभी बच्चे इस मौसम के अनुभवों को पेपर में निबंध के तौर पर लिखने की कोशिश करते हैं। नीचे दी गई वर्षा ऋतु की 10 लाइने इसमें उनकी मदद कर सकती हैं।

  • वर्षा ऋतु बहुत सुहावना लगता है।
  • इस मौसम में आसमान में काले बादल छाए रहते हैं।
  • बरसात का मौसम भीषण गर्मी में राहत दिलाता है।
  • कृषि प्रधान देश होने की वजह से यहां वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है।
  • वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली फैल जाती है।
  • वर्षा के दिनों में हमें उमंग और खुशी का एहसास होता है।
  • बच्चे बारिश में खेलते हैं और कागज की नाव बनाते हैं।
  • बारिश के बाद किसान अपने खेतों में बीज बोने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • इस मौसम में पेड़ों पर रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं।
  • वर्षा ऋतु में सूखे तालाब और नदी फिर से भर जाते हैं।

ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हे बारिश नहीं पसंद होगा, हर कोई इसका मजा अपने तरीके से लेते हैं। लेकिन बच्चों में इसको लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। वर्षा ऋतु पर 200-300 शब्दों वाले इस निबंध से जानते हैं आखिर इसमें ऐसा क्या खास है:

वर्षा ऋतु यानी बारिश का मौसम। वर्षा ऋतू भारत में जून महीने में आती है और अपने साथ ढेर सारी खुशियां और उमंग लेकर आती है। किसानों के लिए तो मानो यह एक आशीर्वाद की तरह होती है। बरसात, मौसम को ठंडा और सुहावना बना देती है और एक अलग ही प्रकार का सुकून साथ में लाती है। आसमान चारों तरफ से काले बादलों से घिरा हुआ होता है, चारों तरफ ठंडी हवा, बारिश की वो पहली बूंद शरीर में एक नई जान डाल देती है। बरसात का मौसम भीषण गर्मी से जूझते हुए लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है। मानसून हर साल आता है और चारों तरफ हरियाली और खुशियां बिखरने लगती हैं। अप्रैल और मई की गर्मी को झेलते हुए लोग इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह मौसम लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। हमारे देश में कृषि का बहुत अधिक महत्व है और किसानों को बेहतर फसल के लिए बारिश चाहिए होती है। इसमें बरसात का मौसम अहम भूमिका निभाता है। सूखे पड़े पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, खेत फसलों से भर जाते हैं, सूखे नदी-तालाब फिर से भर जाते हैं। जानवर और पक्षी में बारिश की बौछार में झूम उठते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बारिश का मौसम आपके व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालता है। बारिश की पहली बूंद जब आप पर पड़ती है तो नीरस मन भी खुश हो जाता है। बच्चे भी इसका आनंद उठाते हैं। कुछ घर पर ही खिड़की के सामने बैठकर अपनी माँ से अच्छे-अच्छे पकवान बनवाकर बारिश का मजा लेते हैं। वहीं कुछ बच्चे बारिश में बाहर भीगने जाते हैं और बारिश बंद होने पर कागज की नाव बनाकर उससे खेलते हैं। बड़े भी अपने तरीके से इसका आनंद उठाते हैं। यह मौसम सिर्फ खुशियां ही नहीं बल्कि कई त्यौहार भी लेकर आता है, जैसे रक्षाबंधन, गणेश पूजा, स्वतंत्रता दिवस आदि। इस दौरान सावन का भी महीना लगता है।

बरसात का मौसम हमारे जीवन के लिए एक वरदान की तरह है। इसके महत्व को बच्चे हो या बड़े हर किसी को समझने की जरूरत है। वर्षा ऋतु पर विस्तार में बताए गए निबंध में को पढ़ें और बच्चो की भी पढ़ाएं। इससे उनकी जानकारी बढ़ेगी साथ ही उन्हें ऐसे निबंध लिखने में आसानी होगी।

बरसात का मौसम क्या है? (What Is the Rainy Season?)

मई-जून की भीषण गर्मी के वक्त जब आसमान में काले बादल छाने लगे, तेज और सर्द हवाएं चलने गए तो समझ लेना चाहिए जल्द ही मानसून आने वाला है। बरसात के इस मौसम में बारिश कभी भी होने लगती है पर वह पहले से ही इशारा दे देती है। धूप धीरे-धीरे कम हो जाती है और इसकी जगह बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है। इसमें बारिश पहले बौछार के रूप में शुरू होती है, फिर धीरे-धीरे बूंदे बड़ी होने लगती है। इसके बाद लगातार तेज बारिश होती है। कई बार बारिश बंद होने पर हमे इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है। यह मौसम सिर्फ हमारे मन को खुश नहीं करता है बल्कि वातावरण को और खूबसूरत बना देता है। जमीन की मिटटी पर पड़ने वाली बारिश की बूंदों की वजह से आने वाली सोंधी-सोंधी महक मन को शांत कर देती है। सूखे पेड़ हर-भरे हो जाते है, जिससे आस-पास का नजारा और सुंदर लगता है। ऐसे मौसम में सभी का मन प्रसन्न हो जाता है और गर्मी से राहत भी मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्व (Importance/Advantages Of Rainy Season)

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ वर्षा ऋतु का अलग महत्व होता है। बारिश कृषि अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है। अच्छी फसल के लिए किसान बारिश का इंतजार करते हैं। बारिश हमे सिर्फ जीवन और कृषि में मदद नहीं करती है बल्कि बिजली जैसे अहम संसाधन में भी मदद करती है। वर्षा ऋतु में बारिश की वजह से सभी डैम के पानी के स्तर को नियंत्रित किया जाता है ताकि बिना किसी रुकावट के बिजली का उत्पादन हो सके। इतना ही नहीं वर्षा ऋतु में लगातार होने वाली बारिश से धरती का तापमान नियंत्रित रहता है और गर्मी भी कम लगती है। ऐसा माना जाता है पृथ्वी पार जीवन को हमेशा बरकरार रखने के लिए बारिश जरूरी है। क्योंकि मनुष्य, जानवर, पक्षी और पेड़-पौधे सभी के लिए बारिश जरूरी है।

वर्षा ऋतु में क्या करें (Things To Do in Rainy Season)

  • बारिश का मौसम आने से पहले सारी तैयारी कर के रखें।
  • हमेशा छाता, रेनकोट आदि अपने पास रखें।
  • मौसम का आनंद लेने के लिए परिवार के साथ लॉन्ग ड्राइव पर जा सकते हैं।
  • घर पर स्वादिष्ट पकोड़ा और चाय के साथ मौसम का मजा लें।
  • दोस्तों के साथ बाहर बारिश में भींगे और कोई पसंदीदा खेल खेलें।
  • खिड़की के पास बैठकर किताब पड़ते हुए बारिश को एन्जॉय करें।
  • बच्चे अपने लिए कागज के नाव बनाकर बहार बारिश में चलाएं।
  • इस दौरान बेहतरीन यादों को तस्वीरों में कैप्चर करें।
  • परिवार के साथ मिलकर कोई अच्छी सी फिल्म देखें।
  • दोस्तों, रिश्तेदारों जिनसे बहुत दिनों से बात नहीं हुई उनसे बात करें।

वर्षा ऋतु से होने वाले नुकसान (Disadvantages Of Rainy Season)

  • देश में अधिक बारिश होने की वजह से कई जगह बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है और सब बहुत नुकसान करती है।
  • उम्मीद से ज्यादा बारिश किसानों की फसलें खराब कर देती हैं और उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाती है।
  • रोड पर खतरा बढ़ जाता है और तेज बारिश की वजह से कई दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बारिश स्वास्थ्य पर भी असर डालती है, जिसकी वजह से सर्दी, जुखाम, खांसी आदि जैसी अन्य बिमारियों से हम घिर जाते हैं।
  • भयंकर बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
  • आसमान से बरसने वाले पानी की अधिकतम गति 18 से 22 मील प्रति घंटे होती है।
  • पृथ्वी पर बारिश की सबसे बड़ी बूंदें ब्राजील और मार्शल आइलैंड्स में 2004 में दर्ज की गई थी।
  • समुद्र तट पर होने वाली वर्षा खतरनाक होती है, इससे भयंकर तूफान और चक्रवात आने का खतरा अधिक होता है।
  • बारिश में बादल फटने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • बारिश के दौरान अधिकतर बादलों की ऊंचाई 1800 मीटर से 5500 मीटर तक होती है।
  • बारिश सिर्फ तरल रूप में ही नहीं बल्कि ओले और बर्फ जैसे ठोस रूप में भी धरती पर गिरती है।
  • केरल के कोट्ट्यम क्षेत्र में लाल रंग की बारिश होती है।
  • बारिश की बूंदों को आसमान से धरती तक पहुंचने में लगभग 2 मिनट लगता है।

बारिश का मौसम बहुत ही खूबसूरत मौसम होता है, जो की कई खुशियां लेकर आता है। इस मौसम के कुछ फायदें हैं तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं। इस निबंध में यही बताने का प्रयास किया गया है कि बारिश का महत्व तब तक है जब तक वो जरूरत से ज्यादा नहीं होती है। ऐसे में बच्चे भी जानेंगे की बरसात का मौसम यानि की मानसून क्यों खास होता है और आने वाले वर्षा ऋतु के लिए उनको कैसे तैयारी कर के रखनी चाहिए।

1. भारत में सबसे ज्यादा बारिश किस जगह पर होती है?

भारत में मेघालय के मासिनराम में सबसे अधिक बारिश होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।

2. भारत में सबसे कम बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में ‘लेह’ ऐसा स्थान है जहाँ सबसे कम बारिश होती है  लद्दाख में है।

3. भारत में सबसे पहली बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में मानसून सबसे पहले अंडमान-निकोबार में शुरू होता है, उसके बाद केरल में बारिश शुरू होती है।

4. भारत के किस राज्य में ठंड के मौसम में बारिश होती है?

भारत का एक दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में सर्दी के मौसम में वर्षा होती है। यहाँ अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर-पूर्वी मानसून या “शीतकालीन मानसून” होता है।

5. पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान कौन सा है?

पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान मेघालय के मासिनराम को माना जाता है, यहाँ पर वर्षा ऋतु के दौरान औसत 11, 872 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

6. वर्षा ऋतु कब शुरू होती है?

भारत में वर्षा ऋतु गर्मी के बाद जुलाई महीने से शुरू होकर सितम्बर तक चलती है।

7. बरसात के पहले कौन सा मौसम आता है?

भारत में वर्षा ऋतु के पहले गर्मियों का मौसम रहता है, जो मार्च से शुरू होकर जून तक रहता है।

8. वर्षा होने का क्या कारण है?

धरती पर मौजूद पानी जो महासागर, नदियों और झीलों व अन्य बड़े स्रोत से पाया जाता है, जब वो पानी सूर्य की गर्मी से वाष्प द्रवित होकर बादल बन जाते तब वर्षा होती है।

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हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई बारिश के मौसम का स्वागत करना, उसका आनंद उठाना और उससे प्यार करना बखूबी जानता है। किसी को बरसात के मौसम में घूमना पसंद होता है, तो किसी को बरसात में भीगना अच्छा लगता है। वर्षा ऋतु के मौसम में पेड़-पौधों पर हरियाली की सुंदरता भी और बढ़ जाती है। इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी वर्षा ऋतु के आगमन से प्रसन्न हो उठते हैं।

भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु मानी जाती है। जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। वर्षा ऋतु के आने पर बच्चों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। पर्यावरण के लिए वर्षा बहुत जरूरी होती है। वर्षा हमारे लिए ही नहीं पृथ्वी के लिए भी बहुत जरूरी है। भारत में वर्षा किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि उनकी फसल की बुआई और सिंचाई वर्षा पर ही निर्भर रहती है। अगर यही वर्षा देर से आए, तो उनकी फसल खराब होने की संभावना रहती हैं। हर किसी ने बारिश के पानी में कागज से बनी हुई नाव के साथ खेलते हुए बच्चों का सुन्दर दृश्य जरूर देखा होगा।

वर्षा ऋतु का आगमन

वर्षा ऋतु का आगमन श्रावण माह से शुरू होता है और भादो माह तक रहता है। अंग्रेजी भाषा में इसे जुलाई से सितंबर तक के महीने को कहा जाता हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ आपको हरियाली नज़र आयेगी। वर्षा ऋतु को मानसून भी कहा जाता है। इस मौसम में बरसात सबसे ज्यादा होती है। आपको हर तरफ पानी ही पानी नजर आएगा। पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते, आम के फलों से लदे पेड़, उस पर चिड़ियों का बैठकर चहचाना, ये मनमोहक दृश्य आपको वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। चाहे वो मनुष्य हों, पेड़-पौधे हों या पशु-पक्षी हों। गांव के खेतों में लहराते धान को देखकर वर्षा ऋतु की जो मनमोहक प्रस्तुति हमारे मन में उत्पन्न होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना शायद ही किसी के लिए आसान हो। इस मौसम में धान के अलावा और भी फसलों का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।

उत्पादन में अधिक वृद्धि- अगर सही समय पर वर्षा ऋतु का आगमन हो जाए, तो किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है जिसे निम्नलिखित तरीकों से बताया गया है।

  • सिंचाई के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • वर्षा ऋतु में एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन।
  • सिंचाई के पैसों की बचत।
  • वर्षा का पानी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करता है।

छोटे जीव-जंतु को राहत- जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके कारण छोटे-छोटे जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। जुलाई के माह में जब बारिश होती है, तो उनको राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु का उद्देश्य

वर्षा ऋतु का उद्देश्य है जीवन के चक्र को चलाना तथा उसे नया रूप देना। वर्षा ऋतु 3 से 4 महीने रहती है और फिर चली जाती है। वर्षा ऋतु में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने शुरू हो जाते हैं, जमीन पर छोटी-छोटी नई घास की चादर बिछ जाती है। बारिश की पहली बूंद जब धरती पर गिरती है, तो जमीन से निकलने वाली खुशबू आप का मन मोह लेगी। वर्षा ऋतु में त्योहारों का आगमन और किसानों में एक अलग जोश के साथ खेती करना उत्साह देखा जा सकता है। वर्षा से हमें गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के लाभ

बारिश हमारे और हमारे देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। वर्षा ऋतु के लाभ निम्नलिखित हैं-

पानी को इकट्ठा करने का समय-

वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मौसम है जहां हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके रखने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम तालाब, नहर, कुएं, गड्ढे आदि जगह पर पानी को इकट्ठा करके रख ले और बाद में इसका उपयोग हम खेत की सिंचाई, पेड़ों को पानी देना आदि जैसी चीजों के लिए करें।

पानी कम खर्च करने का सुनहरा मौका होती है वर्षा ऋतु-

वर्षा ऋतु में हम पानी का सबसे कम उपयोग कर सकते हैं क्योंकि बारिश के कारण पेड़-पौधे को अपने आप ही पानी मिल जाता है। तो हमें उन्हें पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आप पानी की बचत भी कर सकते हैं।

पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग-

वर्षा ऋतु में हम पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में मौसम ठंडा रहता है।

वर्षा ऋतु से हानि या समस्या

बाढ़ की संभावना–

लगातार तेज बारिश होने के कारण लोगों को बाढ़, सुनामी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

बारिश से फसल का नुकसान–

तेज बारिश होने की वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान भी होता है जिसके कारण उनकी साल भर की मेहनत खराब जाती है।

फसल खराब होने से अनाज उत्पादन में गिरावट–

तेज बारिश के कारण किसानों का अनाज खराब हो जाता है, तो उनके द्वारा खेतों में लगाई गई लागत तक नहीं निकल पाती है, जिसके कारण किसान वर्ग के लोगों को काफी निराशा झेलनी पड़ती है। और बाजार में फसल कम दाम पर बिकती है।

संक्रामक/वायरस फैलने का डर–

वर्षा ऋतु में हर जगह पानी भर जाता है जिसके कारण बच्चों और बड़ों में वायरस फैलने का भय बना रहता है, जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रकृति पर वर्षा का प्रभाव–

तेज वर्षा के कारण पेड़-पौधे गिर जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान होता है।

लोगों की  मृत्यु–

तेज बारिश के कारण चलती हुए सड़कों पर अचानक पेड़ गिरने से सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है, जिसका मुख्य कारण वर्षा है।

वर्षा ऋतु में बचाव हेतु बातें

  • वर्षा ऋतु में आप घर में ही रहें।
  • वायरस से बचने के लिए घर को साफ-सुथरा रखें।
  • बाहर के खाने की चीजों से बचें।
  • स्वच्छ जल का प्रयोग करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में आपको गेहूं, दही, अंजीर, खजूर और छाछ का सेवन करना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  • घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को नदी, नालों में ना फेंके।
  • कुछ मामूली सी सावधानियां बरतकर हम सभी हैजा जैसे भयंकर रोग से बचाव कर सकते हैं।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गंदे पानी को ना पिएं।
  • अगर आपको डायरिया जैसी बीमारी का एहसास हो, तो आपको तुरंत जीवन रक्षक घोल का सेवन करना चाहिए।
  • जीवन रक्षक घोल आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
  • इस घोल के पैकेट को आप वर्षा ऋतु के मौसम में जरूर अपने घरों में लाकर रखें।
  • वर्षा ऋतु में आप कभी भी छोटे बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं।
  • अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त होने लगें, तो उसे तुरंत मां का दूध पिलाएं या फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • वर्षा ऋतु में पशुओं में भी अनेक बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को पशुओं से संबंधित दूध को जांच करने के बाद ही पिलाएं।
  • वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में मांसाहारी चीजों को खाने से बचें क्योंकि यह उनके प्रजनन का मौसम होता है।
  • वर्षा ऋतु सुहाना मौसम होता है इसलिए आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
  • इस मौसम में आपको कालरा, डायरिया का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • इस मौसम में आपको संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिसके लिए आपको दिनचर्या के तरीके में थोड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे में आप बीमारियां होने से बचाव कर पाएंगे।
  • पानी को आप जब भी पिएं उबालकर ही पिएं।
  • कटे फल, सब्जियां आदि को खुला बिल्कुल ना रखें।
  • साफ-सुथरे बर्तन का ही प्रयोग करें।
  • फलों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • सब्जियों को पकाने से पहले उन्हें धोकर सुखा लें।
  • वर्षा ऋतु में बचे हुए भोजन का प्रयोग ना करें।
  • पत्तेदार सब्जियों के प्रयोग से बचें।

हमारे शरीर में खानपान के अलावा भी मौसम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम मौसम के अनुकूल भोजन और फलों का इस्तेमाल करें, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक ना हो। वर्षा ऋतु में हमें ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें तथा नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेज होगी। बारिश होने पर आप छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि बारिश के पानी से आपके बालों को कोई नुकसान ना हो।

वर्षा ऋतु संसार के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसे हम अपनी जीविका के साधन के रूप में देख सकते हैं। जैसे पानी के बिना नदी का कोई मोल नहीं होता है ठीक वैसे ही बारिश के बिना इंसान और प्रकृति का भी कोई मोल नहीं होता है।

वर्षा ऋतु पर छोटा निबंध

वर्षा ऋतु प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाने वाली ऋतु है। प्रकृति में ऋतुओं के बदलाव से वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसके बाद ही वर्षा होती है। इसीलिए हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उनका कम से कम दोहन करें। अगर हम प्रकृति की रक्षा नही करेंगे, तो एक दिन हम विनाश की ओर बढ़ जाएंगे। वर्षा ऋतु में हर साल होने वाली बारिश की मात्रा में कमी आ रही है। वर्षा ऋतु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। लोग लगातार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते बारिश कम होती जा रही है।

पेड़ों को लगाने का सही समय वर्षा ऋतु ही माना जाता है। इस मौसम में नए-नए पेड़ों को लगाया जाता है ताकि उनका सही से विकास हो सके। छोटे पेड़ों को लगाने का उद्देश्य होता है उन्हें भरपूर वर्षा का पानी मिले जिससे वह मजबूत हो जाएं। वर्षा ऋतु को सुहावना मौसम भी कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में लोग घूमने के लिए ज्यादातर बाहर जाते हैं। इस मौसम में चारों तरफ आकर्षित करने वाली चीजें ही आपको देखने को मिलेंगी। इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। इस मौसम में आपको सात रंगों वाला इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में सफेद, भूरे और काले बादलों को घूमते हुए आपने जरूर देखा ही होगा, जिसे बच्चे देखकर बहुत खुश होते हैं।

वर्षा ऋतु ना सिर्फ अपने साथ खुशियां लेकर आती है बल्कि बहुत सारी कठिनाइयां भी लेकर आती है। बरसात होने पर जगह-जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और सुनामी आपदाएं जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं-

  • वर्षा ऋतु में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन में कुछ लोग अपने आप को ढाल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में बीमार पड़ जाते हैं।
  • ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी पड़ता है।
  • तेज वर्षा होने के कारण कमजोर पेड़ गिरकर टूट जाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन से पेड़ों को बहुत नुकसान होता है।
  • तेज बारिश के चलते फसलें गल जाती हैं या खराब हो जाती हैं।
  • इस मौसम में बहुत सारे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े बाहर निकल कर आने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को खतरा बढ़ जाता है।

इस मौसम में आकाश बहुत साफ, चमकदार और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है। वर्षा ऋतु में आसमान बहुत अच्छा दिखाई पड़ता है, ये दृश्य आपका मन मोह लेता है। वर्षा और मनुष्य का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है। अगर पेड़-पौधे ही ना हों, तो वर्षा ऋतु का आगमन काफी देर से होगा।

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन

  • भारत में वर्षा ऋतु एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु का आगमन जून के महीने में हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु किसान वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • वर्षा ऋतु बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी पसंदीदा ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु उत्साह और उमंग लेकर आती है।
  • वर्षा ऋतु धान की खेती के लिए सबसे अच्छी ऋतु मानी जाती है।
  • वर्षा ऋतु पानी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा स्रोत है।
  • वर्षा ऋतु में आप तरह-तरह के फलों का आनंद ले सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु लोगों को जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने आती है।
  • वर्षा ऋतु को हरियाली के लिए भी जाना जाता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें

  • वाक्य छोटे हों।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • निबंध पढ़ते समय लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में आप कविता का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने से पहले आप किन-किन बिंदुओं का उल्लेख करने वाले हैं इसका पता आपको पहले ही होना चाहिए ताकि लिखते समय आप जल्दी से अपना निबंध पूरा कर सकें।
  • ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए जिसका अर्थ आपको मालूम ना हो ।
  • निबंध को हमेशा हेडिंग के साथ लिखें। इससे आपका निबंध और ज्यादा आकर्षक दिखेगा।
  • अपने निबंध में आप वर्षा ऋतु से संबंधित चित्रों को भी लगा सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ज्यादा से ज्यादा सृजनात्मक लेखन का ही प्रयोग करें।

वर्षा ऋतु के निबंध में हमने काफी सारे बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप इसे पढ़कर काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं जैसे हम वर्षा ऋतु में कौन-कौन से तरीकों का उपयोग करके संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। वर्षा ऋतु से संबंधित निबंध लिखने का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा

वर्षा ऋतु से संबंधित FAQs

प्रश्न- वर्षा ऋतु के फायदे क्या हैं?

उत्तरः वर्षा होने के कारण अच्छी फसल उगती है, जिसके चलते बाजार में किसान वर्ग को अच्छे पैसे मिलते हैं। वर्षा होने के कारण जामुन जैसे फल जल्दी पकने लगते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से होने वाले हानियों का वर्णन करें ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में लोगों को वायरस फैलने का खतरा बना रहता है और आपदा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से फैलने वाले वायरस का नाम बताइए ?

उत्तरः सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी फसल उगाई जाती है ?

उत्तः वर्षा ऋतु में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों को उगाया जाता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में ही पेड़ों को लगाने के लिए क्यों सबसे अच्छा ऋतु माना जाता है ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में पेड़ों को इसलिए लगाया जाता है ताकि उन्हें वर्षा का जल मिल सके। वर्षा जल के कारण ही पौधे में मजबूती आ जाती है और वह आसानी से उग जाते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु कब आती है?

उत्तरः वर्षा ऋतु जून या जुलाई में आकर सितंबर तक रहती है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

उत्तरः वर्षा ऋतु हमें भीषण गर्मी से राहत देने का काम करती है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay On Rainy Season in Hindi | 10 Lines (कक्षा 1 से 10 के लिए निबंध)

Essay On Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध : Essay On Rainy Season in Hindi: भारत में वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। असहनीय गर्मी के बाद यह हर किसी के जीवन में एक नई आशा और बड़ी राहत लाता है। पौधे, पेड़, पक्षी, जानवर समेत इंसान भी इस मौसम का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं और बारिश के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाते हैं। हर किसी को राहत और आराम की सांस मिलती है। आकाश बहुत चमकीला, साफ और हल्का नीला रंग का दिखता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्र धनुष यानी वर्षा धनुष जैसा दिखता है। संपूर्ण वातावरण अत्यंत आकर्षक एवं सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मैं आमतौर पर सभी यादों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए हरियाली वाले वातावरण और अन्य चीजों की तस्वीरें लेता हूं। आसमान में सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के बादल घुमड़ते नजर आते हैं।

बारिश के मौसम में ज्यादतर छात्रों को इस ऋतु  पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है,इसलिए इस लेख के जरिए हम आपको वर्षा ऋतु  पर निबंध उपलब्ध करा रहे है जो आप अपने उपयोग में ले सकते हैं। इस लेख में हमने छोटे और बड़े दोनों तरह के निबंध को संकलित किया है जो आप अपनी सुविधा के मद्देनजर इस्तमाल में ले सकते हैं।इस लेख में कई बिंदूओं को जोड़ा है जैसे कि वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में,वर्षा ऋतु पर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Varsha ritu par nibandh in Hindi)वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द in hindi | Rainy Season Essay in Hindi, Rainy Season Essay in Hindi | वर्षा ऋतु पर निबंध (600 शब्द),वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on varsha ritu in hindi Download PDF,वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में 10 लाइन | rainy Season essay in hindi 10 lines। इस लेख को अंत तक पढ़े और अपनी सुविधा अनुसार हमारे द्वारा लिखे गए लेख को ज्यादा से ज्यादा इस्तमाल करें।

वर्षा ऋतु पर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Varsha ritu par nibandh in Hindi)

“वर्षा ऋतु” को कुछ स्थानों पर “आर्द्र ऋतु” के रूप में भी जाना जाता है, यह वर्ष की वह अवधि है जब क्षेत्र की सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है। भूमध्य रेखा के दोनों किनारों पर फैले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उनकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर वर्षा ऋतु का अनुभव होता है। आमतौर पर वर्षा ऋतु एक महीने तक जारी रहती है, जबकि कुछ स्थानों पर यह तीन से चार महीने तक भी बनी रह सकती है। भारत में वर्षा ऋतु को दक्षिण पश्चिम ग्रीष्म मानसून कहा जाता है और यह लगभग पूरे देश में होने वाली हल्की से लेकर उच्च वर्षा की चार महीने की अवधि है। भारतीय मानसून की उत्पत्ति दक्षिणी हिंद महासागर में होती है जहाँ भूमध्यरेखीय व्यापारिक हवाओं द्वारा एक उच्च दबाव द्रव्यमान बनता है।

दक्षिण एशिया, जो गर्म जलवायु परिस्थितियों का सामना कर रहा था, परिणामस्वरूप कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है, ये हवाएँ दक्षिण पश्चिम के माध्यम से मुख्य भूमि भारत में नमी ले जाती हैं। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून दो भागों में आता है – बंगाल की खाड़ी का मानसून और अरब सागर का मानसून।अरब सागर का मानसून पश्चिम भारत में थार रेगिस्तान तक फैला हुआ है, और बाद में बंगाल की खाड़ी के मानसून से भी अधिक मजबूत है। बंगाल की खाड़ी का मानसून भारत के पूर्वी तट से होकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और भारत के Ans पूर्व राज्यों से होकर गुजरता है। इसके बाद यह Ans भारत के सिन्धु-गंगा के मैदानों की ओर बढ़ता है।जैसे-जैसे देश में मानसून ठंडा होता जाता है, मानसून समय के साथ कमजोर होता जाता है और यह अगस्त के मध्य में Ans भारत से बाहर निकल जाता है। मॉनसून आम तौर पर 5 अक्टूबर तक मुंबई छोड़ देता है और नवंबर के अंत तक यह भारत से पूरी तरह निकल जाता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (300 शब्द) | Rainy Season Essay in Hindi

हर वर्ष हमारे वर्षा ऋतु के तीन-चार महीने आनंददायक होते हैं। बारिश और ठंडी हवा से माहौल खुशनुमा हो गया है। मेरा गृहनगर एक मनोरंजक और सुंदर जगह प्रतीत होता है। गर्म, नीरस गर्मी के बाद बरसात का मौसम आता है और मेरे शहर की धूल भरी सूरत को साफ कर देता है। मैं आमतौर पर बारिश की फुहारों का आनंद लेने के लिए छत पर जाता हूं और वहां अपने दोस्तों के साथ बारिश में खेलता हूं। चारों ओर हरियाली है जो देखने में अच्छी लगती है। बारिश की फुहारों के बाद का वातावरण बहुत ताज़ा दिखता है और हर किसी में शांति का संचार करता है। वर्षा ऋतु का आगमन शांति और नवीनीकरण की भावना लाता है। गर्मी के दिनों में हम सभी बारिश का बेसब्री से इंतजार करते हैं। बाहर खेल रहे बच्चे के लिए बरसात का दिन हमेशा रोमांचकारी रहेगा। आकाश में इंद्रधनुष देखना एक और आश्चर्य है।

बरसात का मौसम आने से पहले ही हमारे गांवों में किसान खेतों में अपना काम शुरू कर देते हैं। प्राकृतिक जल स्रोत का उपयोग किसान अपने खेतों को पानी देने और इस मौसम के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने के लिए करते हैं। हमारी नदियाँ, नाले और तालाब वर्षा जल से भरे हुए हैं। इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे यह नीचे बसता है, भूजल भंडार बढ़ता जाता है। वर्ष के शेष समय में, इस मीठे पानी के भंडार का उपयोग पीने के पानी के स्रोत के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी किया जाता है।

मानसून भारत में दो मार्गों से प्रवेश करता है: Ans पूर्वी राज्यों में बंगाल की खाड़ी के माध्यम से और दक्षिणी राज्य केरल में। मानसून का मौसम देखने वाला पहला भारतीय राज्य केरल है, जो इसके दक्षिणी प्रवेश बिंदु के रूप में कार्य करता है। अरब सागर के ऊपर घने और काले बादलों के माध्यम से, केरल में वर्षा ऋतु के आगमन की आसानी से भविष्यवाणी की जा सकती है। केरल में मानसून का मौसम जून के पहले सप्ताह में शुरू होता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून, जिसे आमतौर पर केरल से गुजरने वाले मानसून के रूप में जाना जाता है, को कृषि क्षेत्र का आर्थिक पूर्वज माना जाता है।सबसे महत्वपूर्ण होने के अलावा, बरसात का मौसम वह मौसम है जिसका लोग हर साल सबसे अधिक इंतजार करते हैं और इसका आनंद लेते हैं। किसान बारिश के मौसम को बहुत महत्व देते हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि हर कोई – बच्चे, किशोर और वरिष्ठ लोग इसे प्राकृतिक दुनिया में आने वाली सुंदरता के लिए समान रूप से पसंद करते हैं।

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Rainy Season Essay in Hindi | वर्षा ऋतु पर निबंध (600 शब्द)

भारत अपने वर्षा ऋतु के लिए जाना जाता है। हमारे देश का अधिकांश भाग उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है। इसका मतलब है कि हम उष्णकटिबंधीय मौसम का आनंद लेते हैं जहां दक्षिण-पश्चिमी हवाएं जून से सितंबर तक बादलों को उड़ा ले जाती हैं। मेरे शहर में इस मौसम में मूसलाधार बारिश होती है. भारत में अलग-अलग स्थानों पर इस मौसम का व्यवहार अलग-अलग होता है। राजस्थान में सबसे कम बारिश होती है जबकि मेघालय में हर साल सबसे ज्यादा बारिश होती है। यह सब हमारे देश की स्थलाकृति पर निर्भर करता है। हिमालय पर्वतमालाएँ नमी युक्त हवाओं को रोककर उन्हें बादलों में बदल देती हैं। फिर ये बादल अपना आशीर्वाद बरसाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की ओर चले जाते हैं। महासागरों से मानसूनी हवाएँ विभिन्न राज्यों में पहुँचती हैं और अन्य राज्यों पर वर्षा के रूप में भारी मात्रा में पानी बहाती हैं।

वर्षा ऋतु का क्या कारण है?

दुनिया भर में बारिश का मौसम समुद्र और ज़मीन पर वार्षिक तापमान के रुझान में बदलाव के कारण होता है। पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य की स्थिति कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच बदलती रहती है।समुद्र के ऊपर सौर तापन से निम्न दबाव वाले क्षेत्रों का निर्माण होता है। इस निम्न दबाव क्षेत्र को अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजेड) भी कहा जाता है, जो Ans-पूर्व और दक्षिण-पूर्व व्यापारिक हवाओं के अभिसरण का गवाह है। इस अभिसरण के कारण वातावरण में नमी ऊपर उठती है और बादल बनते हैं। जब बादल नमी से भर जाते हैं तो वर्षा होती है। इस ITCZ क्षेत्र के भूमि क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित होने से वहां वर्षा होती है। भारतीय मानसून की घटना के पीछे भी यही घटना है। चरम गर्मी के महीनों यानी मई-जून के दौरान, थार रेगिस्तान और Ans के अन्य हिस्सों के साथ-साथ मध्य भारत भी गर्म हो जाता है। इस ताप से उपमहाद्वीप पर निम्न दबाव क्षेत्र का निर्माण होता है। इसके कारण ITCZ हिंद महासागर से भूमि की ओर स्थानांतरित हो जाता है, जिससे नमी भरी हवाएं तेजी से आगे बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप बारिश होती है।

वर्षा ऋतु के हानिकारक प्रभाव

हालांकि मध्यम बारिश का मौसम आदर्श है, बहुत कम या बहुत अधिक बारिश का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। मौसमी वर्षा ऋतु पृथ्वी पर सभी जीवन के लिए आवश्यक है, फिर भी इसके अकाल, सूखा और बाढ़ जैसे नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। बहुत अधिक बारिश का एक और परिणाम जलभराव भी है। पंपों का उपयोग करके, नगर निगम रुके हुए पानी को साफ़ करता है।

इस तथ्य के बावजूद कि मानसून चिलचिलाती धूप और गर्म, शुष्क मौसम से राहत देता है, यह कई तरह की बीमारियाँ भी लाता है। लगातार भारी बारिश, उमस भरे मौसम और तेज़ हवाओं के परिणामस्वरूप व्यक्तियों में कई संक्रामक बीमारियाँ फैलती हैं। वायरल बुखार, सर्दी, स्वाइन फ्लू और पेट के वायरस कुछ ऐसी सामान्य चिकित्सीय समस्याएं हैं जो बरसात के मौसम में उत्पन्न होती हैं।

वर्षा ऋतु का महत्व

हमारी फसलें वर्षा ऋतु पर बहुत अधिक निर्भर रहती हैं। इसके अतिरिक्त, यह स्थानीय वनस्पति के स्वास्थ्य को बनाए रखता है, जो बदले में आसपास के जानवरों की देखभाल करता है।मानव जीवन को बनाए रखने के लिए ताज़ा पानी आवश्यक है, इसलिए वर्षा ऋतु महत्वपूर्ण है।वर्षा संचयन एक ऐसी विधि है जो लोगों को इस वर्षा जल को संग्रहीत करने की अनुमति देती है। पानी छत से टैंक या कुएं में प्रवेश करता है, पाइप के माध्यम से यात्रा करता है, और वहां एकत्र होता है।जलविद्युत एक स्रोत के रूप में वर्षा जल का उपयोग करके बिजली बनाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।

लगभग हर कोई बरसात के मौसम का आनंद लेता है क्योंकि यह तेज़ गर्मी के बाद आता है। किसी क्षेत्र की वनस्पतियों, वन्य जीवन, कृषि और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वर्षा का प्राकृतिक संसाधन आवश्यक है।

किसानों के लिए आशीर्वाद

बरसात का मौसम किसानों के लिए भी वरदान है क्योंकि कई फसलें मानसून के दौरान वर्षा की मात्रा पर निर्भर करती हैं। मानसून के आगमन पर बोई जाने वाली फ़सलों को ख़रीफ़ फ़सलें कहा जाता है और इसमें चावल, मक्का, दालें, बाजरा आदि शामिल हैं। इन फ़सलों को एक निश्चित मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, जो केवल बारिश के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। भारत, बांग्लादेश और अन्य जैसे विकासशील देश फसल उत्पादन के लिए काफी हद तक बारिश पर निर्भर हैं।

वर्षा ऋतु एक अत्यंत महत्वपूर्ण ऋतु है, जो जीवन चक्र को जारी रखने के लिए आवश्यक है। यह भूजल भंडार को फिर से भरने और कृषि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश फसलों और सब्जियों के उत्पादन के लिए मानसून के दौरान होने वाली बारिश पर काफी निर्भर रहते हैं। यह दुनिया का सबसे पसंदीदा मौसम भी है। बच्चे, युवा और वयस्क, सभी इसे प्रकृति की शुद्ध सुंदरता के लिए पसंद करते हैं जो इसे प्रकट करती है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay On Varsha Ritu in Hindi Download PDF

इस पॉइन्ट में हम आपको वर्षा ऋतु  पर निबंध Download PDF उपलब्ध करा रहे है जो आप डाउनलोड कर सकते है और कभी भी खुद भी पढ़ सकते है और अपने बच्चों या परिजनों को पढ़ा सकते हैं।

Download PDF:

वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में 10 लाइन | Rainy Season Essay in Hindi 10 Lines

hindi essay rainy season

1) बरसात के मौसम में ठंडी हवा और बारिश की फुहारों के साथ मौसम सुहावना होता है।

2) किसानों के लिए बीज बोने का यह सबसे अच्छा समय है।

3) स्कूल की छुट्टियों के कारण यह बच्चों का पसंदीदा मौसम है।

4) यह मौसम कई जल-जनित बीमारियाँ भी लेकर आता है।

5) इस मौसम में जल निकायों को प्रचुर मात्रा में वर्षा जल प्राप्त होता है।

6) बारिश और बिजली गिरने के कारण लोग घर के अंदर रहना पसंद करते हैं।

7) यह मौसम परिवार के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करता है।

8) लोग मौसम का आनंद लेने के लिए पकोड़े, हलवा और इडली जैसे बहुत सारे व्यंजन पकाते हैं।

9) बरसात का मौसम हमें विभिन्न प्रकार के फल, फूल और सब्जियाँ देता है।

10) गणेश पूजा, रक्षाबंधन, 15 अगस्त आदि त्यौहार इसी मौसम में आते हैं।

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FAQ’s: Essay On Rainy Season in Hindi

Q.बारिश के डर को क्या कहते हैं.

Ans. ओम्ब्रोफोबिया या प्लुविओफोबिया शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो बारिश से डरते हैं।

Q. वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?

Ans. मानसून या गीला मौसम बरसात के मौसम का दूसरा नाम है।

Q.भारत में किस स्थान पर भारी वर्षा होती है?

Ans. मेघालय के खासी हिल्स जिले के एक छोटे से शहर मावसिनराम में भारत में सबसे अधिक वर्षा होती है।

Q.वर्षा ऋतु में हमें कौन से फल मिलते हैं?

Ans. बरसात के मौसम में हमें लीची, जामुन, आलूबुखारा और चेरी मिलती है।

Q.बरसात के मौसम में हम क्या उपयोग करते हैं?

Ans. बारिश के मौसम में हम छाते और रेनकोट का इस्तेमाल करते हैं।

Q.बरसात के मौसम में हम अधिकतर कौन से जीव देखते हैं?

Ans. बरसात के मौसम में मेंढक, घोंघे, स्लग, केंचुए अधिकतर दिखाई देते हैं।

Q.भारत में सर्वाधिक वर्षा किस मानसून के कारण होती है?

Ans. भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण सर्वाधिक वर्षा होती है।

Q.भारत में सबसे पहले मानसून कहाँ आता है?

Ans. मानसून सबसे पहले केरल में आता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi): एक साल में ६ ऋतुएँ बारी – बारी से आती है. ऋतुएँ है – ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और बसंत . इसमें वर्षा ऋतु सबसे सुन्दर और लुभावनी होती है.

वर्षा ऋतु पर निबंध 600 शब्द- Essay on rainy season in Hindi

मासिक धर्म चक्र के आवर्तन के दौरान, गर्मियों के बाद, बारिश का मौसम सतह पर उतरता है. बारिश का मौसम सतह पर आने पर सतह उत्तेजित हो जाती है. जब बारिश आती है, तो आकाश घने बादलों से ढक जाता है. आषाढ़ और श्रावण के दो महीनों को वर्षा ऋतु कहा जाता है.

वर्षा ऋतु का आगमन

प्रकृति ने ऋतुओं का कर्म इस प्रकार बना रखा है कि एक के विदा होने पर दूसरे का आगमन बड़ा सुहावना लगता है. जब ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से सारी पृथ्वी  तप जाती है तो ऐसा लगता है जैसे धरती जल रही हो तो हर प्राणी गर्मी के कारण संताप का अनुभव करता है. वायुमंडल धूल से धूसरित हो जाता है, प्यासा पपीहा एक-एक बूंद के लिए तड़पता है, किसान की दृष्टी गगन की ओर होती है, ऐसी विकट परिस्थिति में जब उमड़-घुमड़ कर आकाश में बादल मंडराने लगते हैं तो सब के मन मयूर मस्त हो जाते हैं. पशु, पक्षी, जीव, जंतु, पेड़, पौधे सब वर्षा ऋतु के आगमन से प्रफुल्लित हो जाते हैं. आकाश में काली-काली घटायें छाने लगती हैं. रिमझिम-रिमझिम पानी बरसने लगता है. धरती सरसने लगती है. ग्रीष्म की भीषण दाह मिटने लगती है. दादुर, मोर, किसान, पपीहा खुशी से झूमने लगते हैं. बसंत को ऋतुओं का राजा व वर्षा को ऋतुओं की रानी कहते हैं.

varsha ritu par nibandh

मौसम की स्थिति

गर्मियों के अंत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की हवाएँ बहती हैं. इस बाष्पीकरणीय वायु के कारण भारत के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा होती है. इस मौसम में आसमान में ज्यादातर बादल छाए रहते हैं. काले बादल अक्सर आसमान में दिखाई देते हैं. शीतल हवा चलती है. बिजली और गरज के साथ लगातार बारिश होती है. श्रावण के महीने में इस तरह की निरंतर वर्षा को धारा श्रवण कहा जाता है. इससे कई क्षेत्रों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आती है. कुओं, तालाबों और नहरों में पानी भर जाता है.

बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ, सतह का रूप और रंग बदल जाता है. मैदान बारिश के पानी से भर जाता है. चारों और हरियाली छा जाती है. हरियाली सुंदरता को सौ गुना बढ़ा देती है. ऐसा लगता है कि पृथ्वी ने हरे रंग की पोशाक पहन रखी है. इंद्रधनुष सात रंगों की उपस्थिति के साथ आकाश को सुशोभित करता है. उसकी क्षणिक सुंदरता जन जीवन को मंत्रमुग्ध कर देती है. आसमान में काले बादलों को देखकर मोर अपने पंख खोल कर नाचने लगते हैं.

बारिश के मौसम के दौरान, किआ, केतकी, तगर, चंपा, कदंब आदि फूल से भूपृष्ठ सुशोभित होता है. खिलते फूलों की चारों तरफ खुशबू महकती है और मन को आनंद से भर देती है. बगीचे में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं. कृषि कार्य इस समय का मुख्य कार्य है. इस समय चावल, मंडिया और बाजरा की फसल ली जाती है.

इस मौसम के दौरान मनाए जाने वाले विभिन्न त्यौहार लोगों के मन को आनंद से भर देता है. बरसात की शुरुआत में रथ यात्रा आयोजित की जाती है. इसके अलावा, इस मौसम में अमावस्या, रक्षा पूर्णिमा, झूलन यात्रा, जन्माष्टमी, गणेश पूजा आदि आयोजित की जाती हैं.

वर्षा ऋतु में परिवेश प्रदूषित हो जाता है. मूसलाधार बारिश के कारण कच्ची सड़कें कीचड़ से भर जाती है. यह सामान्य यातायात में है हस्तक्षेप करता है. भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ जाती है. नतीजतन, ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की तबाही विनाशकारी हो सकती है. गरीबों की हालत इस समय बेहाल हो जाती है. लगातार बारिश होने के कारण शहर के भीतर और आस-पास कई जगहों पर जल-जमाव की स्थिति पैदा कर देती है. यह मौसम मच्छरों के संख्या बृद्धि के लिए अनुकूल है. इसलिए बहुत सारे लोग हैजा, मलेरिया, टाइफाइड आदि से संक्रमित होते हैं.

सभी कठिनाइयों के बावजूद, किसान बारिश के मौसम की शुरुआत का इंतजार करता रहता है. यह वह मौसम है जो मनुष्यों, जानवरों, कीड़ों और पौधों को खाना देता है. जीव जगत को जिन्दा रखने में वर्षा ऋतु की महत्वपूर्ण भूमिका को कोई नकार नहीं सकता. वर्षा संसार की उपकारी ऋतु है.

10 lines on rainy season in Hindi

  • गर्मियों के बाद बारिश का मौसम आता है.
  • यह जून के मध्य से शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है.
  • इस मौसम में आसमान में बादल छाए रहते हैं.
  • किसान इस मौसम में बहुत व्यस्त रहते हैं.
  • वे कड़ी मेहनत करते हैं और देश के लिए भोजन प्रदान करते हैं.
  • कभी-कभी लगातार लंबे समय तक बारिश होती है.
  • इस मौसम में नदियों, तालाबों, कुओं आदि पानी से भर जाती है.
  • इस मौसम में बाढ़ आती है.
  • इस मौसम में गरीब लोग ज्यादा पीड़ित होते हैं.
  • बारिश का मौसम हमारे लिए बहुत मददगार होता है. इसलिए हमें बारिश के मौसम का स्वागत करना चाहिए.

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ये था हमारा लेख वर्षा ऋतु पर निबंध(rainy season essay in Hindi). अगर आप वर्षा ऋतु के बारे में कुछ और जानते हैं तो हमें बताना न भूलें. उम्मीद है आपको ये छोटा से लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो यह लेख को अपने social media accounts पे share करें. मिलते है अगले एक नए निबंध में. धन्यवाद.   

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Rainy Season Essay in Hindi

वर्षा ऋतु निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on rainy season in hindi), बरसात का एक दिन। – a rainy day.

  • प्रस्तावना,
  • वर्षा का आगमन,
  • वर्षा के विविध दृश्य,
  • एक दिन की घटना,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना- भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं। यहाँ छ: ऋतुएँ क्रमश: आती और जाती हैं, जबकि संसार के अन्य किसी भी देश में छः ऋतुएँ नहीं होती हैं। इन छ: ऋतुओं में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है। दिनकर जी के शब्दों में-

“है बसन्त ऋतुओं का राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी॥”

Rainy Season Essay in Hindi

सन्त वर्षा का आगमन- जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हाँपते हुए समय काटते थे। मनुष्य लूओं से बचने के लिए कहीं अँधेरे घरों में छिप जाना चाहते थे। धीरे-धीरे आया आषाढ़ का पहला दिन, आकाश में बादल दिखाई दिया।

यह वही दिन था जिस दिन कालिदास के प्रिया-विरह से संतप्त यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाया था। धीरे-धीरे आकाश बादलों से ढक गया। किसानों की जान में जान आ गयी। बादलो को देखकर उनकी आँखें ठंडी होने लगीं। एक-दो दिन तक बादल जमते गये।

आखिर बादलों ने धरती की प्यास बुझाई। संसार को चैन मिला। चींटी से लेकर हाथी तक, जड़ से लेकर चेतन तक सभी प्राणिय और वनस्पतियों में नवजीवन का संचार हो गया। चारों ओर हर्षोल्लास छा गया।

Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा के विविध दृश्य- वर्षा के विविध दृश्य भी कैसे विचित्र होते हैं? आकाश बादलों से ढका रहता है। कभी-कभी तो कई-कई दिन तक सूर्य के दर्शन नहीं होते। शस्यश्यामला धरती का सौन्दर्य देखते ही बनता है। बादलों को देखकर वन-उपवन में मोर आनन्दमग्न होकर नाचते हैं। नदी-नालों में उफान आ जाता है।

पोखर और सरोवर का पानी सीमा लाँघ जाता है। नदियाँ जल से तटों को डुबाकर घमंड से इतराने लगती हैं। सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है। मेंढकों की टर्र-टर्र और झींगुरियों की झनकार एक विचित्र समा बाँध देती है।

एक दिन की घटना- वर्षा ऋतु अपने चरम उत्कर्ष पर थी। एक दिन एक विचित्र दृश्य उपस्थित हुआ। यह था-श्रावण का एक दिन! आकाश बादलों से ढका हुआ था। रात बीती, प्रभात हुआ। सूर्य के तो कई दिनों से दर्शन न हुए थे। प्रभात हो जाने पर भी अंधेरा बढ़ता चला आ रहा था।

घड़ी साढ़े छ: बजा रही थी। हम लोग स्कूल जाने की तैयारी में थे कि अचानक वर्षा आरम्भ हो गयी। मूसलाधार वर्षा, रुकने का नाम नहीं। थोड़ी देर में सब ओर पानी ही पानी हो गया। गलियों और सड़कों पर पानी की नदियाँ सी बह रही थीं। कुछ देर बाद तो हमारे घर में भी पानी भर आया।

सहन में पानी, बरामदे में पानी और फिर कमरों में भी पानी। सारे मुहल्ले में शोर मचा था। लगता था जैसे प्रलय आ जायेगी। तीन घंटे की लगातार वर्षा ने सब ओर त्राहि-त्राहि मचा दी। उस दिन स्कूल जाने की किसी में हिम्मत न थी।

सुबह को जलपान हुआ था तत्पश्चात पोखर की तरह जलपूर्ण रसोई में भोजन बनने का प्रश्न ही नही था। उस दिन लाचारी का व्रत हुआ। दिनभर घरों का पानी उलीचते रहे, घरों की सफाई करते रहे। हाँ, वर्षा रुकने पर हम लोग घर से बाहर निकले और पानी में छप-छप करते फिरे।

बाग में गये, आमों के ढेर लगे थे। खूब छक कर आम खाये। तीसरे पहर घर लौट कर आये। उस समय पानी साफ हो गया था। धूप निकल आयी थी। भोजन तैयार था और मम्मी-पापा मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सबने भोजन किया। धीरे धीरे सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया। इस प्रकार यह बरसात का दिन बीता। आज भी वह दिन मुझे जब याद आता है, देर तक सोचता रहता हूँ।

उपसंहार- वर्षा भारत के लिए वरदान बनकर आती है। कभी-कभी बाढ़ और तूफानों से यह प्रलय का दृश्य भी उपस्थित कर देती है। प्राय: धन-जन की भी क्षति हो जाती है, तथापि वर्षा के द्वारा ही उस विनाश की क्षतिपूर्ति भी हो जाती है। वर्षा अन्न और जल देने वाली शक्ति है। यह जीवनदायिनी सुन्दर ऋतु है। यही मानव जीवन का आधार है। इसके आते ही बच्चे गा उठते हैं-

“जीवन-धन-सूखदाई लाई। वर्षा आई, वर्षा आई॥ पशु-पक्षी मानव हरषाने। जड़-चेतन की प्यास बुझाने॥ सघन घटाएँ संग में लाई। वर्षा आई, वर्षा आई॥”

वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi (1000W)

आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi) लिखा है। इस मौसम को श्रावण और भादों के नाम से भी जाना जाता है। आप यहाँ वर्षा ऋतु का प्रस्तावना, महत्व, दृश्य, फायदे, नुकसान, 10 लाइन, और निष्कर्ष पढ़ सकते हैं। यह निबंध छात्रों और बच्चों के लिए 1000+ शब्दों मे लिखा गया है।

तो चलिए वर्ष ऋतु पर निबंध शुरू करते हैं…

Table of Contents

प्रस्तावना (वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi)

भारत के सभी ऋतु में वर्षा ऋतु एक अनुपम ऋतु है। यह हर साल गर्मी के मौसम के बाद जुलाई से शुरू होकर सितंबर महीने तक रहती है। गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण जैसे महासागर नदी आदि भाप के रूप में बादल बन जाते हैं और बादल आपस में घर्षण करते हैं।

साथ ही इससे बिजली गिरती है और बारिश होती है। बड़े-बड़े कवियों के द्वारा वर्षा ऋतु पर अच्छी-अच्छी कविताएं भी लिखी गई है।

वर्षा ऋतु का महत्व व दृश्य Importance of Rainy Season in Hindi

यह ऋतु संसार को जीवन देती है, प्यासे को पानी देती है, और मां की तरह सभी पृथ्वी के जीवों का पालन पोषण करती है। भारत में ग्रीष्म ऋतु के ठीक बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है। इसके प्रभाव से प्रकृति लहलाह उड़ती है। 

वर्षा ऋतु के आने से सूखे पत्तियां भी लहलहा उड़ती है। भिन्न-भिन्न प्रकार की चिड़िया अपनी मधुर ध्वनि से वनों की शोभा को बढ़ाते हैं। तालाब के किनारे मेंढक टर्र-टर्र करने लगते हैं। दुबली पतली टहनियां बढ़ने लगती हैं और उन पर छोटी पत्तियां निकलने लगते हैं। 

जंगलों में रहने वाले मोर पक्षी खुशी मे नाच उठते हैं। सारी प्रकृति नया रूप धारण करके वर्षा ऋतु का स्वागत करते है। वर्षा ऋतु के आने से ऐसा लगता है कि किसी ने पूरे धरती में हरी चादर बिछा दी है। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे की हरियाली का आनंद लोग भरपूर लेते हैं। वर्षा के स्वागत में इंद्र भगवान की पूजा की जाती है। 

कदम वृक्ष के डालो में बच्चे झूले लगाकर झूला झूलती हैं और लोग अनेक प्रकार के गीत गाते है। आकाश काले बादल से ढक जाता है। 

जब वर्षा की नन्हीं बूंदे छोटे बड़े पेड़ों के पत्तियों पर पड़ती है तो ऐसा लगता है मानो मोती झड़ रहे हो। बारिश की बूंदें जैसे ही पहली बार मिट्टी पर पड़ते हैं तो मिट्टी की मानमोहल मीठी सुगंध हर जगह फ़ाइल जाती है। वर्षा ऋतु के समय हवा में शीतलता रहती है। 

गांव के किसान झूम उड़ते हैं और उनके होठों में मुस्कुराहट दौड़ आती है। किसान अपने खेतों मे बुआई और सिंचाई की शुरुवात करने के लिए तैयारी करने लगते हैं। इस प्रकार से वर्षा ऋतु प्रकृति को एक नए सुंदर सांचे में ढाल देती है। सभी ऋतुओं के कुछ लाभ और हानी भी होते हैं जिनके विषय मे हमने आगे वर्णन किया है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Rainy Season in Hinfi

वर्षा ऋतु के फायदे benefits of rainy season in hindi.

आईए एक-एक करके वर्षा ऋतु के फ़ायदों के विषय मे जानते हैं-

  • बारिश का मौसम सबको अच्छा लगता है क्योंकि यह तपती गर्मी से हमें राहत दिलाती है।
  • वर्षा जल से भूजल का स्तर ऊपर आता है जिससे मनुष्य कुओं, नदियों, और अन्य जल स्रोतों से पीने का जल प्राप्त कर पाता है।
  • वर्षा ऋतु संसार के लिए नए जीवन का वरदान लेकर आती है। सभी नव जीवन प्राप्त कर असीम आनंद लेते हैं।
  • वर्षा ऋतु के कारण ही मनुष्य को सभी प्रकार के अनाज, फल, और सब्जियाँ मिल पाते हैं।
  • वर्षा से ही सभी जंगल के जीवों को पीने का पानी और खाद्य मिल पाता है।
  • किसान वर्षा माह के दौरान खेती करते हैं और विभिन्न प्रकार के अन्न लगते हैं जिसके कारण ही हम चावल, गेहूं, बाज़रा, ज्वार जैसे कई अनाज खा पाते हैं।
  • वर्षा ऋतु से प्रकृति को हरियाली मिलती है।
  • वर्षा ऋतु के कारण ही वायु मे स्थित ज्यादातर कण और प्रदूषण कम हो जाते है।

वर्षा ऋतु के नुकसान Losses of Rainy Season in Hindi

आईए एक-एक करके वर्षा ऋतु के नुकसानों के विषय मे जानते हैं-

  • जब बारिश होती है तो सड़कें उद्यान तथा खेल के मैदान आदि जलमग्न तथा कीचड़ युक्त हो जाते हैं। सूरज की रोशनी की कमी से बड़े स्तरों पर संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। 
  • भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है। कई क्षेत्रों मे तो प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण लोगों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे मे लोगों के महंगे सामग्री, पशु-पक्षी, घर और जान पर भी भी इसका खतरा रहता है।
  • बहुत बारिश के कारण खेत डूब जाते हैं और उसमें लगी फसल भी नष्ट हो जाती है। शुरुवात मे तेज़ आंधी तूफान में बहुत सारे घर भी जाते हैं और जन धन की हानि होती है। 
  • तेज बारिश के कारण हमें यातायात में भी एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • वर्षा ऋतु मे ज्यादातर लोगों को सर्दी, खासी, जुखाम जैसे वाइरल बुखार का सामना करना पड़ता है।

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन 10 Lines on Rainy Season in Hindi

  • ग्रीष्म ऋतु के गर्मी के कारण वर्षा ऋतु का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
  • वर्षा ऋतु के आने से हर तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है ऐसा लगता है मानो प्रकृति को हरे रंग के चादर से ढक दिया गया हो।
  • वर्षा ऋतु के आने से पशु पक्षी सब कोई खुश हो जाते हैं क्योंकि उनको खाने के लिए हरि हरि घास और पत्तियां मिलती है।
  • वर्षा ऋतु के आने से किसानों के चेहरे में रौनक का जाती है।
  • वर्षा ऋतु के समय हवाएं शीतल होती हैं। तथा यह भारत में बहुत सारी जगह पर पानी की परेशानी को दूर करता है।
  • वर्षा का मौसम सबसे अच्छा लगता है क्योंकि यहां हमें तेज गर्मी से राहत दिलाती है।
  • वर्षा हमारे जीवन में बहुत ही उपयोगी है। इसी कारण इसे सभी ऋतुओं में ऊंचा स्थान दिया गया है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से पेड़-पौधे में सूखी पत्तियां धड़का नई पत्तियां आना शुरू हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु हमें गर्मी से ही राहत नहीं बल्कि खेती के लिए भी एक वरदान है।

निष्कर्ष Conclusion

वर्षा ऋतु का भी अन्य ऋतुओं के जैसा ही महत्वपूर्ण स्थान है। हलकी वर्षा ऋतु को ज़्यादातर लोग पसंद करते हैं। क्योंकि इस ऋतु मे न ज्यादा गर्मी लगता है और न ज्यादा सर्दी। मुझे तो वर्षा ऋतु बहुत पसंद है आप अपने सुझाव कमेन्ट के माध्यम से जरूर भेजें। आशा करते हैं आपको वर्षा ऋतु पर निबंध पसंद आया होगा। धन्यवाद।

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hindi essay rainy season

वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi 100, 150, 200, 250, 300 words

by Meenu Saini | Dec 12, 2023 | General | 0 comments

essay on rainy season in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Rainy Season (वर्षा ऋतु) for classes 1 to 12

वर्षा ऋतु पर निबंध – इस लेख में हम वर्षा ऋतु कब होती है, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु से क्या लाभ है के बारे में जानेंगे। भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक वर्षा ऋतु है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। वर्षा होने से ही किसानों के लिए खेती हेतु पानी मिलता है और फसलें विकसित होती हैं। वर्षा होने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में वर्षा ऋतु पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • वर्षा ऋतु पर 10 लाइन  10 lines
  • वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन 10 lines on Rainy Season in Hindi

  • वर्षा ऋतु भारत की चार प्रमुख ऋतुओं में से एक है।
  • वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के बाद होता है।
  • आषाढ़, सावन, भादो और आश्विन (जून से लेकर सितंबर तक) चार महीने वर्षा ऋतु के होते हैं।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से लोगो को गर्मी से राहत मिलती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि का जल स्तर वापस से सामान्य होता है।
  • वर्षा ऋतु से कृषि में फसलों की सिंचाई में मदद मिलती है।
  • वर्षा ऋतु के दौरान सभी जगह हरियाली ही हरियाली हो जाती है और भूमि से नए-नए पौधे उगते है।  
  • वर्षा ऋतु में नदी-नाले, तालाब-कुएँ, पोखर आदि वर्षा के जल से भर जाते हैं। 
  • वर्षा ऋतु का मौसम बहुत ही सुहावना और आनंद दायक होता है।  
  • वसंत ऋतु यदि ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी होती है।

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Short Essay on Rainy Season in Hindi वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

वर्षा ऋतु पर निबंध – वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है और सभी के लिए पूरे वातावरण को खुशनुमा बना देती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

गर्मी ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर चार महीने वर्षा ऋतु के हैं। इस ऋतु के  दौरान बादल गरजते हैं, बिजली कड़कती है, और फिर वर्षा होती है। पानी बरसने की रिमझिम आवाज बहुत अच्छी लगती है। वर्षा के कारण चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। बागों में मोर नाचते हैं और कोयल कूकती है। किसान खेती के काम में जुट जाते हैं। वर्षा के जल से नदी-नाले, तालाब-कुएँ, पोखर आदि सब भर जाते हैं। रात्रि में वर्षा के कारण घना अंधकार हो जाता है। जिसके कारण चांद और तारे दिखाई नहीं पड़ते है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

वर्षा ऋतु, जो ग्रीष्म ऋतु के बाद आती है, भारत की चार प्रमुख ऋतुओं में से एक है। यह ऋतु पर्यावरण में अनेक प्रकार के परिवर्तन लाती है। यह जून-जुलाई की भीषण गर्मी से राहत देती है, क्योंकि इस मौसम में भारी वर्षा होती है। जिसके कारण वातावरण का तापमान कुछ हद तक गिर जाता है, जिससे सभी को गर्मी से राहत मिलती है। वृक्षों में नए पत्ते और फूल आने लगते हैं। खेत खलियान हरे-भरे हो जाते हैं। वर्षा के कारण प्रकृति का रूप निखर जाता है। वायु में शीतलता छा जाती है, प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। जैसे-जैसे तापमान घटता है, मौसम और भी सुहावना हो जाता है। इस मौसम में अच्छी वर्षा होती है, तो फसलें अच्छी हो जाती है। पशुओं के लिए चारा मिल जाता है। तालाब, नदी, नालों में पानी भर जाता है जो सारे वर्ष मनुष्यों के काम आता है। ग्रीष्म का प्रचंड ताप दूर हो जाता है। ऋतु सुखद और स्वास्थ्यवर्धक हो जाती है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

वर्षा ऋतु साल का एक अनमोल समय है जो आनंद, राहत और ताजगी लाता है। इसके आगमन से मौसम में बदलाव का संकेत मिलता है, क्योंकि प्रकृति खुद को फिर से जीवंत कर लेती है। साथ ही यह पिछले गर्मी के महीनों में पड़ने वाली चिलचिलाती गर्मी से राहत देती है। जैसे ही पहली बारिश की बूंदे आसमान से गिरती है, हवा में तुरंत राहत और ताजगी का एहसास होता है। तापमान में गिरावट आ जाती है। आकाश धूल रहित हो जाता है। वृक्ष धुल जाते है, वायु में शीतलता छा जाती है, सभी प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। वनों, पहाड़ों, घाटियों और उद्यानों की शोभा तो सहस्त्र गुनी हो जाती है। खेतों में मकई, ज्वार, बाजरा, तिल और धान की फसलें लहलहा जाती हैं। सभी जगह हरियाली ही हरियाली हो जाती है। इसके अलावा, इस ऋतु में खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे पशुओं के लिए चारा मिल जाता है। इस ऋतु के कारण पानी के हर एक स्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंए सब में पानी भर जाता है। लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं। कुल मिलाकर, बरसात का मौसम एक बहुप्रतीक्षित अवधि है जो अपने साथ जीवन और प्रेरणा का एक नया एहसास लेकर आती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

मनमोहिनी प्रकृति के अनेक रूप हैं। अपने इन रूपों से वह मानव मन को हर्षित करती है, उमंग से भर देती है और नवीन स्फूर्ति से प्रेरित करती है। प्रकृति के इन रूपों में वर्षा ऋतु का रूप विशेष आनंदप्रद और मनभावन है। वसन्त यदि ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा ऋतु को ‘चौमासा’ भी कहते हैं; क्योंकि इसका आरम्भ आषाढ़ मास में हो जाता है और यह आश्विन तक रहती है। जिस प्रकार कठिन तपस्या, कठोर संयम तथा त्याग से किसी व्यक्ति को महत्ता और गौरव आदि प्राप्त होते हैं, उसी प्रकार वसुंधरा ग्रीष्म सूर्य के असह्य ताप को सहन कर इस ऋतु को प्राप्त करती है। जब संसार के प्राणी ग्रीष्म ऋतु की विकरालता से व्यथित हो, आकाश की ओर टकटकी लगाकर बादलों के दर्शनों के लिए तड़पते हैं; तब प्राणियों की व्यथा से दुःखी बादल की गर्जना सुनाई पड़ती है। आँधी के साथ-साथ बड़ी-बड़ी बूंदे टप-टप करके गिरने लगती है और बड़े जोर से मेघ बरसने लगता है। आकाश धूल रहित हो जाता है। वायु में शीतलता छा जाती है, प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। कभी नन्ही-नन्ही बौछार पड़ती है तो कभी घनघोर वर्षा होती है। वर्षा के कारण प्रकृति का रूप निखर जाता है। जिधर देखो उधर ही हरी मखमल जैसे कोमल घास से आच्छादित पृथ्वी दृष्टिगोचर होती है। वर्षा ऋतु में पपीहे की ‘पी-पी’ और मोर का नाच वरबस हृदय को आकृष्ट कर लेते हैं। वनों, पहाड़ों और उद्यानों की शोभा तो सहस्त्रगुणी हो जाती है। खेतों में लगी फसलें लहलहा जाती हैं। वर्षा में रात्रि का अन्धकार घना हो जाता है। चंद्रमा और तारे दिखाई नहीं पड़ते। जब वर्षा की झड़ी लगती है और घनघोर घटाएँ उमड़-उमड़ कर आकाश में छा जाती हैं, यह ऋतु प्रत्येक के हृदय में मस्ती, उमंग और आनन्दमयी स्फूर्ति का संचार कर देती है। ऐसी सुन्दर सुखद वर्षा-ऋतु भी कुछ दोषों का कारण होती है। वर्षा के कारण अनेक विषैले कीड़े-मकोड़े उत्पन्न हो जाते हैं, जो मनुष्यों को बड़ी हानियाँ पहुंचाते हैं। इसी प्रकार बाढ़ आने से नदियों का रूप उग्र और भयंकर हो जाता है। इसके कारण फसलें नष्ट हो जाती हैं। फिर भी यह ऋतु आनन्द और अन्त-धन से समृद्ध करने के कारण स्वागत योग्य है।

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वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में | Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतू की जानकारी और निबंध – varsha ritu essay in hindi.

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

(बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh)

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं।

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। इसलिए हमें, आसपास साफ-सफाई में ध्यान देना चाहिए और बरसात में भींगने से बचना चाहिए ।

Q : वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

Ans : वर्षा सभी जिव-जन्तुओ के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

Q : वर्षा ऋतु में कौन सी फसल बोई जाती है?

Ans : वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर,अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।

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वर्षा ऋतु पर निबंध

hindi essay rainy season

By विकास सिंह

essay on rainy season in hindi

बरसात का मौसम लगभग सभी का पसंदीदा मौसम होता है क्योंकि यह बहुत गर्मी के मौसम के बाद आता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, short essay on rainy season in hindi (100 शब्द)

मुझे बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पसंद है। यह सभी चार सत्रों में मेरा पसंदीदा और सबसे अच्छा मौसम है। यह गर्मी के मौसम के बाद आता है, वर्ष का एक बहुत गर्म मौसम। बहुत अधिक गर्मी, गर्म हवा और त्वचा की समस्या के कारण मैं गर्मियों के मौसम में बहुत बेचैन हो जाता हूं। हालांकि बरसात का मौसम आते ही सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

वर्षा ऋतु जुलाई के महीने (शवन का महीना) में आती है और तीन महीने तक रहती है। यह सभी के लिए भाग्यशाली मौसम है और हर कोई इसे प्यार करता है और इसका आनंद लेता है। इस मौसम में हम प्राकृतिक रूप से मीठे आमों को खाना पसंद करते हैं। हम इस मौसम में बहुत उत्साह के साथ कई भारतीय त्योहार भी मनाते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध, essay on rainy season in hindi (150 शब्द)

भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत जुलाई के महीने में होती है जब दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएँ बहने लगती हैं। हिंदी माह के अनुसार यह आषाढ़ और शावन में पड़ता है। सभी लोग इसका भरपूर आनंद लेते हैं क्योंकि ताजा हवा और बारिश के पानी के कारण वातावरण इतना साफ, ठंडा और स्वच्छ हो जाता है।

पौधे, पेड़ और घास इतने हरे हो जाते हैं और बहुत आकर्षक लगते हैं। सबसे गर्म गर्मी के लंबे समय के बाद प्राकृतिक जल प्राप्त करने की योजना और पेड़ों के लिए नए पत्ते पैदा हो रहे हैं। पूरा वातावरण चारों तरफ हरियाली का रूप देता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा है।

बरसात का मौसम मेरे पसंदीदा त्यौहार जैसे रक्षा बंधन , 15 अगस्त , तीज, दशहरा , इत्यादि लाता है। हम इस मौसम में बहुत सारे ताजे फल और अच्छी तरह से पके आम खाने का भी आनंद लेते हैं। मेरी माँ बहुत सारी स्वादिष्ट व्यंजन (जैसे कि पकौड़े, इडली, हलवा, चाय, कॉफी, सैंडविच, इत्यादि) पकाती हैं, जब बारिश होती है।

बारिश के मौसम पर निबंध, essay on rainy season in hindi (200 शब्द)

मुझे लगता है कि बारिश का मौसम सभी को पसंद है क्योंकि मुझे यह बहुत पसंद है। यह मुझे थोड़ा शांत और खुश महसूस कराता है। आखिरकार यह गर्मी के मौसम की लंबी अवधि के बाद आता है। भारत में लोग, विशेषकर किसान , इस मौसम की फसलों के कल्याण के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते हैं। वर्षा-ईश्वर भारत में किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण देवता है।

बारिश का मौसम इस धरती पर सभी को नया जीवन देता है जैसे पौधे, पेड़, घास, पशु, पक्षी, इंसान आदि। सभी जीवित चीजें बारिश के पानी में भीग कर बारिश के मौसम का आनंद लेती हैं। मैं आमतौर पर बारिश के पानी में भीगने के लिए छत पर ऊपर की मंजिल पर जाता हूं। मैं और मेरे दोस्त बारिश के पानी में नाचते और गाते हैं। कभी-कभी हम बारिश के समय स्कूल या स्कूल की बस में बैठ जाते हैं और फिर हम अपने शिक्षकों के साथ आनंद लेते हैं।

हमारे शिक्षक हमें बारिश के मौसम पर कहानियाँ और कविताएँ सुनाते हैं, जिनका हम भरपूर आनंद लेते हैं। जब हम घर आते हैं, हम फिर से बाहर जाते हैं और बारिश में खेलते हैं। पूरा वातावरण हरियाली से भरा हो जाता है और यह स्वच्छ और सुंदर दिखता है। इस धरती पर हर जीवित वस्तु को बारिश का पानी मिलने से नया जीवन मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, 250 शब्द:

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। यह एक असहनीय तेज गर्मी के बाद हर किसी के जीवन में एक नई उम्मीद और बड़ी राहत लाता है। मनुष्य सहित पौधे, पेड़, पक्षी, जानवर इस मौसम का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं और बारिश के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाते हैं। सभी को राहत और आराम की सांस मिलती है।

आकाश बहुत उज्ज्वल, साफ और हल्के नीले रंग का दिखता है और इंद्र धनुष का अर्थ है सात रंगों का वर्षा धनुष। पूरा वातावरण एक बहुत ही आकर्षक और सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मैं आमतौर पर हरियाली के माहौल और अन्य चीजों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए स्नैक्स लेता हूं। बादलों के सफेद, भूरे और गहरे काले रंग आसमान में भटकते दिखते हैं।

सभी पेड़ और पौधे नई हरी पत्तियों और लॉन से ढँक जाते हैं और खेत शानदार दिखने वाली हरी मखमली घास से ढक जाते हैं। सभी प्राकृतिक जल संसाधन जैसे गड्ढे, नदियाँ, तालाब, झील, खाई, आदि पानी से भर जाते हैं। सड़कें और खेल के मैदान पानी और कीचड़ से भरे होते हैं। बारिश के मौसम के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं। एक तरफ यह सभी को राहत देता है लेकिन दूसरी ओर यह विभिन्न संक्रामक रोगों से हमें बहुत डर भी देता है।

यह किसानों को फसलों की अच्छी खेती में मदद करता है, लेकिन यह पर्यावरण में विभिन्न बीमारियों को फैलाता है। कभी-कभी, यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक असुविधा का कारण बनता है। यह दस्त, पेचिश, टाइफाइड और अन्य पाचन तंत्र विकारों का कारण बनता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, essay on rainy season in hindi (300 शब्द)

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व:.

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। आम तौर पर, यह जुलाई के महीने में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है। यह गर्म गर्मी के मौसम के बाद आता है। यह उन जीवित चीजों के लिए नई उम्मीदें और जीवन लाता है जो गर्मी के सूरज की गर्मी के कारण मृत हो जाते हैं।

यह मौसम अपने प्राकृतिक और शांत बारिश के पानी के माध्यम से बहुत राहत देता है। सभी तालाब, नदी और नाले पानी से भर जाते हैं जो गर्मी के कारण सूख गए थे। तो, यह पानी जानवरों को नया जीवन देता है। यह बगीचों में हरियाली लौटाता है और वापस हरा करता है। यह पर्यावरण को एक नया आकर्षक रूप देता है। हालांकि, यह इतना दुखद है कि यह केवल तीन महीने तक रहता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का महत्व:

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। वर्षा ऋतु वास्तव में कृषकों के लिए भगवान से एक वरदान है।

वे वर्षा देव की पूजा करते हैं, अगर इसके बाद बारिश नहीं होती है और अंत में वे बारिश से धन्य हो जाते हैं। आकाश में बहुत सारे सफेद, भूरे और गहरे काले बादल दिखाई देते हैं, जो आकाश में यहाँ और वहाँ से चलते हैं। मानसून आने पर बादलों को चलाने में बहुत सारा पानी और बारिश होती है।

वर्षा ऋतु का मेरा पिछले वर्ष का अनुभव

बारिश का मौसम पर्यावरण में प्राकृतिक सुंदरता जोड़ता है। मुझे हरियाली बहुत पसंद है। मैं आमतौर पर अपने परिवार के साथ बारिश के मौसम का आनंद लेने के लिए बाहर जाता हूं। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और अद्भुत अनुभव थे। बहुत धीरे-धीरे बारिश हो रही थी और हमें बहुत मज़ा आया। हमने नैनीताल में पानी के नौका विहार का भी आनंद लिया। पूरा नैनीताल अद्भुत नजारों से भरा दिख रहा था।

वर्षा ऋतु पर निबंध, long essay on rainy season in hindi (400 शब्द)

वर्षा ऋतु भारत के चार मुख्य मौसमों में से एक है। यह हर साल गर्मियों के मौसम के बाद विशेष रूप से जुलाई के महीने में और सितंबर में समाप्त होता है। आकाश में बादल तब बरसते हैं, जब मानसून होता है। गर्मी के मौसम में यह बहुत गर्म हो जाता है और महासागर, नदियों आदि जैसे जल संसाधनों से आकाश में वाष्प के रूप में ऊपर चला जाता है।

वाष्प आकाश में एकत्र हो जाते हैं और बादल बनाते हैं जो बरसात के मौसम में चलते हैं जब मानसून चल पड़ता है और बादल एक-दूसरे के घर्षण में आते हैं। यह गरजना, बिजली चमकना और फिर बारिश होना शुरू हो जाता है।

बारिश के मौसम के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं:

बरसात के मौसम के फायदे:

बारिश का मौसम सभी को पसंद आता है क्योंकि यह सूरज की तेज गर्मी से बहुत राहत देता है। यह पर्यावरण से सभी गर्मी को दूर करता है और सभी को ठंडा एहसास देता है। यह पौधों, पेड़ों, घासों, फसलों, सब्जियों आदि को ठीक से बढ़ने में मदद करता है।

यह जानवरों के लिए भी एक अनुकूल मौसम है, क्योंकि यह उन्हें चरने के लिए बहुत सारी हरी घास और छोटे पौधे देता है। और अंत में हमें दिन में दो बार ताजा गाय या भैंस का दूध मिलता है। नदी, तालाब और झील जैसे प्रत्येक प्राकृतिक संसाधन बारिश के पानी से भरे हुए हैं। पीने और बढ़ने के लिए बहुत सारे पानी मिलने से सभी पक्षी और जानवर खुश हो जाते हैं। वे मुस्कुराना, गाना शुरू करते हैं और आकाश में ऊंची उड़ान भरते हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान:

जब बारिश होती है, तो सभी सड़कें, योजना क्षेत्र और खेल के मैदान पानी और कीचड़ से भरे हो जाते हैं। इसलिए, हमें रोज़ाना खेलने में बहुत समस्याएँ आती हैं। बिना सूरज की रोशनी के, घर की हर चीज महकने लगती है। सही धूप की कमी की वजह से संक्रामक रोगों (जैसे वायरल, फंगल और बैक्टीरियल रोगों) के फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

बरसात के मौसम में, जमीन के कीचड़ भरे और संक्रमित बारिश के पानी को जमीन के अंदर पानी के मुख्य स्रोत से मिला दिया जाता है जिससे पाचन संबंधी विकार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा होता है अगर भारी बारिश होती है।

आखिरकार, बारिश का मौसम ज्यादातर सभी को पसंद आता है। यह हर जगह हरा दिखता है। पौधों, पेड़ों और लताओं को नए पत्ते मिलते हैं। फूल खिलने लगते हैं। हमें आकाश में एक सुंदर इंद्रधनुष देखने का एक बड़ा अवसर मिलता है। कभी-कभी सूरज अस्त हो जाता है और कभी-कभी बाहर आ जाता है, इसलिए हम सूरज की लुका-छिपी देखते हैं। मोर और अन्य वन पक्षी अपने पंख फैलाकर पूरे जोश में नाचने लगते हैं। हम स्कूल में और साथ ही घर में अपने दोस्तों के साथ पूरी बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Bahut hi badhiya essay

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Rainy Season Essay in Hindi - वर्षा ऋतु पर निबंध

Rainy Season Essay in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध

Table of Contents

वर्षा ऋतु पर निबंध

वर्षा ऋतु का महत्व.

जब गरमी सभी सीमाएं तोड़ देती है तो वातावरण में ऊमस बढ़ जाती है और आसमान काले बादलों से भर जाता है. इन बादलों को देकर सबका मन प्रफुल्लित हो जाता है और सब उम्मीद के साथ आसामान की ओर देखने लगत हैं.  मेघों की गड़गड़ाहट किसी मधुर ध्वनि के समान लगती है. मोर नाचने लगते हैं, कोयल कूकने लगती है और प्रकृति का संगीत आरंभ हो जाता है. वर्षा अपने साथ ढेर सारा प्राकृतिक संगीत और खुशी लेकर आती है. वर्षा का पहला दिन बहुत ही आनंदमय और राहत देने वाला होता है। चारों ओर पानी ही पानी नजर आता है. गरमी कम हो जाती है. हवा में भी ठंडक का एहसास होता है. प्रकृति में नव जीवन का संचार होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा न होने से नुकसान.

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बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi ) – भारत बारिश के मौसम के लिए जाना जाता है। हमारे देश का अधिकांश भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है। इसका मतलब है कि हम एक उष्णकटिबंधीय मौसम का आनंद लेते हैं जहां दक्षिण-पश्चिम हवाएं जून से सितंबर तक बादलों को नीचे ले जाती हैं। मेरे शहर में इस मौसम में मूसलाधार बारिश होती है। यह मौसम भारत के विभिन्न स्थानों में अलग-अलग व्यवहार करता है। राजस्थान में सबसे कम बारिश होती है जबकि मेघालय में हर साल सबसे ज्यादा बारिश होती है। यह सब हमारे देश की स्थलाकृति पर निर्भर करता है। 

हिमालय पर्वतमाला नमी युक्त हवाओं को रोककर बादलों में बदल देती है। फिर ये बादल अपने आशीर्वाद की वर्षा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करते हैं। महासागरों से मानसूनी हवाएँ विभिन्न राज्यों में पहुँचती हैं और अन्य राज्यों में वर्षा के रूप में पानी का भार बहाती हैं।

Rainy Season Essay in Hindi – हम हर साल 3 से 4 महीने बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं। आकाश में भारी बादल तब बनते हैं जब दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएँ समुद्र से बहुत अधिक नमी लेकर आक्रमण करती हैं। तापमान कम होने से ये बादल भारी होने लगते हैं। एक बार बढ़े हुए भार के कारण बादलों की गति धीमी हो जाती है, वर्षा की बूंदें बनती हैं और आकाश से बौछारें पड़ती हैं। ठंडी हवा और बारिश हमारे वातावरण को काफी सुखद बना देती है। 

काले बादल और बिजली भारी वर्षा के प्रतीक हैं। भारत में तूफान भी काफी आम हैं। हमारे विविध भू-आकृतियों और विशाल क्षेत्र के कारण वर्षा ऋतु का व्यवहार भी विविध है। हमने सीखा है कि बारिश के पानी का संचयन कैसे किया जाता है और सूखे से कैसे निपटा जाता है। गाँव और शहर यह भी सीख रहे हैं कि इसे कैसे काटा जाए और भविष्य में उपयोग के लिए इसका पुनर्चक्रण कैसे किया जाए और पृथ्वी में जल स्तर को स्वाभाविक रूप से बढ़ाया जाए।

हमारे गांवों में बारिश का मौसम आने से पहले ही किसान खेतों में काम करना शुरू कर देते हैं। प्राकृतिक जल आपूर्ति का उपयोग करते हुए, किसान अपनी भूमि की सिंचाई करते हैं और इस मौसम के लिए प्रासंगिक विभिन्न फसलें उगाते हैं। बारिश हमारे तालाबों, नदियों और नालों को भर देती है। यह भी बस जाता है और भूमिगत मीठे पानी के भंडार को बढ़ाता है। इस मीठे पानी के भंडार का उपयोग शेष वर्ष के लिए पीने और सिंचाई के स्रोत के रूप में किया जाता है। भारत में उत्तरी और दक्षिणी राज्यों का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न फसलों और सब्जियों को उगाने के लिए बारिश के मौसम को पसंद करता है।

Rainy Season Essay in Hindi – मेरा शहर काफी खूबसूरत और सुकून देने वाला है। गर्मी के गर्म उदास दिनों के बाद, बारिश का मौसम आता है और मेरे शहर की धूल भरी नज़र को हटा देता है। पेड़ जब अपने पत्तों को साफ धोते हैं तो वे बहुत खुश लगते हैं। वातावरण हरा भरा और सुखद हो जाता है। अत्यधिक वर्षा भी जलजमाव का कारण बनती है। नगर निगम इस जमा पानी की देखभाल करता है और पंपों का उपयोग करके इसे बाहर निकालता है। प्राकृतिक जल भंडारों के अत्यधिक निर्माण और डंपिंग के कारण इन दिनों जलजमाव आम है।

बारिश का मौसम हमारी फसलों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह आसपास की वनस्पतियों को भी स्वस्थ रखता है और इस प्रकार इसके साथ रहने वाले जीवों की देखभाल करता है। इसके बिना हमारा ग्रह बंजर हो जाएगा। जैसा हम अपने आसपास देखते हैं, जीवन नहीं बचेगा। बरसात के मौसम की शुरुआत ताजगी और मन की शांति लाती है। गर्मी के दिनों में हम सभी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। बाहर खेलने वाले बच्चे के लिए बरसात का दिन हमेशा सबसे रोमांचक दिन होता है। आसमान में आपको इंद्रधनुष भी काफी अद्भुत देखने को मिलेंगे। 

बरसात के मौसम पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Rainy Season Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) बरसात का मौसम मानसून का मौसम है जो जून के महीने में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है।
  • 2) वर्षा ऋतु भारत के दक्षिणी भाग में दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवा के आगमन के साथ शुरू होती है।
  • 3) जुलाई और अगस्त बरसात के मौसम में सबसे अधिक वर्षा वाले महीने होते हैं।
  • 4) बरसात के मौसम में ठंडी हवा और बारिश की फुहारों के साथ बहुत सुखद मौसम होता है।
  • 5) बरसात के मौसम में पौधे, पेड़ और घास बहुत हरे और आकर्षक लगते हैं।
  • 6) बरसात के मौसम में तालाबों, नदियों और नालों में वर्षा का भरपूर पानी मिलता है।
  • 7) बरसात के मौसम में भारी बारिश की फुहारों से वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • 8) बरसात के मौसम में काले बादल और बिजली गिरना बहुत आम है।
  • 9) बारिश का मौसम फसलों की अच्छी खेती के लिए आवश्यक वर्षा जल उपलब्ध कराकर किसानों की मदद करता है।
  • 10) बारिश का मौसम हमें पौधों और पेड़ों से विभिन्न प्रकार के फल, फूल और सब्जियां देता है।

बरसात के मौसम पर निबंध 20 लाइनें (Rainy Season Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) बरसात का मौसम जिसे गीला मौसम भी कहा जाता है, वह मौसम है जब किसी क्षेत्र में सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है।
  • 2) आमतौर पर बारिश का मौसम भौगोलिक स्थिति के आधार पर कुछ महीनों तक रहता है।
  • 3) मध्यम जलवायु और ठंडी फुहारों के कारण बारिश का मौसम सबसे सुखद मौसम होता है।
  • 4) बरसात के मौसम में वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है क्योंकि हवा में अशुद्धियाँ गिरती हुई बारिश के साथ मिल जाती हैं।
  • 5) बरसात का मौसम क्षेत्र की वनस्पतियों और अन्य वनस्पतियों के लिए अच्छा होता है।
  • 6) बरसात का मौसम पृथ्वी पर जीवन को फिर से भर देता है, जिससे अगली गर्मियों में जाने के लिए पर्याप्त पानी मिलता है।
  • 7) बरसात का मौसम अनियमित अंतराल पर बारिश की शुरुआती बारिश के साथ शुरू होता है।
  • 8) चरम बरसात के मौसम में, आकाश काले बादलों से ढका होता है और घंटों तक लगातार बारिश होती है।
  • 9) विश्व के कुछ क्षेत्रों में वर्षा ऋतु को मानसून के नाम से जाना जाता है।
  • 10) मानसून दुनिया भर में कृषि-संचालित अर्थव्यवस्थाओं के लिए खुशी लाता है।
  • 11) वर्षा ऋतु वर्ष का वह मौसम है जिसमें नियमित रूप से कई दिनों तक वर्षा होती है।
  • 12) किसी क्षेत्र में वनस्पतियों और जीवों के साथ-साथ कृषि गतिविधियों के लिए वर्षा ऋतु बहुत आवश्यक है।
  • 13) बरसात का मौसम मनुष्यों द्वारा सबसे अधिक प्रतीक्षित मौसम है, खासकर उन किसानों की जिनकी फसल बारिश पर निर्भर करती है।
  • 14) कभी-कभी बारिश के मौसम में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आ सकती है।
  • 15) बारिश का मौसम पृथ्वी पर जीवन के लिए आशा लेकर आता है, जो कठोर जलवायु परिस्थितियों का सामना कर रहा था।
  • 16) बरसात का मौसम दिन और रात के बीच तापमान में उतार-चढ़ाव भी लाता है।
  • 17) कई मीठे पानी के संसाधन पूरी तरह से अपनी पानी की आपूर्ति के लिए बारिश के मौसम पर निर्भर करते हैं।
  • 18) एक कमजोर या अप्रभावी वर्षा ऋतु एक स्थान पर वनस्पतियों, जीवों और कृषि के लिए कहर बरपा सकती है।
  • 19) भारत में बारिश का मौसम जून के महीने में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होता है।
  • 20) भारत में वर्षा ऋतु जून से सितंबर तक लगभग चार महीने तक चलती है।

इनके बारे मे भी जाने

  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Best Friend Essay

बरसात के मौसम पर लघु निबंध (Short Essay on Rainy Season in Hindi)

हम नीचे अंग्रेजी में बरसात के मौसम पर लंबे और छोटे निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। वर्षा ऋतु के ये निबंध सरल भाषा में लिखे गए हैं, फिर भी वर्षा ऋतु के हर पहलू पर विस्तार से बल दिया गया है।

इन निबंधों को पढ़ने के बाद, आप यह जान पाएंगे – वर्षा ऋतु क्या है, वर्षा ऋतु क्या होती है, विश्व भर में वर्षा ऋतु की सीमा/अवधि, वर्षा ऋतु के लाभ या हानि आदि।

बरसात के मौसम पर इस तरह के एक सरल और आसानी से लिखे गए निबंध का उपयोग करके अपने बच्चों और बच्चों को इस दिलचस्प और थोड़े ठंडे मौसम के बारे में जानने में मदद करें। आप किसी भी बरसात के मौसम के निबंध को उनकी कक्षा के मानक के अनुसार चुन सकते हैं।

बरसात के मौसम पर निबंध 100 शब्द (Rainy Season Essay 100 Words in Hindi)

मुझे बरसात का मौसम सबसे ज्यादा पसंद है। यह सभी चार मौसमों में मेरा पसंदीदा और सबसे अच्छा मौसम है। यह गर्मी के मौसम के बाद आता है, एक बहुत गर्म वर्ष। बहुत अधिक गर्मी, गर्म हवा और त्वचा की समस्याओं के कारण मैं गर्मियों में बेचैन हो जाता हूँ। हालांकि बारिश का मौसम आते ही सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

बरसात का मौसम जुलाई (हिंदी सावन का महीना) में आता है और तीन महीने तक रहता है। यह सभी के लिए भाग्यशाली मौसम है, और हर कोई इसे प्यार करता है और इसका आनंद लेता है। इस मौसम में हमें प्राकृतिक रूप से पके मीठे आम खाने में मजा आता है। हम इस मौसम में कई भारतीय त्योहार भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।

बरसात के मौसम पर निबंध 150 शब्द (Rainy Season Essay 150 Words in Hindi)

भारत में बारिश का मौसम जुलाई में शुरू होता है जब दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएं चलने लगती हैं। हिंदी माह के अनुसार यह आषाढ़ और शावन में आती है। ताजी हवा और बरसात के पानी के कारण वातावरण इतना साफ, ठंडा और स्वच्छ होने के कारण हर कोई इसका भरपूर आनंद लेता है। पौधे, पेड़ और घास इतने हरे हो जाते हैं और बहुत आकर्षक लगते हैं। भीषण गर्मी के लंबे समय के बाद प्राकृतिक जल मिलने से पौधों और पेड़ों में नए पत्ते पैदा हो रहे हैं। पूरा वातावरण चारों ओर हरियाली का नजारा देता है, जो आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है।

बारिश का मौसम मेरे पसंदीदा त्योहार जैसे रक्षा बंधन, 15 अगस्त, तीज, दशहरा, आदि लेकर आता है। हम इस मौसम में बहुत सारे ताजे फल और पके आम खाने का भी आनंद लेते हैं। मैं इस सीजन में कभी हारना नहीं चाहता। मेरी माँ बारिश के समय हमारे लिए बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन (जैसे पकौडे, इडली, हलवा, चाय, कॉफी, सैंडविच आदि) बनाती हैं।

बरसात के मौसम पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay 200 Words in Hindi)

मुझे लगता है कि बारिश का मौसम सभी को पसंद होता है क्योंकि मुझे यह बहुत पसंद है। यह मुझे थोड़ा ठंडा और खुश महसूस कराता है। आखिरकार, यह गर्मी के मौसम की लंबी अवधि के बाद आता है। भारत में लोग, विशेष रूप से किसान, इस मौसम की फसलों की भलाई के लिए बारिश के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते हैं। वर्षा-भगवान भारत में किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण भगवान हैं। बारिश का मौसम इस धरती पर सभी को नया जीवन देता है, जैसे पौधे, पेड़, घास, जानवर, पक्षी, इंसान आदि। सभी जीवित चीजें बारिश के पानी में भीगकर बारिश के मौसम का आनंद लेती हैं।

मैं आमतौर पर बारिश के पानी में भीगने के लिए छत पर सबसे ऊपर की मंजिल पर जाता हूं। मैंने और मेरे दोस्तों ने बारिश के पानी में डांस किया और गाने गाए। कभी-कभी हम बारिश होने पर स्कूल या स्कूल बस में जाते हैं और अपने शिक्षकों के साथ आनंद लेते हैं। हमारे शिक्षक हमें बरसात के मौसम में कहानियाँ और कविताएँ सुनाते हैं, जिनकी हम बहुत सराहना करते हैं। जब हम घर आए, हम फिर बाहर गए और बारिश में खेले। पूरा वातावरण हरियाली से भर जाता है और स्वच्छ और सुंदर दिखता है। इस धरती पर रहने वाले हर जीव को वर्षा का पानी मिलने से नया जीवन मिलता है।

बरसात के मौसम पर निबंध 250 शब्द (Rainy Season Essay 250 Words in Hindi)

भारत में बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है और सितंबर के अंत तक जारी रहता है। यह असहनीय भीषण गर्मी के बाद सभी के जीवन में नई आशा और एक बड़ी राहत लेकर आता है। मनुष्य सहित पेड़-पौधे, पक्षी, पशु-पक्षी इस मौसम का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं और बरसात के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाते हैं। सभी को राहत और आराम की सांस मिलती है। आकाश उज्ज्वल, स्वच्छ और हल्का नीला दिखता है और कभी-कभी इंद्र धनुष का रूप देता है, जिसका अर्थ है सात रंगों का वर्षा धनुष। पूरा वातावरण एक प्यारा दृश्य प्रस्तुत करता है। मैं आमतौर पर अपने कैमरे में सभी यादों को पकड़ने के लिए हरियाली के वातावरण और अन्य चीजों की तस्वीरें लेता हूं। सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के बादल आसमान में घूमते नजर आते हैं।

सभी पेड़ और पौधे नई हरी पत्तियों से आच्छादित हो जाते हैं, और लॉन और खेत शानदार दिखने वाली हरी मखमली घास से ढँक जाते हैं। सभी प्राकृतिक जल संसाधन जैसे गड्ढे, नदियाँ, तालाब, झीलें, खाई आदि पानी से भर जाते हैं। सड़कें और खेल के मैदान पानी और कीचड़ भरी मिट्टी से भर जाते हैं। बरसात के मौसम के बहुत सारे फायदे और नुकसान होते हैं। एक ओर, यह सभी को राहत देता है; दूसरी ओर, यह हमारे लिए विभिन्न संक्रामक रोगों का बहुत भय लाता है। यह किसानों को फसलों की अच्छी खेती में मदद करता है; हालाँकि, यह पर्यावरण में विभिन्न बीमारियों को फैलाता है। कभी-कभी, यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक असुविधा का कारण बनता है। यह दस्त, पेचिश, टाइफाइड और अन्य पाचन तंत्र विकारों का कारण बनता है।

बरसात के मौसम पर निबंध 300 शब्द (Rainy Season Essay 300 Words in Hindi)

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

बरसात का मौसम हम सभी के लिए एक प्यारा मौसम होता है। आम तौर पर, यह जुलाई में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है। यह भीषण गर्मी के मौसम के बाद आता है। यह जीवित चीजों के लिए नई उम्मीदें और जीवन लाता है, जो शायद गर्मी के सूरज की गर्मी के कारण मृत हो जाएंगे। यह मौसम अपने प्राकृतिक और ठंडे बारिश के पानी से काफी राहत देता है। सभी तालाब, नदियाँ और नाले पानी से भर जाते हैं जो गर्मी के कारण सूख गए थे। तो, यह पानी के जानवरों को नया जीवन देता है। यह बगीचों और लॉन में हरियाली लौटाता है। यह पर्यावरण को एक नया आकर्षक रूप प्रदान करता है। हालाँकि, यह इतना दुखद है कि यह केवल तीन महीने तक रहता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

भारतीय किसानों के लिए बारिश का मौसम महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अपनी फसल की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए गड्ढे और तालाब बनाते हैं। बारिश का मौसम किसानों के लिए भगवान की ओर से वरदान है। यदि बाद में वर्षा नहीं होती है तो वे वर्षा भगवान की पूजा करते हैं, और अंत में, वे वर्षा के साथ धन्य हो जाते हैं। आसमान में बादल छाए हुए दिखते हैं जैसे आसमान में इधर-उधर से बहुत सारे सफेद, भूरे और काले काले बादल दौड़ते हैं। दौड़ते बादलों में मानसून आने पर बहुत सारा पानी और बारिश होती है।

बरसात के मौसम का मेरा पिछले साल का अनुभव

बरसात का मौसम पर्यावरण में प्राकृतिक सुंदरता जोड़ता है। मुझे हरियाली बहुत पसंद है। मैं आमतौर पर बारिश के मौसम का आनंद लेने के लिए अपने परिवार के साथ बाहर जाता हूं। पिछले साल मैं नैनीताल गया और अद्भुत अनुभव किया। कई पानी से भरे बादल कार में बैठे हमारे शरीर को छू रहे थे और खिड़की से बाहर जा रहे थे। बहुत धीरे-धीरे बारिश हो रही थी, और हमने इसका भरपूर आनंद लिया। हमने नैनीताल में वाटर बोटिंग का भी आनंद लिया। हरियाली से भरपूर पूरा नैनीताल बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था.

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बरसात के मौसम पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay 500 Words in Hindi)

बरसात के मौसम पर इस निबंध में, हम सबसे खूबसूरत मौसम के बारे में बात करने जा रहे हैं। साथ ही, कुछ क्षेत्रों में वर्ष के इस समय सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है। इसके अलावा, उष्णकटिबंधीय और गैर-उष्णकटिबंधीय दोनों क्षेत्रों में उनकी स्थलाकृतिक स्थिति के अनुसार वर्षा होती है। हालांकि कुछ जगहों पर यह एक महीने तक चलता है लेकिन कुछ जगहों पर यह करीब तीन से चार महीने तक चलता है। तो, वर्षा ऋतु पर इस निबंध में, हम वर्षा ऋतु के महत्व, महीनों और कारणों पर चर्चा करेंगे।

बरसात के मौसम के महीने

भारतीय उपमहाद्वीप के लोग वर्षा ऋतु को ‘मानसून’ कहते हैं। साथ ही भारत में यह सीजन करीब 3 से चार महीने तक चलता है। इसके अलावा विभिन्न देशों और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में वर्षा ऋतु की अवधि निश्चित नहीं होती है। कुछ स्थानों जैसे उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में वर्ष भर वर्षा होती है जबकि दूसरी ओर सहारा मिठाई जैसे स्थानों पर बहुत कम वर्षा होती है।

बरसात के मौसम के कारण

यद्यपि वर्षा ऋतु एक आवधिक घटना है जो बादलों को वहन करने वाली हवा के प्रवाह के परिवर्तन के कारण होती है और c. जब दिन के दौरान पृथ्वी की सतह का तापमान बढ़ता है तो आसपास की हवा ऊपर उठती है और कम दबाव का क्षेत्र बनाती है। यह नमी से भरी हवाओं को महासागरों से भूमि की ओर धकेलता है। और जब यह नमी और ढेले भूमि पर पहुँचते हैं तो वे वर्षा करते हैं। इन सबसे ऊपर, यह चक्र क्षेत्र में कुछ समय के लिए जारी रहता है और ऋतु को वर्षा ऋतु कहा जाता है।

बरसात के मौसम का महत्व

भारत जैसे देशों के लिए जहां बड़ी संख्या में जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, वर्षा ऋतु उल्लेखनीय भूमिका निभाती है। साथ ही, भारत में कृषि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में लगभग 20% का योगदान देता है। साथ ही, यह देश के 500 मिलियन से अधिक लोगों को काम करता है।

इसलिए भारत जैसे देशों की आर्थिक स्थिति के लिए मानसून बहुत जरूरी है। इसके अलावा, उपज की फसल काफी हद तक बारिश की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसके अलावा, एक समृद्ध मानसून अर्थव्यवस्था को अच्छी उपज देगा और कमजोर मानसून अकाल और सूखे का कारण बन सकता है।

साथ ही, भूजल स्तर और प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने के लिए बारिश का मौसम महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, सभी जीवित और निर्जीव चीजें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक जल पर निर्भर करती हैं और बरसात का मौसम उस पानी को भर देता है ताकि यह अगले मौसम तक बना रह सके।

मानसून के दौरान निरंतर बारिश हमें वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीकों से इस अपवाह जल को एकत्र करने का अवसर प्रदान करती है। इसके अलावा, या तो हम इस सहेजे गए पानी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं या भूजल को रिचार्ज करने के लिए कर सकते हैं।

वर्षा ऋतु वर्ष का सबसे अद्भुत मौसम है

वर्षा ऋतु वर्ष का सबसे आवश्यक और निस्संदेह मनभावन मौसम है। साथ ही, जो देश कृषि को अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हैं, उनके लिए यह किसी भी अन्य भौतिक वस्तु से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, मौसम ग्रह पर जीवन को पुनर्जीवित करने वाले ताजे पानी को फिर से भरने में मदद करता है।

साथ ही, यह पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह बड़ा हो या छोटा। इस कारण से, बारिश बड़ी मात्रा में ताजे पानी की आपूर्ति करती है। इन सबसे ऊपर, अगर बारिश नहीं होगी तो विभिन्न जनसांख्यिकी के कई हरे भरे क्षेत्र शुष्क और बंजर भूमि में बदल जाएंगे।

बरसात के मौसम पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत में बारिश का मौसम कब शुरू होता है.

बरसात का मौसम जून के महीने से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है।

बरसात के मौसम में हमें कौन से फल मिलते हैं?

बारिश के मौसम में हमें लीची, जामुन, बेर और चेरी मिलते हैं।

बरसात के मौसम में हम क्या उपयोग करते हैं?

बरसात के मौसम में हम छाते और रेनकोट का इस्तेमाल करते हैं।

बारिश के मौसम में हम ज्यादातर कौन से जीव देखते हैं?

मेंढक, घोंघे, स्लग, केंचुए ज्यादातर बरसात के मौसम में देखे जाते हैं।

भारत में किस मानसून के कारण सर्वाधिक वर्षा होती है?

दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत में सबसे अधिक वर्षा का कारण बनता है।

भारत में मानसून सबसे पहले कहाँ आता है?

केरल में सबसे पहले मानसून आता है

वर्षा ऋतु पर निबंध-rainy season in hindi

वर्षा ऋतु पर छोटे व बड़े निबंध लेखन- Long & Short Hindi Essay on Rainy Season

#1. वर्षा ऋतू निबंध 400 शब्दों में। rainy season

वर्षा ऋतु का आगमन देशी महीनों के हिसाब से सावन-भादों में उस समय होता है जब ग्रीष्म ऋतु के कारण चारों ओर त्राहि-त्राहि मच जाती है तथा सब प्राणी भगवान से वर्षा की मांग करने लगते हैं। ग्रीष्म का ताप सारी धरती के स्वरूप को झुलसा दिया करता है। तब धरती, प्रकृति और प्राणी-जगत की प्यास तथा ताप को मिटाने के लिए एकाएक पुरवाई चलकर बादलों के आगमन की सूचना दे जाती है अर्थात् वर्षा प्रारम्भ हो जाती है।

वर्षा ऋतु का समय आषाढ़ मास से आश्विन मास तक माना जाता है जिस कारण इसे ‘चौमासा’ भी कहते हैं। वर्षाऋतु के आने पर आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं, शीतल वायु बहने लगती है, बिजली चमकने लगती है, फिर बादल टप-टप कर बरसने लगते हैं। चारों ओर पानी-ही-पानी हो जाता है। छोटे-छोटे नदी-नाले आपे से बाहर हो जाते हैं। दादुर की टर-टर, झींगुरों की झंकार तथा जुगनुओं की चमक-दमक से रात्रि में आनन्द छा जाता है। वनों तथा बागों में मोर मस्त होकर नाचने लगते हैं।

वर्षा का आगमन भारतीय किसानों के लिए किसी सुखद वरदान से कम महत्त्वपूर्ण नहीं होता। भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है अतः वर्षा का यहाँ विशेष महत्त्व है। वर्षा से खेतों में हरियाली छा जाती है। धान, ज्वार, बाजरे और मक्का के लहलहाते खेत कृषकों को नया जीवन प्रदान करते हैं। वर्षा प्रारम्भ होने पर ही किसान अपने खेतों में हल चलाते हैं।

पावस ऋतु के सुहावने मौसम में स्त्रियों का प्रसिद्ध त्यौहार तीज का त्यौहार आता है। इस त्यौहार के आने पर बागों में बड़े-बड़े पेड़ों पर झूले डाले जाते हैं। इन झूलों पर स्त्रियाँ झूल कर तथा मल्हार व गीत गाकर सावन मास का स्वागत करती हैं। इसी ऋतु में फलों के राजा आमों की बहार आ जाती है। छोटे-छोटे बच्चे छप-छप करते हुए वर्षा के पानी में नहाते तथा घूमते हुए देखे जाते हैं।

इस ऋतु में जहाँ एक ओर सभी के मन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ती देखी जाती है वहीं दूसरी ओर हमें दुःखों का भी सामना करना पड़ता है। चारों ओर मच्छरों की भरमार देखी जाती है जिससे मलेरिया फैल जाता है। अत्यधिक वर्षा होने पर चारों ओर बाढ़ आ जाती है जिससे जन-जीवन की बरबादी हो जाती है। परन्तु यह ऋतु जल रूपी जीवन का दान करने के कारण और गर्मी की तपन बुझाने के कारण बन्दनीय है। इसके विषय में यह जो कहा है ठीक ही कहा है कि “यदि बसन्त ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है”।

#2. [600-700 Words ] वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on rainy season in hindi

भास्कर की क्रोधाग्नि से प्राण पाकर धरा शांत और शीतल हुई। उसको झुलसे हुए गाल पर रोमावली सी खड़ी हो गई। वसुधा हरी-भरी हो उठी। पीली पड़ी, पत्तियों और मुरझाए पेड़ों पर हरियाली छा गईं। उपवन में पुष्प खिल उठे। कुंजों में लताएँ एक-दूसरे से आलिंगनबद्ध होने लगीं। सरिता-सरोवर जल से भर गए। उनमें कमल मुकुलित बदन खड़े हुए। नदियाँ इतराती, इठलाती अठखेलियाँ करती, तट-बंधन तोड़ती बिछुड़े हुए पति सागर से मिलने निकल पड़ी।

सम्पूर्ण वायुमंडल शीतल और सुखद हुआ। भवन, मार्ग, लता-पुष्प धुले से नजर आने लगे। वातावरण मधुर और सुगंधित हुआ। जनजीवन में उल्लास छा गया। पिकनिक और सैर-सपाटे का मौसम आ गया। पेड़ों पर झूले पड़ गए। किशोर-किशोरियाँ पेंगे भरने लगीं। उनके कोकिल कंठी से मल्हार फूट निकला। पावस में बरती वारिधारा को देखकर प्रकृति के चतुर चितरे सुमित्रनन्दन पंत का हृदय गा उठा ‘पकड़ वारि की धार झूलता है रे मेरा मन।’ कविवर सेनापति को तो वर्षा में नववूध के आगमन का दृश्य दिखाई देता है।

इस ऋतु में आकाश में बादलों के झुंड नई-नई क्रीड़ा करते हुए अनेक रूप धारण करते हैं। मेघमलाच्छादित गगन-मंडल इन्द्र को वज्रपात से चिंगारी दिखाने के समान विघुलता की बार-बार चमक और चपलता देखकर वर्षा में बन्द भी भीगी बिल्ली बन जाते हैं। मेघों में बिजली की चमक में प्रकृति सुन्दरी के कंकण मनोहारिणी छवि देते हैं। घनघोर गर्जन से ये मेघ कभी प्रलय मचाते तो कभी इन्द्रधनुषी सतरंगी छटा से मन मोह लेते हैं।

वन-उवन तथा बाग-बगीचों में यौवन चमका। पेड़-पौधे स्वच्छन्दतापूर्वक भीगते हुए मस्ती में झूम उठे। हरे पत्ते की हरी डालियाँ रूपी कर नील गगन को स्पर्श करने के लिए मचल उठे। पवन वेग से गुंजित तथा कंपित वृक्षावली सिर हिलाकर चित्त को अपनी ओर बुलाने लगी। वर्षा का रस रसाल के रूप में टिप-टिप गिरता हुआ टपका बन जाता है तो मंद-मंद गिरती हुई जामुनें मानो भादों के नामकरण संस्कार को सूचित कर रही हों। ‘बाबा जी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी हुई’ मोतियों से जड़ी कूकड़ी की तो बात ही निराली है।

सरिताओं की सुन्दर क्रीड़ा को देखकर प्रसाद जी का हृदय विस्मित हो लिखता है-‘सघन वृक्षाच्छादित हरित पर्वत श्रेणी, सुन्दर निर्मल जल पूरित नदियों का हरियाली में छिपते हुए बहना, कतिपय स्थानों में प्रकट रूप में वेग सहित प्रवाह हृदय की चंचलधारा को अपने साथ बहाए लिए जाता है।’ (प्रकृति सौन्दर्य, लेख से)।

सावन की मनभावनी फुहारों और धीमी-धीमी शीतल पवन के चलते मतवाले मयूर अपने पंखों के चंदोवे दिखा-दिखाकर नाच रहे हैं। पोखरों में मेंढ़क टर्र-टर्र करते हुए अपना गला ही फाड़े डाल रहे हैं। बगुलों की पंक्ति पंख फैला-फैलाकर चांदनी-सी तान रहे हैं। मछलियाँ जल में डुबकी लगाकर जलक्रीड़ा का आनन्द ले रही हैं। रात्रि में जुगनू अपने प्रकाश से मेघाच्छादित आकाश में दीपावली के दीपक समान टिमटिमा रहे हैं। केंचुए, बिच्छू, मक्खी मच्छर सैर का आनन्द लेने भूतल पर विवरण कर रहे हैं। खगगण का कलरव, झींगुर समूह की झंकार वातावरण को संगीतमय बना रहे हैं।

चांदनी रात में तो हिमपात का सौन्दर्य अत्यधिक हृदयी ग्राही बन जाता है, क्योंकि आकाश से गिरती हुई बर्फ और बर्फ से ढके हुए पदार्थ शुभ्र ज्योत्सना की आभा से चमकते हुए बहुत ही सुन्दर लगते हैं। चांदनी के कारण सारा दृश्य दूध के समुद्र के समान दिखाई देता है। नयनाभिराम हिमराशि की श्वेतिमा मन को मोह लेती है।

वर्षा का वीभत्सव रूप है अतिवृष्टि। अतिवृष्टि से जल-प्रलय का दृश्य उपस्थित होता है। दूर-दूर तक जल ही जल। मकान, सड़क, वाहन, पेड़-पौधे, सब जल मग्न। जीवनभर की संचित सम्पत्ति, पदार्थ जल देवता को अर्पित तथा जल प्रवाह के प्रबल वेग में नर-नारी, बालक-वृद्ध तथा पशु बह रहे हैं। अनचाहे काल का ग्रास बन रहे हैं। गाँव के गाँव अपनी प्रिय स्थली को छोड़कर शरणार्थी बन सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को विवश हैं। प्रकृति प्रकोप के सम्मुख निरीह मानव का चित्रण करते हुए प्रसाद जी लिखते हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छाँह एक पुरुष भीगे नयनों से, देख रहा था प्रलय प्रवाह।

वर्षा से अनेक हानियाँ भी हैं। सड़कों पर और झोपड़ियों में जीवन व्यतीत करने वाले लोग भीगे वस्त्रों में अपना समय गुजारते हैं। उनका उठना-बैठना, सोना-जागना, खाना-पीना दुश्वार हो जाता है। वर्षा से मच्छरों का प्रकोप होता है, जो अपने वंश से मानव को बिना माँगे मलेरिया दान कर जाते हैं। वायरल फीवर, टायफॉइ बुखार, गैस्ट्रो एंटराइटिस, डायरिया, डीसेन्ट्री, कोलेरा आदि रोग इस ऋतु के अभिशाप हैं।

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#3. [800 Words] वर्षा ऋतू पर निबंध [rainy season in hindi]

प्रस्तावना : वर्षा ऋतू का आगमन सभी लोगो के जीवन में सुकून लेकर आता है। गर्मी और तेज़ धूप से छुटकारा दिलाने का खुशनुमा जरिया है वर्षा ऋतू। आजकल पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग इत्यादि के कारण गर्मी अत्यधिक बढ़ रही है। गर्मियों में हर वर्ष तापमान ऊपर चढ़ता रहता है। जब ही मई और जून की प्रचंड गर्मी के बाद वर्षा आती है तो लोगो का मन ख़ुशी से झूम उठता है। गर्मी से राहत दिलाने में वर्षा ऋतू महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तपती धूप में हम सभी जीवो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और अतिरिक्त बाहर गर्मी में जाने से तबियत भी खराब हो जाती है। वर्षा ऋतू के आगमन से सभी खुश हो जाते है। यह किसानो के लिए भी खुशखबरी से कम नहीं है। जब नदियों का पानी सुख जाता है तो पशु पक्षियों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। वर्षा ऋतू के आने पार चारो ओर मन को आकर्षित करने वाली हरियाली छा जाती है। वर्षा ऋतू के आने पर मिटटी की सौंधी खुसबू आती है। किसानो के लिए बारिश अमृत से कम नहीं है।

अगर वर्षा अच्छी ना हो तो किसानो के लिए परेशानी की वजह बन जाती है। अगर संतुलित वर्षा ना हुयी तो फसल खराब हो जाती है। किसानो को बहुत नुकसान झेलना पड़ता है। जब वर्षा आती है तो जंगलो में मोर नाचने लगते है। प्रकृति और मौसम सुहावना हो जाता है। बच्चे और बड़े छतरी लेकर बाहर निकलते है और बारिश का आनंद लोग घरो में बैठकर एक गर्म चाय की प्याली के साथ उठाते है।

गर्मी के कारण , पानी की कमी बहुत सारे जगहों पर देखी जा सकती है। वर्षा ऋतू के आने पर तालाब , जलाशयों में पानी भरता है जिसकी वजह से हमे जल प्राप्त होता है। जल ही जीवन है। जल के बैगर हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। वर्षा ऋतू हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदूषण के कारण जैसे ऋतू चक्र बदल रहा है। किन्ही जगहों पर वर्षा कम होती है और किन्ही जगहों पर वर्षा इतनी अधिक होती है कि बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते है।

गर्मी की वजह से जो पौधे सूख जाते है , वर्षा के पानी से वह तरोताज़ा हो जाते है। वर्षा के पानी से पौधों का विकास तेज़ी से होता है। प्रदूषण और अत्यधिक पेड़ काटने की वजह से प्रकृति रौद्र रूप धारण कर लेती है। भीषण बाढ़ के कारण गाँव डूब जाते है और जान माल का काफी नुकसान होता है। अगर बारिश अत्यधिक होता है तो बीमारियों का संक्रमण बढ़ जाता है। ज़्यादा बारिश होने से फसल बर्बाद हो जाते है।

अगर बारिश अत्यधिक होता है तो बीमारियों का संक्रमण बढ़ जाता है। ज़्यादा बारिश होने से फसल बर्बाद हो जाते है। वर्षा ऋतू जुलाई में आरम्भ होती है और अगस्त तक चलती है। पहाड़ी इलाको में वर्षा कई दिनों तक लगातार होती रहती है। भीषण गर्मी के कारण तेज़ लू बहती है। जब वर्षा होती है तो इस भयंकर लू से सबको राहत मिलती है। भारत में विविध तरह के मौसम पाए जाते है। अगर किसी कारण शहरों या गाँवों के रास्ते खराब हो , तो वर्षा के कारण और अधिक खराब हो जाते है। गड्डो की वजह से पानी एक जगह इकट्ठा हो जाता है। वर्षा के कारण सड़को पर ट्रैफिक जैम अधिक बढ़ जाता है और यातायात में असुविधा होती है।

वर्षा ऋतू पर पृथ्वी की हरियाली निर्भर करती है। वर्षा ऋतू के आगमन से पुरे पर्यावरण को लाभ होता है। जब बारिश अच्छी होती है , तो फसले भी उम्दा पैदा होते है। ठंडी ठंडी मन को भा लेने वाले हवाएं चलती है। धरती के जल स्तर में अच्छी वृद्धि होती है। गर्मी जो प्रचंड रूप से पड़ती है , वह कम हो जाती है। लोगो को खाने के लिए अच्छी मात्रा में अनाज प्राप्त होता है। मनुष्य जिस तरह से वृक्ष काट रहे है , वर्षा इसलिए कम हो जाती है। वृक्षारोपण हमे अत्यधिक करना होगा , ताकि सूखे जैसे हालत ना पैदा हो।

वर्षा ऋतू से सबसे ज्यादा फायदा किसानो को होता है। हमारे देश में किसान अपने फसल को उगाने के लिए वर्षा ऋतू में होने वाले बारिश पर निर्भर करते है। सही मात्रा में बारिश होने पर भरपूर मात्रा में फसल, फल इत्यादि उगते है।

पर्यावरण का संतुलन को बनाये रखने में वर्षा ऋतू की अहम भूमिका होती है। अगर वर्षा अच्छी नहीं हुयी, तो पूरे संसार में पानी के कमी के कारण हाहाकार मच जाएगा। वर्षा ऋतू से फायदा पशु पक्षियों को भी होता है। वर्षा ऋतू के दौरान होने वाले बारिश से चारो तरफ हरियाली छायी रहती है। वर्षा से पृथ्वी के सतह की गर्मी कम हो जाती है। तापमान कम हो जाता है।

हमारे देश की उन्नति कृषि पर निर्भर करती है। पर्याप्त वर्षा से अधिक फसल का उत्पादन होता है और देश की उन्नति होती है। वर्षा ऋतू में बच्चो से बड़े सब मज़े करते है। वर्षा ऋतू का पानी हमे जमा करना चाहिए ताकि हम इनका उपयोग अन्य कार्यो में कर सके। जन जीवन वर्षा ऋतू पर निर्भर है। वर्षा ना हुयी तो सब पानी की एक बूंद के लिए तरस जाएंगे। संतुलित वर्षा का होना आवश्यक है। वर्षा संतुलित मात्रा में होने से देश की उन्नति तेज़ी से होती है। मानसून की बारिश बहुत महत्वपूर्ण है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध Long Essay On Rainy Season In Hindi

Long Essay On Rainy Season In Hindi वर्षा ऋतु पर निबंध : प्रिय विद्यार्थियों आज हम यहाँ पर varsha ritu par nibandh आपके साथ साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए वर्षा पर छोटा बड़ा निबंध यहाँ विभिन्न शब्द सीमा जैसे 100, 200, 300, 400 और 500 शब्दों   में पढेगे.

वर्षा ऋतु पर निबंध Essay On Rainy Season In Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध Essay On Rainy Season In Hindi

गर्मी के मौसम की तपन की झुलस के बाद समूची पृथ्वी और उस पर बसने वाले प्राणी बेहाल हो उठते हैं. मानव समेत समस्त जीव प्रजाति सूर्य की इस तपिश और लू से बेहद व्याकुल हो जाती हैं.

जल के स्रोत सूख जाते हैं वनस्पति झुलस जाती हैं और कई भागों में लोग दो बूंद जल के लिए तरस जाते हैं. जीवन में नीरसता घर कर जाती हैं.

जीवन के लिए एक गम्भीर संकट की स्थिति में कुदरत ने ऋतु चक्र को इस प्रकार बनाया हैं कि मेघा की ठंडी बौछारों के साथ सम्पूर्ण प्रकृति में नवजीवन का संचार हो जाता हैं.

वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शीत, शिशिर और हेमंत ये छः ऋतुएँ भारत में बारी बारी से आकर जीवन में परिवर्तन को बनाए रखती हैं.

जेठ आषाढ़ की तेज तपन के बाद मन भावन सावन से ही वर्षा ऋतु का आरम्भ हो जाता हैं जो भादों की घनघौर घटाओं तक समस्त जगत की प्यास को तृप्त कर देता हैं. अंग्रेजी माह के अनुसार जून से लेकर सितम्बर तक इन चार महीनों में वर्षा ऋतु होती हैं.

हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े छियासठ डिग्री के झुकाव पर घुमती हैं वह सूर्य के चारों और परिक्रमा करती हैं जिनसे ऋतु परिवर्तन होता हैं.

जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य की दूरी सबसे अधिक हो एवं किरने सीधी पड़े तब ग्रीष्म ऋतु होती हैं, जबकि पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य की दूरी मध्यम हो और किरने सीधी न पड़कर तिरछी पड़े तब वर्षा ऋतु का आग-मन होता हैं.

प्रकृति के नियम इस प्रकार बने है कि जिन पर एक दूसरी ऋतुएँ पूर्ण रूप से निर्भर करती हैं. गर्मी के मौसम में नदी, समुद्र, झील सभी जल स्रोतों का पानी तेज गर्मी के कारण भाप बनकर उड़ जाता हैं.

यह जलवाष्प उपर जाकर ठंडी होने के बाद बादलों का रूप धारण कर लेती हैं ये ही जल की बुँदे गिरकर वर्षा के रूप में हमारे नवीन जीवन का संचार करती हैं.

जून के अंतिम सप्ताह तक भारत में अरब सागर व हिन्दी महासागर से मानसूनी पवनें आनी आरम्भ हो जाती हैं, जिन्हें हम मानसून भी कहते हैं. भारतीय उपमहाद्वीप के सभी देशों में इन्ही पश्चिमी विक्षोभ से वर्षा होती हैं.

तेज गर्मी के बाद मानसून की वर्षा से वातावरण की गर्मी पूर्ण रूप से खत्म हो जाती हैं खाली पड़े जलाशय लबालब भर जाते है. चारों ओर मनभावन हरियाली का नजारा सभी के मन को प्रफुल्लित करता हैं.

हमारे देश में अधिकतर कृषि वर्षा ऋतु के आगमन पर ही बोई जाती हैंकिसानों को नई फसल बोने के लिए वर्षा का सबसे अधिक इंतजार होता हैं.

इंद्र देव भी प्राणियों की पुकार पर खूब आशीष रुपी वर्षा जल बहाते हैं. बारिश से पुरे जीव जगत में खुशहाली और हरियाली के गीत हर ओर गूंजते हैं.

सभी ऋतुओं की रानी की संज्ञा वर्षा ऋतु को दी जाती हैं. क्योंकि वर्षा के आगमन से प्रकृति दुल्हन की तरह सज संवर जाती हैं तथा अपने प्राकृतिक सौन्दर्य में बेजोड़ नजर आती हैं.

पृथ्वी की सतह मानों हरी चादर ने ढक ली हैं. बच्चें गलियों में कीचड़ सने पैरों से खुशियों से झूम रहे हैं बरसात के जमा पानी में उनके सपनों की नावें कुचाले मार रही होती हैं. एक तरह से वर्षा से सभी को ख़ुशी मिलती हैं.

दुनियां के सभी भाषाओं के कवियों ने वर्षा ऋतु, बादल और प्राकृतिक छटा को अपनी लेखनी में अलग अलग ढंग से प्रस्तुत किया हैं.

हमारे संस्कृत के महान कवि कालिदास ने तो बादलों पर मेघदूत नामक पूरा ग्रंथ लिख डाला हैं. इस ऋतु में मोर पपैया, मेढक की टर्र टर्र दिलो को सुकून देने वाली होती हैं.

वर्षा हमारे लिए पीने का स्वच्छ जल उपलब्ध करवाती हैं जिन्हें साल भर उपयोग करने के लिए हम विभिन्न स्रोतों में जमा कर रख लेते हैं इन्हें जल संग्रहण भी कहते हैं.

हमारी कृषि तथा भूतल के जल भराव इसी मौसम में होता हैं. तेज घनघौर वर्षा न केवल जल संकट को दूर करती हैं बल्कि हमारे वातावरण में व्याप्त कूड़े करकट व गंदगी को भी बहाकर स्वच्छ माहौल हमें दे देती हैं.

इस लिहाज से वर्षा ऋतु के अनेक फायदे है जिस कारण यह मेरी प्रिय ऋतु भी हैं. वही दूसरी तरह यह अपने साथ कई समस्याएँ भी लेकर आती हैं. तेज वर्षा से अतिवृष्टि जिनमें हजारों लोगों के घर बह जाते हैं जान माल की हानि हो जाती है.

वर्षा जल के भराव के कारण मलेरिया व डेंगू के मच्छर भी पैदा हो जाते हैं. आकाशीय बिजली तथा नदियों की बाढ़ कई बार व्यापक नुकसान का कारण भी बनती हैं. आवश्यकता इस बात की है कि हम वर्षा ऋतु के दौरान कुछ सावधानियाँ बरते तो इस मौसम का पूर्ण लुफ्त उठा सकते हैं.

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वर्षा ऋतु पर निबंध (बारिश का महीना) Rainy Season Essay in Hindi

इस लेख मे बारिश का महीना: वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi हिन्दी मे लिखा गया है। इसमे आप बारिश के महीने का महत्व, उत्साह, सौन्दर्य और मनुष्य के जीवन मे वर्षा ऋतु के महत्व, लाभ-हानी के विषय मे बताया गया है।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (वर्षा ऋतु पर निबंध हिन्दी में)

वर्ष ऋतु क्या होता है.

तारीख के अनुसार 15 जून से 15 सितंबर तक का समय वर्षा ऋतु कहलाता है। भारत में मानसून अरब सागर से उठता है और सबसे पहले केरला राज्य में प्रवेश करता है। फिर यह धीरे-धीरे उत्तरी भारत में पहुंचता है और वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है।

भारत के लिए वर्षा ऋतु का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भारत एक गर्म जलवायु वाला देश है। यहाँ मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में काफी गर्मी होती है। मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और दूसरे जीव जंतु गर्मी से बेहाल रहते हैं।

वर्षा ऋतू पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi | Varsha Ritu Nibandh

वर्षा ऋतु: प्रकृति परिवर्तन का प्रतीक

परिवर्तन प्रकृति का विशेष नियम है। वर्षा ऋतु भी परिवर्तन को दर्शाती है। जिस तरह वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है, उसी तरह ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। फिर शीत ऋतु आती है। प्रकृति (कुदरत) कभी किसी एक जगह स्थिर नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। वर्षा ऋतु समय को भी प्रदर्शित करती है। जिस तरह समय हमेशा बदलता रहता है उस तरह मौसम और ऋतुये भी हमेशा बदलती रहती हैं।

वर्षा ऋतु सुख-दुख के चक्र को दर्शाती है

जिस तरह जीवन में सुख और दुख का चक्र निरंतर चलता रहता है, उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य को भिन्न-भिन्न रूपों में सुख और दुख का एहसास कराती रहती है। ग्रीष्म ऋतु आने पर सभी जगह पानी की कमी हो जाती है। गर्मी बढ़ने से लोगों को कहीं भी चैन नहीं मिलता है। वह हमेशा परेशान दिखते हैं। सब लोग बार बार यही कहते हैं कि “गर्मी बहुत है” मनुष्य के साथ पशु पक्षी, गाय, भैंस, बकरियां और दूसरे जीव भी बेहाल हो जाते हैं।

हरी घास मैदानों में उग जाती है। इसे खाकर पशु अपनी भूख मिटाते हैं। इस तरह यदि प्रकृति एक तरफ समस्या उत्पन्न करती है तो दूसरी तरफ उसका समाधान भी खुद ही प्रस्तुत करती है।

वर्षा ऋतु का अनुपम सौंदर्य

नदियाँ, तालाब, झील पानी से भर जाते है। किसान खेती में लग जाते है। खेतों में धान मक्का गन्ना जैसी फसलें लहलहा उठती हैं। गर्मी से राहत मिलती है। जब मौसम अनुकूल होता है तो काम करना भी आसान हो जाता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

जिस साल अच्छी वर्षा हो होती है, फसल भी अच्छी होती है। परंतु कई बार सूखा पड़ जाता है जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। वर्षा ऋतु से पृथ्वी का भूजल स्तर भी बढ़ जाता है। जिन स्थानों पर सूखे की समस्या होती है, वहां पर भी पानी उपलब्ध हो जाता है। कुएं भी पानी से भर जाते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा ऋतु के बहुत से लाभ है। पेड़-पौधों और वनों के लिए वर्षा ऋतु बहुत लाभदायक होती है। पेड़ों पर नई पत्तियां और फूल आ जाते हैं। उनकी पत्तियां धुल जाती हैं। जो पेड़ पौधे ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी से सूखने वाले थे अब उनमें फिर से नई जान आ जाती है।

वर्षा ऋतु का समय खेती करने के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि खेतों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। वर्षा ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है। मौसम अनुकूल हो जाता है, जिससे सभी लोगों की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है। वर्षा ऋतु में झीलें तालाब और नदियां पानी से भर जाती हैं जिससे बिजली अधिक मात्रा में बनने लगती है।

वर्षा ऋतु का साहित्य में उल्लेख

वर्षा ऋतु एक सुहावनी ऋतु है। इसका उल्लेख साहित्य में अनेक कवियों और लेखकों ने किया है। कालिदास द्वारा रचित गीतिकाव्य “मेघदूत” में यक्ष उमड़ते हुए बादलों को अपना दूत बनाकर अपना संदेश अपनी प्रेमिका को भेजना चाहता है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने वर्षा का वर्णन करते हुए लिखा है –

वर्षा काल मेघ नभ छाये । गर्जत लागत परम सुहाये ।। दामिनी दमक रही घन माहीं । खल की प्रीति यथा थिर नाहीं ।।

कवियों ने वर्षा ऋतु पर अनेक कविताएं लिखी हैं। फिल्मों और टीवी सीरियल्स में बारिश के मौसम में नायक और नायिका के रोमांस को विशेष रूप से दिखाया जाता है। भारतीय फिल्मों में बारिश पर हजारों लाखों गाने (गीत) बने हैं जिन्हें हमेशा ही पसंद किया गया है।

वर्षा ऋतु से हानियां

वर्षा ऋतु में नदी, नाले उपर तक बहने लगते हैं, जिसके चारों ओर गंदगी फैलती है । इतना ही नहीं लगातार पानी बरसने से सड़के बार बार गीली हो जाती हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। गंदगी बढ़ती है। लोगों को आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वर्षा ऋतु का विनाशकारी रूप

वर्षा ऋतु में होने वाले त्यौहार और व्रत.

भारत में वर्षा ऋतु का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं- शिवरात्रि , आषाढ़ अमावस्या, जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा , देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रत नियम, गुरु पूर्णिमा , सावन सोमवार व्रत, नाग पंचमी , रक्षाबंधन, कजरीतीज। श्री कृष्ण जन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार मनाये जाते है।

क्या होगा यदि वर्षा ऋतु ना आये?

दोस्तों, क्या आपने सोचा है कि क्या होगा यदि वर्षा ही ना आये। तब पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य सभी प्यास से व्याकुल हो जाएंगे। एक एक बूंद को सभी जीव तरस जायेंगे। बहुत जीव तो काल के गाल में समा जाएंगे। खेती-किसानी चौपट हो जाएगी।

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निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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Rainy Season Essay In Hindi | निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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10 Lines on Rainy Season in Hindi | वर्षा ऋतू पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Rainy Season in Hindi & English. In these few / some lines on Rainy Season, you get to know full information about Rainy Season in Hindi. A Short Rainy Season Essay in Hindi . हिंदी में वर्षा रितु पर 10 लाइनें

10 Lines on Rainy Season in Hindi

10 lines on Rainy Season in Hindi

( Set-1 ) 10 Lines Rainy Season in Hindi for kids

1. वर्षा ऋतु का मौसम बहुत ही सुवाहना होता है।

2. इस मौसम मे चारो और हरियाली आ जाती है।

3. सभी पेड़ और पौधों पे नये पाते आ जाते है।

4. शीतल हवा चलती है।

5. इस ऋतु मे लोग छाता और रैन कोट का प्रयोग करते है।

6. वर्षा होने के कारण पुरा वातावरण ठण्डा हो जाता है।

7. वर्षा ऋतु को मौनसून के नाम से भी जाना जाता है।

8. वर्षा से सभी सूखे तालाब और नदिया पानी से भर जाते है।

9. इस ऋतु मे आकाश मे इंद्रधनुष भी धिकाई देता है।

10. सभी को वर्षा ऋतु का बहुत इंतजार रहता है।

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10 Lines on Winter Season in Hindi

10 Lines on Summer Season in Hindi

10 Lines on Spring Season in Hindi

( Set-2 ) Varsha Ritu Par 10 Line Nibandh | Sentences About Rainy Season in Hindi

1. वर्षा ऋतू, 6 ऋतुओं में से एक ऋतू है।

2. वर्षा ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है।

3. वर्षा ऋतू की शुरुआत जून महीने से शुरू होकर सितम्बर महिने तक रहती है।

4. वर्षा ऋतू के मौसम में चारो तरफ हरियाली ही हरियाली हो जाती है।

5. वर्षा ऋतू के मौसम में बहुत ज्यादा बारिश होती है।

6. इस मौसम में सारे सूखे हुए तालाबों और कुओ में वापिस पानी आ जाता है।

7. वर्षा ऋतू के मौसम से किसानों को बहुत फायदा होता है क्योंकि इस मौसम में फसलें बहुत अच्छी होती हैं।

8. इस मौसम में सबसे ज्यादा चावल और मक्का की फसलें बोई जाती हैं।

9. इस मौसम की वजह से लोगो को गरमी से राहत मिलती हैं।

10. वर्षा ऋतू का मौसम बहुत ही प्यारा और सुहाना होता है।

( Set-3 ) 10 lines on Rainy Season in Hindi | वर्षा ऋतू पर 10 लाइन निबंध

1. वर्षा रितु ग्रीष्म रितु के पश्चात आती है और भारत की चार मुख्य रितुओं में से एक है।

2. वर्षा रितु आषाढ़ श्रावण और भादों में मुख्य रूप से होती है।

3. वर्षा रितु का आगमन जुलाई में होता है और यह तीन महीने तक रहती है।

4. वर्षा रितु के आगमन से लोग प्रसन्नता से भर जाते हैं।

5. वर्षा रितु का इंतजार किसानों को बहुत रहता है क्योंकि वर्षा रितु फसलों को बढ़ने में सहायता करती है।

6. वर्षा रितु में बहुत बार इंद्रधनुष दिखाई देता है।

7. वर्षा रितु अपने साथ बहुत से त्योहार लेकर आती है।

8. प्रकृति पर भी वर्षा रितु का बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।

9. वर्षा रितु के दौरान पूरा आसमान चमकदार होता है और पेड़ो पर भी नए पत्ते आने लगते हैं और फूल खिलने लगते हैं।

10. वर्षा रितु हमें गर्मी से राहत का अहसास करवाती है।

Few Lines on Rainy Season in English

1. Rainfall comes after the Summer season and is one of the four main seasons of India.

2. Rainfall is mainly in Ashutra Shravan and Bhadon.

3. Rainfall season arrives in July and it lasts for up to three months.

4. With the advent of the Rainfall season, people are filled with happiness.

5. Farmers are very much waiting for the rainy season because the rainy season helps in growing crops.

6. Rainbows appear many times in the rainy season.

7. Rainfall brings many festivals along with you.

8. Rainfall also has a very good effect on nature.

9. During the rainy season, the whole sky is shiny and new leaves begin to appear on the trees and the flowers start blooming.

10. Rainfall makes us feel relief from the heat.

10 Lines on Importance of Trees in Hindi

इस article के माध्यम से हमने Ten lines on Rainy Season in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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2 thoughts on “10 Lines on Rainy Season in Hindi | वर्षा ऋतू पर 10 लाइन निबंध”

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Bahut hi Badhiya Essay on Rainy Season

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